Tuesday, 3 November 2015

काँग्रेस अपनी असहिष्णुता छिपाने के लिए कर रही है असहिष्णुता के खिलाफ मार्च !

  काँग्रेस सत्ता के बिना रह नहीं सकती। दूसरे की बात सह नहीं सकती ॥
     काँग्रेस में बढ़ती असहिष्णुता निंदनीय !भाजपा ने इतने वर्ष विपक्ष में बैठ कर निकाल दिए किंतु काँग्रेस की असहिष्णुता सरकार को ठीक से काम नहीं करने दे रही है !
       सत्ता से बाहर  होने के बाद काँग्रेस सह नहीं पा रही है सत्ता वियोग ! जब संसद सत्र चलता है तो उसे नहीं चलने देती है हुल्लड़ मचाते हैं ये लोग और जब सत्र चलना बंद हो जाता है तब या तो साम्प्रदायिक उन्माद फैलाते हैं या फिर जातीय संघर्ष के बीज बोते हैं नहीं तो बाजारों से गायब करा देते हैं दालों जैसे खाद्य पदार्थ !ये सारे उपद्रव काँग्रेस केवल इसलिए कर रही है ताकि भाजपा सरकार से लोगों का विश्वास उठ जाए !
      बंधुओ !उस समय मोदी जी ने एक दिन एक सूट  क्या पहन लिया असहिष्णुता के कारण ही तो काँग्रेस ने वो सूट बेचने पर मजबूर कर दिया इसके बाद भी वही रोना धोना अभी तक  चल रहा है !काँग्रेस की इसी असहिष्णुता के कारण दालें महँगी कराई  गई हैं अन्यथा दालों की इतनी शार्टेज  नहीं थी कि 200 Rs किलो पहुँच जाती किंतु जब धन बल पर बाजारों से माल ही गायब कर दिए जाएगा तो महँगाई तो होगी ही । दादरी काण्ड दुर्भाग्य पूर्ण था किंतु हिन्दू मुस्लिम की दृष्टि से उसे विषाक्त बनाने का भरपूर प्रयास किया गया !सत्तासीन भाजपा विकास की ओर ध्यान देने लगती है तो कांग्रेसियों को फिर खुजली लगने लगती है और वो कोई नया गुल फिर खिला देते हैं !कुल मिलाकर काँग्रेसियों की असहिष्णुता का आलम यह है कि जनता ने अबकी बार भाजपा को वोट क्या दे दिए काँग्रेस खुंदक निकाल रही है जनता से और दाल तेल जैसे खाद्य पदार्थगायब कराती जा रही है बाजारों से !ये जनता के साथ खुला अत्याचार है । इसलिए काँग्रेस पराजय को पचाना सीखे और अपनी असहिष्णुता को नियंत्रित करने का प्रयास करे !

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