Saturday, 14 November 2015

'वैज्ञानिक पीएम भार्गव ' सिद्ध करें कि आयुर्वेद में गोमांस खाने के लिए कहाँ कहा गया है ?

      किसी महिला को सुन्दर बता देने का अर्थ ये तो नहीं हो जाता कि उससे विवाह करने को कहा गया है ! आयुर्वेद में भोजन नींद और मैथुन (सेक्स ) को उपस्तम्भ अर्थात आवश्यक बताया गया है इसका मतलब ये तो नहीं होता कि बलात्कार का समर्थन किया गया है ! चरक संहिता में गोमांस खाने के लिए रोका  गया है उसे 'वैज्ञानिक पीएम भार्गव ' ने जानबूझकर छिपाया या वो उन्हें पता नहीं था ?यदि जानबूझकर छिपाया तो ये उत्तजना फैलाने की कोशिश क्यों ?और यदि पता नहीं था तो केंद्र सरकार और नरेंद्र मोदी जी के साइंस ज्ञान पर अंगुली क्यों उठाई ? सुना है कि आयुर्वेद के विषय में अपनी आधी अधूरी जानकारी के आधार पर उन्होंने राष्ट्रपति जी को पत्र भी लिख दिया है कि आयुर्वेद में गोमांस खाने के लिए कहा गया है ? यदि उन्होंने ऐसा किया है तो उनसे प्रमाण पूछे जाएँ कि ये पत्र उन्होंने किन प्रमाणों के आधार पर लिखा है इससे अपने शास्त्रों और गायों के प्रति समान रूप से आस्था रखने वाला हिन्दू समाज आंदोलित हो सकता था और बढ़ सकती थी असहिष्णुता ! इस विषय में संपूर्ण जानकारी के लिए देखें हमारा यह लेख -
 "गायों का मांस खाने से दूर होते हैं रोग " 'वैज्ञानिक पीएम भार्गव ' का बयान ! " सच या साजिश " ? "

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