साईं से करोड़ों अरबों गुना अच्छा था रावण ! उसमें करोड़ों धार्मिक अच्छाइयाँ थीं साईं में तो कुछ भी नहीं है !
जो सनातन धर्मी समाज सर्वगुण संपन्न रावण की निंदा करता रहा हो वही आज गुणविहीन साईं को पूजे तो दुनियाँ क्या कहेगी ! ऐ सनातन धर्मियों ! सिंहों की संतानें चूहे पूजें ये उन्हें शोभा नहीं देता ! see more....http://samayvigyan.blogspot.in/2015/11/blog-post.html
रावण जैसे राक्षसों की सोच इतनी गिरी हुई कभी नहीं दिखी जितना साईं को गिरा दिया साईं वालों ने ! साईं जैसों से करोड़ों अरबों गुना ज्यादा अच्छा था रावण! इतनी सारी अच्छाइयाँ होते हुए भी उसने भगवान बनने की हरकत तो कभी नहीं की !वैसे तो साईं सनातन धर्मियों के शत्रु नहीं थे किंतु साईं व्यापारियों ने बदनाम कर दिया उन्हें अपने लड्डू बेचने और चढ़ावी चंदा इकठ्ठा करने के चक्कर में ! इतनी सारी शक्ति सामर्थ्य ,सभी विद्याओं का धनी एवं भगवान शंकर का उपासक था वह see more... http://bharatjagrana.blogspot.in/2015/11/blog-post_3.html
साईंव्यापारियों ने ही विवादित बना दिया है साईं को !अन्यथा साईंबाबा की सनातनधर्मियों से शत्रुता क्या थी ?
हनुमान जी के द्वारा की गई कुटाई बड़े बड़े राक्षस नहीं सह सके तो कैसे सह पाएँगे बेचारे साईंबाबा !
विवादित साईंबाबा की सच्चाई उगलते पोस्टर ! साईं को देवता बनाने संबंधी
क्रिया की प्रतिक्रिया हैं ये साईं को खदेड़ते हनुमान जी !आखिर देवता बनना
इतना आसान है क्या ?वैसे भी मंदिरों में केवल देवता ही पूजे जाते हैं
असुरों ने जब जब अपने को भगवान सिद्ध करने कीsee more.... http://bharatjagrana.blogspot.in/2015/11/blog-post_87.html
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