आरक्षण दलितों के लिए चिकित्सा है या दावानल !
'दलित' का अर्थ क्या है ! जिन्हें इलाज चाहिए उन्हें आरक्षण क्यों ?सवर्ण कम थे दलित अधिक फिर भी सवर्णों ने शोषण कैसे किया ! सवर्णों की संख्या कम कैसे हुई और संख्या कम होने से उनकी संपत्ति बढ़ी क्या ?जो बिना आरक्षण के अपना घर नहीं चला सकते वो देश प्रदेश कैसे चला लेंगे !
सरकारी कर्मचारियों के बश का नहीं है काम करना !
सरकारी कर्मचारी अधिक सैलरी लेकर भी प्राइवेट कर्मचारियों से कमजोर क्यों ? आफिसों में अधिकारियों के कमरे अलग क्यों ?वातानकूलित क्यों ?सुविधा संपन्न क्यों ? क्या अधिकारी जनसेवक नहीं होते ! जन सेवकों का सुविधाभोगी होना कितना जरूरी !
सांसदों,विधायकों एवं सरकारी कर्मचारियों की सैलरी तय करे जनता, कराया जाए जनमत संग्रह !
शिक्षा, दीक्षा (नैतिक शिक्षा ) ,चिकित्सा के व्यापार !आखिर क्या कर रही है सरकार !
शिक्षा, दीक्षा (नैतिक शिक्षा ) ,चिकित्सा सबको समान रूप से उपलब्ध होनी चाहिए किंतु इसमें ग़रीबों रईसों का भेद भाव क्यों ? गरीब ,किसान ,मजदूर अपने ही देश में सौतेला व्यवहार सहने को मजबूर क्यों हैं ?
महिलाओं को सुरक्षा की आवश्यकता क्यों ?
पुरुषों को क्यों नहीं !महिलाओं के शरीरों पर मड़राने वाले रसिक भ्रमरों से ही उन्हें सर्वाधिक भय होता है क्योंकि वो रस लोभी होते हैं किंतु वे उन्हें गलती से प्रेमी समझ लेती हैं किंतु घास और घोड़े आपस में मित्र होते !
ज्योतिष विज्ञान है
बशर्ते ज्योतिषियों की ज्योतिष संबंधी क्वालीफिकेशन भी चिकित्सकों की तरह ही चेक की जाए तो जीवन के कई क्षेत्रों में बड़ी मदद कर सकता है ज्योतिष विज्ञान !
धर्म एवं ज्योतिष तंत्र आदि से जुड़े पाखंडों से बचना चाहिए !सरकारों को अंधविश्वास रोकने के लिए कठोर कानूनों का प्रावधान करना चाहिए उनका पालन भी कड़ाई से हो !
साधू संतों के भी कुछ शास्त्रीय नियम धर्म होंगे आखिर उनका पालन क्यों नहीं किया जाना चाहिए !जानिए क्या हैं उनके शास्त्रीय नियम धर्म !
डॉक्टरों की लिखावट केवल मेडिकल स्टोर वाले समझते हैं ऐसे ही नेताओं की भाषा केवल पत्रकार समझते हैं !
राजनैतिक वेश्यावृत्ति रोकी जानी चाहिए ,नेताओं के लिए इतनी क्वालीफिकेशन तो चाहिए कि वो अपनी बात सोच समझकर बोल सकें और सामने वाले की बात सुनकर समझ सकें !अन्यथा वो गाली न दें कुर्सी न फेकें तो करें क्या ?कहाँ तक बोर हों !
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