Thursday, 24 December 2015

मोदी सरकार को गालियाँ देकर दिल्लीवालों का कर्ज उतार रहे हैं केजरीवाल !

 केजरीवाल जी नौसिखिया हैं काम करना उनके बश का नहीं है इसलिए बातों में उलझाए रखना चाहते हैं दिल्ली वालों को !ये केजरीवाली लीलामंडली देखो कितना और तंग करती है !
   मोदी जी के लिए अपशब्दों का प्रयोग ठीक है क्या केजरीवाल !वे देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं विदेश में !शर्म उन्हें नहीं तुम्हें आनी चाहिए ! 
  दिल्लीवालों ने लड़ते रहने के लिए बनाया था तुम्हें मुख्यमंत्री क्या ?दिल्ली वालों की जितनी बेइज्जती कराना है करा लेना आप !लोगों ने सोचा था आप पढ़े लिखे हैं अच्छा वातावरण बनेगा किंतु केजरीवाल !तुम्हें शालीन भाषा इतनी भद्दी होती है इतनी शिकायतें होती हैं कि अब तो शर्म लगती है तुम्हारे नाम के साथ 'जी' लगाने में !मोदी जी प्रधानमन्त्री के रूप में यदि इतने ही ख़राब होते तो अन्य प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों को तो इतनी समस्या नहीं है उनके साथ !तुम्हीं में कोई खोट है अब तो दिल्ली वाले भी ये मानने लगे हैं । 
   दिल्लीवाले भी भोग रहे हैं अपने कर्मों का फल ! केजरीवाल तुम कभी ये नहीं सोचते कि बेरोजगारों की शादी होना मुश्किल हो जाता है ऐसे लोगों को लोग लड़की देकर दमाद नहीं बनाते दिल्ली वालों ने तुम्हें मुख्य मंत्री बना लिया मत तोड़िए दिल्ली वालों का विश्वास ! दिल्ली वालों ने तुम्हें केवल बहुमत ही नहीं दिया था अपितु दिल्ली की सारी  जनता ने मानों एक मत होकर पुरानी पुरानी राष्ट्रीय पार्टियों को नकार कर तुम जैसे बेरोजगार को अपना मुख्यमंत्री चुना था यह जानते हुए भी कि तुम आज तक कहीं टिक नहीं पाए अपनी गृहस्थी में भी फिर भी दिल्ली वाले तुम्हारी विनम्र वाणी और झूठे आश्वासनों बनावटी सादगी आदि पर फिदा हो गए दिल्ली वाले !ऐसे भावुक दिल्लीवालों को कितनी सजा और दोगे तुम !अपनी अशालीन भाषा और शिकायती स्वभाव के कारण प्रतिदिन शर्मिंदा करते हैं आप !जब से मुख्य मंत्री बने हो तब से ऐसा कोई दिन नहीं बीता  जिस दिन आपको किसी  से कोई समस्या न रही हो और रोज रोना धोना लेकर बैठ जाते हैं आप दिल्ली वालों के सामने ! आखिर दिल्ली वालों ने  कोई गुनाह किया है क्या आपको मुख्यमंत्री बनाकर !आप तो उस कामचोर विद्यार्थी की तरह हैं जिसका मन खुद तो पढने में लगता नहीं है किन्तु अपने न पढ़ पाने का दोष आस पास बैठे बच्चों पर मढ़ा करता है !आप स्वयं सोचिए जब से आप सत्ता में आए ऐसा नया क्या किया है जिससे दिल्ली वालों का जीवन कुछ सरल हुआ हो मैंने सुना है कि दिल्ली में डेंगू पर खर्च होने वाला पैसा आपने विज्ञापनों पर फूँक दिया इसीलिए डेंगू ने तोड़ा 19 वर्षों का रिकार्ड !आखिर 524 करोड़ कम तो नहीं होते !आपको अपने और अपने विधायकों के बजट तो ध्यान रहा तो आपने सैलरी बढ़ा ली किंतु दिल्ली वालों के बिगड़ते बजट के लिए क्या सोचा आप ने !
      आप जैसे विज्ञापन और सैलरी के लिए सत्ता के लुटेरे लोग अब किस मुख से करते हैं मोदी के महँगे सूट की बात !कम से कम तुम्हीं सादगी बरतते जनता ने इसीलिए न तुम पर भरोसा किया था किंतु तुम तो सबसे बड़े भुक्खड निकले दिल्ली की जनता ने तुम में अपनी छवि देखी थी 

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