लोकतंत्र का मतलब सबका समान अधिकार किन्तु यहाँ तो लोकतंत्रके नाम पर केवल नेता और उनके नाते रिस्तेदार !
हे देशवासियो ! प्यारे भाई बहनों से निवेदन !आप भी लोकतंत्र की रक्षा के लिए आगे आएँ !और आप स्वयं विचार करें कि जो नेता लोग आपको कुछ नहीं समझते हैं उन्हें आप भी कुछ मत समझो जो आपको चुनाव लड़ने लायक नहीं समझते उन्हें आप भी वोट देने लायक मत समझो !जो आपको चुनावी टिकट नहीं देते आप भी उन्हें वोट मत दो !
जो नेता लोग टिकट देते हैं अपने बीबी बच्चों को !अपने घर खानदान वालों को !अपने नाते रिस्तेदारों को तथा वोट माँगते हैं आप से ! ऐसे पापी पाखंडियों को जिताने के लिए किसी भी कीमत पर आप वोट न दें लोकतंत्र की रक्षा के लिए ऐसे प्रत्याशियों को पराजित करवाकर पुण्य कमाएँ !लोकतंत्र के सबल साधकों से निवेदन है कि ऐसे भाई भतीजा वादी लोकतंत्र द्रोही प्रत्याशियों को अवश्य सबक सिखाएँ !आपके क्षेत्र में अच्छे अच्छे पढ़े लिखे ईमानदार अनुभवी चरित्रवान लोग भी होते हैं किंतु उनकी उपेक्षा करके नेता लोग या तो अपने नाते रिस्तेदारों को टिकट देते हैं या फिर टिकट बेंच लिया करते हैं ऐसे पक्ष पात का विरोध करने के लिए आप उन्हें हरवाकर अपना जन्म सफल बनाएँ और अपने जीवित होने का सबूत दें !राजनीति में भाई भतीजे वाद को जड़ से उखाड़ फेंकें !
यदि आप चाहते हैं कि आपके विधायक सांसद आदि भी सदनों में भाषण दे सकें तो पढ़े लिखे प्रत्याशियों को ही वोट दें !यदि आप भी बलात्कारियों से तंग हैं तो चरित्रवान प्रत्यशियों को ही वोट दें !यदि आप भी भ्रष्टाचार से तंग हैं तो ईमानदार प्रत्याशियों को ही वोट दें !यदि आप भी देश में लोकतांत्रिक पद्धति को जिन्दा रखना चाहते हैं तो उन पार्टियों को बिलकुल वोट न दें जिनका अध्यक्ष किसी एक फैक्ट्री मालिक की तरह केवल एक ही व्यक्ति या परिवार का सदस्य होता हो ऐसी पार्टियों के विरुद्ध मतदान कीजिए और बचा लीजिए अपने पूर्वजों के प्यारे लोकतंत्र को !जिस प्रत्याशी को टिकट इसलिए मिला हो कि वो किसी नेता की बीबी है नेता की बेटी या बेटा है या किसी नेता के घर खानदान का है या नाते रिस्तेदार है इसलिए उसे प्रत्याशी बनाया गया है ऐसे नेताओं को वोट न खुद दीजिए न किसी और को देने दीजिए संपूर्ण प्रयास करके इन्हें पराजित करके लोकतंत्र बचा लीजिए !
राजनैतिक पार्टियाँ दूध देने वाली भैंसों की तरह हैं जैसे भैंसों के मालिकों को जो पैसे दे वो उसे दूध देते हैं ऐसे ही दलों के दलाल जिन्हें दाम देते हैं वे उन्हें टिकट देते हैं किंतु आप उन्हें वोट क्यों देते हैं वे आपको क्या देते हैं ?
- यदि आप जाति देखकर वोट देंगे तो वो जाति जनाएँगे ही यदि आप संप्रदाय देखकर वोट देंगे तो वो सांप्रदायिक दंगे करवाएँगे ही यदि आप उनका धन देखकर वोट देंगे तो वो भ्रष्टाचार करेंगे ही !
- प्रत्याशियों की उच्च शिक्षा, अच्छे संस्कार, ईमानदारी ,सेवा भावना और चरित्र देखकर वोट दोगे तो तुम्हें पछताना नहीं पड़ेगा और वेईमानों को वोट दोगे तो वो तुम्हारे नाम पर भी घपले घोटाले ही करेंगे !
- जैसे छोटी छोटी बच्चियाँ बड़ी होकर दादी बन जाती हैं ऐसे ही बचपन के छोटे छोटे अपराधी भी बड़े होकर आजकल नेता बनने लगे हैं किंतु अभी भी राजनीति में भी कुछ अच्छे और ज़िंदा लोग हैं उन्हें खोजिए और ऐसे प्रत्याशियों को ही वोट देकर आप भी अपने देश और समाज के निर्माण में योगदान दें !ऐसे लोग किसी भी पार्टी के क्यों न हों !
- भ्रष्ट नेता चुनाव जीतकर यदि मंत्री भी बन जाते हैं तो वे समाज का भला नहीं करेंगे वो तो सरकारी अधिकारियों कर्मचारियों से वसूली ही करवाएँगे !उनसे अपनी सैलरी बढ़वाने के लिए उन्हें पोल खोलने की धमकी देकर वही सरकारी लोग हड़ताल पर चले जाएँगे फिर वे उन्हें मनाएँगे फिर उनकी सैलरी बढ़ाएँगे !ऐसे ही रूठते मनाते बीत जाएँगे 5 साल ! इसलिए अपना वोट बर्बाद मत होने दो !
- भ्रष्ट नेताओं को वोट दोगे तो भ्रष्टाचार सहना ही पड़ेगा !कमाओगे तुम खाएँगे नेता और उनके परिवार !
"राजनीति शुरू करते समय गरीब से गरीब नेता लोग चुनाव जीतते ही करोड़ों अरबोंपति हो जाते हैं कैसे आखिर उनके पास कहाँ से आता है ये पैसा !ऐसे बेईमानों को वोट देकर ईमानदारी की आशा मत करो !"
- बलात्कारी नेताओं को वोट दोगे तो बहू बेटियों की सुरक्षा कैसे कर पाओगे ?नेताओं का बलात्कार तो प्यार और गरीबों का बलात्कार !
"बलात्कारी नेता लोगों के पास काम के लिए जाने वाली या पार्टी के पद पाने के लिए जाने वाली महिलाओं के चरित्र से ही ये खेलेंगे !अपने बलात्कार को प्यार बताएँगे और गरीबों के बच्चों पर बलात्कार के आरोप लगते ही उनके लिए फाँसी की सजा माँगेंगे !अपने कुकर्मों पर तो पीड़ितों को डरा धमकाकर या कुछ लालच देकर शांत कर देते हैं आम बलात्कारियों के पास डराने धमकाने और लालच देने की हैसियत नहीं होती है इसलिए उसे फाँसी पर चढ़ाने की माँग करते हैं ये पापी !
- भूमाफिया नेताओं को वोट दोगे तो वो बेच खाएँगे तुम्हारे पास पड़ोस की सारी सरकारी जमीनें पार्क पार्किंगें आदि !
- कम पढ़े लिखे नेताओं को सांसद विधायक बनाकर संसद और विधान सभाओं में चुनकर भेजोगे तो वो सदनों में चर्चा कैसे कर पाएँगे ?ऐसे बुद्धू नेता लोग या तो मोबाईल पर फिल्में देखेंगे या सोएंगे या घूमें टहलेंगे या हुल्लड़ मचाएँगे !अपनी नाक कटवाने के लिए ऐसे अनपढ़ों को चुनकर क्यों भेजते हैं आप लोग !जो सदनों का बहुमूल्य समय बर्बाद करने के लिए पहुँच जाते हैं वहाँ !
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