केजरीवाल जी !खुद तो रामलीला मैदान और झुग्गियों में शर्दियाँ काटते रहे और मोदी जी से कहते हैं कि घर वालों को साथ रखो !
" मोदी जी ! पत्नी और माँ को रखो साथ -अरविंद केजरीवाल "
किंतु केजरीवाल जी !नेताओं के साथ उनकी पत्नी और माँ रहना भी चाहें तब न !अब आप अपने को ही लें घर में माँ पत्नी और आपके अपने बच्चे बने रहे फिर भी आप झुग्गियों में पड़े पड़े भूखे मरते रहे !एक शर्दी राम लीला मैदान में अन्ना हजारे जी के साथ पड़े पड़े खाँसते रहे आप !नेता और खँसोड़ आदमी को कौन रखता है साथ शर्दी शुरू होने से पहले प्रायः ऐसी चीजें घर से निकाल ही दी जाती हैं । घर के लोग जैसे तंग आकर ही तो घर से निकाल दे रहे थे आपको !वो भी आप तो ठहरे खाँसी के मरीज !ऐसे ही ही सबको जानो !
आप मोदी जी को फोकट की सलाहें मत दीजिए उन्हें पता है कि हम घर वालों का ध्यान नहीं रख सकते हमें देश का काम करना है उन्होंने उन्हें स्वतंत्र रखा हुआ है किंतु आप तो न साथ रहने लायक न अलग बीच में झुलाते रहते हो घर वालों को ।
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