Thursday, 19 January 2017

कुर्ता फड़वाए घूमने वाले कमजोर कंधों वाले लोग जब अपना कुर्ता नहीं बचा सके तो देश क्या बचाएँगे !

  फटा कुर्ता पहनने या पहनकर कुर्ता फड़वा लेने वाले नेताओं को जनता अब पहचानने लगी है  !
    कुर्ता फाड़ने वाले भी तो तंग होकर ही फाड़ते होंगे किसी का कुर्ता !पुराने समय में बड़े बूढ़े लोग इसीलिए तो कहा करते थे कि समय से शादी कर लो नहीं तो लोग कपड़े फाड़ डालेंगे !जिसे शादी न करना हो वो कुर्ता पहने ही क्यों ?प्रायः साधू संत लोग भी तो इसीलिए नहीं पहनते हैं सिले कपड़े !न जाने कब कौन फाड़ दे !
         फटे कपड़े पहनकर वोट माँगना कोई नई विधा नहीं है माँगने वालों को फटे कपड़े ही शोभा देते हैं !दिल्ली के एक मंदिर में एक पुजारी जी थे उनको कहीं थोड़ी भी चोट लग जाए तो वो अक्सर कुर्ता फाड़कर हाथ में पट्टी बँधवा लिया करते थे !जो भगत लोग आवें हालचाल पूछें तो वही अपना फटा हुआ कुर्ता दिखा दिया करते थे लोग दयावश  काफी पैसे दे जाया करते थे ऐसे अपने शरीर की छोटी मोटी चोट भी वे काफी महँगी बेच लिया करते थे !
   समय से शादी न होने पर हर किसी के कपड़े फाड़ने लगते हैं लोग !बुजुर्गों की सलाह को जो हवा में उड़ा देते हैं वो ऐसे ही कुर्ता फड़वाए घूमा करते हैं !
       जिस पार्टी में बूढ़े बूढ़े नेताओं ने भी जवानी लोन पर लेकर भी विवाह कर लिया हो !वहाँ जवान लोग कुर्ते फड़वाए घूम रहे हैं !विगत लोकसभा चुनावों में पार्टी को मिली पावन परजयी बसंत में कई वृद्धों ने समय का सदुपयोग किया किंतु जो समय का महत्त्व नहीं समझते वो घूमें कुर्ता फड़वाए !कोई क्या करे !
       कोई स्टेज पर खड़ा होकर भरी सभा में अचानक कहने लगे कि  हमारा कुर्ता फटा है किंतु क्यों फटा है कैसे फटा है किसने फाड़ा है या घर वालों से गुस्सा होकर खुद फाड़ लिया है अपना कुर्ता !या सरकार जाने के बाद इतनी गरीबत आ गई है कि कुर्ता भी नहीं खरीद पा रहे हैं या फिर नोट बंदी के कारण फटा कुर्ता पहनना पड़ रहा है !ऐसा तो नहीं कि कुर्ते फाड़ फाड़ कर ही पहनने की आदत हो !मनमोहन सरकार के मंत्रिमंडल के द्वारा पास किया गया बिल भी तो इन्होंने ही फाड़ा था ये फाड़ने फड़वाने वाली बीमारी बहुत गन्दी होती है 
      अभी कुछ वर्ष पहले ही दिल्ली के रामलीला ग्राउंड में एक बाबा जी पहुँचे थे कपड़े फड़वाने ! पुलिस ने जैसे ही लट्ठ उठाया तो तुरंत औरतों वाले सलवार कुर्ते में आ गए थे वो !पुलिस वालों के लट्ठ के आगे बड़े बड़े पहन लेते हैं कपड़े !क्योंकि ये सबको पता है कि भारत की पुलिस में और कोई गुण हो न हो किंतु  किसी को मारते समय उसे नंगा करके मारने में उनकी तुलना किसी से नहीं है अक्सर देखे जाते हैं ऐसे केस !
      वैसे भारत वर्ष में किसी की भी बेइज्जती करते समय लोग भी आपस में ही एक दूसरे को मारने से ज्यादा  नंगा कर देना ही पसंद करते हैं !किंतु जनता को कोई नेता नंगा करे तो करता रहे और अपना जरा सा कुर्ता फट जाए तो नेता लोग स्टेज पर खड़े हो होकर मीडिया के सामने सारी दुनियाँ को दिखाने  लगते हैं ! 
        प्रायः हर क्षेत्र में माँगने की इच्छा रखने वाले ऐसा करते देखे जाते हैं किंतु आज कल लोग भरोसा कम करने लगे हैं क्योंकि लोगों को माँगने वालों की मानसिकता पता चल गई है फिर भी जनता को बुद्धू बना कर जितना माँग सकते हो माँगो !जनता खुद गरीब रहकर भी नेताओं की शौक शान पूरी करने के लिए दिन भर खून पसीना बहाती है फिर भी फटा  कुर्ता दिखा दिखा कर जनता की बेइज्जती कराते घूम रहे हैं नेता लोग !
   अरे !तुम्हें तो कोई कुछ नहीं कहेगा क्योंकि सबको पता है कि नेता लोग और उनके परिवार गरीबों ग्रामीणों और किसानों की कमाई के बल पर ही पलते हैं ऐसे में अपना फटा कुर्ता दिखा दिखाकर क्यों गरीबों ग्रामीणों और किसानों को शर्मिंदा करते हो यार !
  अपना पता बताओ  देश के गरीब खुद फटा  पहन लेंगे किंतु तुम्हारे लिए सैकड़ों कुर्ते भेज देंगे अभी भी !गरीब केवल गरीब होता है किंतु भिखारी नहीं !किसान आत्म हत्या करते ही इसीलिए हैं कि वो अपने और अपने बच्चों का पेट राजनेताओं की तरह फ्री की कमाई से नहीं भरना चाहते !और अपनी जिम्मेदारी न निभा पाने की पीड़ा से परेशान होकर प्राण छोड़ देते हैं वे !

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