Tuesday, 20 October 2015

केंद्र सरकार के विरुद्ध बड़े बड़े समझदार लोग न जाने क्यों बनाने लगे हैं डरावना माहौल !

  अतीत के बड़े बड़े जातिसम्प्रदायवादी झंझावातों को जो लोग ख़ुशी खुशी झेलते रहे वो आज अचानक उन्मादित होते जा रहे हैं ऐसा हुआ क्या है देश में !
    अब समय आ गया है जब खोलने होंगे धीरे से अतीत के वे वातायन (झरोखे) ताकि कुछ हवाएँ उधर से भी आएँ जो सरकारें अतीत में केंद्र की सत्ता सँभालती रही हैं आखिर उनकी भी अच्छी बुरी आदतों को देश सहता रहा है किंतु वर्तमान केंद्र सरकार के विरुद्ध इतनी हुमस पैदा करने की कोशिश क्यों ?
    आखिर अतीत के बड़े बड़े जातिसम्प्रदायवादी झंझावातों को जो लोग ख़ुशी खुशी सहते गए वो आज बेचैन दिखें ऐसा हुआ क्या है! इतने विराट लोकतान्त्रिक देश में हमेंशा अच्छा बुरा कुछ न कुछ तो होता ही रहता है उसमें जो गलत है उसपर कानूनी कार्यवाही होती है अभी भी कानून उन्हीं पद्धतियों का पालन कर रहा है फिर आज अचानक कुछ लोग बेचैन क्यों होने लगे हैं !हमें याद रखना चाहिए कि वर्तमान सरकार भी संवैधानिक पद्धतियों की रीति नीति से ही बनी है इसलिए उसकी नियत पर शक करना उचित नहीं लगता इस सरकार में भी जिम्मेदार लोग हैं वो भी राष्ट्र भावना से भवित हैं वो भी देश वासियों के लिए बहुत कुछ करना चाह रहे हैं क्यों न करने दी जाए उन्हें भी उनके अनुशार देश सेवा !माना कि वर्तमान सरकार की लोकप्रियता से बेचैन कुछ विरोधी लोग करवा  रहे हैं जहाँ तहँ कुछ उपद्रव किंतु देश का कानून सक्षम है उनसे निपटने में !हमें भरोसा रखना चाहिए ! 

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