- हे केजरीवाल जी ! आपके शपथग्रहण समारोह में या वैसे आप से मिलने लालू जी कभी आए क्या ?फिर उन्हें क्यों बदनाम कर रहे हैं आप !
केजरीवाल जी !लालू जी से मिलने के लिए आप गए थे पटना उनके मंच पर !इस सच्चाई को स्वीकार कीजिए यदि लालू जी से गले न भी मिलते तो क्या बच जाते तपस्वी अन्ना हजारे के आदर्श सिद्धांत !तुम्हारे वहाँ पहुँचने का मतलब ही समर्थन होता है ।
यदि ऐसा न होता तो मंच लालू जी का शपथ ग्रहण समारोह उनके पुत्रों का और वही न मिलते मंच पर ऐसी सोच लेकर आप गए ही क्यों ?आखिर वे पिता हैं उन पुत्रों के जिन्हें मंत्री बनना था और जब तुम पहुँच ही गए उनके मंच पर तो उन्होंने अतिथि सत्कार के नाते खुशी में यदि आपसे भी गले मिल ही लिया तो गुनाह हो गया क्या ?यदि आप लालू के साथ हैं तो हैं स्वीकार करने की हिम्मत कीजिए !अन्यथा वहाँ उनके मंच पर गए क्यों वो तो दिल्ली आकर भी कभी नहीं आए तुम्हारे मंच पर और न ही तुम्हारे शपथग्रहण समारोह में ही ! क्या ये सच नहीं है !अब लालू मुक्त पवित्रता का दम्भ क्यों भर रहे हैं आप !क्यों देते फिर रहे हैं सफाई ?see more....http://sahjchintan.blogspot.in/2015/11/blog-post_82.html
यदि ऐसा न होता तो मंच लालू जी का शपथ ग्रहण समारोह उनके पुत्रों का और वही न मिलते मंच पर ऐसी सोच लेकर आप गए ही क्यों ?आखिर वे पिता हैं उन पुत्रों के जिन्हें मंत्री बनना था और जब तुम पहुँच ही गए उनके मंच पर तो उन्होंने अतिथि सत्कार के नाते खुशी में यदि आपसे भी गले मिल ही लिया तो गुनाह हो गया क्या ?यदि आप लालू के साथ हैं तो हैं स्वीकार करने की हिम्मत कीजिए !अन्यथा वहाँ उनके मंच पर गए क्यों वो तो दिल्ली आकर भी कभी नहीं आए तुम्हारे मंच पर और न ही तुम्हारे शपथग्रहण समारोह में ही ! क्या ये सच नहीं है !अब लालू मुक्त पवित्रता का दम्भ क्यों भर रहे हैं आप !क्यों देते फिर रहे हैं सफाई ?see more....http://sahjchintan.blogspot.in/2015/11/blog-post_82.html
अशिक्षित मंत्री अपने अनुशार चलाएँगे IAS अफसरों को !अफसरों का मनोबल कैसे बढ़े ! ये व्यवहार किसी अपमान से कम है क्या ?
इन नेता पुत्रों को खुद कुछ करना नहीं आएगा आप स्वयं सोचिए कि ये यदि
कुछ करने लायक ही होते तो पढ़ लिख न लेते ! गरीबों के बच्चे भी तो पढ़ जाते
हैं ये तो सब सुख सुविधा पाने वाले मुख्यमंत्री के बेटे हैं तब भी जब ये पढ़
नहीं पाए तो कल्पना कीजिए कितने नकारा रहे होंगे ये नेतापुत्र ! ऐसे
लोगों को काम काज की समझ ही नहीं है अफसरों को काम करने देंगे ये !फोकट की
टाँग अड़ाते रहेंगे हर जगह ! बिहार बासियों ने लिया एक गलत और
दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय ! ऐसे ही अदूरदर्शी और भावुक निर्णयों से बिगड़ी है
प्रदेश की शाख ! बिहारवासी भाई बहनों को अपने ही देश के कई प्रांतों से
मार पीट कर भगाया गया !यद्यपि ये बहुत निंदनीय है किंतु कम ये भी नहीं है
कि लोकतंत्र के नाम पर जो भ्रमित निर्णय लिया बिहारवासी भाई बहनों ने
!इसके दुष्परिणामों को लेकर हर सुबुद्ध व्यक्ति संशयग्रस्त है फिर भी इस
शुभ घडी में हमारी ओर से बिहारवासी भाई बहनोंको बहुत बहुत बधाई !see
more....samayvigyan.blogspot.in/2015/11/blog-post_44.html
- शपथग्रहण समारोह में 'शकुनी श्री ' सबसे लड़ाते दिखे पेट !
देश
के किसी भी भाग में बदनाम नेताओं की कोई लिस्ट या भ्रष्टाचारी नेताओं को
दी जाने वाली कोई गाली जिन 'शकुनीश्री' का नाम लिए बिना पूरी नहीं होती
साक्षात वे ही 'शकुनी श्री ' नीतीश कुमार जी के शपथ ग्रहण समारोह में
लोगों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र रहे !ये हर किसी किसी आगंतुक नेता से
जबर्दश्ती पेट लड़ाते हाहाहूहू करते घूम रहे थे। इसमें भी सबसे आकर्षक दृश्य
वह था जब अपनी गंदी भाषा से देश के राजनेताओं को बेईमान लुटेरा चोर जैसे
शब्द बोलकर सत्ता हथियाने वाले एक नवोदित मुख्यमंत्री ने 'शकुनीश्री'
से पेट लड़ाया तो ये दृश्य देखकर लोग भौचक्के रह गए !भगवान करे समाज साधक तपस्वी अन्ना
हजारे जी ने न देखा हो यह दृश्य !क्या सह पाए होंगे वे अपने चेले की ये
स्वचालित नैतिकता ! किंतु उस शपथ ग्रहण समारोह में सबसे अधिक देखा जाने
वाला दृश्य यही था !see more....samayvigyan.blogspot.in/2015/11/blog-post_44.html
- मोदी से भयभीत विरोधी नेताओं की लगीं लंबी कतारें शपथ ग्रहण समारोह में !
राष्ट्रीय राजनीति में अचानक प्रकट हुए मोदी जी के भय से डरे सहमे
विपक्षी नेतालोगों को डेढ़ वर्ष बाद कल पहली बार शपथ ग्रहण समारोह में
खुलकर हँसते देखा गया ! ऐसा लग रहा था कि जैसे किसी रेगिस्तान में भयंकर
गर्मी से झुलसते पथिकों को भटकते भटकते कहीं छोटी सी छाया नसीब हो गई हो
!क्या शकून था चेहरों पर !जैसे किसी जंगल में अचानक किसी शेर के आ जाने पर
बड़े छोटे का भेदभाव भूलकर आत्म सुरक्षा के लिए किसी एक जगह इकट्ठे हो
गए हों !ऐसे ही शपथ ग्रहण समारोह का निमंत्रण मिलना तो यहाँ सम्मिलित
नेताओं के लिए एक बहाना मात्र था सच्चाई में तो अपना अपना राजनैतिक
आस्तित्व बचाने के लिए वहाँ पहुँचना सब जरूरी समझ रहे थे !see more....samayvigyan.blogspot.in/2015/11/blog-post_44.html
- देश की राजनीति के देवता भी पहुँचे थे शपथग्रहण समरोह में !
जिनके दर्शन करने के लिए 'शकुनीश्री' जैसे कॉमेडियन समय लेने के लिए
महीनों जुगत भिड़ाया करते थे तब कहीं नसीब हो पाता था जिनका दीदार ! सौभाग्य
से ऐसे देवता समारोह में अचानक स्वयं प्रकट हो गए जिन्हें देखते ही खिला
खिला उठे मोदीभय से डरे सहमें बेसहारा नेता लोग !चूँकि ये समारोह उठाकर
दिल्ली नहीं लाया जा सकता था इसलिए उन सुकोमलांग राजनैतिक राजकुमार को अपने
आश्रितों का मनोबल एवं उत्साह बढ़ाने के लिए भी स्वयं पहुँचना पड़ा मंच पर
!सकपकाए 'शकुनीश्री' ने उठकर उनसे भी तुरंत लड़ाया पेट !ये दृश्य देश के
मीडियायी कैमरों के लिए बिलकुल अभूत पूर्व था ! see more....samayvigyan.blogspot.in/2015/11/blog-post_44.html
- कानूनी अड़चनों के कारण चुनाव न लड़ पाने वाले लालू जी शपथ ग्रहण में आगंतुकों से पेट ही लड़ाते रहे !
यह पेट जिससे जिससे लड़ा वो सुर्ख़ियों में आ गया उन लोगों को न जाने कितने
दिनों तक देनी पड़े जनता को सफाई !मीडिया वाले बार बार दिखा रहे हैं बस वही
पेटद्वय !जानिए और भी बहुत कुछ see more....samayvigyan.blogspot.in/2015/11/blog-post_44.html
- जो शपथपत्र नहीं पढ़ पाए वो सरकार चलाएँगे ख़ाक ! जैसे पिता जी कॉमेडी करके समय पास करते रहे वैसे ही पुत्र भी करेंगे !किंतु पता नहीं उन्हें कॉमेडी करनी आती भी है कि नहीं !
अफसरों का ये दुर्भाग्य ही है
कि उन्हें ऐसे नकारा नेतापुत्रों की जी हुजूरी करनी पड़ती है जो शपथपत्र भी
न पढ़ पाते हों ! इसे लोकतंत्र का सम्मान कहें या शिक्षा का अपमान !
शिक्षा की जब दुर्दशा ही होनी है तो क्यों शिक्षा ? क्यों परीक्षा ?शिक्षा
के लिए बड़ी बड़ी योजनाएँ क्यों ? जिन नेतापुत्रों की शिक्षा चपरासियों जैसी
हो उन्हें लोकतंत्र की दुहाई देकर मंत्री उपमुख्यमंत्री या मुख्यमंत्री
!जैसे बड़े पदों पर सुशोभित किया जाना कहाँ का न्याय है !लोकतान्त्रिक
प्रणाली में भी शिक्षा का क्या कोई महत्त्व नहीं होना चाहिए आखिर बिना
शिक्षा के आजकल होता क्या है फिर भी राजनीति के लिए शिक्षा आवश्यक नहीं
समझी जाती क्या !see
more....http://samayvigyan.blogspot.in/2015/11/blog-post_31.html
जिनके पास CM बनने की संख्या अपनी नहीं है उन्हें PM बनाने की बात बारे फारुख साहब !बारे सहयोगी बारी हमदर्दी !किंतु सरकार की सारे शक्तिवान मंत्रालय अपनी ओर खींच ले गए हैं लालू जी ।उन्होंने तो मनमोहन सिंह जी जैसा बनाकर रखा है नीतीश जी को । दूसरी बात राहुलगाँधी जी ,फारूक अब्दुल्ला जी ,शरद पवार जी , मुलायमसिंह जी, सुखबीरसिंह बादल,केजरीवाल जी तथा सुना है कि शिव सेना आदि लोकतंत्र की दुहाई देने वाले ये अधिकांश वो लोग थे जिन्हें केवल वोट लेने के लिए ही याद रहता है लोकतंत्र !लालू जी की पार्टी के विधायक कैसे सहते हैं इतना अपमान!see more....http://sahjchintan.blogspot.in/2015/11/pm.html
इससे ये बात तो अब पूरी तरह स्पष्ट हो ही गई है कि अन्ना आंदोलन से अरविंद केजरीवाल जी के जुड़ने का लक्ष्य भ्रष्टाचार का विरोध करना न होकर अपितु केवल मुख्यमंत्री बनना था ! इस प्रकार अनेकों प्रकार से केजरीवाल जी की सच्चाई समाज के सामने आ जाने के बाद उन पर अविश्वास होना स्वाभाविक है !इसलिए अब यह जानना बहुत जरूरी हो गया है कि अन्ना जी के आंदोलन का उद्देश्य क्या केवल केजरीवाल जी को ही राजनीति में लांच करना मात्र था ?और यदि ये सच है तो जनता के विश्वास के साथ ऐसा छल किया क्यों गया और यदि ये सच नहीं है तो रामलीला मैदान में आंदोलन के समय बात बात में पिनकने वाले अन्ना हजारे जी अब मौन क्यों हैं ? उन्हें समाजsee more....http://sahjchintan.blogspot.in/2015/11/blog-post_61.html
इन नेता पुत्रों को खुद कुछ करना नहीं आएगा आप स्वयं सोचिए कि ये यदि कुछ करने लायक ही होते तो पढ़ लिख न लेते ! गरीबों के बच्चे भी तो पढ़ जाते हैं ये तो सब सुख सुविधा पाने वाले मुख्यमंत्री के बेटे हैं तब भी जब ये पढ़ नहीं पाए तो कल्पना कीजिए कितने नकारा रहे होंगे ये नेतापुत्र ! ऐसे लोगों को काम काज की समझ ही नहीं है अफसरों को काम करने देंगे ये !फोकट की टाँग अड़ाते रहेंगे हर जगह ! बिहार बासियों ने लिया एक गलत और दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय ! ऐसे ही अदूरदर्शी और see more...http://sahjchintan.blogspot.in/2015/11/blog-post_47.html
- नितीश जी का लोकतंत्र विरोधी बंशवादी गिरोह उन्हें PM बनाने की बात करके चढ़ा रहा है बाँस पर !गलतियाँ करेंगे अयोग्य नेता पुत्र और माफी माँगेगे नितीश कुमार ऐसे चलेगी बिहार सरकार !
जिनके पास CM बनने की संख्या अपनी नहीं है उन्हें PM बनाने की बात बारे फारुख साहब !बारे सहयोगी बारी हमदर्दी !किंतु सरकार की सारे शक्तिवान मंत्रालय अपनी ओर खींच ले गए हैं लालू जी ।उन्होंने तो मनमोहन सिंह जी जैसा बनाकर रखा है नीतीश जी को । दूसरी बात राहुलगाँधी जी ,फारूक अब्दुल्ला जी ,शरद पवार जी , मुलायमसिंह जी, सुखबीरसिंह बादल,केजरीवाल जी तथा सुना है कि शिव सेना आदि लोकतंत्र की दुहाई देने वाले ये अधिकांश वो लोग थे जिन्हें केवल वोट लेने के लिए ही याद रहता है लोकतंत्र !लालू जी की पार्टी के विधायक कैसे सहते हैं इतना अपमान!see more....http://sahjchintan.blogspot.in/2015/11/pm.html
- लालू जी से पेट लड़ाकर दिल्ली पहुँचे केजरीवाल जी का शुद्धीकरण हो तो कैसे ?अन्ना जी के बचनोदकी छींटे क्या पवित्र कर सकेंगे उन्हें !
इससे ये बात तो अब पूरी तरह स्पष्ट हो ही गई है कि अन्ना आंदोलन से अरविंद केजरीवाल जी के जुड़ने का लक्ष्य भ्रष्टाचार का विरोध करना न होकर अपितु केवल मुख्यमंत्री बनना था ! इस प्रकार अनेकों प्रकार से केजरीवाल जी की सच्चाई समाज के सामने आ जाने के बाद उन पर अविश्वास होना स्वाभाविक है !इसलिए अब यह जानना बहुत जरूरी हो गया है कि अन्ना जी के आंदोलन का उद्देश्य क्या केवल केजरीवाल जी को ही राजनीति में लांच करना मात्र था ?और यदि ये सच है तो जनता के विश्वास के साथ ऐसा छल किया क्यों गया और यदि ये सच नहीं है तो रामलीला मैदान में आंदोलन के समय बात बात में पिनकने वाले अन्ना हजारे जी अब मौन क्यों हैं ? उन्हें समाजsee more....http://sahjchintan.blogspot.in/2015/11/blog-post_61.html
- नितीश जी के शपथ ग्रहण समारोह के महत्त्वपूर्ण आकर्षक अंश !
इन नेता पुत्रों को खुद कुछ करना नहीं आएगा आप स्वयं सोचिए कि ये यदि कुछ करने लायक ही होते तो पढ़ लिख न लेते ! गरीबों के बच्चे भी तो पढ़ जाते हैं ये तो सब सुख सुविधा पाने वाले मुख्यमंत्री के बेटे हैं तब भी जब ये पढ़ नहीं पाए तो कल्पना कीजिए कितने नकारा रहे होंगे ये नेतापुत्र ! ऐसे लोगों को काम काज की समझ ही नहीं है अफसरों को काम करने देंगे ये !फोकट की टाँग अड़ाते रहेंगे हर जगह ! बिहार बासियों ने लिया एक गलत और दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय ! ऐसे ही अदूरदर्शी और see more...http://sahjchintan.blogspot.in/2015/11/blog-post_47.html
No comments:
Post a Comment