Tuesday, 24 November 2015

अन्ना जी ! दाग तो लग ही गया आप मानें या न मानें!अब लीपापोतीक्यों कर रहे हैं आप ?


 लालू से गले मिलने पर अन्ना बोले- "अच्छा हुआ केजरीवाल साथ नहीं... वरना मुझे भी दाग लग जाता !"

    किंतु  अन्ना जी दाग जो लगना था  वो तो लग ही चुका  है यदि ऐसा न होता तो आज आप भी केजरीवाल की ओर से अकारण सफाई नहीं दे रहे होते !इसलिए अब आप अपने विषय में स्पष्ट कीजिए कि लालू जी से मिलने केजरी वाल जी को आपने भेजा था या वो अपने आप से गए थे ?
हे केजरीवाल जी ! आपके शपथग्रहण समारोह में या वैसे आप से मिलने लालू जी कभी आए क्या ?फिर उन्हें क्यों बदनाम कर रहे हैं आप !
    केजरीवाल जी !लालू जी से मिलने के लिए आप गए थे पटना उनके मंच पर !इस सच्चाई को स्वीकार कीजिए यदि लालू जी से गले न भी मिलते तो क्या बच जाते तपस्वी अन्ना हजारे के आदर्श सिद्धांत !तुम्हारे वहाँ पहुँचने का मतलब ही समर्थन होता है ।
   यदि ऐसा न होता तो मंच लालू जी का शपथ ग्रहण समारोह उनके पुत्रों का और वही न मिलते  मंच पर ऐसी सोच लेकर आप गए ही क्यों ?आखिर वे पिता हैं उन पुत्रों के जिन्हें मंत्री बनना था और जब तुम पहुँच ही गए उनके मंच पर तो उन्होंने अतिथि सत्कार के नाते खुशी में यदि आपसे भी गले मिल ही लिया तो गुनाह हो गया क्या ?यदि आप लालू के साथ हैं तो हैं स्वीकार करने की हिम्मत कीजिए !अन्यथा वहाँ उनके मंच पर गए क्यों वो तो दिल्ली आकर भी कभी नहीं आए तुम्हारे मंच पर और न ही तुम्हारे शपथग्रहण समारोह में ही ! क्या ये सच नहीं है !अब लालू मुक्त पवित्रता का दम्भ क्यों भर रहे हैं आप !क्यों देते फिर रहे हैं सफाई ?see more....http://sahjchintan.blogspot.in/2015/11/blog-post_82.html

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