Wednesday, 2 December 2015

kangres

        
   


काँग्रेस पार्टी की असहिष्णुता से परेशान है सारा समाज ?वो पराजय पचा ही नहीं पा रही है !
देश के लोगों को असहिष्णुता कहीं दिखाई नहीं दे रही है केवल काँग्रेस ने किसी पर यदि कभी कोई उपकार किया है या पुरस्कार  दिया है उन्हें असहिष्णुता के खिलाफ आवाज उठाने को मजबूर कर रही है जबकि ये असहिष्णुता नामक हड्डी काँग्रेस का ही प्रोडक्ट है और वही चचोर रही है इसे ! कई पुराने कांग्रेसियों की तो जबान ही  नहीं लौटती है 'असहिष्णुता' जैसा कठिन शब्द बोलें बेचारे कैसे कैसे ? किंतु आलाकमान का आदेश है बुढ़ापे में दिग्विजय सिंह जी की जिह्वा नहीं कर पा रही है इतनी कठोर कसरत "असष्णुता" बोल रहे हैं ऐसे बहुत काँग्रेसी किंतु इस शब्द से इतना अधिक लगाव हो गया है उन्हें कि सोते जागते असष्णुता असष्णुता चिल्लाये जा रहे हैं ।  see more...http://bharatjagrana.blogspot.in/2015/12/blog-post.html

असहिष्णुता हमेंशा हारने वाली पार्टी में होती हैजीतने वाले की तो सरकार बन ही जाती है फिर वहाँ असहिष्णुता किस बात की ?
असहिष्णुता में विपक्ष खोज रहा है अपना सत्ता स्वाद !
असहिष्णुता की आँधी में उड़े जा रहे हैं गाँधी के सिद्धांत ! मोदी की विजय को पचा नहीं पा रहा है विपक्ष ! बंधुओ !"असहिष्णुता वो हड्डी है जिसे चाटने वाला अपनी जीभ से ही निकलने वाले खून को ये समझ कर पी रहा होता है कि खून तो हड्डी से निकल रहा है !"
इसीप्रकार से आज सत्ताच्युत बेरोजगार विपक्ष भी खोज रहा है असहिष्णुता में रोजगार !और इस असहिष्णुता के सहारे दूर करना चाहता है अपना निठल्लापन ! जिन्हें देश के जनता जनार्दन ने विपक्षी कहलाने लायक भी न छोड़ा हो वो लोकसभा की क्यों चलने देंगे कार्यवाही !क्योंकि उनके पास बर्बाद होने के लिए अब कुछ ख़ास बचा नहीं है ! see more...http://bharatjagrana.blogspot.in/2015/12/blog-post.html

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