Sunday, 22 January 2017

सपा का घायल घोषणा पत्र : जो बाप के नहीं हुए वे आपके होने का नाटक कर रहे हैं !

  सैफई में समारोह और लखनऊ में लड़ाई !सारी बातें हवा हवाई !!
    सपा सरकार का मतलब होता है पूरे प्रदेश पर सैफई का शासन !लड़ते रहने वाले लोग रोज नए नए पैंतरें बदल रहे हैं इतने दिन ऐंठने मानाने वाले ड्रामेवाजों को जनता भी अब समझ चुकी है कि इनकेबस का काम काज कुछ है ही नहीं इन्होंने तो आज तक बस केवल सैफई का विकास किया है वहीँ नाच गा लेते हैं और लखनऊ में लड़ने चले आते हैं !
पिछले पांच सालों में लाखों लोगों को नौकरी दी.अखिलेश यादव द्वारा कही गईं मुख्‍य बातें...
सरकारी स्‍कूलों में शिक्षा का स्‍तर सुधारा जाएगा.    प्राइमरी शिक्षा के लिए कई काम हुए.
शिक्षक तो वही हैं पुराने !घूस देकर सोर्स पूर्वक नौकरी पाई थी जिन्होंने !कुछ तो खुद नहीं पढ़े हैं और कुछ का पढ़ाने में मन नहीं लगता है !शिक्षक जो पढ़ाने की सैलरी ले रहे हैं उन्हीं से वो पूछ दिया गया तो बेचारे बता नहीं पाए !
    कार्यकर्ताओं के लिए हमारा काम बताना आसान.
पिता जी के कारण हम कुछ कर नहीं पाए बस इतना ही तो कहना है कार्यकर्ताओं को !
    नोएडा, लखनऊ में लगे पत्‍थर बताते हैं कि अगर सरकार बनी तो बड़े-बड़े हाथी लगा दिए जाएंगे.
सैफई देखकर ये भी तो लगता है कि विशेष  विकास केवलसैफई और यादवों का ही होगा सपा कीसरकार में ! समाजवादी लोगों से किसी का मुकाबला नहीं, क्‍योंकि वे सबसे आगे हैं.
नाटक करने में !महीनों से ड्रामा चला रूठने मनाने जीतने हारने का किंतु किसी को ये समझ में ही नहीं आ रहा है कि शिवपाल को किनारे करने के लिए इतने दिन तक इतना ड्रामा क्यों किया सीधे बुलाकर कह सकते थे कि शिव पाल जी अब आप पिता जी की नहीं अपितु बुआ जी की पार्टी की सेवा करो !ये पार्टी पिता जी से हमने छीन ली है !
     सपा की सरकार बनने जा रही है.
जैसे अध्यक्षी छीन ली वैसे थोड़ा बन जाएगी सरकार !उसके लिए  दिल भी तो जीतना होगा जनता का किंतु दिल तो जो बाप और चाचा का नहीं जीत सका जबर्दश्ती अध्यक्षी हथिया ली दिल वो जनता का क्या जीतेगा !
    यूपी की जनता सपा में भरोसा करती है.
 मनोरंजन  के लिए कुछ तो चाहिए ही वैसे भी शकुनी से लेकर दुर्योधन तक सब एक ही जगह एक ही परिवार में एक साथ विद्यमान हैं घर ही घर में खेल लेते हैं महाभारत जैसा बड़ा युद्ध !किंतु ये तो बातों बातों का ही महा  भारत है इसमें पात्रों के नाम नहीं होते वे केवल काम से पहचाने जाते हैं !
 दोबारा भरोसा मिला तो यूपी का तेजी से विकास करेंगे.
पहली बार क्यों सोते रहे तेजी से तो पहली बार भी किया जा सकता था !
    हम समाजवादियों को दोबारा बहुमत दीजिए.
अब नहीं महाभारत के बाद तो रामायण होनी बहुत जरूरी है!
    2012 के घोषणा पत्र को गंभीरता से लागू किया.
शिवपाल के विरुद्ध अभियान छेड़ने के बाद तो सबको ऐसा ही लगा !
    लैपटॉप, कन्‍या विद्या धन, पूर्वांचल एक्‍सप्रेस-वे, 1090 वुमेन पावर लाईन, लोहिया आवास सरीखी योजनाअों को और अध्‍ािक मजबूती  से चलाएंगे.
प्रदेश वासियों को भिखारी समझते हो क्या जो चीज कर नहीं सकते वो कहते ही क्यों हो !.
    यूपी के हर गांव में लैपटॉप पहुंच गया है.
चलो अकर्मण्य सरकारें मनोरंजन के साधन तो उपलब्ध करवा ही रही हैं ये कम है क्या !
 आने वाले वक्‍त में सरकार और लोगों को सीधा जोड़ेंगे.!
अभी तक जनता से सीधा जुड़ने के लिए किसी ने रोका  था क्या ?
    गरीबों को निशुल्‍क गेंहू दिया जाएगा.!
क्या गेंहूँ भी अपनी कमाई से खरीदने खाने लायक नहीं रखोगे बेचारों को !
    गरीब महिलाओं को प्रेशर कुकर दिए जांएगे.
ये सबसे अच्छा रहेगा !अब कोई अपने को गरीब नाहीं कह सकेगा !अब कोई छिप कर कुछ भी नहीं बना खा पाएगा !चलो इसी बहाने सही सरकारी लोग गरीबों के घरों की सीटियाँ गिनने गाँव तो आया करेंगे मिडिया वाले सीटियों की संख्या से समझ लिया करेंगे कि किसके यहाँ क्या पक रहा है !
वरिष्‍ठ नागरिकों के लिए ओल्‍ड ऐज होम बनाए जाएंगे.
     पूर्व अध्यक्ष जी का नाम अभी से लिख लीजिए उसमें  !उनके साथी सलाही लोगों का भी ध्यान रखना !
    अल्‍पसंख्‍कों के लिए कई योजनाएं लाएंगे.
  ये आजम साहब के प्रचार के लिए अच्छा होगा !
    आगरा, कानपुर, मेरठ में भी मेट्रो.
चलो !ये तीन शहर बचे हैं इनमें भी मेट्रो पहुंचा  ही दीजिए !
   किसान के बीमार जानवरों के लिए भी एंबुलेंस की व्‍यवस्‍था करेंगे !
  जानवरों के नाम भी वोटर लिस्ट में बढ़वा लेना !
   लैपटॉप के साथ ही पढ़ाई में तेज छात्रों को स्मार्ट फोन भी देंगे.
जब शिक्षक ही नहीं पढ़े होंगे तो बेचारे छात्रों को कैसे पढ़ाई में तेज करेंगे !तेज नहीं तो काहे का स्मार्ट फ़ोन !बिना कुछ दिए लिए ही सब को मिल जाएँगे स्मार्ट फोन !
    मजदूरों के लिए रियायती दर पर खाना.
इसका मतलब उन्हें मेहनत करके कमाने खाने लायक अबकी बार भी नहीं रखोगे !
    कुपोषित बच्चों को 1 किलोग्राम घी और 1 डिब्बा दूध पाउडर हर महीने दिया जाएगा.
 घी और डिब्बा दूध बनाने वालों से चुनावों में कोई मदद मिलती दिख रही है क्या ?उचित तो होता उनकी दाल रोटी ही सुनिश्चित हो जाती !
    एयरपोर्ट पर एयर एम्बुलेंस की व्यवस्था की जाएगी.
किसानों मजदूरों गरीबों ग्रामीणों के यहाँ क्यों नहीं एयरपोर्ट पर ही क्यों ?

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