Friday, 25 December 2015

ऑड- इवन फॉर्मूला है या दाँव ? जिन व्यापारियों ,अफसरों को केवल आफिस जाना-आना ही होता है उनसे कैसे बढ़ता है प्रदूषण !

केजरीवाल सरकार चाहती  तो रोडों और गलियों का अतिक्रमण हटाकर भी  जाम घटा सकती थी और जाम हटते ही समाप्त हो सकता था प्रदूषण ! रोडों और गलियों में जाम खुलने की प्रतीक्षा में घंटों  खड़े रहते हैं स्टार्ट बाहन,दिल्ली सरकार ने उसके लिए क्याकिया है ?
     विधायकों की सैलरी बढ़ाने से  डरे हुए केजरीवाल ने जनता की  गालियों  से बचने तथा जनता का ध्यान भटकाने के लिए केजरीवाल ने खेला है ये  ऑड  -  इवन दाँव !
अरे नौसिखिए मुख्यमंत्री !अगर दूसरों की निंदा चुगली से समय हो तो हिम्मत करके रोडों पर से अवैध निर्माण हटवाइए रोड़ों को अतिक्रमण मुक्त कराइए !फिर देखिए कहाँ है प्रदूषण !घंटों के लगते हैं जाम उन्हें खुलवाइए ! दिल्ली में जाम की सबसे बड़ी समस्या है रोडों पर अवैध निर्माण दिल्ली की लगभग सभी जगहों पर हैं जो ओड बचे भी है उनमें भी दुकानदार लोग दुकानों के बाहर रोडों पर दूर दूर तक फैला लेते हैं सामान !तो निकलने का रास्ता बिलकुल नहीं बचता है वहाँ कई कई घंटे तक फँसे रहते हैं बाहन !कई बार तो ऐसा होता है कि कुछ बाहन जिनके जाने का रास्ता ही आधे घंटे का होता है वे घंटों फंसे रहते हैं । ऐसी रोडों से बचने के लिए लोग गलियों में घुसने लगे हैं कि गलियां खली होंगी किंतु गलियों में उससे अधिक जाम होता है !कहाँ जाएं बाहन ? जहाँ तक ये  ऑड  -  इवन फॉर्मूला है ये बिलकुल बेहूदा है !यदि जाम न खुला प्रदूषण ख़त्म होना नहीं है तो क्या रोडें बिलकुल खाली करवा दी जाएंगी ?   ये बिल्कुल बेहूदा बिलकुल बकवास बिलकुल अप्रासंगिक बिलकुल अतार्किक बिलकुल हास्यास्पद बिलकुल अदूरदर्शी बिलकुल रोलबैक  करने वाला है । केजरीवाल भी इस सच्चाई को अच्छे ढंग से जानते होंगे कि ये चल नहीं पाएगा फिर भी विधायकों की सैलरी बढ़ाने का बिल पास किया था उन्हें पता था कि इस हरकत पर जनता जम कर  गालियाँ देगी कि अभी तक तुम बड़े त्यागवीर सादगी पसंद अादि बने रहे और अब सत्ता पाते ही  कँगलों की  तरह  पैसे पर टूट पड़े !विज्ञापन से लेकर सैलरी तक केवल दरिद्रता !बस दिल्ली की जनता को भटकने के लिए लाया गया ये ऑड  -  इवन फॉर्मूला !

अपने नौसिखिया मुख्यमंत्री की गलतियों के लिए दिल्ली वाले किस किस से माफी माँगें !उधर "केजरीवाल के जाँच आयोग को LG साहब ने बता दिया है  अवैध! उधर प्रधान मंत्री जी के लिए अपशब्द बोलने के बाद सब तो सब लोग कहने लगे हैं कि इन्हें बातचीत की तमीज नहीं है बारे केजरीवाल !
 "केजरीवाल के जाँच आयोग को LG ने बताया अवैध !-एक खबर "
        किंतु केजरीवाल जैसे नौसिखिया राजनेता को वैध अवैध क्या पता ये तो उसे पता हो जिसने  पहले कभी सरकार चलते देखी हो अखवार पढ़े हों नियम कानून पता हों !ये तो CM शीला जी की निंदा करके CM बने हैं अब PM की निंदा करके PM बनना चाह रहे हैं !जानकारी कुछ है नहीं किसी को कुछ भी बोल जाते हैं दिल्ली वाले इनकी मूर्खता के लिए कहाँ तक माफी माँगें ! केजरीवाल हैं कि मानने का नाम ही नहीं ले रहे हैं अपने को प्रधान मंत्री मान बैठे हैं और अपनी अज्ञानता के कारण कभी PM को ऊटपटांग बोलते हैं कभी LGको कभी दिल्ली के पुलिस कमिश्नर को !देखो दिल्ली वाले कब तक ढो  पाते हैं इन्हें !तब तक के लिए सभी अरुण जेटली नरेंद्र मोदी आदि सभी संभ्रांत शालीन नेताओं से निवेदन है कि माफ कर  देना इस अनाड़ी दिल्ली के मुख्य मंत्री को !



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