ब्राह्मणों की निंदा न करते तो नेता बिना बने ही मर जाते वे बहुत सारे लोग जो किसी लायक न होने के कारण घर से धक्का देकर बाहर किए गए थे !ऐसे लोगों पर ब्राह्मणों का कितना बड़ा उपकार है हर जाति और हर पार्टी में हैं ऐसे मक्कार लोग जो आज न केवल नेता विधायक सांसद मंत्री आदि और भी न जाने क्या क्या बन गए !
ब्राह्मणों की निंदा करके राजनीति करना मक्कार लोगों की मजबूरी है और उनकी बातों को सच मानना उन लोगों की मजबूरी है जो सोचते हैं कि शायद बिना कुछ किए ही भाग्य बदल जाए !
आरक्षण के बिना अपने बलपर जो अपना घर नहीं चला सकते ऐसे लोग विधायक सांसद बनकर क्षेत्र का विकास कर पाएँगे क्या ?और यदि नहीं तो देश के साथ अन्याय क्यों ?
ये बात तो तब मानने लायक होती जब आजादी के बाद ही अपने बल पर बिकास कर लिया होता !अपने बल पर तो खैर क्या करेंगे !जो साथ पैंसठ वर्षों तक आरक्षण लेकर भी नहीं खड़ा कर सके ऐसे लोग यदि अपने पिछड़ेपन के लिए ब्राह्मणों की निंदा करते हैं तो ये उनका दुर्भाग्य है ।
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