Monday, 16 November 2015

वैज्ञानिक पीएम भार्गव ' का बयान !

असहिष्णुता के नाम पर मोदी सरकार को बदनाम करने के कैसेकैसे प्रयास किए जारहे हैं !
इसी विषय में मान्यवर !आपसे मेरा विनम्र निवेदन है कि -
" 'वैज्ञानिक पीएम भार्गव ' जी "गोमांस खाने का समर्थन करने के लिए आयुर्वेद एवं सनातन धर्म के प्राचीन ग्रंथों के नाम पर कल्पित बातों का सहारा ले रहे हैं !सुना है कि ऐसी ही बातों को आधार बनाते हुए उन्होंने महामहिम राष्ट्रपति जी को पत्र भी लिखा है और असहिष्णुता के विरोध में पुरस्कार लौटाने की बात भी कर रहे हैं किंतु इस विषय में आयुर्वेद के जिन ग्रंथों का वो संदर्भ दे रहे हैं उनमें वैसा नहीं लिखा है जैसा वो कह रहे हैं और जो लिखा है उसमें से वो उतना ही उद्धृत कर रहे हैं जिससे गोमांस खाने संबंधी उनकी बात की पुष्टि हो सके !हिन्दुओं को बुरा लगे तो लगे !साथ ही जो लिखा गया है उसका अर्थ और भी उस हिसाब से ही गढ़ा गया है जो गोमांस भक्षक समाज के लिए सहायक हो ! इस बिषय में शास्त्रीय पक्ष प्रकट करने प्रस्तुत है हमारा यह सप्रमाण हमारा यह लेख -वैज्ञानिक पीएम भार्गव ' सिद्ध करें कि आयुर्वेद में गोमांस खाने के लिए कहाँ कहा गया है ?"गायों का मांस खाने से दूर होते हैं रोग " 'वैज्ञानिक पीएम भार्गव ' का बयान ! " सच या साजिश " ? "
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राजनीति से संन्यास ले लें मोदी -आजमखान -IBN7 
  किंतु आजमखान साहब ! ये नहीं बताया कि संन्यास कौन वाला नूडल  बनाने बेचने वाला ,हल्दी मिर्च तेल चूर्ण खटाई मसाले आदि बनाने बेचने वाला ,या चुनाव लड़ने वाला या फिर पूजन भजन करते हुए शास्त्रीय वैराग्य का जीवन जीने वाला कौन सा संन्यास लेना है ये भी तो बताइए ! किंतु आजमखान साहब ! यदि चुनाव ही लड़ना हो या चूर्ण खटाई मसाले नूडल ही बनाने बेचने हों तो वो तो ऐसे भी क्या जा सकता है उसके लिए संन्यास का सत्यानाश क्यों करवाना चाह रहे हैं आप !

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