Saturday, 24 October 2015

लोकतंत्र छोड़कर 'तंत्र 'की ओर क्यों भागे नीतीश ? क्या लोकतंत्र पर भरोसा नहीं रहा !!

बिहार लोकतंत्र की ताकत से चलेगा या तंत्र की ?ये निर्णय करे बिहार! 
 नितीश जी ! आप केजरीवाल की नकल करते करते तांत्रिकों के चक्कर काटने वाली लालू जी की नक़ल कब से करने लगे ! नितीश जी ! तंत्र  या लोकतंत्र ?भरोसा आपका किस पर है ? 

   तंत्र का मतलब है अनुशासन !प्रायः तांत्रिक लोग सबको अपने अनुशार चलाना चाहते हैं जबकि लोकतंत्र में जनता के अनुशार चलना होता है !ऐसी परिस्थिति में कोई लोकतान्त्रिक मुख्यमंत्री किसी तांत्रिक के यहाँ जाकर क्या करेगा !
      अपनी छवि चमकाने के लिए केजरीवाल ने अपना मंत्री बरर्खास्त किया तो नितीशकुमार ने भी अपना कर दिया  कि इसमें कोई तो अच्छाई होगी अन्यथा केजरीवाल जी ऐसा क्यों करते !
  केजरीवाल जी ने अपनी पार्टी और सरकार  की भद्द पिटती देख एक मंत्री को बर्खास्त कर दिया था ताकि लोगों का ध्यान उधर चला जाए और भूल जाएँ 'आप' सरकार की नाकामियाँ ! इधर नितीश जी ने वोटिंग के एक दिन पहले अपनी  सरकार की साफ सुथरी छवि दिखाने की कोशिश इसीप्रकार से की !
    हे नितीश जी !दूसरों को बेईमान बताकर अपने को ईमानदार सिद्ध करने वाले लप्फाजों को जनता अब पहचान चुकी है दूसरों का स्टिंग करते करते स्टिंग लती आपिए अब आपस में ही करने लगे हैं एक दूसरे का स्टिंग !
    " जिस ट्रिक से अरविंद केजरीवाल जीते थे वही अपना रहे हैं नितीश कुमार - नवभारत"
किंतु केजरीवाल की नकल करके नितीश कुमार जी छोटी छोटी रैलियाँ कर रहे हैं सो तो ठीक है परंतु अपनी छवि चमकाने के लिए अपने एक कमाऊ मंत्री के साथ केजरीवाल की नकल करने के लिए ऐसा नहीं करना चाहिए था कि उन्होंने अपने मंत्री को धक्का मारा तो देखा दूनी आपने भी अपने मंत्री को मार दिया धक्का !केजरी वाल ने स्टिंग करवाया तो आनन फानन में नीतीश जी ने भी अरेंज किया स्टिंग ! नितीश जी ने जाते जाते अपनी सरकार के भ्रष्टाचार का एक छोटा सा पीस निकाल कर जनता के सामने परोस ही दिया कि लो देख लो जी हम कितने  ईमानदार हैं बिलकुल केजरीवाल जी की तरह इसलिए हमारे विषय में भी सोचिए बिलकुल दिल्ली की तरह !अब लालू जी की नक़ल कर रहे हैं नीतीश जी !

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