केजरीवाल जी की प्रसिद्धि और बलात्कारों की वृद्धि 2011 के बाद लगभग साथ साथ ही हुई है ?तो इसमें पीएम और एलजी कहाँ से दोषी हो गए !2011के पहले तो न केजरीवाल इतने पॉपुलर थे और न ही बलात्कारों की इतनी घटनाएँ सुनाई पड़ती थीं !सबको बदनाम करके दिल्ली की सत्ता हथियाने वाले केजरीवाल जी को अब ये आदतें छोड़ देनी चाहिए आखिर सभी लोगों का दायित्व है कि मिलजुलकर प्रयास हों ताकि कन्याओं की सुरक्षा हो सके !
" बच्ची से रेप की घटना 'क्या कर रहे हैं पीएम और एलजी'- केजरीवाल "
किंतु केजरीवाल जी ! इसमें पीएम और एलजी'साहब क्या कर सकते हैं और उनकी जगह आप होते तो क्या कर लेते !जो अधिकार आपको मिले हैं उनका तो ठीक से संचालन आप नहीं कर पा रहे हैं भाषणों बातों के अलावा जनता तक कुछ नहीं पहुँच पा रहा है ! जहाँ तक बात बलात्कार की है तो पुलिस प्रशासन को करनी चाहिए कठोर कानूनी कार्यवाही !इसके अलावा आपराधिक सोच पर लगाम लगाने के लिए किए जाने चाहिए मजबूत प्रयास जो शिक्षक दीक्षक साहित्यकार एवं फ़िल्म निर्माता ही कर सकते हैं !किंतु केजरीवाल का पीएम और एलजी को कटघरे में खड़ा कर देना इसके पहले अखलाक जैसे भारतीय नागरिक की हत्या को हिंदू मुस्लिम का रंग देने लगना केजरीवाल जी की
मनसा पर सवाल उठाता है कि कहीं पीएम और एलजी साहब को बदनाम करने के लिए ही
तो नहीं कराए जा रहे हैं ऐसे अत्याचार ! दिल्ली में घटित होने वाले हर
अपराध की जाँच इस दृष्टिकोण से भी कराई जानी चाहिए क्योंकि बिना परिश्रम के
राजनैतिक सफलता पाने के लालची शार्टकटी नेता किया करते हैं ऐसी हरकतें
!अन्यथा इतने कम समय राजनीति करके मुख्यमंत्री जैसा पद यूं ही नहीं मिल
जाता है !
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