Wednesday, 9 December 2015

इंद्रा जी तो कानून को डरती थीं किंतु सोनियाँजीकहती हैं -"मैं इंदिरा गांधी की बहू हैं मैं तो किसी से नहीं डरती "

 काँग्रेस के लोग ऐसा क्यों मानते हैं कि केंद्र सरकार के इशारे पर काँग्रेस को परेशान किया जा रहा है किंतु क्या वो खुद ऐसा करते रहे हैं यदि हाँ तो हो सकता है कि अभी भी वैसा ही हो और यदि नहीं तो अब क्यों होगा उन्हें भी रखना चाहिए देश के कानून पर विश्वास !
इंदिरा गांधी की बहू हैं और किसी से डरती नहीं - सोनियाँगांधी 
    किंतु कानून को तो इंदिरा जी भी डरती थीं !कानूनी प्रक्रिया का पालन तो उन्हें भी करना पड़ा था !
 इंदिरा गांधी की बहू हैं और किसी से डरती नहीं - सोनियाँगांधी
किंतु  सोनियाँ जी !जो इंद्रा जी की बहू नहीं हैं देश की वो करोड़ों महिलाएँ डरपोक हैं क्या ?
 इंदिरा गांधी की बहू हैं और किसी से डरती नहीं - सोनियाँगांधी 
  किंतु जब उन्होंने आपातकाल लगाया था या नसबंदी करवाई थी तब से पीढ़ी बदल चुकी है बहुत पानी बह चुका है गंगा जमुना में !इसलिए अब  इंदिरा गांधी जी की बहू वाली धमकी नहीं चलेगी अब तो कानूनी प्रक्रिया का सम्मान करना ही होगा !
काँग्रेस का संसद में शोर शराबा क्यों ?
   काँग्रेस क्या चाहती है कि उसके नेता यदि गलत करें तो भी उनके ऊपर कार्यवाही न हो क्योंकि वो उनके नेता हैं इसलिए ! और यदि ऐसा है तो कहाँ तक ठीक है !
 काँग्रेस अपने विरुद्ध केस को यदि राजनीति से प्रेरित मानती है इसका सीधा अर्थ होता है कानूनी प्रक्रियापर प्रश्न चिन्ह !
देश की जब सबसे बड़ी पार्टी का नजरिया कानून के प्रति इस तरह का होगा तो यदि इसमें सच्चाई है तो इसका शिकार तो आम आदमी भी होता होगा फिर वो न्याय की अपेक्षा किससे करे ! इसलिए कांग्रेस को स्पष्ट करना चाहिए कि उसका गुस्सा केंद्र पर है या कोर्ट पर !कानूनी प्रक्रिया सरकार पर क्यों ?राजनैतिक पार्टियों के नेताओं पर जब जब केस होते हैं तो वो कहने लगते हैं कि मुझे राजनैतिक विद्वेषवश  फँसाया गया है
PM मोदी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को जन्मदिन पर दी बधाई!
     किंतु सुब्रह्मण्यम स्वामी ने जो दिया उसे उपहार माना जाए क्या !
कश्मीर में अपनी जान क़ुर्बान करने वाले भाइयों के साथ हैं हम: परवेज़ मुशर्रफ़ 
   किंतु मुशर्रफ़ साहब आप इतना झूठ क्यों बोलते हैं आप यदि उनके साथ होते तो आप भी वहीँ पहुँच जाते जहाँ वो गए हैं इसलिए उनके साथ भी आपने गद्दारी की है यदि उन्हीं के साथ जाना था तो नहीं मिला था चिल्लूभर पानी आपको !जब अटलजी की शांति पहल के साथ विश्वासघात किया था आपने तभी अपने सैनिकों के साथ भी धोखा किया था आपने !

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