अन्ना हजारे जी ! अपनी आम आदमी पार्टी पर अब क्यों नहीं लगा लेते हैं लगाम ?
केवल सैलरी के लिए हुआ रामलीला मैदान में अन्ना जी का धरना ?
अन्ना की तमन्ना क्या मात्र इतनी थी कि बेरोजगार कार्यकर्ताओं को विधायक बनाया जाए और उन्हें दिलाई जाए भारी भरकम सैलरी !जन सेवा उनका उद्देश्य नहीं था क्या ?see more... http://sahjchintan.blogspot.in/2015/12/blog-post_5.html
केवल सैलरी के लिए हुआ रामलीला मैदान में अन्ना जी का धरना ?
- अन्ना जी ! क्या लाजवाब जनसेवा कर रहे हैं आपके चेले वाह !
- क्या अन्ना जीकुछ बेरोजगारों को लांच करने के लिए ही बैठे थे धरने पर ?
कुछ बेरोजगार लोग अन्ना जी आपको राम लीला मैदान में तब तक भूखों मारते रहे
जब तक उनकी अपनी पहचान इतनी नहीं बन गई जितने में वे राजनीति करने लायक हो
पाते !अन्ना जी आप सीधे साधे थे समझ नहीं पाए इन नेताओं की चतुराई !और बैठ गए रामलीला
मैदान में
धरने पर आपको समझाया तो गया होगा भ्रष्टाचार के विरुद्ध आंदोलन के विषय
में !अन्यथा आप क्यों काटते इतना बवाल !अन्ना जी !आप सच बताओ तब क्या क्या सपने
नहीं दिखाए गए थे किंतु पूरे कितने हुए !इतनी सैलरी लेंगे आपके गणों ये राम
लीला मैदान में तो नहीं बताया गया था !अन्यथा जो थे वे क्या बुरे थे !आज ग़रीबों मजदूरों से लेकर समस्त
दिल्ली वालों की सारी समस्याएँ इन कृत्रिम ईमानदारों को नहीं दिखीं केवल
अपनी सैलरी बढाकर बैठ गए !बधाई हो अन्ना जी !चलो देश का कुछ भला हुआ हो न
हुआ हो किंतु आपतो अपने मकसद में सफल हुए !see more... http://sahjchintan.blogspot.in/2015/12/blog-post_5.html
अन्ना की तमन्ना क्या मात्र इतनी थी कि बेरोजगार कार्यकर्ताओं को विधायक बनाया जाए और उन्हें दिलाई जाए भारी भरकम सैलरी !जन सेवा उनका उद्देश्य नहीं था क्या ?see more... http://sahjchintan.blogspot.in/2015/12/blog-post_5.html
- हे अन्ना हजारे जी !आपके मौन के पीछे कौन ?
अपनी आम आदमी पार्टी पर अब क्यों नहीं लगा लेते हैं लगाम ? अन्य
पार्टियों के लिए तो बड़ी सादगी की बातें करते थे ! ये सबकुछ आपकी मिली भगत
से हो रहा है क्या ?यदि नहीं तो इनके बिगड़ते ब्यवहारों के विरुद्ध क्यों
नहीं उठा रहे हैं आवाज ? इतनी बदनाम हुई बढ़ना हो जाएगी ये तो कल्पना न थी !see more... http://sahjchintan.blogspot.in/2015/12/blog-post_5.html
- अन्ना हजारे जी के लिए खुलापत्र - "आप सैलरी बढ़ोत्तरी के समर्थन में हैं या विरोध में ?"
अन्ना
जी ! आपकी ईमानदारी सादगी एवं राजनैतिक शुचिता जैसी बातें अब दिनोंदिन
अविश्वसनीय लगने लगी हैं !जिनकी अँगुली पकड़कर आपने समाज से परिचय करवाया था
वो तो पद प्रतिष्ठा और पैसा देखते ही दिनों दिन पागल होते जा रहे हैं !अब
दशकों तक भ्रष्टाचार को भगाने वाले आंदोलनों श्लोगनों पर भरोसा नहीं कर
पाएगा देश ! अन्ना जी ! दिल्ली सरकार ने विधायकों की सैलरी बढ़ाई आप इसके
समर्थन में हैं या विरोध में या फिर मौनं स्वीकार लक्षणं ! अन्ना जी
!देश सबकुछ समझ चुका है ! see more....http://sahjchintan.blogspot.in/2015/12/letter.html
कार वालों को बेकार करने पर तुली है दिल्ली सरकार !
क्या अन्ना से सलाह करके लिया गया है फैसला !अन्ना जी मौन क्यों हैं ?क्या
रिमोट अन्ना जी के पास है यदि वो सम्मिलित नहीं हैं तो विरोध में खड़े हों
दिल्लीवालों के साथ !see more.... http://samayvigyan.blogspot.in/2015/06/blog-post_36.html
रोडों पर ताला लगाने वाली दिल्ली सरकार कल शौचालयों पर भी लगा सकती है ताला !
तब दो दिन में एक दिन जा पाओगे लेट्रीन !तब खाना भी दो दिन में एक दिन
खाना होगा !गरीबी महँगाई अपनी आप ही घट जाएगी ! इसी लिए केजरी वाल कहा करते
थे कि दिल्ली का सिस्टम ही ख़राब है ।आपातकाल हो या वर्तमानकाल अधिकार तो
तब भी जनता के पास नहीं थे अब भी नहीं हैं ! फिर काहे का लोकतंत्र ?
काश !हमारे देश में भी लोकतंत्र होता !जिसमें जनता जो चाहती वो होता या
फिर जनता की बात भी सुनी जाती !यह तो नेतातंत्र है इसमें नेता जो चाहते हैं
वही होता है ! see more.... http://samayvigyan.blogspot.in/2015/06/blog-post_85.html
केजरीवाल ने सैलरी बढ़ाने के लिए क्यों नहीं कराया जनमत संग्रह ? सांसदों,विधायकों
एवं सरकारी कर्मचारियों की सैलरी तय करे जनता, कराया जाए जनमत संग्रह
!"अंधा बाँटे रेवड़ी अपने अपने को देय !"बारी सरकारें बारी सरकारी नीतियाँ
धिक्कार है ऐसी गिरी हुई सोच को !
जो सांसद विधायक नहीं हैं और सरकारी कर्मचारी भी नहीं हैं उन्हें जीने का
अधिकार नहीं है क्या या वे इंसान नहीं हैं !वो गरीब ग्रामीण किसान मजदूर
ऐसी महँगाई में कैसे जी रहे होंगें !कभी उनके विषय में भी सोचिए !केवल अपना
और अपनों का ही पेट भरनेsee more... http://samayvigyan.blogspot.in/2015/09/blog-post_28.html
दिल्ली वालो सावधान !दिल्लीसरकार केवल अपना पेट देख रही है !
क्या अन्ना हजारे और केजरीवाल की मिली भगत से बढ़ाई गई सैलरी?
आम आदमी पार्टी में चलता है अन्ना जी हुक्म !सुना है दो दिन पहले आप वालों
ने 'रालेगणसिद्धिधाम' पहुँच अन्ना साईंराम जी को मना लिया है और मिलजुलकर
किया गया है सादगी बिसर्जन व्रत का अनुष्ठान !अब सादगी व्रत का उद्यापन कर
आए है दिल्ली सरकार के लोग !अभी गए थे रालेगणसिद्धिधाम!
इधर दिल्ली वाले हैरान परेशान उधर अन्ना जी का मौन !
अन्ना जी की प्रेरणा से भ्रष्टाचार के विरुद्ध हुआ है सैलरी का शंखनाद !
आमआदमीपार्टी का तीर्थ है रालेगणसिद्धिधाम जहाँ बसते हैं बाबा 'अन्नासाईंराम' उन्हीं का आशीर्वाद है सैलरी प्रसाद !
जिस पार्टी में भक्त लोग केवल बाबा के आदेश का पालन करते हैं वहाँ बाबा के आदेश के बिना पत्ता भी कैसे हिल सकता है !अपने बेरोजगार भक्तों की बेरोजगारी दूर करने वाले बाबा बहुत दयालू हैं |बाबा के सम्प्रदाय का मानना है कि खर्चों की कमी हो तो सैलरी जितनी चाहो उतनी बढ़ा लो उसे भ्रष्टाचार नहीं माना जाएगा !वैसे भी बाबा की कृपा केवल उनके भक्तों पर बरसती है भक्त कुछ भी करें सब खुशी खुशी स्वीकार करते हैं बाबाsee more....http://samayvigyan.blogspot.in/2015/12/blog-post_43.html
आमआदमीपार्टी का तीर्थ है रालेगणसिद्धिधाम जहाँ बसते हैं बाबा 'अन्नासाईंराम' उन्हीं का आशीर्वाद है सैलरी प्रसाद !
जिस पार्टी में भक्त लोग केवल बाबा के आदेश का पालन करते हैं वहाँ बाबा के आदेश के बिना पत्ता भी कैसे हिल सकता है !अपने बेरोजगार भक्तों की बेरोजगारी दूर करने वाले बाबा बहुत दयालू हैं |बाबा के सम्प्रदाय का मानना है कि खर्चों की कमी हो तो सैलरी जितनी चाहो उतनी बढ़ा लो उसे भ्रष्टाचार नहीं माना जाएगा !वैसे भी बाबा की कृपा केवल उनके भक्तों पर बरसती है भक्त कुछ भी करें सब खुशी खुशी स्वीकार करते हैं बाबाsee more....http://samayvigyan.blogspot.in/2015/12/blog-post_43.html
आमआदमीपार्टी ' नेताओं में न सादगी थी न सेवा भावना !ये श्लोगन किसी की नक़ल थे पढ़िए उसे भी!
हमारे इस लेख से लिए गए आम आदमी पार्टी का नाम और रीति रिवाज सादगी साधुता
आदि आदि !और चुनाव जीतने के बाद भाग गई सारी सादगी ! देखा देखी में ओढ़ी हुई
चीजें बहुत समय तक नहीं चल पातीं !हाँ यदि ये सादगी उनके अपने वास्तविक
स्वभाव में होती तो सादगी इतनी जल्दी बोझ नहीं बनती ! दूसरों को बेईमान और चोर बताने वाले ये आपिए खुद
कितने ईमानदार हैं? वे कितना सच बोलते हैं,उनका रहन सहन क्या वास्तव में
इतना ही सादगी पूर्ण है या अतीत में भी ऐसा ही रहा है?मेरा अनुमानित आरोप है कि मेरे लेख सेsee more... http://samayvigyan.blogspot.in/2015/07/blog-post_28.html
गरीबों के साथ गद्दारी क्यों ?केजरीवाल जी !क्या देश की आजादी पर गरीबों का कोई हक़ नहीं है !
सरकारों के खून में पाया जाने वाला गद्दारी जन्य दोष अब तो कई सरकारी कर्मचारियों में भी दिखने लगा है!
समाज के अंग होने के बाद भी इनके मन में आज समाज के प्रति अपनापन खतम सा होता दिख
रहा है घूस दो तो काम होगा अन्यथा नहीं होगा आप कानूनी अधिकारों की
पर्चियाँ पकड़े घूमते रहो !लोगों का मानना है चूँकि घूँस आदि भ्रष्टाचार के
माध्यम से लिया धन का हिस्सा जब सरकारी दुलारे राजापूत सरकार तक पहुँचा
देते हैं तब अपनेsee more.... http://samayvigyan.blogspot.in/2015/08/blog-post_21.html
आप विधायक कब तक ढोवें बनावटी त्याग तपस्या और राजनैतिक ब्रह्मचर्य !अन्ना जी इतने बदल गए आप !सादगी की बड़ी बड़ी बातें करने वाले अन्ना जी आपसे इतनी तो उम्मींद थी ही कि कुछ गलत होगा तो आप बोलेंगे किंतु आपका मौन सबसे अधिक दुःख दे रहा है जिन गणों के साथ आपने सादगी का नारा दिया था आज उनकी आत्मा इतनी बदल गई कि आज उनका एक लाख में गुजारा नहीं हो रहा है दिल्ली वालों का कैसे होता होगा अन्ना जी उसके विषय में भी सोचिए ! see more....http://samayvigyan.blogspot.in/2015/07/blog-post_4.html
अन्ना हजारे जी !विधायक यदि जन सेवक हैं तो क्यों लेते हैं सैलरी ?वो भी इतनी ?
विधायक यदि सेवक हैं तो सैलरी क्यों ? जनप्रतिनिधि सैलरी लेते हैं तो सेवा कैसी !सैलरी तो नौकरों को मिलती है सेवकों को नहीं !जनप्रतिनिधियों के लिए रामराज्य ! ये सांसद हैं या जनसेवक ?ये सेवा है या शोषण ?
जनप्रतिनिधियों की सैलरी डबल करने, पेंशन में बढ़ोत्तरी की सिफारिश -एक खबर
अरे सांसदो विधायको !देश की जनता को क्यों देखते हो इतनी गिरी नजर से !इतनी ही सभ्यता और उदारता जनता के लिए भी बरतते तुम तो लगता कि हम देश वासियों को भी जिंदा समझते हो तुम !
अरे देश के कर्णधार जन प्रतिनिधियो !तुम्हारा गुजारा यदि लाखों रुपयों में नहीं होता see more....http://samayvigyan.blogspot.in/2015/07/blog-post_2.html
जनप्रतिनिधियों की सैलरी डबल करने, पेंशन में बढ़ोत्तरी की सिफारिश -एक खबर
अरे सांसदो विधायको !देश की जनता को क्यों देखते हो इतनी गिरी नजर से !इतनी ही सभ्यता और उदारता जनता के लिए भी बरतते तुम तो लगता कि हम देश वासियों को भी जिंदा समझते हो तुम !
अरे देश के कर्णधार जन प्रतिनिधियो !तुम्हारा गुजारा यदि लाखों रुपयों में नहीं होता see more....http://samayvigyan.blogspot.in/2015/07/blog-post_2.html
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