Monday, 30 November 2015

आरक्षण जैसी सभी सुविधाओं के लिए तो जाति बताने में गर्व और मंदिरों में जाति बताने में शर्म ! ये कैसा सिद्धांत ?

"शैलजा, पुनिया ने मंदिरों में जाति पूछे जाने का मामला उठाया, राज्यसभा में हंगामा"
    जातिवादी सरकारें अब जातियों के नाम पर स्कूलों में भी खेलने लगी हैं बचपन बाँटने का खतरनाक खेल !तब क्यों बुरा नहीं लगता है ऐसे स्वार्थसंकीर्ण दयादोहक नेताओं को ! शिक्षा ,नौकरी अनुदान आदि हर जगह जातियों के आधार पर जीने वाले लोग अब जातियाँ बताने में डरने क्यों लगे हैं !
     अब तो सरकारें ये भी तो बता दें कि किस दिन किस जाति के बच्चे स्कूल में पढ़ने आवें !इससे और कुछ हो न हो किंतु सवर्णों के बच्चे बेचारे जलील होने से तो बच ही जाएँगे !
बंधुओ !आरक्षण का जहर स्कूलों तक न पहुँचने दिया जाता तो अच्छा होता ! सरकारी स्कूलों में किसी को एससी के नाम पर पैसे मिलते हैं किसी को माइनॉरिटी के नाम पर और सवर्णों के छोटे छोटे बच्चे ताकते रह जाते हैं वे बेचारे नहीं समझ पाते कि सरकारें किस पाप का दंड दे रही हैं उन्हें !
सवर्णों के छोटे छोटे बच्चे स्कूलों से मायूस होकर लौटते हैं घर और पूछते हैं अपने माता पिता से कि एससी या माइनॉरिटी बनने के लिए क्या पढ़ाई पढ़नी पड़ती है ? माँ ने पूछा क्यों ?बच्चे ने उदास होकर कहा माँ मुझे भी बनना है एससी और माइनॉरिटी दोनों !माँ ने कहा तू कैसे बन सकता है? बच्चे ने कहा माँ मेहनत करके पढ़ाई लिखाई करूँगा तब भी नहीं बन सकता क्या !माँ ने कहा तुम कभी नहीं बन सकते !बच्चे ने पूछा क्यों ?तो माँ ने कहा बेटा ये सब कुछ बनने के लिए कुछ पढ़ना वढ़ना नहीं अपितु बेवकूफ रहना होता है । बच्चे ने कहा कि क्यों ?तो माँ ने कहा बेटा भगवान न करे कि सरकार से भीख माँगने के लिए किसी को ये तरह तरह के वेष धरने पड़ें !

बेटा !ये सबकुछ बनने के लिए बड़े झूठ बोलने पड़ते हैं पहले कहना पड़ता है कि मैं सवर्णों के कारण गरीब हूँ क्योंकि उन्होंने मेरा पहले शोषण किया था किंतु बेटा आजतक ये झूठे ये नहीं बता पाए कि सवर्णों ने इनका शोषण किया कब और कैसे था कितना किया था और वो धन गया कहाँ यदि सवर्णों ने ऐसा किया होता तो वो लोग क्यों गरीब होते !दूसरी बात सवर्णों की संख्या तो कम थी जब वे शोषण कर रहे थे तब बहु संख्यक लोगों ने उन्हें ऐसा करने क्यों दिया ?आदि बातों के उनके पास जवाब नहीं होते !

इसी प्रकार एक तरफ तो ये लोग अपने घर गृहस्थी का खर्च चलाने के लिए सरकारों के आगे हाथ फैलाया करते हैं ये खुद स्वीकार करते हैं कि हम अपने बल पर अपनी तरक्की नहीं कर सकते हमें घर चलाने के लिए के लिए सरकार की मदद चाहिए !तो दूसरी ओर चुनाव लड़कर विधायक मंत्री आदि सब कुछ बन जाना चाहते हैं ऊपर से कहते हैं कि हम तो देश की तरक्की करेंगे !अरे !अपनी तरक्की अपने बल पर कर नहीं सकते उसके लिए तो आरक्षण चाहिए किंतु देश की तरक्की करने की गारंटी लेते हैं । बहुत झूठ बोलते हैं ये लोग !

वैसे भी ऐसा झूठ साँच बोलकर पाया गया धन न तो अपने काम आता है और न ही बच्चों की तरक्की के काम और न ही इससे स्वाभिमान ही बन पाता है इसलिए तुम पैसे मांगने या दयादोहन करने के लिए एससी ,माइनॉरिटी आदि कुछ भी न बनो परिश्रम करके तरक्की करो और स्वाभिमानी जीवन जियो !

सरकारों की आरक्षण आदि कृपा के बलपर जीवित रहने वाले लोग पेट तो भर सकते हैं किंतु तरक्की कभी नहीं कर सकते और न ही स्वाभिमान ही बचाकर रख सकते हैं रही बात पेट भरने की तो वो तो पशु भी भर लेते हैं मानव का कर्तव्य तो स्वाभिमानपूर्वक अपनी तरक्की स्वयं करना है ।

माँ की ये सब बातें सुनकर बच्चा सच्चाई समझते ही खुश होकर शांत हो गया !








अगड़ी जातियों को भी आरक्षण दें मोदी - मायावती

अगड़ी जातियों को भी आरक्षण दें मोदी - मायावती 
   किंतु मायावती जी !ऐसा आरक्षण नहीं चाहिए सवर्णों को ! स्वाभिमानी सवर्ण लोग सरकारी दयादोहन के बल पर ज़िंदा नहीं रहना चाहेंगे ! आरक्षण के बलपर प्रतिष्ठा किसी को मिली नहीं सम्मान किसी का बढ़ा नहीं पुरस्कार किसी को मिला नहीं ! आरक्षण से कुछ लोगों के पेट भरने का जुगाड़ भले हो गया होगा किंतु पेट तो पशु भी भर लेते हैं फिर पेट भरने के लिए आरक्षण माँगा जाए ये तो स्वाभिमान के विरुद्ध है ! सवर्ण अपने परिश्रम से कमा खा सकते है परिवारों का भरण पोषण कर सकते हैं उनके लिए आरक्षण माँगकर क्यों बदनाम कर रहे हो सवर्णों को !वैसे भी पिछड़ी जातियों को ही आरक्षण का आदी  बनाकर बर्बाद कर दिया गया अन्यथा अपना भरण पोषण तो वो भी अपने बल पर कर सकते थे फिर आरक्षण उन्हें भी क्यों ?जी लेने देते थोड़े दिन उन्हें  स्वाभिमान से । एक ठप्पा लगा दिया कि ये लोग अपने बलपर नहीं कर सकते हैं अपनी तरक्की ।  अब जब वो अपने बल पर अपनी तरक्की करने लायक नहीं रह गए तो अब अगड़ी जातियों पर साधा है निशाना !सवर्णों को ऐसा आरक्षण नहीं चाहिए जो उन्हें कामचोर मक्कार सिद्ध करे जो उनके स्वाभिमान पर चोट कर रहा हो ऐसा आरक्षण नहीं चाहिए सवर्णों को !see more...http://samayvigyan.blogspot.in/2015/11/blog-post_5.html

Wednesday, 25 November 2015

मोदी सरकार इस समय भ्रष्टाचार और आतंकवाद के विरुद्ध युद्ध छेड़े हुए है !इसी समय अकारण देश छोड़ने वालों पर शंका होती है ?

मोदी सरकार में डर किस बात का !और डरे कौन ?   
    इस समय दुनियाँ आतंकवाद से जूझ रही है रोज सुना जा रहा है कि मानवता के विरोधी लोग पैर पसारते चले जा रहे हैं ऐसे विषम समय में देश का साथ छोड़कर भागने की बात करने वालों की गतिविधियों पर रखी जाए निगरानी !अन्यथा देश की सरकार से यदि किसी को कोई शिकायत है तो देश में रहकर समाधान क्यों न खोजा  जाए !
  जिस समय मोदी जी भ्रष्टाचार और आतंकवाद के विरुद्ध युद्ध छेड़े हुए हैं ऐसी परिस्थिति में किसी भी व्यक्ति के द्वारा देश छोड़कर जाने की बात करना शंका पैदा करता ही है । वैसे भी जो लोग प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से ऐसी किसी गतिविधि में सम्मिलित हों तो उन्हें जरूर डरना चाहिए और ऐसे डरने वालों पर सरकार को निगाह रखनी चाहिए और ऐसे लोगों को भागने भी नहीं दिया जाए !ऐसे लोगों की गतिविधियों पर नजर रखी जानी चाहिए !आतंकवादी संगठनों के द्वारा मानवता के विरुद्ध सम्पूर्ण विश्व में आज जाल फैलाया जा रहा है ऐसे में कोई व्यक्ति अचानक कहने लगे कि मेरी पत्नी कहती है कि मुझे तो देश में डर लगता  है और उस डर का कोई प्रमाणित कारण न बताए तो ऐसे लोगों पर शंका होना स्वाभाविक है !हिंदुओ और हिन्दुतानियों से डरने डरने का तो बहाना है कारण कुछ और भी हो सकता है ।
पढ़ें हमारा ये लेख भी - 
जिस महिला को हिंदूधर्म पसंद ही न आया हो उसे हिंदुस्तान पसंद आएगा ऐसी उम्मींद ही क्यों ?
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जिस महिला को हिंदूधर्म पसंद ही न आया हो उसे हिंदुस्तान पसंद आएगा ऐसी उम्मींद ही क्यों ?

 शादी के समय तो मोदी सरकार नहीं थी हिंदुओं को तब क्यों रिजेक्ट कर दिया गया था उन्होंने ? 
हिंदू और हिंदुस्तान जिस महिला को पसंद ही न रहे हों उसकी बातों पर इतना बवाल क्यों !आश्चर्य !!
      देश की किसी महिला को कोई दूसरा देश पसंद आ ही गया है तो जाए वहाँ किंतु हिंदुस्तान को बुरा भला कहकर जाना ठीक नहीं है ये तो हिंदुस्तान की सरासर बेइज्जती करना है । 
    बंधुओ ! हिंदुओं को तो वो पहले ही रिजेक्ट कर चुकी थीं हिंदुस्तान को अब कर रही हैं !किंतु हिंदुस्तानियों को यह सोचकर सतर्कता पूर्वक सहनी चाहिए ये पीड़ा !वैसे भी बुरा हमें जब पहले नहीं लगा था तो अब क्यों लग रहा है ! हिंदुओं में तब जवान ,सुंदर और काबिल लड़के नहीं थे क्या !या हिंदू तब भी उन्हें असहिष्णु ही लग रहे  थे ! आज देश छोड़ने का कारण यदि वो डर बता रही हैं तो धर्म छोड़कर दूसरे धर्म में शादी करने का कारण उन्होंने आखिर क्या बताया था उनके पति महोदय को ये बात भी सार्वजनिक करनी चाहिए कि उन्हें तब क्या कमी लगी थी उन्हें हिन्दू धर्मियों में ?आखिर तब क्यों पसंद नहीं आए थे हिंदू लड़के ? 
    कुल मिलाकर अपनी पसंद और नापसंद के आधार पर जीने की शौकीन ऐसी किसी महिला ने यदि कोई और देश पसंद ही कर लिया है तो जाए !
     किसी अभिनेता की घरेलू बातों पर इतना बवाल क्यों ?और यदि हुआ ही है तो पत्नी को आगे करके अपनी बात कहने वाले उस स्त्रैण अभिनेता से ये भी पूछा चाहिए कि आज तक उन्हें यहाँ डर क्यों नहीं लगा और आज क्यों लग रहा है इस देश में ऐसा नया हुआ क्या है ?
     वैसे भी किसी को हिंदू धर्म और हिंदुस्तान की बातें करना असहिष्णुता लगती है तो इसमें समाज का क्या दोष ? देश छोड़कर भागने वाले किसी भी व्यक्ति के अतीत पर भरोसा कैसे किया जाए कि उसमें राष्ट्र निष्ठा पहले कभी रही होगी !
पढ़ें मेरा यह लेख भी -
 मोदी सरकार इस समय भ्रष्टाचार और आतंकवाद के विरुद्ध युद्ध छेड़े हुए है !इसी  समय अकारण देश छोड़ने वालों पर शंका होती है ?मोदी सरकार में डर किस बात का !और डरे कौन ?  
 
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Tuesday, 24 November 2015

अन्ना जी ! दाग तो लग ही गया आप मानें या न मानें!अब लीपापोतीक्यों कर रहे हैं आप ?


 लालू से गले मिलने पर अन्ना बोले- "अच्छा हुआ केजरीवाल साथ नहीं... वरना मुझे भी दाग लग जाता !"

    किंतु  अन्ना जी दाग जो लगना था  वो तो लग ही चुका  है यदि ऐसा न होता तो आज आप भी केजरीवाल की ओर से अकारण सफाई नहीं दे रहे होते !इसलिए अब आप अपने विषय में स्पष्ट कीजिए कि लालू जी से मिलने केजरी वाल जी को आपने भेजा था या वो अपने आप से गए थे ?
हे केजरीवाल जी ! आपके शपथग्रहण समारोह में या वैसे आप से मिलने लालू जी कभी आए क्या ?फिर उन्हें क्यों बदनाम कर रहे हैं आप !
    केजरीवाल जी !लालू जी से मिलने के लिए आप गए थे पटना उनके मंच पर !इस सच्चाई को स्वीकार कीजिए यदि लालू जी से गले न भी मिलते तो क्या बच जाते तपस्वी अन्ना हजारे के आदर्श सिद्धांत !तुम्हारे वहाँ पहुँचने का मतलब ही समर्थन होता है ।
   यदि ऐसा न होता तो मंच लालू जी का शपथ ग्रहण समारोह उनके पुत्रों का और वही न मिलते  मंच पर ऐसी सोच लेकर आप गए ही क्यों ?आखिर वे पिता हैं उन पुत्रों के जिन्हें मंत्री बनना था और जब तुम पहुँच ही गए उनके मंच पर तो उन्होंने अतिथि सत्कार के नाते खुशी में यदि आपसे भी गले मिल ही लिया तो गुनाह हो गया क्या ?यदि आप लालू के साथ हैं तो हैं स्वीकार करने की हिम्मत कीजिए !अन्यथा वहाँ उनके मंच पर गए क्यों वो तो दिल्ली आकर भी कभी नहीं आए तुम्हारे मंच पर और न ही तुम्हारे शपथग्रहण समारोह में ही ! क्या ये सच नहीं है !अब लालू मुक्त पवित्रता का दम्भ क्यों भर रहे हैं आप !क्यों देते फिर रहे हैं सफाई ?see more....http://sahjchintan.blogspot.in/2015/11/blog-post_82.html

Monday, 23 November 2015

हे केजरीवाल जी ! आपके शपथग्रहण समारोह में या वैसे आप से मिलने लालू जी कभी आए क्या ?फिर उन्हें क्यों बदनाम कर रहे हैं आप !

    केजरीवाल जी !लालू जी से मिलने के लिए आप गए थे पटना उनके मंच पर !इस सच्चाई को स्वीकार कीजिए यदि लालू जी से गले न भी मिलते तो क्या बच जाते तपस्वी अन्ना हजारे के आदर्श सिद्धांत !तुम्हारे वहाँ पहुँचने का मतलब ही समर्थन होता है । 
   यदि ऐसा न होता तो मंच लालू जी का शपथ ग्रहण समारोह उनके पुत्रों का और वही न मिलते  मंच पर ऐसी सोच लेकर आप गए ही क्यों ?आखिर वे पिता हैं उन पुत्रों के जिन्हें मंत्री बनना था और जब तुम पहुँच ही गए उनके मंच पर तो उन्होंने अतिथि सत्कार के नाते खुशी में यदि आपसे भी गले मिल ही लिया तो गुनाह हो गया क्या ?यदि आप लालू के साथ हैं तो हैं स्वीकार करने की हिम्मत कीजिए !अन्यथा वहाँ उनके मंच पर गए क्यों वो तो दिल्ली आकर भी कभी नहीं आए तुम्हारे मंच पर और न ही तुम्हारे शपथग्रहण समारोह में ही ! क्या ये सच नहीं है !अब लालू मुक्त पवित्रता का दम्भ क्यों भर रहे हैं आप !क्यों देते फिर रहे हैं सफाई ?
   केजरीवाल जी !यदि आप लालू जी से नहीं ही गले मिलना चाहते थे तो आपके चिपकने के लिए जैसे ही लालू जी आगे बढ़ने लगे थे वैसे ही आप कह तो सकते थे कि खबरदार ! आगे बढ़े तो मैं शोर मचा दूँगा !किंतु आपने ऐसा कुछ तो किया नहीं अब सफाई देने से क्या होगा अब तो जनता सबकुछ समझ चुकी है -
     अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुन गई खेत !
हे केजरीवाल जी ! 
   बिहार में लालू का राज नितीश को ताज की स्थिति है !बिहार सरकार में मनमोहन सिंह जी की तरह ही साल दो साल गुजर बसर करनी होगी नीतीश जी को तब तक थोड़ा बहुत सीख ही जाएँगे मुख्यमंत्री बनना !तब रखी जाएगी ढाई ढाई वर्ष वाली शर्त ! इस प्रकार से ये शपथ ग्रहण समारोह था ही लालू जी का वही सर्वे सर्वा थे !ये पता होते हुए भी आप कह रहे हैं हम तो नीतीश जी को बधाई देने गए थे !जबकि वहाँ नीतीश जी तो एक कोने में बैठे थे बाकी सब तो लालूमय ही  था मंच !वहाँ जाकर लालू जी से गले न मिलना कैसे संभव था ? 
    हे अन्नाआदर्शों के अनन्य प्रेमी अरविंद जी !
 आप बंशवादी राजनीति के  विरोध का अभी भी  दंभ भर रहे हैं जबकि आपकी आँखों के सामने उसी मंच पर दो दो नौनिहालों को तीन तीन तीन मंत्रालय परोसे गए तब तुम्हारी हिम्मत क्यों नहीं पड़ी विरोध करने की और यदि साहस नहीं था तो उठकर चले आते तब भी बात समझी जा सकती थी कि आपको बुरा लगा तो आप चले आए !किंतु आप तो वहाँ से सब कुछ करवा धरवाकर ही आए हैं अब दिल्ली वालों के सामने रोना धोना लेकर क्यों दे रहे हैं सफाई !अब दिल्ली वाले तुम्हारी मदद कैसे करें मुख्यमंत्री जी !तुम्हें यदि लालू जी का आचरण इतना ही बुरा लगा था तो वहीँ पटना में बैठकर क्यों नहीं की थी प्रेसकांफ्रेंस !वहाँ डर लग रहा था क्या ?और यदि ऐसा भी था तो यहाँ आते ही बता देते मीडिया को !अब आज बताने का क्या फायदा !
केजरीवाल जी !लालू जी से गले मिलना कोई सामान्य सौभाग्य था क्या ?
    लालू जी पहले मुख्यमंत्री थे  फिर मुख्यमंत्री पति बने अब उपमुख्यमंत्री पिता हैं वो भी बिहार जैसे बड़े राज्य के ! शपथग्रहण समारोह में सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते लालू जी ही उस मंच पर सर्वे सर्वा थे ।उन्होंने मंच पर आपको पहुँचे देखा कि हमारे उपमुख्यमंत्री बेटे का कोई मुख्यमंत्री मित्र शपथग्रहण समारोह में सम्मिलित होने के लिए यदि दिल्ली से आया है तो अपने बेटे की तरह ही उसका भी उत्साह बढ़ाना  चाहिए यह सोचकर गले लगा  लिया होगा उन्होंने आपको केजरी वाल जी !इसमें बुरा मानने की बात ही क्या है जो सफाई दे रहे हैं आप !
    मुख्यमंत्री केजरीवाल जी !
    लालू जी उम्र में आपसे बड़े हैं संपत्ति भी अधिक है अनुभव भी अधिक है आपकी अपेक्षा कई बड़े पदों पर वे रहचुके हैं 'कैदी' जैसे पद को भी सुशोभित कर चुके हैं वे इतने सारे अनुभव समेटे लालू जी ने यदि उपमुख्यमंत्री के पिता होने के नाते दिल्ली जैसे छोटे  राज्य के मुख्यमंत्री को गले लगाया तो ये लालू जी का बडप्पन ही  है !
 केजरीवाल जी !यदि लालू जी के गले लगना आपको पसंद नहीं था तो दिल्ली छोड़कर गए ही क्यों आप !जाने के लिए न कोई जनमत संग्रह न कुछ ऐसे ही वहाँ चले गए क्यों ?
   केजरीवाल जी !आपसे गले मिलने लालू जी दिल्ली तो नहीं आए थे आप ही उनके मंच पर गए उनसे मिलने न कि लालू प्रसाद जी आए आपके मंच पर !वैसे भी  केजरीवाल जी यदि आपके गले मिलने का लालू जी के मन में इतना ही उतावलापन  होता तो वो पहले भी तो दिल्ली में आकर आपके यहाँ पहुँचकर  गले  मिल लेते किंतु लालूप्रसाद जी ने तो आपसे मिलने की कभी जरूरत ही नहीं समझी !अब केजरीवाल जी आप ही पटना में उनके मंच पर पहुँच गए तो आगंतुकों का स्वागत करने के लिए सामने खड़े लालू जी को गले पड़ना ही था उनकी जिम्मेदारी में इतना ही  काम था आप वहाँ गए तो कोई भगा तो देगा नहीं स्वागत तो करना ही पड़ता है वही उन्होंने किया अब हो हल्ला क्यों ?
   केजरीवाल जी !  
   शपथग्रहण समारोह में आने वाले आगंतुकों  से गले लगने और पेट लड़ाने के लिए केवल लालूप्रसाद जी ही खाली थे ।अपने बेटे के शपथग्रहण समारोह में लालू जी के पास इसके अलावा कोई दूसरा काम भी नहीं था उन्होंने अपना दायित्व निभाया !इसमें उनकी क्या गलती है केजरीवाल जी !
      केजरी वाल जी !लालू प्रसाद जी को यदि इतना ही राजनैतिक अछूत मानते थे तो केजरीवाल  जी वहाँ गए क्यों ?
    यदि गए भी थे तो लालू जी के पास क्यों खड़े हुए और यदि हुए भी थे तो जब वे जबर्दश्ती पकड़ कर चिपकने लगे थे तब केजरीवाल जी आप अपने को छुटाने का भी कोई प्रयास करते नहीं देखे गए यदि लालू जी ने ज्यादा तेजी से पकड़ रखा था तो बचाओ !बचाओ! कहकर शोर तो मचा ही सकते थे कम से कम सुरक्षा कर्मी साथ न भी देते वो उनके थे तो मंच पर बैठे अन्य नेता तो बीच बराव कर ही सकते थे यदि  नहीं कर सकते थे तो शोर मचाकर ही सकते थे तो मीडिया वाले गवाह बन जाते कि आप नहीं मिलना चाह रहे थे किंतु लालू प्रसाद जी ने बलपूर्वक दबोच लिया था आपको !किंतु ऐसा तो कुछ भी नहीं हुआ आप तो उनसे गले मिलकर इतना अधिक खुश थे कि आपके मुखमण्डलपर  बिकसित दंत पंक्ति आपकी गवाही देने से चूकी नहीं और उसने सारी पोल खोल दी ! 
   आप दोनों ने गले मिलकर हाथ मिलाकर जनता का अभिवादन  ख़ुशी ख़ुशी किया !किया तो किया अब दिल्ली में आकर आखिर आपको धमका कौन रहा है जो अब सफाई दे रहे हैं उसका नाम जनता को बताइए दिल्ली की जनता तुम्हारे साथ है यदि लालू जी से गले मिल भी लिए तो कोई बात नहीं दिल्ली वाले आपका शुद्धीकरण कर लेंगे आपको अन्ना जी के पास ले चला जाएगा वे अपने बचनोदकी छींटे छिड़ककर पुनः पवित्र कर देंगे तुम्हें !सफाई क्यों दे रहे हैं आप !आप तो दिल्ली के गौरव हैं !!
       


मोदी जी को क्यों लेनी चाहिए दोबारा शपथ ?लालू जी !!

मोदी जी की तुलना  हर जगह क्यों करने लगते हैं आप !
लालू जी !शपथग्रहण में आपके बेटे ने तो अर्थ का अनर्थ ही कर दिया था जबकि मोदी जी की बात से अर्थ का अनर्थ नहीं ही हुआ !
   लालू जी विलोम शब्द और तत्सम और तद्भव शब्दों का अंतर समझिए तब तुलना कीजिए !लालू जी विलोम शब्द और तत्सम -तद्भव को एक तराजू पर नहीं तौला  जा सकता !
 "अक्षुण्ण" ही नहीं बोला तो शपथ बेकार है.PM को दोबारा शपथ लेनी चाहिए."अक्षण्ण" का हिंदी में कोई शाब्दिक अर्थ नहीं है-लालू प्रसाद"
 लालू जी !मोदी जी के द्वारा बोले गए "अक्षुण्ण "शब्द की जगह "अक्षण्ण " शब्द का कोई अर्थ होता हो या न होता हो किन्तु अनर्थ तो नहीं ही होता है ये बात तो पक्की है किंतु लालू जी !आपके बेटे के द्वारा  बोले गए "अपेक्षित" की जगह "उपेक्षित" शब्द से तो अर्थ का अनर्थ हो जाता है क्योंकि ये आपस में विलोम शब्द हैं दूसरी बात मोदी जी के द्वारा "अक्षुण्ण "शब्द की जगह प्रयोग किए गए "अक्षण्ण "शब्द को यदि निरर्थक मान भी  लिया जाए तो भी विरोधी अर्थ न देने से see more...http://sahjchintan.blogspot.in/2015/11/blog-post_23.html

लालू जी !शपथग्रहण में आपके बेटे ने तो अर्थ का अनर्थ ही कर दिया था जबकि मोदी जी की बात से अर्थ का अनर्थ नहीं ही हुआ !

   लालू जी विलोम शब्द और तत्सम और तद्भव शब्दों का अंतर समझिए तब तुलना कीजिए !लालू जी विलोम शब्द और तत्सम -तद्भव को एक तराजू पर नहीं तौला  जा सकता !
 "अक्षुण्ण" ही नहीं बोला तो शपथ बेकार है.PM को दोबारा शपथ लेनी चाहिए."अक्षण्ण" का हिंदी में कोई शाब्दिक अर्थ नहीं है-लालू प्रसाद 
 लालू जी !मोदी जी के द्वारा बोले गए "अक्षुण्ण "शब्द की जगह "अक्षण्ण " शब्द का कोई अर्थ होता हो या न होता हो किन्तु अनर्थ तो नहीं ही होता है ये बात तो पक्की है किंतु लालू जी !आपके बेटे के द्वारा  बोले गए "अपेक्षित" की जगह "उपेक्षित" शब्द से तो अर्थ का अनर्थ हो जाता है क्योंकि ये आपस में विलोम शब्द हैं दूसरी बात मोदी जी के द्वारा "अक्षुण्ण "शब्द की जगह प्रयोग किए गए "अक्षण्ण "शब्द को यदि निरर्थक मान भी  लिया जाए तो भी विरोधी अर्थ न देने से उतना दोष पूर्ण नहीं माना जा सकता !
केजरीवाल जी को भले दिला  दी जाए दोबारा शपथ !
   अरविंद केजरीवाल जी को भी शपथ दिलाते समय 'अंतःकरण' की जगह 'अंतकरण' बोलवाया गया था जो गलत था किंतु ये गलती शपथ दिलाने वाले की ओर सी हुई थी जबकि शपथ लेने वाले ने समझदारी से काम लिया था !see more... https://www.youtube.com/watch?v=M1UMEPVZLk8
    हमें यह भी ध्यान रखना होगा कि हिंदी में 'तत्सम' शब्द तो नियमों से बँधे होते हैं किंतु 'तद्भव' शब्द तो उच्चारणसुगमता  के आधीन ही होते  हैं बशर्ते जिन शब्दों के बोलने से मूल शब्द का वास्तविक अर्थ स्पष्ट हो जाता हो साथ विपरीत अर्थ भी न निकलता हो ऐसे शब्दों को ही तो तद्भव शब्द कहा गया है इस हिसाब से मोदी जी के द्वारा बोला गया "अक्षुण्ण "शब्द की जगह "अक्षण्ण "कितना गलत रह जाता है आप स्वयं सोचिए !
   तत्सम शब्दों में समय परिस्थिति  एवं बोली भाषा के अंतर के कारण शब्दों के उच्चारण में अंतर हो जाता है किंतु ऐसे शब्दों को तब तक बिलकुल गलत नहीं माना  जा सकता जब तक उनका अर्थ एक दूसरे के विपरीत न हो !
जैसे - रवींद्र   नाथ 'ठाकुर' थे किंतु उन्हें 'टैगोर' कहा जाने लगा जबकि टैगोर अपने यहाँ कोई जाति ही नहीं है । हुआ ये कि अंग्रेजों की जबान नहीं लौटती थी तो वे ठाकुर को टैगोर कहने लगे आज तो भारतीय भी टैगोर कहते हैं ।
    इसी प्रकार से मोदी जी के कहे हुए "अक्षुण्ण "शब्द की जगह "अक्षण्ण "को भी लिया जाना चाहिए ये शब्द भले ही शुद्ध न हो किंतु तद्भव होने के कारण गलत नहीं है !जैसे ये सारे शब्द हैं -आप स्वयं देखिए -
तत्सम -- तद्भव
आभीर -- अहेर
आर्य -- आरज
अनार्य -- अनाड़ी
आश्विन -- आसोज
आश्चर्य -- अचरज
अक्षर -- अच्छर
अगम्य -- अगम
अक्षत -- अच्छत
अक्षय -- आखा
अष्टादश -- अठारह
अग्नि -- आग
आम्रचूर्ण -- अमचूर
आमलक -- आँवला
अमूल्य -- अमोल
अंगुलि -- अँगुरी
अक्षि -- आँख
अर्क -- आक
अट्टालिका -- अटारी
अशीति -- अस्सी
ईर्ष्या -- ईर्षा
उज्ज्वल -- उजला
उद्वर्तन -- उबटन
उत्साह -- उछाह
ऊषर -- ऊसर
उलूखल -- ओखली
उच्छवास -- उसास
किरण -- किरन
कटु -- कड़वा
कपर्दिका -- कौड़ी
कर्तव्य -- करतब
कंकण -- कंगन
कुपुत्र -- कपूत
काष्ठ -- काठ
कृष्ण -- किसन
कार्तिक -- कातिक
कार्य -- कारज
कर्म -- काम
किंचित -- कुछ
कदली -- केला
कुक्षि -- कोख
केवर्त -- केवट
क्षीर -- खीर
क्षेत्र -- खेत
गायक -- गवैया
गर्दभ -- गधा
ग्रंथि -- गाँठ
गोधूम -- गेहूँ
ग्रामीण -- गँवार
गोमय -- गोबर
गृहिणी -- घरनी
धृत -- घी
चंद्र -- चाँद
चंडिका -- चाँदनी
चित्रकार -- चितेरा
चतुष्पद -- चौपाया
चैत्र -- चैत
छिद्र -- छेद
यमुना -- जमुना
यज्ञोपवीत -- जनेऊ
ज्येष्ठ -- जेठ
जामाता -- जवाई
जिह्वा -- जीभ
ज्योति -- जोत
यव -- जौ
दंष्ट्रा -- दाढ़
तपस्वी -- तपसी
त्रीणि -- तीन
तुंद -- तोंद
स्तन -- धन
दधि -- दही
दंत धावन -- दातुन
दीपशलाका -- दीया सलाई
दीपावली -- दीवाली
दृष्टि -- दीठि
दूर्वा -- दूब
दुग्ध -- दूध
द्विप्रहरी -- दुपहरी
धरित्री -- धरती
धूम -- धुंआ
नक्षत्र -- नखत
नापित -- नाई
निष्ठुर -- निठुर
निद्रा -- नींद
नयन -- नैन
पर्यंक -- पलंग
प्रहर -- पहर
पंक्ति -- पंगत
पक्वान्न -- पकवान
पाषाण -- पाहन
प्रतिच्छाया -- परछाई
पत्र -- पत्ता
फाल्गुन -- फागुन
वज्रांग -- बजरंग
वल्स -- बच्चा/बछड़ा
वरयात्रा -- बरात
बलीवर्द -- वैल
बली वर्द -- वींट
विवाह -- ब्याह
व्याघ्र -- बाघ
भक्त -- भगत
भिक्षुक -- भिखारी
बुभुक्षित -- भूखा
भाद्रपद -- भादौं
मक्षिका -- मक्खी
मशक -- मच्छर
मिष्टान्न -- मिठाई
मौक्तिक -- मोती
मर्कटी -- मकड़ी
मश्रु -- मूँछ
राजपुत्र -- राजपूत
लौह -- लोहा
लवंग -- लौंग
लोमशा -- लोमड़ी
सप्तशती -- सतसई
स्वप्न -- सपना
साक्षी -- साखी
सौभाग्य -- सुहाग
श्वसुर -- ससुर
श्यामल -- साँवला
श्रेष्ठी -- सेठी
शृंगार -- सिंगार
हरिद्रा -- हल्दी
हास्य -- हँसी
एला -- इलायची
नारिकेल -- नारियल
वट -- बड़
अमृत -- अमिय
वधू -- बहू
अगाणित -- अनगणित
अंचल -- आँचल
अँगरखा -- अंगरक्षक
अज्ञान -- अजान
अन्यत्र -- अनत
अंधकार -- अँधेरा
आषिष् -- असीस
अमृत -- अमीय
अमावस्या -- अमावस
अर्पण -- अरपन
अंगुष्ट -- अँगूठा
आश्रय -- आसरा
अद्य -- आज
अर्द्ध -- आधा
आलस्य -- आलस
अखिल -- आखा
अंक -- आँक
अम्लिका -- इमली
आदित्यवार -- इतवार
इक्षु -- ईख
इष्टिका -- ईंट
उत्साह -- उछाह
उच्च -- ऊँचा
उलूक -- उल्लू
एकत्र -- इकट्ठा
कच्छप -- कछुआ
क्लेष -- कलेष
कर्ण -- कान
कज्जल -- काजल
कंटक -- काँटा
कुमार -- कुँअर
कुक्कुर -- कुत्ता
कुंभकार -- कुम्हार
कष्ठ -- कोढ़
कपाट -- किवाड़
कोष्ठ -- कोठा
कूप -- कुआँ
कर्पट -- कपड़ा
कर्पूर -- कपूर
कपोत -- कबूतर
कास -- खाँसी
क्रूर -- कूर
गोस्वामी -- गुसाई
गोंदुक -- गेंद
ग्राम -- गाँव
गोपालक -- ग्वाला
गृह -- घर
घटिका -- घड़ी
गर्मी -- घाम
चर्वण -- चबाना

 


Sunday, 22 November 2015

नितीश जी के शपथ ग्रहण समारोह के महत्त्वपूर्ण आकर्षक अंश !

  •  हे केजरीवाल जी ! आपके शपथग्रहण समारोह में या वैसे आप से मिलने लालू जी कभी आए क्या ?फिर उन्हें क्यों बदनाम कर रहे हैं आप !
    केजरीवाल जी !लालू जी से मिलने के लिए आप गए थे पटना उनके मंच पर !इस सच्चाई को स्वीकार कीजिए यदि लालू जी से गले न भी मिलते तो क्या बच जाते तपस्वी अन्ना हजारे के आदर्श सिद्धांत !तुम्हारे वहाँ पहुँचने का मतलब ही समर्थन होता है ।
   यदि ऐसा न होता तो मंच लालू जी का शपथ ग्रहण समारोह उनके पुत्रों का और वही न मिलते  मंच पर ऐसी सोच लेकर आप गए ही क्यों ?आखिर वे पिता हैं उन पुत्रों के जिन्हें मंत्री बनना था और जब तुम पहुँच ही गए उनके मंच पर तो उन्होंने अतिथि सत्कार के नाते खुशी में यदि आपसे भी गले मिल ही लिया तो गुनाह हो गया क्या ?यदि आप लालू के साथ हैं तो हैं स्वीकार करने की हिम्मत कीजिए !अन्यथा वहाँ उनके मंच पर गए क्यों वो तो दिल्ली आकर भी कभी नहीं आए तुम्हारे मंच पर और न ही तुम्हारे शपथग्रहण समारोह में ही ! क्या ये सच नहीं है !अब लालू मुक्त पवित्रता का दम्भ क्यों भर रहे हैं आप !क्यों देते फिर रहे हैं सफाई ?see more....http://sahjchintan.blogspot.in/2015/11/blog-post_82.html

 अशिक्षित मंत्री अपने अनुशार चलाएँगे IAS अफसरों को !अफसरों का मनोबल कैसे बढ़े ! ये व्यवहार किसी अपमान से कम है क्या ? 
    इन नेता पुत्रों को खुद कुछ करना नहीं आएगा आप स्वयं सोचिए कि ये यदि कुछ करने लायक ही होते तो पढ़ लिख न लेते ! गरीबों के बच्चे भी  तो पढ़ जाते हैं ये तो सब सुख सुविधा पाने वाले मुख्यमंत्री के बेटे हैं तब भी जब ये पढ़ नहीं पाए तो कल्पना कीजिए कितने नकारा रहे होंगे ये नेतापुत्र  ! ऐसे लोगों को काम काज की समझ ही नहीं है अफसरों को काम करने देंगे ये !फोकट की टाँग अड़ाते रहेंगे हर जगह ! बिहार बासियों ने लिया एक गलत और दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय ! ऐसे ही अदूरदर्शी और भावुक निर्णयों से बिगड़ी है प्रदेश की शाख ! बिहारवासी भाई बहनों को अपने ही  देश के कई प्रांतों से मार पीट कर भगाया  गया !यद्यपि ये बहुत निंदनीय है किंतु कम ये भी नहीं है कि लोकतंत्र के नाम पर जो भ्रमित निर्णय लिया बिहारवासी भाई बहनों ने !इसके दुष्परिणामों को लेकर हर सुबुद्ध व्यक्ति संशयग्रस्त है फिर भी इस शुभ घडी में हमारी ओर से बिहारवासी भाई बहनोंको बहुत बहुत बधाई !see more....samayvigyan.blogspot.in/2015/11/blog-post_44.html

  • शपथग्रहण  समारोह में 'शकुनी श्री ' सबसे लड़ाते दिखे पेट !
      देश के किसी भी भाग में बदनाम नेताओं की कोई लिस्ट या भ्रष्टाचारी नेताओं को दी जाने वाली कोई गाली जिन 'शकुनीश्री' का नाम लिए बिना पूरी नहीं होती साक्षात वे ही  'शकुनी श्री ' नीतीश कुमार जी के शपथ ग्रहण समारोह में लोगों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र रहे !ये हर किसी किसी आगंतुक नेता से जबर्दश्ती पेट लड़ाते हाहाहूहू करते घूम रहे थे। इसमें भी सबसे आकर्षक दृश्य वह था जब अपनी गंदी भाषा से देश के  राजनेताओं को बेईमान लुटेरा चोर जैसे शब्द बोलकर  सत्ता हथियाने वाले एक नवोदित मुख्यमंत्री  ने 'शकुनीश्री' से पेट लड़ाया तो ये दृश्य देखकर लोग भौचक्के रह गए !भगवान करे   समाज साधक तपस्वी अन्ना हजारे जी ने न देखा हो यह दृश्य !क्या सह पाए होंगे वे अपने चेले की ये स्वचालित नैतिकता ! किंतु उस शपथ ग्रहण समारोह में सबसे अधिक देखा जाने वाला दृश्य यही था !see more....samayvigyan.blogspot.in/2015/11/blog-post_44.html
  •  मोदी से भयभीत विरोधी नेताओं की लगीं लंबी कतारें शपथ ग्रहण समारोह में !
          राष्ट्रीय राजनीति में अचानक प्रकट हुए मोदी जी के भय से डरे सहमे विपक्षी नेतालोगों को डेढ़ वर्ष बाद कल पहली बार शपथ ग्रहण समारोह में खुलकर हँसते देखा गया ! ऐसा लग रहा था कि जैसे किसी रेगिस्तान में भयंकर गर्मी से झुलसते पथिकों को भटकते भटकते कहीं छोटी सी छाया नसीब हो गई हो !क्या शकून था चेहरों पर !जैसे किसी जंगल में अचानक किसी शेर के आ जाने पर बड़े छोटे का भेदभाव भूलकर  आत्म सुरक्षा के लिए किसी एक जगह इकट्ठे हो गए हों !ऐसे ही शपथ ग्रहण समारोह का निमंत्रण मिलना तो यहाँ सम्मिलित नेताओं के लिए एक बहाना मात्र था सच्चाई में तो अपना अपना राजनैतिक आस्तित्व बचाने के लिए वहाँ पहुँचना सब जरूरी समझ रहे थे !see more....samayvigyan.blogspot.in/2015/11/blog-post_44.html
  •  देश की राजनीति के देवता भी पहुँचे थे शपथग्रहण समरोह में !
   जिनके दर्शन करने के लिए 'शकुनीश्री'  जैसे कॉमेडियन समय लेने के लिए महीनों जुगत भिड़ाया करते थे तब कहीं नसीब हो पाता था जिनका दीदार ! सौभाग्य से ऐसे देवता समारोह में अचानक स्वयं प्रकट  हो गए जिन्हें देखते ही खिला खिला उठे मोदीभय  से डरे सहमें बेसहारा नेता लोग !चूँकि ये समारोह उठाकर दिल्ली नहीं लाया जा सकता था इसलिए उन सुकोमलांग राजनैतिक राजकुमार को अपने आश्रितों का मनोबल एवं उत्साह बढ़ाने के लिए भी स्वयं पहुँचना पड़ा मंच पर !सकपकाए 'शकुनीश्री' ने उठकर उनसे भी तुरंत लड़ाया पेट !ये दृश्य देश के मीडियायी  कैमरों  के लिए बिलकुल अभूत पूर्व था ! see more....samayvigyan.blogspot.in/2015/11/blog-post_44.html

  • कानूनी अड़चनों के कारण चुनाव न लड़ पाने वाले लालू जी शपथ ग्रहण में आगंतुकों से पेट ही लड़ाते रहे !
  यह पेट जिससे जिससे लड़ा वो सुर्ख़ियों में आ गया उन लोगों को न जाने कितने दिनों तक देनी पड़े जनता को सफाई !मीडिया वाले बार बार दिखा रहे हैं बस वही पेटद्वय !जानिए और भी बहुत कुछ see more....samayvigyan.blogspot.in/2015/11/blog-post_44.html
  •   जो शपथपत्र नहीं पढ़ पाए वो सरकार चलाएँगे ख़ाक ! जैसे पिता जी कॉमेडी करके समय पास करते रहे वैसे ही पुत्र भी करेंगे !किंतु पता नहीं उन्हें कॉमेडी करनी आती भी है कि नहीं !
      अफसरों का ये दुर्भाग्य ही है कि उन्हें ऐसे नकारा नेतापुत्रों की जी हुजूरी करनी पड़ती है जो शपथपत्र भी न पढ़ पाते हों !   इसे लोकतंत्र का सम्मान कहें या शिक्षा का अपमान ! शिक्षा की जब दुर्दशा ही होनी है तो क्यों शिक्षा ? क्यों परीक्षा ?शिक्षा के लिए बड़ी बड़ी योजनाएँ क्यों ?  जिन नेतापुत्रों की शिक्षा चपरासियों जैसी हो उन्हें लोकतंत्र की दुहाई देकर मंत्री उपमुख्यमंत्री या मुख्यमंत्री !जैसे बड़े पदों पर सुशोभित किया जाना कहाँ का न्याय है !लोकतान्त्रिक प्रणाली में भी शिक्षा का क्या कोई महत्त्व नहीं होना चाहिए आखिर बिना शिक्षा के आजकल होता क्या है फिर भी राजनीति के लिए शिक्षा आवश्यक नहीं समझी जाती क्या !see more....http://samayvigyan.blogspot.in/2015/11/blog-post_31.html
  • नितीश जी का लोकतंत्र विरोधी बंशवादी गिरोह उन्हें PM बनाने की बात करके चढ़ा रहा है बाँस पर !गलतियाँ करेंगे अयोग्य नेता पुत्र और माफी माँगेगे नितीश कुमार ऐसे चलेगी बिहार सरकार !
    यदि पाँच वर्ष चलगई तो मनमोहन सिंह जी की तरह होगा राजनीति से किनारा अपर नहीं चला तो फिर जनता का सहारा !
   जिनके पास CM बनने की संख्या अपनी नहीं है उन्हें PM बनाने की बात बारे फारुख साहब !बारे सहयोगी बारी हमदर्दी !किंतु सरकार की सारे शक्तिवान मंत्रालय अपनी ओर खींच ले गए हैं लालू जी ।उन्होंने तो मनमोहन सिंह जी जैसा बनाकर रखा है नीतीश जी को ।  दूसरी बात राहुलगाँधी जी ,फारूक अब्दुल्ला जी ,शरद पवार जी , मुलायमसिंह जी, सुखबीरसिंह बादल,केजरीवाल जी तथा सुना है कि शिव सेना आदि लोकतंत्र  की दुहाई देने वाले  ये अधिकांश वो लोग थे जिन्हें केवल वोट लेने के लिए ही याद  रहता है लोकतंत्र !लालू जी की पार्टी के विधायक कैसे सहते हैं इतना अपमान!see more....http://sahjchintan.blogspot.in/2015/11/pm.html

  •  लालू जी से पेट लड़ाकर दिल्ली पहुँचे केजरीवाल जी का शुद्धीकरण हो तो कैसे ?अन्ना जी के बचनोदकी छींटे क्या पवित्र कर सकेंगे उन्हें !
बंधुओ !  जिन लालू जी का नाम लिए बिना भ्रष्टाचार विरोधी बड़ी से बड़ी गाली अधूरी मानी जाती हो उन 'शकुनीश्री' से पेट लड़ाकर  आए केजरीवाल जी !लोकतंत्र के लिए ये कोई छोटी घटना तो नहीं है !लालू जी यदि भ्रष्टाचारी हैं तो पेट क्यों लड़ाया गया और यदि वे ऐसे नहीं हैं तो उन पर इस तरह के आरोप क्यों लगाए गए !
    इससे  ये बात तो अब पूरी तरह स्पष्ट हो ही गई है कि अन्ना आंदोलन से अरविंद केजरीवाल जी के जुड़ने का लक्ष्य  भ्रष्टाचार का विरोध करना न होकर अपितु  केवल मुख्यमंत्री बनना था ! इस प्रकार अनेकों प्रकार से केजरीवाल जी की सच्चाई समाज के सामने आ जाने के बाद उन पर अविश्वास होना स्वाभाविक है !इसलिए अब यह जानना बहुत जरूरी हो गया है कि अन्ना जी के आंदोलन का उद्देश्य  क्या केवल केजरीवाल जी को ही राजनीति में लांच करना मात्र था ?और यदि ये सच है तो जनता के विश्वास के साथ ऐसा छल किया क्यों गया और यदि ये सच नहीं है तो रामलीला मैदान में आंदोलन के समय बात बात में पिनकने वाले अन्ना हजारे जी अब मौन क्यों हैं ? उन्हें समाजsee more....http://sahjchintan.blogspot.in/2015/11/blog-post_61.html

  • नितीश जी के शपथ ग्रहण समारोह के महत्त्वपूर्ण आकर्षक अंश !
 अशिक्षित मंत्री अपने अनुशार चलाएँगे IAS अफसरों को !अफसरों का मनोबल कैसे बढ़े ! ये व्यवहार किसी अपमान से कम है क्या ?
    इन नेता पुत्रों को खुद कुछ करना नहीं आएगा आप स्वयं सोचिए कि ये यदि कुछ करने लायक ही होते तो पढ़ लिख न लेते ! गरीबों के बच्चे भी  तो पढ़ जाते हैं ये तो सब सुख सुविधा पाने वाले मुख्यमंत्री के बेटे हैं तब भी जब ये पढ़ नहीं पाए तो कल्पना कीजिए कितने नकारा रहे होंगे ये नेतापुत्र  ! ऐसे लोगों को काम काज की समझ ही नहीं है अफसरों को काम करने देंगे ये !फोकट की टाँग अड़ाते रहेंगे हर जगह ! बिहार बासियों ने लिया एक गलत और दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय ! ऐसे ही अदूरदर्शी और see more...http://sahjchintan.blogspot.in/2015/11/blog-post_47.html

लालू जी से पेट लड़ाकर दिल्ली पहुँचे केजरीवाल जी का शुद्धीकरण हो तो कैसे ?अन्ना जी के बचनोदकी छींटे क्या पवित्र कर सकेंगे उन्हें !

बंधुओ !  जिन लालू जी का नाम लिए बिना भ्रष्टाचार विरोधी बड़ी से बड़ी गाली अधूरी मानी जाती हो उन 'शकुनीश्री' से पेट लड़ाकर  आए केजरीवाल जी !लोकतंत्र के लिए ये कोई छोटी घटना तो नहीं है !लालू जी यदि भ्रष्टाचारी हैं तो पेट क्यों लड़ाया गया और यदि वे ऐसे नहीं हैं तो उन पर इस तरह के आरोप क्यों लगाए गए ! 
    इससे  ये बात तो अब पूरी तरह स्पष्ट हो ही गई है कि अन्ना आंदोलन से अरविंद केजरीवाल जी के जुड़ने का लक्ष्य  भ्रष्टाचार का विरोध करना न होकर अपितु  केवल मुख्यमंत्री बनना था ! इस प्रकार अनेकों प्रकार से केजरीवाल जी की सच्चाई समाज के सामने आ जाने के बाद उन पर अविश्वास होना स्वाभाविक है !इसलिए अब यह जानना बहुत जरूरी हो गया है कि अन्ना जी के आंदोलन का उद्देश्य  क्या केवल केजरीवाल जी को ही राजनीति में लांच करना मात्र था ?और यदि ये सच है तो जनता के विश्वास के साथ ऐसा छल किया क्यों गया और यदि ये सच नहीं है तो रामलीला मैदान में आंदोलन के समय बात बात में पिनकने वाले अन्ना हजारे जी अब मौन क्यों हैं ? उन्हें समाज में आकर स्पष्ट करना चाहिए  कि अन्ना हजारे जी की साँठ गाँठ केजरीवाल जी से किन किन मुद्दों पर थी और उस आंदोलन के क्या कुछ मानक थे साथ ही अन्ना जी ने उन्हें कोई ऐसा बचन दे रखा है क्या कि तुम भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से  जुड़े निस्वार्थ समाज साधकों की बेइज्जती इस सीएम तक करवा सकते हो इसके बाद मैं बोलूँगा !
      केजरीवाल जी से ये आखिर क्यों नहीं पूछा जाता है कि जिन नेताओं को पहले कभी भ्रष्टाचारी बोला जाता रहा था आज उन्हीं से पेट रगड़ना क्यों जरूरी था । कल तक शीला दीक्षित जी के ऊपर भ्रष्टाचार के तमाम आरोप लगाने वाले आज इतने दिनों से सत्ता में हैं यदि भ्रष्टाचार के आरोप सच थे तो कोई कार्यवाही क्यों नहीं की !

नितीश जी का लोकतंत्र विरोधी बंशवादी गिरोह उन्हें PM बनाने की बात करके चढ़ा रहा है बाँस पर !!

 गलतियाँ करेंगे अयोग्य नेता पुत्र और माफी माँगेगे नितीश कुमार ऐसे चलेगी बिहार सरकार !
    यदि पाँच वर्ष चलगई तो मनमोहन सिंह जी की तरह होगा राजनीति से किनारा अपर नहीं चला तो फिर जनता का सहारा !
   जिनके पास CM बनने की संख्या अपनी नहीं है उन्हें PM बनाने की बात बारे फारुख साहब !बारे सहयोगी बारी हमदर्दी !किंतु सरकार की सारे शक्तिवान मंत्रालय अपनी ओर खींच ले गए हैं लालू जी ।उन्होंने तो मनमोहन सिंह जी जैसा बनाकर रखा है नीतीश जी को ।  दूसरी बात राहुलगाँधी जी ,फारूक अब्दुल्ला जी ,शरद पवार जी , मुलायमसिंह जी, सुखबीरसिंह बादल,केजरीवाल जी तथा सुना है कि शिव सेना आदि लोकतंत्र  की दुहाई देने वाले  ये अधिकांश वो लोग थे जिन्हें केवल वोट लेने के लिए ही याद  रहता है लोकतंत्र !
    लालू जी की पार्टी के विधायक कैसे सहते हैं इतना अपमान !
     सर्वप्रथम श्री लालू जी पार्टी तो केवल चुनाव लड़ने के लिए चलाते हैं बाक़ी पार्टी में कितना भी ज्ञानवान बुद्धमान अनुभवी नेता बना रहे किंतु उस पर भरोसा नहीं करते हैं लालू जी ! मुख्यमंत्री बनाने की बात आई तो रावड़ी जी को बना दिया इसी प्रकार से उपमुख्यमंत्री अपने अनपढ़ बेटे को बना दिया !यहाँ तक कि तीन तीन मंत्रालय अपने नकारा बेटों को गिफ्ट किए किंतु उन विधायकों की निष्ठा पर भरोसा नहीं किया जो उनके एवं उनकी पार्टी के लिए जीने मरने को हमेंशा तैयार रहते हैं ! लालू जी अपनी पार्टी के विधायकों का क्यों करते हैं इतना अपमान !वो सहते किस लालच में हैं !
राहुलगाँधी जी ,फारूक अब्दुल्ला जी ,शरद पवार जी ,मुलायमसिंह जी,सुखबीरसिंह बादल,केजरीवाल जी तथा सुना है कि शिव सेना वालों को भी आजकल नितीश जी का लोकतंत्र विरोधी गिरोह ही अच्छा लगने लगा  है ! 
     इसीप्रकार से वालेंटियर का दिनरात राग अलापने वाले केजरीवाल ने जब भ्रष्टाचार विरोधी बात करनी चाहीतब किसी का भरोसा नहीं किया उदाहरण  केवल अपनी बेटी का दिया था !
      कुल मिलाकर इस वंशवादी गिरोह को लगता है कि लोकतंत्र पर भरोसा ही नहीं है !

Saturday, 21 November 2015

कठोर कानून से आहत अपराधियों को फिर से ज़िंदा कर लेते हैं सम्बंधित नेता लोग !

अपराधों को रोकने के लिए अपराधियों और उनसे संबंधित नेताओं पर लगाया जाए अंकुश !

सामूहिक झलकियाँ !

 अशिक्षित मंत्री अपने अनुशार चलाएँगे IAS अफसरों को !अफसरों का मनोबल कैसे बढ़े ! ये व्यवहार किसी अपमान से कम है क्या ? 
    इन नेता पुत्रों को खुद कुछ करना नहीं आएगा आप स्वयं सोचिए कि ये यदि कुछ करने लायक ही होते तो पढ़ लिख न लेते ! गरीबों के बच्चे भी  तो पढ़ जाते हैं ये तो सब सुख सुविधा पाने वाले मुख्यमंत्री के बेटे हैं तब भी जब ये पढ़ नहीं पाए तो कल्पना कीजिए कितने नकारा रहे होंगे ये नेतापुत्र  ! ऐसे लोगों को काम काज की समझ ही नहीं है अफसरों को काम करने देंगे ये !फोकट की टाँग अड़ाते रहेंगे हर जगह ! बिहार बासियों ने लिया एक गलत और दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय ! ऐसे ही अदूरदर्शी और भावुक निर्णयों से बिगड़ी है प्रदेश की शाख ! बिहारवासी भाई बहनों को अपने ही  देश के कई प्रांतों से मार पीट कर भगाया  गया !यद्यपि ये बहुत निंदनीय है किंतु कम ये भी नहीं है कि लोकतंत्र के नाम पर जो भ्रमित निर्णय लिया बिहारवासी भाई बहनों ने !इसके दुष्परिणामों को लेकर हर सुबुद्ध व्यक्ति संशयग्रस्त है फिर भी इस शुभ घडी में हमारी ओर से बिहारवासी भाई बहनोंको बहुत बहुत बधाई !see more....samayvigyan.blogspot.in/2015/11/blog-post_44.html


    शपथग्रहण  समारोह में 'शकुनी श्री ' सबसे लड़ाते दिखे पेट !
      देश के किसी भी भाग में बदनाम नेताओं की कोई लिस्ट या भ्रष्टाचारी नेताओं को दी जाने वाली कोई गाली जिन 'शकुनीश्री' का नाम लिए बिना पूरी नहीं होती साक्षात वे ही  'शकुनी श्री ' नीतीश कुमार जी के शपथ ग्रहण समारोह में लोगों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र रहे !ये हर किसी किसी आगंतुक नेता से जबर्दश्ती पेट लड़ाते हाहाहूहू करते घूम रहे थे। इसमें भी सबसे आकर्षक दृश्य वह था जब अपनी गंदी भाषा से देश के  राजनेताओं को बेईमान लुटेरा चोर जैसे शब्द बोलकर  सत्ता हथियाने वाले एक नवोदित मुख्यमंत्री  ने 'शकुनीश्री' से पेट लड़ाया तो ये दृश्य देखकर लोग भौचक्के रह गए !भगवान करे   समाज साधक तपस्वी अन्ना हजारे जी ने न देखा हो यह दृश्य !क्या सह पाए होंगे वे अपने चेले की ये स्वचालित नैतिकता ! किंतु उस शपथ ग्रहण समारोह में सबसे अधिक देखा जाने वाला दृश्य यही था !see more....samayvigyan.blogspot.in/2015/11/blog-post_44.html

                             मोदी से भयभीत विरोधी नेताओं की लगीं लंबी कतारें शपथ ग्रहण समारोह में !
          राष्ट्रीय राजनीति में अचानक प्रकट हुए मोदी जी के भय से डरे सहमे विपक्षी नेतालोगों को डेढ़ वर्ष बाद कल पहली बार शपथ ग्रहण समारोह में खुलकर हँसते देखा गया ! ऐसा लग रहा था कि जैसे किसी रेगिस्तान में भयंकर गर्मी से झुलसते पथिकों को भटकते भटकते कहीं छोटी सी छाया नसीब हो गई हो !क्या शकून था चेहरों पर !जैसे किसी जंगल में अचानक किसी शेर के आ जाने पर बड़े छोटे का भेदभाव भूलकर  आत्म सुरक्षा के लिए किसी एक जगह इकट्ठे हो गए हों !ऐसे ही शपथ ग्रहण समारोह का निमंत्रण मिलना तो यहाँ सम्मिलित नेताओं के लिए एक बहाना मात्र था सच्चाई में तो अपना अपना राजनैतिक आस्तित्व बचाने के लिए वहाँ पहुँचना सब जरूरी समझ रहे थे !see more....samayvigyan.blogspot.in/2015/11/blog-post_44.html




 देश की राजनीति के देवता भी पहुँचे थे शपथग्रहण समरोह में !
   जिनके दर्शन करने के लिए 'शकुनीश्री'  जैसे कॉमेडियन समय लेने के लिए महीनों जुगत भिड़ाया करते थे तब कहीं नसीब हो पाता था जिनका दीदार ! सौभाग्य से ऐसे देवता समारोह में अचानक स्वयं प्रकट  हो गए जिन्हें देखते ही खिला खिला उठे मोदीभय  से डरे सहमें बेसहारा नेता लोग !चूँकि ये समारोह उठाकर दिल्ली नहीं लाया जा सकता था इसलिए उन सुकोमलांग राजनैतिक राजकुमार को अपने आश्रितों का मनोबल एवं उत्साह बढ़ाने के लिए भी स्वयं पहुँचना पड़ा मंच पर !सकपकाए 'शकुनीश्री' ने उठकर उनसे भी तुरंत लड़ाया पेट !ये दृश्य देश के मीडियायी  कैमरों  के लिए बिलकुल अभूत पूर्व था ! see more....samayvigyan.blogspot.in/2015/11/blog-post_44.html

कानूनी अड़चनों के कारण चुनाव न लड़ पाने वाले लालू जी शपथ ग्रहण में आगंतुकों से पेट ही लड़ाते रहे !
  यह पेट जिससे जिससे लड़ा वो सुर्ख़ियों में आ गया उन लोगों को न जाने कितने दिनों तक देनी पड़े जनता को सफाई !मीडिया वाले बार बार दिखा रहे हैं बस वही पेटद्वय !जानिए और भी बहुत कुछ see more....samayvigyan.blogspot.in/2015/11/blog-post_44.html
 
         जो शपथपत्र नहीं पढ़ पाए वो सरकार चलाएँगे ख़ाक ! जैसे पिता जी कॉमेडी करके समय पास करते रहे वैसे ही पुत्र भी करेंगे !किंतु पता नहीं उन्हें कॉमेडी करनी आती भी है कि नहीं !
      अफसरों का ये दुर्भाग्य ही है कि उन्हें ऐसे नकारा नेतापुत्रों की जी हुजूरी करनी पड़ती है जो शपथपत्र भी न पढ़ पाते हों !   इसे लोकतंत्र का सम्मान कहें या शिक्षा का अपमान ! शिक्षा की जब दुर्दशा ही होनी है तो क्यों शिक्षा ? क्यों परीक्षा ?शिक्षा के लिए बड़ी बड़ी योजनाएँ क्यों ?  जिन नेतापुत्रों की शिक्षा चपरासियों जैसी हो उन्हें लोकतंत्र की दुहाई देकर मंत्री उपमुख्यमंत्री या मुख्यमंत्री !जैसे बड़े पदों पर सुशोभित किया जाना कहाँ का न्याय है !लोकतान्त्रिक प्रणाली में भी शिक्षा का क्या कोई महत्त्व नहीं होना चाहिए आखिर बिना शिक्षा के आजकल होता क्या है फिर भी राजनीति के लिए शिक्षा आवश्यक नहीं समझी जाती क्या !see more....http://samayvigyan.blogspot.in/2015/11/blog-post_31.html

Thursday, 19 November 2015

इन्हें रोकने के लिए सत्तापक्ष की ओर से सीधे PM का उतर जाना कतई ठीक नहीं है !

सत्तालु काँग्रेसी अपना रोना धोना लेकर पहुँचे पाकिस्तान !  बारे अय्यर !बारे सलमान! सत्ता के लिए इतना गिर गए !
      ये हैं कुटिल काँग्रेसियों के कलुषित इरादे ! इधर साहित्यकारों को भड़काते रहे उधर पाकिस्तान में गिड़गिड़ाते रहे कि ' मोदी को हटाइए हमें लाइए ! ' इतनी गंदी भावना ! इन सत्तालु काँग्रेसियों ने साहित्यकारों को नहीं भड़काया होगा या जाति  संप्रदाय के उन्माद नहीं भड़काए होंगे या दालों की शार्टेज करने के लिए कोई खुराफात नहीं किए होंगे ऐसी बातों पर भरोसा आखिर किया कैसे जाए !इसलिए भाजपा को UP चुनाव जीतने  के लिए काँग्रेस के इन इरादों को घर घर और जन जन तक पहुँचाया जाना अभी से बहुत जरूरी है ! जो काँग्रेसी लोकसभा चुनावों की पराजय को अभी तक नहीं पचा पाए वे अब तो बिहार विजय से भी उत्साहित हैं ये कुटिल काँग्रेसी आगामी सत्र में लोकसभा की कार्यवाही चलने भी देंगे क्या ! काँग्रेस ने ऐसे ही उपद्रव करके तो जीता है बिहार !अब UP की ओर बढ़ने लगे हैं विपक्ष के उत्साहित घोड़े !
      इन्हें रोकने के लिए सत्तापक्ष की ओर से  सीधे  PM का उतर जाना कतई ठीक नहीं है !इन्हें जवाब देने हेतु तो भाजपा के विचार सक्षम सजीव कार्यकर्ताओं की संगठित की जाए एक बड़ी फौज !वही सँभालें मोर्चा ,वही दें विपक्षी दुष्प्रचार का सटीक जवाब  !टीवी डिवेट में भी  भाजपा की ओर उतारे जाएँ प्रभावी संप्रेषणीयता संपन्न वाग्मी वक्ता जो जनता के सामने प्रेम पूर्वक परोसें पार्टी का जनहितकारी सजीव पक्ष !निर्जीव तर्कों से जन विश्वास  को अब और अधिक दिनों तक सँभाल कर नहीं रखा जा सकता !    see more...http://samayvigyan.blogspot.in/2015/11/blog-post_18.html

Wednesday, 18 November 2015

जो काँग्रेस यहाँ साहित्यकारों को भड़काती रही वही पाकिस्तान से गिड़गिड़ा रही है कि ' मोदी को हटाइए हमें ले लाइए ! '

      ये हैं काँग्रेस के कुटिल इरादे !ये काँग्रेसी चलने देंगे लोकसभा की समुचित कार्यवाही !जो लोग पार्टी की पराजय अभी तक नहीं पचा पा रहे हैं ऊपर से भाजपा की बिहार पराजय से इनके मनोबल और बढ़े हुए हैं इन्हें कैसे समझा पाएगा सत्ता पक्ष !और कैसे रोकेगा बिपक्ष की असहिष्णुता !
  अब तो लगभग ये साफ ही हो गया है कि साहित्यकार क्यों लौटा रहे हैं पुरस्कार और क्यों सक्रिय होते जा रहे हैं जातिसंप्रदायवादी उन्मादी लोग और क्यों महँगी होती जा  रही हैं दालें !
   किंतु सत्ता पक्ष न जाने क्यों समाज को अपनी बात अब तक नहीं समझा सका है !विपक्ष की छोटी छोटी बातों का जवाब देने के लिए स्वयं प्रधानमंत्री जी या राष्ट्रीय अध्यक्ष जी को सामने आना पड़ता है ये  सत्ता पक्ष की छोटी कमजोरी है क्या ? कार्यकर्ताओं में ऐसी सक्षमता क्यों नहीं है कि वो विपक्ष की ऐसी ऊटपटाँग बातों का प्रभावी प्रतीकार करते हुए माकूल जवाब दे सकें ! यदि पार्टी में ऐसे लोगों की वास्तव में कमी है तो ऐसे संप्रेषणीयता संपन्न सक्षम लोगों की भर्तियाँ क्यों न की जाएँ !

  बंधुओ !भाजपा तो हमेंशा से विपक्ष में बैठी किंतु भाजपा में इतनी असहिष्णुता कभी नहीं दिखी जितनी बेचैनी आज पराजित पार्टी काँग्रेस में है !

    ये सत्तातुर काँग्रेसी लोग यहाँ साहित्यकारों और लेखकों को भड़का रहे हैं जो ऐसे
साहित्यकार इनसे पहले कभी उपकृत हो चुके हैं वो आ भी जा रहे हैं इनके झाँसे में किंतु प्राणवान साहित्यकारों ने अपनी आत्मा की आवाज सुनी और नहीं गए पुरस्कार लौटाने ! उन्होंने बचा ली साहित्यकारों एवं साहित्य की गरिमा और सिद्ध कर दिया कि सरकारें तो बनती बिगड़ती रहेंगी किंतु साहित्य का गौरव स्थायी है।  साहित्यकार  जाति क्षेत्र समुदाय संप्रदायवाद  से मुक्त अंतर्राष्ट्रीय अघोषित सम्राट होता है सत्ता पक्ष या विपक्ष के हाथों का खिलौना बनना साहित्यकारों की गरिमा के विरुद्ध है ! इसी प्रकार से इन्होंने मंडियों से खाद्य पदार्थ गायब करने शुरू कर दिए दालों  जैसी जरूरी चीजें मार्केट पहुँचने से रोकी जाने लगी हैं इतना बड़ा देश है इन्हें कहाँ कहाँ और कैसे कैसे रखाया जाए !

      चूँकि  मोदी सरकार को जनता ने पाँच वर्षों के लिए अभयदान दे रखा है इसलिए ये बेचारे काँग्रेसी अपना रहे हैं ऐसे हेय हथकंडे  अन्यथा  सरकारें गिराने में  माहिर इन्हीं  काँग्रेसियों ने गैर काँग्रेसी सरकारें पहले कभी चलने ही नहीं दीं ! चन्द्र शेखर जी,  देवगौड़ा ,गुजराल आदि आखिर क्या गलती थी इनकी ! कुल मिलाकर इसी भावना से भावित अब इन लोगों ने मोदी सरकार के विरुद्ध कमर कस रखी है हर काम में अड़ंगा खुद डाल रहे हैं और बदनाम मोदी सरकार को कर रहे हैं यही कर कर के भाजपा को दिल्ली से भगवाया, बिहार छीन लिया अब यूपी की बारी है भाजपा अभी तक इसका तोड़ न तो तलाश पायी हैऔर न ही निकटभविष्य में वर्तमान व्यवस्था के अनुशार इसके आसार ही दिखते हैं । 

   वर्तमान में भाजपा में काम करने वालों के पास पद नहीं हैं और पदासीन लोग काम नहीं करना चाहते ! पदासीन लोग तो किसी से  मिलने के लिए  भी राजी नहीं होते हैं और यदि किसी से मिलना भी पड़ा तो सामने बैठाए किसी को होते हैं देख किसी की ओर रहे होते हैं बातें किसी और से कर रहे होते हैं बिजी कुछ और करने में होते हैं ऐसे में पार्टी के प्रति समर्पित सजीव लोग संतुष्ट नहीं होते हैं ऐसी मुलाकातों से !इसी क्रम में पार्टी का  कोई कार्यकर्ता यदि अपनी किसी विशेषता के  द्वारा पार्टी को कुछ विशेष फायदा भी पहुँचा सकता हो  तो वो अपनी बात किससे कहे ये घमंडी स्वभाव के लोग सुनते ही नहीं हैं न जाने कहाँ खोए खोए रहते हैं !
   उधर प्रतिपक्षी भावना से मुक्त  विपक्ष आज सरकार विरोधी गिरोह बनाने में कितनी ऊर्जा लगा रहा है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है उनका कोई सक्षम नेता पाकिस्तान के किसी पत्रकार से कहे कि ' मोदी को हटाइए हमें ले लाइए ! ' ये कोई छोटी बात है क्या !इसके कितने भी अर्थ निकाले जा सकते हैं ! 
     ऐसे लोगों का विपक्षी गिरोह भाजपा को खदेड़ने के लिए प्राण प्रण से लगा हुआ है इनका सामना करने लायक सत्ता पक्ष के  पास अभी तक तो कोई तैयारी नहीं दिख रही है और तो और टीवी चैनलों पर बैठे इनके कुछ प्रवक्ता लोग घंटों की डिवेट में इतना तक नहीं समझा पा रहे होते  हैं कि वो कहना क्या चाह रहे  हैं ! सत्तापक्ष की  इन्हीं सारी कमजोरियों का लाभ उठा रहा है विपक्ष ! जो  लोग सरकार को काम ही नहीं करने दे रहे हैं । सुना है कि अब लोकसभा के आगामी सत्र में भी अड़ंगा डालेंगे काँग्रेसी और नहीं चलने देंगे लोकसभा की समुचित कार्यवाही !
 विरोधी पार्टियों में इतनी असहिष्णुता  पहले कभी नहीं रही जितनी आज है !असहिष्णुता चिंतनीय है पराजित पार्टियाँ इतनी असहिष्णु पहले कभी नहीं दिखीं !
     आज मोदी सरकार को अस्थिर एवं बदनाम करने के लिए विपक्ष  हर हथकंडा अपना रहा है जाति सम्प्रदायों में वैमनस्य फैलाकर ये लोग पहले देश का वातावरण बिगाड़ते हैं फिर असहिष्णुता  का आरोप मोदी सरकार पर लगाते हैं !

असहिष्णुता के नाम पर मोदी सरकार को बदनाम करने के कैसे कैसे प्रयास किए जारहे हैं !
इसी विषय में मान्यवर !आपसे मेरा विनम्र निवेदन है कि -
" 'वैज्ञानिक पीएम भार्गव ' जी "गोमांस खाने का समर्थन करने के लिए आयुर्वेद एवं सनातन धर्म के प्राचीन ग्रंथों के नाम पर कल्पित बातों का सहारा ले रहे हैं !सुना है कि ऐसी ही बातों को आधार बनाते हुए उन्होंने महामहिम  राष्ट्रपति जी को पत्र भी लिखा है और असहिष्णुता के विरोध में पुरस्कार लौटाने की  बात भी कर रहे हैं  किंतु इस विषय में आयुर्वेद के जिन  ग्रंथों का वो संदर्भ दे रहे हैं उनमें वैसा नहीं लिखा है जैसा वो कह रहे हैं और जो लिखा है उसमें से वो उतना ही उद्धृत  कर रहे हैं जिससे गोमांस खाने संबंधी उनकी बात की पुष्टि हो सके !हिन्दुओं को बुरा लगे तो लगे !साथ ही जो लिखा गया है उसका अर्थ और भी उस हिसाब से ही गढ़ा  गया है जो गोमांस भक्षक समाज के लिए सहायक हो ! इस बिषय में शास्त्रीय पक्ष प्रकट करने  प्रस्तुत है हमारा यह सप्रमाण हमारा यह लेख -वैज्ञानिक पीएम भार्गव ' सिद्ध करें कि आयुर्वेद में गोमांस खाने के लिए कहाँ कहा गया है ?"गायों का मांस खाने से दूर होते हैं रोग " 'वैज्ञानिक पीएम भार्गव ' का बयान ! " सच या साजिश " ? "
 see more...http://bharatjagrana.blogspot.in/2015/11/mansm.html
मोदी मसीहा हैं, उनके पास सभी समस्याओंं का हल है: उमा भारती - See more at: http://www.jansatta.com/national/uma-bharti-praise-pm-narendra-modi-says-he-is-messiah-has-answer-to-all-problems/28555/#sthash.hzr07Nef.QrqGIB5e.dpuf             शुभ प्रभात माँ दुर्गा के चरणों में कोटिशः नमन -
                                                        जनहित में जारी - 
राजेश्वरी प्राच्य विद्या शोध संस्थान का ज्योतिष जन जागरण अभियान 
                                       अंधविश्वास मुक्त ज्योतिषविज्ञान से जुड़ने का आह्वान 
    बंधुओ !आप जिस किसी भी ज्योतिषी  से जुड़े हैं या जुड़ना चाहते हैं ऐसे ज्योतिषी लोग अपने ज्योतिष ज्ञान के विषय में या ज्योतिष के विषय में जो कुछ भी आपको समझावे आप  उस पर तब तक भरोसा न करें जब तक उनके ज्योतिष क्वालीफिकेशन का पता न लगा लें !पहले उनके ज्योतिष सब्जेक्ट के डिग्री प्रमाणपत्र देखें ,साथ ही वो यूनिवर्सिटी जिसने उन्हें जारी किया है वो सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है या नहीं ?वो डिग्री ही है कहीं  डिप्लोमा तो नहीं है !
     इसके अलावा गोल्डमेडली ज्योतिषी ,टीवी चैनलीय ज्योतिषी ,दैनिकराशिफली ज्योतिषी ,कालसर्पी ज्योतिषी,लालकिताबी ज्योतिषी ,टटकाटोनी ज्योतिषी,बशीकरणीज्योतिषी,नग नगीनी ज्योतिषी, यंत्रव्यापारी आदि ऐसे सभी प्रकार के टीवी चैनलीय या अखवारी ज्योतिषी ,ये  लोग प्रायः ज्योतिष क्वालीफिकेशन विहीन होते हैं इसलिए ऐसे सभी प्रकार के ज्योतिषियों पर डाक्टरों की तरह ही उनके ज्योतिष क्वालीफिकेशन  को देखकर ही भरोसा करें !

दुर्गा सप्तशती (Durga Saptshati) (सरल दोहा चौपाई में ) (Saral Doha Chaupai men)
  दुर्गा सप्तशती  ( सरल दोहा चौपाइयों में बिलकुल सुंदरकांड की तरह)
    जो भाई बहन संस्कृतभाषा नहीं जानते और दुर्गासप्तशती पढ़ना चाहते हैंया अपने see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html

                      माँ दुर्गा की असीम अनुकंपा से आपका दिन मंगलमय हो !
नव दुर्गास्तुति Nav Durga Stuti , (सरल दोहा चौपाई में ) (Saral Doha Chaupai men)
  नव दुर्गास्तुति ( सरल दोहा चौपाइयों में बिलकुल सुंदरकांड की तरह) जो भाई बहन संस्कृतभाषा नहीं जानते और दुर्गा पाठ पढ़ना चाहतेsee more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_67.html

ज्योतिष जागरूकता अभियान !
 फर्जी डिग्री वाले ज्योतिषियों पर क्यों नहीं होती है कार्यवाही !
     फर्जी डिग्री यदि अपराध है तो फर्जी डिग्री वाले ज्योतिषियों पर दया क्यों ?अंध विश्वास फैलाने वाले इन लोगों पर क्यों नहीं होती है कठोर कानूनी कार्यवाही !जिसने किसी सरकारी विद्यालय या विश्व विद्यालय से ज्योतिष पढ़ी ही न हो वो भी ज्योतिषी बारी अंधेर !ऐसा कोई व्यक्ति ज्योतिष के विषय में किसी को गाइड कैसे कर सकता है वो तो झूठ साँच बोलकर अंध विश्वास ही फैलाएगा और यदि ऐसे लोगों को ही फूलने फलने देना है तो सरकार संस्कृत विद्यालय या विश्व विद्यालयों के संचालन पर क्यों खर्च कर रही है अनाप शनाप धन !जब उन विषयों में प्रैक्टिस करने के लिए सम्बंधित विश्व विद्यालयों से डिग्री लेना जरूरी ही नहीं है see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/10/blog-post_4.html
  • ज्योतिष में भी है भ्रष्टाचार ! इससे बचाव के लिए आप भी बरतें कुछ जरूरी सावधानियाँ -see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/10/blog-post_5.html
  • राशिफल (दैनिक) - टीवी चैनलों एवं अखवारों में जो बताया जाता है वो सौ प्रतिशत झूठ होता है !जानिए कैसे -seemore... http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_71.html

 मीडिया ऐसे टीवी चैनलों एवं अखवारों के विरुद्ध भी आवाज उठाए !
   ऐसे टीवी चैनलों ,अखवारों  एवं अन्य विज्ञापन माध्यमों को अंधविश्वास फैलानेवाला मानते हुए उन पर भी की जाए कार्यवाही !मीडिया माध्यमों के सहयोग से ही धर्म एवं शास्त्रीय विषयों में फ्रॉड लोगों का प्रवेश होता है क्योंकि भले और ईमानदार लोग अपनी ईमानदारी की कमाई से इतनी भारी भरकम विज्ञापन शुल्क अदा नहीं कर सकते और जो करेंगे वो बिना अंधविश्वास का सहारा लिए उसे पब्लिक से वसूल नहीं कर सकते !इस प्रकार से जो लोग धर्म ज्योतिष वास्तु एवं तंत्र मंत्र आदि से सम्बंधित विषयों में सरकार द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम पढ़ने को महत्त्व नहीं देते हैं उनके पास सम्बंधित विषयों के सरकारी विश्व विद्यालयों से प्रदत्त डिग्री प्रमाण पत्र भी नहीं होते हैं यह समझते हुए भी उनके द्वारा फैलाए जाने वाले अंध विश्वास का विज्ञापन करके जो मीडिया माध्यम मदद कर रहे हैं उन्हें भी अंधविश्वास फैलाने सम्बन्धी अपराधों में बराबर का दोषी माना जाना चाहिए ! ईमानदार मीडिया का दायित्व है कि वो इस विषय में भी जन जागरण करे और अंधविश्वास के चक्कर में फँसने फँसाने से समाज की रक्षा करे-see more... http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/08/blog-post_20.html
     
राशिफल (दैनिक) - टीवी चैनलों एवं अखवारों में जो बताया जाता है वो सौ प्रतिशत झूठ होता है !
      मीडिया और झोलाछाप ज्योतिषियों की साँठ गाँठ से योजना पूर्वक तैयार किया जाता है ये मनगढंत राशिफल एवं उनके उपायों के आडंबर ! राशिफल बताने या लिखने के नाम पर जो मुख में आता है सो बका करते हैं ये लोग ! क्या यही ज्योतिष विज्ञान है ?यदि ऐसी राशिफली बातों को आप टेप करके अचानक उन राशिफलियों से मिलें और पूछें कि अमुक राशि का अमुक तारीख को राशिफल क्या था ?तो ऐसे लोग वो या उससे मिलता जुलता राशिफल दुबारा नहीं बता सकते और यदि बताएँगे तो उसका उस दिन वाले उनके राशिफल से कोई मेल नहीं खाएगा !जबकि यदि सही होता तो मेल तो खाना चाहिए क्योंकि किसी एक विंदु के लिए शास्त्रीय सच अलग अलग नहीं हो सकता!दूसरी बात ऐसे राशिफलों के ज्योतिष शास्त्र में कहीं प्रमाण नहीं मिलते !फिर भी यदि किसी को लगता है कि उसके पास इस राशिफल के समर्थन में शास्त्रीय प्रमाण हैं तो यहीं कमेंट में लिखें वो प्रमाण!बंधुओ !अब आप स्वयं समझिए कि ये राशिफल सही हो क्यों नहीं सकता seemore... http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_71.html

          ज्योतिष जन जागरण का उद्घोष !सबसे जुड़ें और सबको जोड़ें सबका रुख शास्त्रों की ओर मोड़ें !
      ज्योतिष के नाम पर न झूठ बोलेंगे और न सहेंगे !अंध विश्वास के विरुद्ध समाज को जगाकर रहेंगे! जिन बातों  एवं उपायों के प्रमाण ज्योतिष शास्त्र में नहीं हैं ऐसे झूठ को बिकने नहीं देंगे ! इसमें हमें चाहिए सभी सनातन धर्मियों का सभी प्रकार से साथ !यदि आप ज्योतिष जानते भी नहीं हैं और मानते भी नहीं हैं तो भी आप हमारी मदद करर सकते हैं जानिए कैसे ! ज्योतिष  में क्या सच है और क्या झूठ ?समझिए आप भी !बंधुओ !यदि आप ज्योतिष को नहीं भी मानते हैं तो भी इस अंध विश्वास को मिटाने के लिए हमें चाहिए आपका सहयोग !आज ज्योतिष एवं ग्रहों के उपायों के नाम पर  किए जा रहे हैं कैसे कैसे पाखंड !इसकी सच्चाई समझने के लिए पढ़िए हमारा यह ब्लॉग और जुड़िए हमारी पाखंड खंडिनी मुहिम से ! समाज को ज्योतिष की विश्वसनीय एवं शास्त्र प्रमाणित ईमानदार  सेवाएँ देने के लिए हम बचनबद्ध हैं ! ज्योतिष वास्तु आदि केवल हमारे ही नहीं आपके भी पूर्वजों की विद्या है इसपर पाखंड के बादल छाए हुए हैं ज्योतिष के नाम पर लोग मन गढ़ंत बातें एवं उपाय बता और समझा रहे हैं उपायों के नाम पर तरह तरह के तमाशे दिखा और बेच रहे हैं इसमें क्या सच है और कितना पाखंड है यह सही सही समझने के लिए एक बार जरूर देखिए  हमारे ब्लॉग के विविध विषयों पर लिखे लेख- see more... http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_14.html
जनसंख्या बल से कमजोर सवर्णो को दलितों के शोषण का झूठा आरोप लगाकर सताया जा रहा है और रची जा रही है सवर्णों के विरुद्ध आरक्षणी साजिश ! दलितों के शोषण का सवर्णों पर झूठा आरोप मढ़ना बंद किया जाए ! साथ ही सवर्णों की जनसंख्या इतनी घटी कैसे इसकी जाँच कराई जाए ! दलितों का शोषण कभी किसी ने किया ही नहीं है इसीलिए शोषण के नहीं मिलते हैं प्रमाण !फिर आरक्षण क्यों ?see more....http://samayvigyan.blogspot.in/2015/04/blog-post_14.html

आवश्यक सूचना - बंधुओ ! ज्योतिष का काम ही संसार के सभी लोगों के जीवन पर पड़ने वाले ग्रहों के अच्छे बुरे प्रभावों का अध्ययन करना है इसीलिए सरकारी संस्कृत विश्व विद्यालयों में सब्जेक्ट रूप में ज्योतिष पढ़ने पढ़ाने की न केवल सुविधा होती है अपितु ज्योतिष विषय में उच्च डिग्रियाँ भी दी जाती हैं ऐसे डिग्री होल्डर ज्योतिषवैज्ञानिक डॉ.एस.एन.वाजपेयी से जरूरी ज्योतिषीय सलाह लेने हेतु संपर्क करने के लिए इस लिंक को कॉपी करें ,खोलें और पढ़ें -http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/p/blog-page_10.html

     फर्जीडिग्री  वाले वकील डॉक्टर यदि अपराधी हैं तो फर्जीडिग्री  वाले ज्योतिषी और तांत्रिक भले कैसे ?
अब  भविष्य बताने वाले  फर्जी  ज्योतिषियों के शौक पर लगे प्रतिबंध !शुद्धीकरण हो तो सबका हो ! फर्जीडिग्री  वाले यदि अपराधी हैं तो फर्जी ज्योतिषी और तांत्रिकों पर क्यों नहीं  की जाती है कार्यवाही !
     फर्जीडिग्री  वाले यदि अपराधी हैं तो फर्जी ज्योतिषी और तांत्रिकों पर क्यों नहीं  की जाती है कार्यवाही !अपराधियों में भी भेदभाव रखना सरकारों को शोभा नहीं देता !  ज्योतिषियों से भी  माँगे जाएँ उनके भी ज्योतिष डिग्री प्रमाण पत्र !
  आखिर उनसे क्यों नहीं पूछा जा रहा है कि ज्योतिष सब्जेक्ट में किस क्लास तक उन्होंने किस सरकारी संस्कृत विश्व विद्यालय से पढ़ाई की है देखे जाएँ उनके भी ज्योतिष सब्जेक्ट के डिग्री प्रमाण पत्र ! ऐसा होते ही टीवी चैनलों पर बंद हो जाएगी तथाकथित ज्योतिषीबकवास  धार्मिक अंध विश्वास का धंधा  रुकेगा !इनके कृत्यों से टूटते संबंधों विखरते परिवारों को बचाया जा सकेगा । पढ़े लिखे ज्योतिषियों के ज्योतिष वैज्ञानिक शास्त्रीय ज्ञान विज्ञान का समाज को लाभ होने लगेगा  see more... http://bharatjagrana.blogspot.in/2015/06/blog-post_35.html

अब  भविष्य बताने वाले  फर्जी  ज्योतिषियों के शौक पर लगे प्रतिबंध !शुद्धीकरण हो तो सबका हो ! फर्जीडिग्री  वाले यदि अपराधी हैं तो फर्जी ज्योतिषी और तांत्रिकों पर क्यों नहीं  की जाती है कार्यवाही !
     फर्जीडिग्री  वाले यदि अपराधी हैं तो फर्जी ज्योतिषी और तांत्रिकों पर क्यों नहीं  की जाती है कार्यवाही !अपराधियों में भी भेदभाव रखना सरकारों को शोभा नहीं देता !  ज्योतिषियों से भी  माँगे जाएँ उनके भी ज्योतिष डिग्री प्रमाण पत्र !
  आखिर उनसे क्यों नहीं पूछा जा रहा है कि ज्योतिष सब्जेक्ट में किस क्लास तक उन्होंने किस सरकारी संस्कृत विश्व विद्यालय से पढ़ाई की है देखे जाएँ उनके भी ज्योतिष सब्जेक्ट के डिग्री प्रमाण पत्र ! ऐसा होते ही टीवी चैनलों पर बंद हो जाएगी तथाकथित ज्योतिषीबकवास  धार्मिक अंध विश्वास का धंधा  रुकेगा !इनके कृत्यों से टूटते संबंधों विखरते परिवारों को बचाया जा सकेगा । पढ़े लिखे ज्योतिषियों के ज्योतिष वैज्ञानिक शास्त्रीय ज्ञान विज्ञान का समाज को लाभ होने लगेगा  see more... http://bharatjagrana.blogspot.in/2015/06/blog-post_35.html
 दो. हे गजबदन गजानन हे गणपति महराज ।
कृपा करहु करूणानिधि पूजत सकल समाज ॥

दो.विजय दशहरा की मेरी  सबको सखा बधाइ ।
        मुक्ति मिली दसशीश को विजय पाइ रघुराइ ॥
    दो.द्वारपाल प्रिय प्रभु का शंभु भगत दसगात ।
        थोड़ी करनी बिगड़ गई अजहूँ कोसो जात ॥

  दो.  वेद पढ़ें विधि भयवश शंभु पुजावन जात ।
        अस प्रभाव लंकेश को करत बुहारू वात ॥ 
   दो. मालाकारी इंद्र की नवग्रह सीढ़ी जोग ।
    उस रावण को फूँकिहैं ये दो कौड़ी के लोग ॥
  दो.    काँपत फोटो देखिकै धोती होत ख़राब ।
     उस रावण को फूँकिहैं ये कलियुगी नवाब ॥
दो.  द्वारपाल हरि को रह्यो मरण चहै प्रभु हाथ ।
     क्षमा करन तो चहि रहे थे अपने रघुनाथ ॥
    
       

दो.रावण जे फूँकत फिरैं ते खुद रावण बाप ।
   अपने अंदर झाँकते तो दीखत अपने  पाप ॥
  दो. मैडम सूर्पनखा अजौं करती घूमैं प्यार ।
सेक्स बाँटती फिर रहीं फैशन का उपहार ॥
 दो. रावण से आगे हुआ आज हमारा देश ।
कन्याओं से रेप से कितने भाषण क्लेश ॥
दो. नेताओं की नियत पे अब नहिं रहा भरोस ।
     ये रावण दिनभर डसैं उसका क्या दें दोष ॥
दो. राक्षस जो बदनाम हैं  वो तो है बश ढोंग ।
     गाय चबाते फिर रहे अबके राक्षस लोग ॥
   


दो.शुभ प्रभात हो सखागण मंगलमय रविवार ।
    सूर्य  कृपा  सब  पे  रहै  परिहरि रोग विकार ॥

दो.शुभ प्रभात हो बंधुओं  सोमवार शिववार ।
     भोले बाबा कृपाकरि कटिहैं कष्ट हजार ॥
दो.मंगलमय सबको सखा होवै मंगलवार । 
रोग दोष दुःख नाशिहैं प्रभु अंजनी कुमार ॥
दो. बुद्ध सुखद सबके लिए शुभ फलप्रद हो आज ।
     सकल कामना पूर्ण दिन पावहु मित्र समाज

दो.आज बृहस्पतिवार का होवे शुभद प्रभात।
  शुभ दिन बीते आपका  सुख पावहु दिन रात ॥
 
दो.शुक्रवार की सुबह शुभ बंधु बहन सानंद ।
          स्वीकारो शुभ कामना कृपा करहिं ब्रजनंद ॥

दो. शुभ प्रभात शनिवार का सुखी सखा सानंद ।
     शनि पीड़ा को भय तजहु भजहु अंजनी नन्द ॥ 
   हे मित्रो !आज शनिवार का सबेरा आपके लिए शुभ हो, आप सुखी हों, आनंदित रहें । बंधुओ !शनि देव के द्वारा दी जाने वाली परेशानियों  से आप बिलकुल भयभीत न हों और प्रभु हनुमान जी का भजन करते  रहें ।
 श्री हनुमान जयंती पर आप सबको बहुत बहुत बधाई !
 दो. हनुमत प्रभु की कृपा से रहहु सखा खुशहाल । 
       साईं छाँड़ि सेवहु इन्हहिं महाकाल के काल ॥ 

आप सभी भाई बहनों से विनम्र प्रार्थना -
कल हमारे जन्म दिन पर हमारे सभी फेस बुक परिवारों सहित इंटरनेट परिवार के सभी माध्यमों पर सुशोभित हमारे अति विशाल  परिवार के आप सभी भाई बहनों ने बहुत बड़ी संख्या में अपना स्नेह और आशीर्वाद देकर जो हमारा उत्साह वर्धन किया है उसके लिए इच्छा तो थी कि आप सभी स्वजनों को व्यक्तिगत रूप से प्रणाम करूँ कुछ देर तक ऐसा किया भी किंतु हमारा इंटरनेट परिवार इतना बड़ा है कई फेस बुकों पर हमारे पारिवारिक सदस्य सुशोभित हैं अपने  स्वजन सम्बन्धियों के स्नेहशीर्वाद की अतिवशाल सम्पदा से संपन्न मैं चाहकर भी अपने  अतिविशाल परिवार के सभी सदस्यों को व्यक्तिगत रूप से प्रणाम नहीं कर सका इस अपराधबोध  से बोझिल आप सभी का अनुग्रह पात्र मैं गूगल सहित नेट के सभी माध्यमों पर सुशोभित अपने समस्त स्नेहिल पारिवारिक सदस्यों को नमन करता हूँ आप  सभी के स्नेहार्णव में समवगाहित मैं आप सभी के प्रति अपनी कृतग्यता ज्ञापित करते हुए आप सभी स्वजन संबंधियों की स्नेहिल एवं उपकारी भावनाओं पर सादर नतमस्तक हूँ आप सभी स्वजन सम्बन्धियों से निवेदन है कि आप सभी लोग हम पर ऐसी ही कृपा बनाए रखें समय समय पर हमें अपने संकल्प के प्रति सचेत करते रहें कि मैं  अपनी शास्त्र निष्ठा एवं  राष्ट्रनिष्ठा के पवित्रव्रत का पालन करते हुए ही जीवन व्यतीत करने का सौभाग्य प्राप्त कर सकूँ ! - आप सभी का स्नेह भाजन अपना  - वाजपेयी

दो.साईं बुड्ढे को भजि बूढ़े हो रहे लोग ।
    कलह रहत दिन रात घर घेरि रहे सब रोग ॥
दो. देवी देव न बूढ़ भए साईं भए न जवान ।
      दिहैं  बुढ़ापा आपनो जे पुजिहैं साईँतान ॥
दो.जे साइँहिंपूजत रहे तिनके भए अस हाल । 
     चढ़ो बुढ़ापा साईं को तो घूमत गंजू लाल ॥ 
दो.साइँहिं सेवहिं मूढ़ जे भूलि शास्त्र की आन ।
     बुड्ढा कहा बचाइहै जब कोपिहैं हनुमान ॥
 दो. साईं तौ लौ पुजि रहे मंदिर मंदिर जाइ ।
          मारुति नंदन की गदा उठत न जौ लौ  भाइ॥
       दो. हनुमत हाथ गदा गहि नशिहैं साईं ढोंग ।
           कान पकरि कर ठसकिहैं खूब लगइहैं  भोग ॥
दो. साईं झुट्ठे ठगी करि भए खूब धनवान ।
     पापी   खुद पुजिबो चहैं कुछ कीजै हनुमान ॥
दो. साईं करि घुसपैठ खुद बनि बैठे भगवान ।
     मंदिर सूने हो रहे हनुमत कृपा निधान ॥
दो. आरति पूजा भोग धन  साईं माला माल ।
      सुर मंदिर सूने हुए हे अंजनी के लाल ॥
दो. मंदिर अपने धर्म के पुजिहैं साईं बैठि ।
हनुमत इन्हैं खदेड़िए कान पकरि कै ऐंठि ॥
 दो. मंदिर मंदिर हो रहे साईं नाम के ढोंग । 
    बुड्ढे की करतूत सब भुगत रहे हैं लोग ॥ 
साईंसंप्रदाय का खंडन करने से हमें रोक रहे हैं कुछ लोग !
      कुछ लोगों को लगता है कि धर्म कर्म की चीजें तो बिना पढ़े लिखे ही आ जाती हैं इसलिए इन्हें क्यों पढ़ना इस विषय में तो जो मुख में आवे सो बक दो ! अगर वो धोखे से कुछ श्लोक या चौपाइयाँ पढ़ पाए तो फिर वो उन्हें पचते नहीं हैं वो खुजली किया ही करते हैं जब तक कोई कायदे से न खुजलावे !
      इसी प्रकार से हमें साईं साईंसंप्रदाय के खंडन से बचने की सलाह दी जा रही है और बताया जा रहा है कि प्रभु राम ने खंडन करने को रोका  है ! बंधुओ ! यदि समाज को इतना कमजोर ही बनाना होता तो श्री राम ने लंका पर आक्रमण क्यों किया क्यों खंडित किए उनके शरीर !
      मित्रो ! किसी के ऊपर हमला करने के लिए उस के ब्लैड मारना  अपराध है किंतु किसी के फोड़ा हुआ उसका आपरेशन करने में ब्लैड चलने वाला सर्जन पुण्य का काम कर रहा होता है इस बात का रहस्य समझे बिना उपदेश करना अपनी चंचलता सिद्ध करता है ।
 

दुर्गा पूजा -
दो. आश्विन शुक्ला प्रतिपदा शारदीय नवरात्र । 
स्वजन सखा सानंद हों निरुज होंहि शुचि गात्र ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html

दो. दूसर दिन नवरात्र का ब्रह्मचारिणी मात। 

       जननी बंदउँ पदकमल हृदय बसहु हरसात ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
दो.      तीसर दिन नवरात्रि का चंद्रघंटिके अंब ।     चरण शरण जगदम्बिके तुम्हहिं एक अवलंब ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
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दो.  चौथा दिन नवरात्र का चहुँ दिशि हरष हिलोर ।
      कूष्मांडा माँ की कृपा बरस रही सब ओर ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html   
दो. स्कन्धमातु को ध्यावत पंचम दिन मन लाइ ।

     सुत सुख संपत्ति अमित यश देहिं कृपाकरि माइ ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
 दो.  कात्यायनी माँ की कृपा सरस रही सब ओर ।
     छठवाँ दिन नवरात्र का जननि  आसरा तोर ॥
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दो.कालरात्रि जगदम्बिके सादर नावउँ माथ ।
कृपा करहु जननी जगत तुम सों सदा सनाथ ॥
- see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html

दो. महागौरिजा आठवाँ जगत जननि तव रूप ।
     सादर बंदउँ पद कमल माते परम अनूप ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html

दो. नवरात्रों के नवम दिन  सिद्धिदात्री अंब ।
    कृपा करहु सब पर जननि सबकी तुम अवलंब ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html



दो. साईं वालों पर कृपा होवै जननी तोर ।
भूतन्ह महुँ भटकैं जनि ताकहिं तुम्हरी ओर ॥
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दो. साईंहिं सेवहिं मूढ़ जे जननी तुम्हहिं बिसारि ।
    तिन्ह कहँ देहु दरिद्रता सबक सिखावहु झारि ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html

 दो.निर्मल बाबा टाइप के पापिन्ह कहँ लतियाव ।
       जहाँ तमाशाराम तहँ इन हूँ  को पहुँचाव ॥
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दो.निर्मल बाबा कर रहा शास्त्र विमुख बकवास ।
    ऐसे पापिन्ह को जननि  सबक सिखाओ ख़ास ॥
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दो. जगतजननि की कृपा से सुधरे सब संसार ।
     कन्याओं पर बंद हो भीषण अत्याचार ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html

दो. सरकारी अधिकारियों की होवे सद्बुद्धि ।
     कामचोर सुधरें जननि घूँस ने लें हो शुद्धि ॥
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 दो भ्रष्ट अफसरों को जननि दीजै दारुण दंड ।
       भूल जाएँ बदमाशियाँ भुगतें पाप प्रचंड ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html

दो.  बलात्कारियों को जननि दीजै  ऐसा रोग ।
      किसी काम के न रहें तरसें लखि लखि भोग॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html 

दो.साईं वाले दे रहे तुम्हें चुनौती मात । बुड्ढे के बलपर कहैं हम सब हैं कुशलात ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html  

दो. साईं पत्थर पुज रहे देवी देव घमात ।
इन पापी पाखंडियों को सबक सिखाओ मात ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html

दो. किसी जन्म के पाप हैं भुगत रहे जो भोग ।     दुर्गा माँ को छाँड़ि के साईंहिं पूजत लोग ॥ see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
दो. जगत जननि जगदंब में कहा कमी अस लाग ।
     जे साइँहिं पूजत फिरहिं तिन्हके परम अभाग ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html  

दो.माँ दुर्गा की दया बिनु हिलत न एकौ पात । 
    राम कृष्ण में खोंट का जो साईं पूजन जात ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html 


दो. दैत्य दलन्ह को दलिमल्यो जगदम्बे बहुबार।
         धरम सुरक्षा के लिए अब करहु साईं संहार ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html


  दो. प्रेमी जोड़े नाम को व्यभिचारी समुदाय ।
       दूषित करत समाज सब तिन्हहिं सुधारहु माय ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html

     
दो.राम,कृष्ण शिव की जननि  पूजा क्या पाखंड ।
    साईं वाले बक रहे क्यों जननी अँडबंड ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
दो.   देवी देवता सुनत नहिं साईं दें सब भोग ।
      पुण्यहीन भाषत अस मरन चाहत जे लोग ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
दो. हमैं सोच नहिं आपनो कहउँ न अपने हेत ।
' साईं ' कसकै रात दिन माँ तुम्हें चुनौती देत ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
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दो. मधुकैटभ को बल दल्यो शुंभ निशुंभ को अंब । 
    साइँन्ह की बारी अब कृपा करहु जगदंब ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
दो. मंदिर में साईं पुजत देवी देव घमात ।
     पापिन्ह को पाखंड अब जननि सहो नहिं जात ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html

दो. मंदिर में साईं घुसे देवी देव उदास ।
साईं वालों को जननि सबक  सिखावहु ख़ास
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दो. साईं वालों को जननि दीजे दंड कठोर ।
    जगदंबे तुम्हरे  रहत ये साइँहिं पूजत चोर ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
 दो. साईं पूजा देश में सब पापों की मूल ।
     जग जननी कीजै कृपा तुम्हारे हाथ त्रिशूल ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
दो . अकर्मण्य सुर  हो गए कहैं साईं के  शेर ।
       बुढ़ऊ पुरिहैं कामना अंबे  ये अंधेर ॥ see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
  दो. देवी देव दिखावटी बने  सजावट माल ।
साईं अब करिहैं कृपा  जगदंबे ये हाल ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html

दो. पाखंडी फैला रहे भ्रम अंबे दो ध्यान ।
     मंदिर मंदिर बिक रहे साईं धरे दुकान ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html

 न गच्छेत् साईं मन्दिरं !(साईं मंदिर नहीं जाना चाहिए )
साईं गिरोह के लोगों से सावधान !
   बंधुओ !मायावी साईं संप्रदाय के लोग नवरात्रों को कैस करने के लिए बुड्ढे को साड़ी पहना कर लाली लिपस्टिक लगाकर बैठा सकते हैं कहीं धन माँगने के लिए ये लालची लोग कुछ भी कर सकते हैं इन्हें क्या बोल देंगे कि 'साईंमाता' प्रकट हुई हैं अभी साईं की नौ फोटो अलग अलग बनवाकर मनाने लगेंगे साईं नवरात्र और माँगने लगेंगे चढ़ावा भीख !इसलिए बंधुओ ऐसे पापियों से अपने एवं अपने परिवारों को बचाते रहें और चिपके रहें अपने देवी देवताओं की भक्ति से एवं अपनी पावन शास्त्रीय परंपराओं से !बंधुओ !हम आप रहें न रहें किंतु हजारों लाखों वर्षों से चली आ रही अपनी परंपराएँ मिटने न पाएँ यही तो अपनी पहचान है । 

दो.  जे खुद को योगी कहैं करैं सकल व्यापार ।
अस कलियुगी पतंजली बाबन्ह को धिक्कार ॥

दो.शुभ प्रभात हो सखागण मंगलमय रविवार ।
    सूर्य  कृपा  सब  पे  रहै  परिहरि रोग विकार ॥

दो.शुभ प्रभात हो बंधुओं  सोमवार शिववार ।
     भोले बाबा कृपाकरि कटिहैं कष्ट हजार ॥
दो.मंगलमय सबको सखा होवै मंगलवार । 
रोग दोष दुःख नाशिहैं प्रभु अंजनी कुमार ॥
दो. बुद्ध सुखद सबके लिए शुभ फलप्रद हो आज ।
     सकल कामना पूर्ण दिन पावहु मित्र समाज

दो.आज बृहस्पतिवार का होवे शुभद प्रभात।
  शुभ दिन बीते आपका  सुख पावहु दिन रात ॥
 
दो.शुक्रवार की सुबह शुभ बंधु बहन सानंद ।
          स्वीकारो शुभ कामना कृपा करहिं ब्रजनंद ॥

दो. शुभ प्रभात शनिवार का सुखी सखा सानंद ।
     शनि पीड़ा को भय तजहु भजहु अंजनी नन्द ॥ 
   हे मित्रो !आज शनिवार का सबेरा आपके लिए शुभ हो, आप सुखी हों, आनंदित रहें । बंधुओ !शनि देव के द्वारा दी जाने वाली परेशानियों  से आप बिलकुल भयभीत न हों और प्रभु हनुमान जी का भजन करते  रहें ।  
दो.जगज्जननि  जगदम्बिके सरस्वती सुखदानि ।                                                   
         कृपाकरहु   हे कृपामयि सादर वीणापानि ॥  

नवरात्री


          दो.मंगलमय होली रहे घर घर मंगलचार ।  
             बहनों के सँग बंद हो अब तो अत्याचार ॥
         दो.    बूढ़ों की सेवाबढ़े श्रेष्ठों का सम्मान ।
         स्नेह भाव सबके प्रति करहु छाँड़ि अभिमान ॥
दो. भाई बहनों प्राणप्रिय पावहु हर्ष अपार ।
     प्रभु प्रसाद से सुखद हो होली को त्यौहार ॥
दो. भाई बहन के स्नेह का है पावन त्यौहार ।
       नित नूतन बढ़ता रहे भाई बहन में प्यार ॥
    दो.    बूढ़ों की सेवाकरो  श्रेष्ठों का सम्मान ।
         स्नेह भाव सबके प्रति रखहु छाँड़ि अभिमान ॥
दो. शास्त्रविमुख मक्कार जग जे ब्यभिचारी लोग ।
        'साईं' बेचत  फिर रहे धर्म नाम पर ढोंग ॥
      दो . जे पापी पाखंड प्रिय भ्रष्टाचारी लोग ।
             गीता तिन्हैं सोहात नहिं जिन्हैं भोगनो भोग ॥
 दो. जिन बदले निज देवता  बदल सकैं ते बाप ।
      साईं बाले कर रहे धर्म नाम पर पाप ॥

दो. गीता जैसे ग्रन्थ का जो कर रहे  विरोध ।
     उनके भ्रष्टाचार पर होना चाहिए शोध ॥  
दो. जे पापी मानत  नहीं करत पाप पर पाप ।
     तिन्हैं गीता से डर लगे राजनीति के साँप ॥
दो. तिन्हैं मरन को भय कहा जे जग जोगी लोग ।
      खुद लै फिरहिं सिक्योरिटी औरन्ह सिखवत योग ॥
   दो.अजर अमर है आत्मा  नश्वर मिला शरीर ।
       गीता का सन्देश यह हरहु जगत की पीर ॥

  दो. धन तेरस सबके लिए दे  आनंद  अपार ।                              
                                   माँ लक्ष्मी की कृपा से सुख पावै संसार ॥


दो. मंगलमय बीते दिवस सुदिन सुमंगल आज।
     कृष्णकृपा भाजन बनो कृपा करहिं  ब्रजराज ॥ 
दो.गई जरावन भक्त को जरी होलिका आप ।
     पुण्य विजय का पर्व यह हुआ पराजित पाप ॥
दो. राख ढेर सों प्रकट भै पुनः भक्त प्रह्लाद ।
    देखि सखा हर्षित भए सबकर मिटा विषाद ॥
  दो.  खेलन लागे राख सों लगे उलीचन  धूल  ।
      भक्त विजय सुनि सुर गगन बरसन लागे फूल ॥
दो. भाई बहन के स्नेह का है पावन त्यौहार ।
       नित नूतन बढ़ता रहे भाई बहन में प्यार ॥



दो. चैत्र शुक्ल की दूज शुभ बासंती नवरात्र । 
रहहु सखा सानंद नित निरुज होहि तव गात्र ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html



दो. आश्विन शुक्ला प्रतिपदा शारदीय नवरात्र । 
रहहु सखा सानंद नित निरुज होहि तव गात्र ॥ see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html

दो.  कात्यायनी माँ की कृपा सरस रही सब ओर ।
     छठवाँ दिन नवरात्र का जननि  आसरा तोर ॥
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दो.कालरात्रि जगदम्बिके सादर नावउँ माथ ।
कृपा करहु जननी जगत तुम सों सदा सनाथ ॥
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दो. महागौरिजा आठवाँ जगत जननि तव रूप ।
     सादर बंदउँ पद कमल माते परम अनूप ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
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दो.शुभ कामना प्रसाद मैं सादर धारउँ शीश । 
जुग जुग चलै सनेह यह कृपा करहिं जगदीश ॥

  

दो. नवरात्रों के नवम दिन  सिद्धिदात्री अंब ।
    कृपा करहु सब पर जननि सबकी तुम अवलंब ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html

दो. साईं वालों पर कृपा होवै जननी तोर । 
भूतन्ह महुँ भटकैं जनि ताकहिं तुम्हरी ओर ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
            


  


दो. आश्विन शुक्ला प्रतिपदा शारदीय नवरात्र । 
स्वजन सखा सानंद हों निरुज होंहि शुचि गात्र ॥ 

दो. दूसर दिन नवरात्र का ब्रह्मचारिणी मात। 
       जननी बंदउँ पदकमल हृदय बसहु हरसात ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
दो. साईंहिं सेवहिं मूढ़ जे जननी तुम्हहिं बिसारि । 
    तिन्ह कहँ देहु दरिद्रता सबक सिखावहु झारि ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
 दो.निर्मल बाबा टाइप के पापिन्ह कहँ लतियाव । 
       जहाँ तमाशाराम तहँ इन हूँ  को पहुँचाव ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
दो.निर्मल बाबा कर रहा शास्त्र विमुख बकवास ।
    ऐसे पापिन्ह को जननि  सबक सिखाओ ख़ास ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html  

दो.जे ज्योतिष जानत नहीं वास्तु पढ़ी नहिं रंच । 
     ते भविष्य भाषत फिरहिं झुट्ठौ करत प्रपंच ॥
दो. टीवी वाले ज्योतिषी झुट्ठी सँग अठिलाँय।
 झूठ बतावहिं राशिफल झूठे बकहिं उपाय ॥

दो. व्यास कहाँ शुकदेव कहँ कहाँ भागवत 'शेष' । 
कथा कहत किन्नर फिरहिं धरि बहुरुपिया वेष ॥ 
  दो. नाम  भागवत  को रटैं करैं  "भोगवत " 'शेष '।
        हँसि हँसि हेरहिं औरतैं धरि भड़ुअन को वेष ॥ 
दो.लीन्हें घूमैं  भागवत जे भागवतिहा लोग ।
     करि सोलह श्रृंगार ये मँजनू माँगें भोग ॥ 

 दो. साधू चहैं सिक्योरिटी निर्भय फिरहिं गृहस्थ । 
      पाप पाई जे  छुवत नहिं ते बिना योग के स्वस्थ ॥ 
दो हाथ पैर भाँजत फिरहिं नई योग की रीति । 
        सबै दिखावैं साधुता मरिबे ते भयभीत ॥ 
दो. महँगाई से मर रहे बाल बृद्ध नर नार । 
    अरबोंपति बाबा बने नूडल को व्यापार ॥ 
दो. संस्कार सहिष्णुता त्याग तपस्या सूख । 
      भूत बने बाबा फिरैं मिटत न धन की भूख ॥
दो.योग योग सब कोइ कहै किन्तु न जानत योग । 
        चित्तवृत्ति फैली फिरहिं हँसैं हहाहा लोग ॥ 
   दो.  जो खुद को योगी कहै करै सकल व्यापार ।
         भाषण में हो वीरता कर्मन्ह में सलवार ॥ 
 दो. कालेधन की बात करि बाबा कीन्हें शोर । 
     अब न दिखात सुनात नहिं मौन भए मुखचोर ॥


दो.   धर्म कर्म में रूचि रहै चित  ध्यावै ब्रजराज
     बुरा न बोलो काहु को तौ का करिहैं यमराज ।

 दो.  निर्भय फिरत  किसान सब करत खेत खलिहान ।  
       बोझ बने बाबा फिरहिं लहे सिक्योरिटी शान ॥ 

     दो.बाबा बोलत  वीर रस रहे लगावत आग ।
         भयवश नारीवेष में प्रकटे अस वैराग ॥
        दो.  झूठ साँच भ्रम बोलत रहे कालेधन का जोक ।
          मिलत  सिक्योरिटी शांत भे बाबा अस डरपोक ॥

दो.राजनीति ने देश में किया बहुत उत्पात । 
करना धरनाकुछ नहीं ब्यर्थ बनावत बात ॥ 

दो.आज बृहस्पतिवार का होवे शुभद प्रभात।
  शुभ दिन बीते आपका  सुख पावहु दिन रात ॥ 

दो. जगतजननि की कृपा से सुधरे सब संसार ।
     कन्याओं पर बंद हो भीषण अत्याचार ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
दो. सरकारी अधिकारियों की होवे सद्बुद्धि । 
     कामचोर सुधरें जननि घूँस ने लें हो शुद्धि ॥ 
 दो भ्रष्ट अफसरों को जननि दीजै दारुण दंड । 
       भूल जाएँ बदमाशियाँ भुगतें पाप प्रचंड ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html

दो.  बलात्कारियों को जननि दीजै  ऐसा रोग ।
      किसी काम के न रहें तरसें लखि लखि भोग॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
दो.नेताओं की नियत पर है भारी संदेह । 
जनसेवा की बात कर भरते अपने गेह ॥ 

दो.साईं ठग्गू लाल का दिन कैसे गुरूवार ।  
      विष्णु दिवस महिमा अमित जानत सब संसार ॥
दो.साईं वाले दे रहे तुम्हें चुनौती मात । 
बुड्ढे के बलपर कहैं हम सब हैं कुशलात ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html  

दो. साईं पत्थर पुज रहे देवी देव घमात ।
इन पापी पाखंडियों को सबक सिखाओ मात ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html

दो. पत्थर साईं नाम के पूजत अनपढ़ लोग । 
     प्राण गए यमराज घर तबहुँ लगावत भोग ॥ 

दो. किसी जन्म के पाप हैं भुगत रहे जो भोग ।
     दुर्गा माँ को छाँड़ि के साईंहिं पूजत लोग ॥ see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
दो. जगत जननि जगदंब में कहा कमी अस लाग ।
     जे साइँहिं पूजत फिरहिं तिन्हके परम अभाग ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html

   
दो. साईं प्राणन्ह  खैंच कै  भागि गए यमदूत ।
      यहाँ शरीरहिं गाड़ि कै पुजत  साईं को भूत ॥ 

दो.प्राण गए यमराज घर देही दई सड़ाय । 
    अब साईं को का बचो जो शिरडी देखन जाय ॥ 


    तहाँ न साईं को कछू तहाँ न पूजा पाठ । 

दो.शिव दुर्गा की दया बिनु हिलत न एकौ पात । 
    राम कृष्ण में खोंट का जो साईं पूजन जात ॥
दो.माँ दुर्गा की दया बिनु हिलत न एकौ पात । 
    राम कृष्ण में खोंट का जो साईं पूजन जात ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html   


दो. दैत्य दलन्ह को दलिमल्यो जगदम्बे बहुबार।
         धरम सुरक्षा के लिए अब करहु साईं संहार ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html

दो. शिक्षक जे न पढ़ावहिं बेतन लें हर बार ।
पढ़ें न तिनहूँ के शिशु जौं पढ़ें तो हों बेकार ॥ 

  दो. प्रेमी जोड़े नाम को व्यभिचारी समुदाय ।
       दूषित करत समाज सब तिन्हहिं सुधारहु माय ॥

 दो.      तीसर दिन नवरात्रि का चंद्रघंटिके अंब ।
     चरण शरण जगदम्बिके तुम्हहिं एक अवलंब ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
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दो.  चौथा दिन नवरात्र का चहुँ दिशि हरष हिलोर ।
      कूष्मांडा माँ की कृपा सरस रही सब ओर ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
     - see  more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_67.html

दो. स्कन्धमातु को ध्यावत पंचम दिन मन लाइ ।
     सुत सुख संपत्ति अमित यश देहिं कृपाकरि माइ ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
    
दो.राम,कृष्ण शिव की जननि  पूजा क्या पाखंड ।
    साईं वाले बक रहे क्यों जननी अँडबंड ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
दो.   देवी देवता सुनत नहिं साईं दें सब भोग ।
      पुण्यहीन भाषत अस मरन चाहत जे लोग ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
दो. हमैं सोच नहिं आपनो कहउँ न अपने हेत ।
' साईं ' कसकै रात दिन माँ तुम्हें चुनौती देत ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
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दो. मधुकैटभ को बल दल्यो शुंभ निशुंभ को अंब । 
    साइँन्ह की बारी अब कृपा करहु जगदंब ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
दो. मंदिर में साईं पुजत देवी देव घमात ।
     पापिन्ह को पाखंड अब जननि सहो नहिं जात ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html


दो.राम कृष्ण शिव के विमुख रचें साजिशें ढेर ।
      अपने को हिंदू कहैं देखौ तौ अंधेर ॥
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दो. खरदूषण रावण बध्यो हे रघुनंदन राम ।
     अबकी दशहरा साईं पर बीतै 'जय श्री राम' ॥
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दो. मंदिर में साईं घुसे देवी देव उदास ।
साईं वालों को जननि सबक  सिखावहु ख़ास
see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.htmlदो. साईं वालों को जननि दीजे दंड कठोर ।
    जगदंबे तुम्हरे  रहत ये साइँहिं पूजत चोर ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
 दो. साईं पूजा देश में सब पापों की मूल ।
     जग जननी कीजै कृपा तुम्हारे हाथ त्रिशूल ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
दो . अकर्मण्य सुर  हो गए कहैं साईं के  शेर ।
       बुढ़ऊ पुरिहैं कामना अंबे  ये अंधेर ॥ see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html


दो. देवी देव दिखावटी बने  सजावट माल ।
साईं अब करिहैं कृपा  जगदंबे ये हाल ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html

दो. पाखंडी फैला रहे भ्रम अंबे दो ध्यान ।
     मंदिर मंदिर बिक रहे साईं धरे दुकान ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
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दो. पाप पुण्य कुछ भी करे साईं  मंदिर जाय  ।
कृपा  वहाँ पर बिक रही पैसे  दे लै जाय ॥
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दो. पापकर्म खुब बढ़ गए रोज हो रहे  रेप ।
हत्या  भ्रष्टाचार सब साईं कृपा की खेप ॥
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ज्योतिषियों के पाखंड -

दो. रामायण के सीरियल में बन का गए राम । 
       अरुण गोबिल हो गए हैं तब से   बेकाम ॥
    दो.   खुद न रहे कछु काम के तौ पकरो 'कुमार ' ।
      'मंतर' 'मंतर' करि रहे संस्कृत ते लाचार ॥
    दो.    मंत्र कहे पावत नहीं सप्तशती लै हाथ । 
      पढ़ना निज बश को नहीं ठोंकि रहे हैं माथ ॥
     दो.  जेल तमाशाराम गए तब बाबा घबड़ान ।
         पढ़नो तौ बश को नहीं पकड़े फिरैं पुरान ॥

 दो.पैंट लसेटे फिर रहे ज्योतिष के लप्फाज ।
      बेटा बेटा कह रहे बापन्ह को तजि लाज ॥ 
  दो.  ज्योतिष के बकवासियों को मेरा  challenge । 
      बेहूदे बोलत फिरैं yes I can change ॥ 


दो. टीवी वाले ज्योतिषी झुट्ठी लीन्हें साथ ।
    कहैं मोर गुण गावहु पैसे पकड़ो   हाथ ॥
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   दो.   गुरू गुरू  झूट्ठी करै करै गढ़ि गढ़ि तानै तीर ।
     भाग्य भ्रष्ट जगदम्ब वे रचत फिरत तकदीर ॥
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 दो. झुट्ठी बोलै गुरू जी नाक नक्स की नीक ।
     भोंदू बक्सन्ह सों कहै तुम्हहिं ज्योतिषी ठीक ॥
    दो. संस्कृत पढ़ी न ज्योतिष नहिं मन्त्रन्ह को ज्ञान ।
        तिन्ह कहँ व झुट्ठी कहै तुम सम को विद्वान !

   दो.   झूठ राशिफल नाम का कपट करहिं  सब भाँति ।
व्यस्त  कहहिं खुद को बहुत 'पर' खून पिअहिं दिनराति ॥
दो. ज्योतिष को ऐसो नशा तरह तरह  ढोंग ।
    बेटा बोलैं  बड़ेन्ह को ये पाखंडी   लोग  ॥
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      दो. जिद न जीत की ठीक है हार न हेरि हिराहिं ।
           मौत याद हर क्षण रहै तौ मन फिसलत नाहिं ॥ 


दो. हाथ पैर टोरत फिरै ब्यर्थ स्वास या हास ।
काम न अपनो करि सकें हर छिन रहत हताश ॥
दो.परिवारों में प्रेम हो तजो स्वार्थ की गंध ।
      कच्चे धागों  से बँधे परिवारी सम्बन्ध ॥


 दो . आज कृष्ण  जन्माष्टमी का पावन त्यौहार । 
       कृष्ण कृपा भाजन बनो ध्यावत नंदकुमार ॥ 
दो. शंख चक्र कर गदा लै पद्म सुशोभित हाथ । 
     देवकि माँ सों प्रकट ह्वै राजहिंगे यदुनाथ ॥  


दो.आज कृष्णजन्माष्टमी का पावन त्यौहार ।
  सबको कोटि बधाइयाँ तिहुँ पर जय  जयकार ॥                                                                                 






 दो. हुई प्रतीक्षा वर्ष भर तब आया शुभ वार ।
         मंगलमय सबके लिए दीवाली त्यौहार ॥ 

दो. सुखी होय सारा जगत सब दुःख दर्द बिसार ।
      नित नूतन बढ़ता रहे सब लोगों में प्यार ॥

आज रक्षाबंधन के पुनीत पर्व पर आप सभी भाई बहनों को बहुत बहुत बधाई !    
  आप सभी स्नेहिल भाई बहनों के  स्नेहभाजन  होने से आनंदित हूँ !

 दो. सदा सुखी हो बंधुओ युग युग का त्यौहार ।
      नित नूतन बढ़ता रहे भाई बहन का प्यार ॥

दो.  क्षण भंगुर यह जिंदगी अस्थिर जग व्यवहार।
       घटने कभी न दीजिए परिवारों में प्यार ॥

दो.सबकी भूलें भूलिये गलती सबसे होय । 
कहा पता अगले वरष मिलनो होय न होय ॥   

दो.सबकी भूलें भूलिये गलती सबसे होय । 
पता नहीं अगली सुबह मिलनो होय न होय ॥  

 दो. बच्चे तरसैं बात को घरै दिखावैं तैस । 
  औरन्ह संग हा हा हँसैं बाहर हो खुब  ऐस ॥ 

दो. आज जवानी आप  यदि रखि नहिं सके सँवारि ।
      कल वृद्धापन आइहै हँसिहैं सब दै तारि ॥


दो. सबसे मिलिए प्रेम से करो मधुर व्यवहार ।
     पता नहीं किससे कब मिलन आखिरी बार ॥


दो.अपनेपन के प्रेम में हो न स्वार्थ की गंध ।
      कच्चे धागों  से बँधे अपनो के सम्बन्ध ॥ 

       
दो.  परिवारों का प्रेम सब नशा हास परिहास। 
     स्वार्थ घमंडी भाव से घर भर फिरैं उदास ॥ 


दो. मीठी बोली के बिना बिखर रहे परिवार ।
       मीठा के डिब्बे लहे बाँटत फिरैं लबार ॥ 


दो.भाई बहन के प्रेम में हो न स्वार्थ की गंध ।
      कच्चे धागों  से बँधा भाई बहन सम्बन्ध ॥ 


दो.  परिवारों का प्रेम सब नशा हास परिहास। 
      पत्नीभक्ति प्रभाव से घर भर फिरैं उदास ॥ 
 दो.  महिलाओं का दोष नहिं दोषी पुरुष समाज । 
        मन पर संयम ही नहीं मथत फिरैं रतिराज ॥
दो. कामदेव को खुश करै रामदेव को योग ।
      औषधि बेचें काम की योग बहाने भोग ॥   
दो. कालगर्ल का दोष क्या कालर ब्यॉय उतान।
        सेक्सरैकटी छीनते महिलाओं का मान ॥
दो. पार्क पार्किंगों में मिलैं लिपटे चिपटे दोउ ।
      कुत्ते बिल्ली की तरह किन्तु न रोके कोउ ॥
दो. अपने मन के सेक्स को पापी बोलैं प्यार ।
      रावण को फूँकत फिरैं ऐसेन्ह को धिक्कार॥  


दो. पति पत्नी के बीच में बढ़ती रहती खाइ । 
    प्यार भरे छलकत फिरैं ताकत फिरैं लोगाइ ॥ 
दो. बच्चे दर दर भटकते जे जन करहिं तलाक । 
      ढूँढत  प्रेमी प्रेमिका ये प्यार करेंगे खाक ॥ 

दो. पति पत्नी के बीच में दिन दिन बढ़त दरार । 
      पर पत्नी के प्रेम में मारे फिरैं लबार ॥

ऐ दिल्लीनरेश ! जागो ये समय आत्मचिंतन का नहीं अपितु आत्ममंथन का है निजी स्वार्थों से ऊपर उठो !
हमारा आम आदमी पार्टी के वर्तमान एवं भूत पूर्व सभी सात्विक लोगों से निवेदन है इस विरक्त विचारधारा को बटने से बचा लीजिए !see more...http://bharatjagrana.blogspot.in/2015/04/blog-post_45.html
आमआदमीपार्टी से 'अ' अक्षर वाले अंजली ,अरविंद ,आशीष, आशुतोष आदि लोगों को लेनी होगी विदाई !-ज्योतिषseemore...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/p/blog-page_10.html

                हमारी माँ बहन को भी कोई गाली दे !ऐसा कोई भला आदमी क्यों चाहेगा !
     दूसरे को गाली हमेंशा वो लोग देते हैं  या फेस बुक पर लिखते हैं जिनका मन होता है कि काश ! हमारी माँ बहन को भी कोई गाली देता ! गाली देगा वही जिसके पास गालियाँ होंगी और होंगी नहीं तो देगा कहाँ से ! ऐसे लोगों की माताएँ  भी ऐसी ही होती होंगी !यह भी संभव है कि ऐसी माताओं ने इनको जन्म देने में ही संस्कारों की किस्तें पूरी न की हों या फिर गलत तरीके से की हों ! यह भी संभव है कि ऐसी माताओं के उनके अपने ही संस्कार न ठीक हों उन्हीं का परिचय दे रहे हों ये गाली देने वाले लोग !खैर !बाकी सभी अच्छे संस्कारों वाले माता पिता की संतानों से निवेदन है कि वो ऐसी माताओं को भी गाली न दें जिन्होंने गाली देने वाले इतने गंदे बच्चे पैदा किए हों !जो अपने माता पिता के कुसंस्कारों की भड़ास औरों पर निकालते फिरते हों !


दो.स्वजन सनेही सखा सब रखो मधुर व्यवहार ।
   मंगलमय हो आपको दीवाली त्यौहार ॥