Wednesday, 21 October 2015


 फरीदाबाद में एक परिवार के बच्चों को जिंदा जला देने की घटना क्या लोक तंत्र के खिलाफ नहीं है !कितना दुखदकांड है यह ! ऐसे और भी बहुत सारे दुर्भाग्य पूर्ण और दुखद काण्ड अक्सर देखने सुनने को मिला करते हैं क्या उनके विरुद्ध भी सामूहिक आवाज नहीं उठाई जानी चाहिए !किसकी आत्मा नहीं दहल जाती है जाती है

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