Monday, 14 December 2015

राहुल जी हों या शैलजा जी ! राजनीति करने के लिए मंदिरों को बदनाम न किया जाए !!

       राहुल जी ! हर बात का रोना धोना संसद में ही क्यों ?

    शैलजा जी हों या राहुल जी इन्हें जब जहाँ जो बुरा लगा उसका विरोध वहीँ उसी समय क्यों नहीं किया डरते थे क्या ?ऐसे तो मंदिरों की व्यवस्था को काँग्रेस बदनाम करती जा रही है !

    इसलिए राहुल जी !मंदिरों में दर्शन करने जाओ या न जाओ वो आपकी आस्था किन्तु मंदिरों  को बदनाम मत करो !जो  अभी कुछ दिन पहले शैलजा जी ने किया था वही अब राहुल जी ने शुरू किया है !आप लोग मंदिरों में जाते ही विवाद करने के लिए हो !राहुल जी ! जब से मोदी सरकार बनी तब से आपलोग घर से निकलते ही ऐसा विवाद खोजने के लिए हो जिससे संसद की कार्यवाही रोकी जा सके !राजनीति करने का ये ढंग ठीक नहीं है !जनता की गाढ़ी कमाई से चलने वाली संसद के बहुमूल्य समय का सदुपयोग अधिक से अधिक जनहित  में होना चाहिए !



 

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