Saturday, 21 October 2017

Prabhat - 4

मोदी मसीहा हैं, उनके पास सभी समस्याओंं का हल है: उमा भारती - See more at: http://www.jansatta.com/national/uma-bharti-praise-pm-narendra-modi-says-he-is-messiah-has-answer-to-all-problems/28555/#sthash.hzr07Nef.QrqGIB5e.dpu   

दो. अगर नोट नहिं जेब में दे न सकत हौ चोट !
तौ नेता बनना कठिन जो रखो ठीक लँगोट !!
दो. पैसों से मिलती टिकट पैसों से मिलें  वोट !
राजनीति में नीति नहीं केवल लूट घसोट !!
दो. राजनीति में चल रहा सुरा सुंदरी खेल !
       जो इनमें पीछे रहा वही हो गया फेल !!
 दो. भ्रष्ट चोर मक्कार भी भोग रहे हैं भोग !
      किन्नर जैसे रह रहे सज्जन नेता लोग !!
दो. माँ दुर्गे जाओ अवध देखौ तौ एक बार !
प्रभु 'राम' तंबू पड़े करो असुर संहार !!

दो. दीवाली पावन परम चहुँ दिशि हर्ष अपार !
सबै बधाई मोरिहू करहु सुहृद स्वीकार !!

दो. धन तेरस पावन परम मंगलमय त्यौहार !
भाई बहनों को सभी हो आनंद अपार !!

दो.जन्मदिवस पर पढ़ रहा हूँ सनेह संदेश !
क्या भाषा क्या भाव हैं ऋणी हुआ 'कविशेष !!
दो. 'वाजपेयी' यह आपका दीन्ह्यों बहुत दुलार !
सदा याद आवत रही यह अपनपौ तुम्हार !!
दो. सब सुख उत्तम स्वास्थ्य के पाए बहुत अशीष !
दीर्घायु सबने दई सबै नवावहुँ शीश !!
दो. भाई बहनों प्राणप्रिय पावहु हर्ष अपार !
विश्वनाथ की कृपा से भरा रहे भंडार !!
दो.तात वायु नहिं लागइ काटहिं शंभु कलेश !
आनंदित लखि आपको सुखी होहि 'कविशेष' !!

त्यौहार कैसे मनाए जाएँ ?

सभी जीवों और प्रकृति के साथ मिलकर त्यौहार भावना से ही मनाए जा सकते हैं त्यौहार !त्यौहार हों तो हिंदुओं जैसे बाकी जहाँ पशुओं में है हाहाकार वहाँ कोई इंसान कैसे मना सकता है त्यौहार ! हिन्दुओं में गाय बछड़े का पूजन ,बंदरों का पूजन ,हाथियों का पूजन ,सर्पों का पूजन एवं सर्पों को दूध पिलाकर मनाया जाता है त्यौहार !बरगद ,पीपल,शमी,धात्री आदि वृक्षों की पूजा करके मनाया जाता है त्यौहार !
   

राम रहीम जैसे बाबाओं के साथ उनके चेला चेलियों को भी भेजा जाना चाहिए क्योंकि बाबाओं के साथ ब्याभिचारी जीवन जीने वालों को उनके बिना अच्छा कैसे लगेगा !

पहले नेताओं में भी उठने बैठने बोलने चालने की तमीज हुआ करती थी जिम्मेदारियाँ समझने और निभाने के प्रति सचेत रहा करते थे अब तो ऐसे शिक्षित चरित्रवान और सिद्धांतवादियों को राजनीति में पूछता कौन है जो जबरदस्ती घुस आवें वो बात और है !
दो. सब सुख सबको ही मिलैं मंगलमय  दिन होय |
      विष्णु कृपा सब पर रहै दुःख पावै नहिं कोय ||

आज श्री गणेश चतुर्थी के पावन पर्व पर हमारे सभी भाई बहनों को बहुत बहुत बधाई !!

दो. हे गजबदन गजानन सादर नावउँ माथ |
      पाइ कृपाबल आपका हमहूँ भए सनाथ ||
 दो. भाईबहन मेरे सभी बसत सकल संसार  |
       सब पर कीजै कृपा प्रभु सेवक सभी तुम्हार ||

आज श्री कृष्ण जन्माष्टमी के पावन पर्व की आप सभी भाई बहनों को बहुत बहुत बधाई !!

दो. गोरखपुर में मर गए छोटे छोटे लाल |
    उन पर कीजै कृपा प्रभु हे दयाल नंदलाल ||
दो. आज जन्म दिन आपका सादर नावउँ माथ |
     ख़ुशी मनाई जात नहिं क्षमा करो यदुनाथ ||


राजनीति इतना बेशर्म बना देती है !
     जिन विधायकों सांसदों मंत्रियों मुख्यमंत्रियों के यहाँ काम के लिए जनता सुबह से लाइन लगा देती है वो भी कहते हैं हमारी सरकार बहुत अच्छा काम कर रही है!कर्मचारी काम ही करते तो जनता वहाँ क्यों जाती ?और उनके दो कौड़ी के लेटरों से अधिकारी कर्मचारी काम करने लगेंगे क्या ?शिक्षा में अपने से जूनियर नेताओं को निठल्ला समझने वाली सरकारी मशीनरी सामने सर सर कह देती है तो इनके इतने भाव बढ़ गए कि ये अपने को उनसे बड़ा समझने लगे !इसी गलत फहमी में नेतालोग योजनाएँ बना बनाकर घोषणाएँ करके आश्वासन दे देकर जनता को आशा में मारे डाल रहे हैं!अरे इस सच्चाई को स्वीकार करके चुप क्यों नहीं बैठते कि सरकारी मशीनरी तुम्हारी औकात दो कौड़ी भी नहीं समझती उसे पता होता है चार दिन का मंत्री विधायक सांसद आदि फिर कौन पूछेगा इसे !और अभी कल तक धक्के खाता यहीं तो घूमता था आज आया हमें आदेश देने !
 स्वाभाविक भी है जिसने किसी को कभी भीख माँगते देखा हो उसके दिमाग में तो हमेंशा वही छवि बनी रहेगी वो कैसे और कितना  स्वभाव बदलेगा !
अधिकारी कर्मचारी काम ही करते तो जनता नेताओं के यहाँ चक्कर क्यों लगाती सिफारिस के लिए !

सरकारी आफिसों में भी पहले काम देखकर सैलरी दी जाती थी !
     जहाँ आराम के इंतजाम सरकार ने ही उपलब्ध करवाए हों वहाँ आराम का विरोध किस मुख से  करेगी सरकार !नौकरी दी है तो सैलरी देनी ही पड़ेगी !
शिक्षक जब चरित्रवान थे तब वैसे छात्र थे !
   शिक्षक ही झूठ कहानियाँ गढ़ के छुट्टी मारेंगे,कक्षाओं में नहीं जाएँगे पढ़ाएँगे नहीं कक्षाओं में बैठकर प्रेमी प्रेमिकाओं के साथ घंटों मोबाईल पर लगे रहेंगे तो छात्र भी वैसे ही.... !



माता पिता की सेवा -
    बच्चे जो देखते हैं वही करते हैं हमें माता पिता की सेवा करते देखा होगा तो सेवा करेंगे तिरस्कार करते देखेंगे तो तिरस्कार करेंगे !

 समय नहीं अपितु सोच बदली है !
    मूत्रताप्रधान जीवन शैली हाव भाव बात व्यवहार वेषभूषा और श्रंगार फिर बलात्कार न हों ऐसा कैसे संभव है !हमें अपनी समस्या का समाधान अपने अंदर खोजना होगा !
तलाक देने का फैशन !
   फिल्म वालों की नक़ल करने से वैसे कपड़े पहनने से वैसे छड़कने मटकने से हमारे भी संबंध उतने ही दिन चलेंगे जितने उनके चलते हैं फिल्मवालों के विवाह नहीं टिकते तो नकलचियों के क्या टिकेंगे !

फिल्मों से जुड़े कितने प्रतिशत लोगों के विवाह चल पाए ? प्यार नामक बलात्कार कितनों ने नहीं किए ?उतने प्रतिशत उन्हें चाहने वाले वैसे हो गए हैं ये है ये है समाज पर फिल्मों का असर !

स्त्री पुरुष जब सुंदर होते थे तब आचार व्यवहार सुंदर थे संयुक्त परिवार एवं आजीवन चलते थे विवाह!बूढ़े लोग एक एक स्वाँस शान से जी लिया करते थे !अब....!
     ब्यूटीपार्लरों से खरीदी गई सुंदरता किसी को सुंदर बना सकती है क्या?ये तो अल्पमत में आई सरकार के बहुमत सिद्ध करने का दावा करने जैसा होता  है ?

'रामराज्य' की बातें और  'कामराज्य' की जीवन शैली !संस्कार बादल बरसेंगे क्या?या हवाएँ चलेंगी संस्कारों की ?तब हम वैसे थे अब हम ऐसे हो गए !सुधरना हमें होगा ?
'कामराज्य' में जी रहे हैं हम लोग !धड़ाधड़  टूट रहे हैं विवाह बिखर रहे हैं परिवार !ये है मूत्रताप्रधान जीवन का सच !
 बहनें पहले सिर में माँग भरती थीं तो बदमाशों को वैकेंसी खाली नहीं दिखती थी अब वैकेंसी भी खाली ऊपर से शारीरिक विज्ञापन !भगवान् पुलिस को हिम्मत दे !शायद सुरक्षा कर पावें !
महिला सुरक्षा !पुलिस की नौकरी करनी है तो हाँ हाँ तो करनी ही पड़ेगी !किंतु अफसर क्या बता भी सकते हैं कि वे कैसे कैसे कर लेंगे महिला सुरक्षा !
 छोटी छोटी बच्चियों के साथ आज अत्याचार कर रहे हैं भेड़िए !बड़े बासना भड़काते हैं छोटे भुगतते हैं !राक्षस लोग खेलते जा रहे हैं बच्चों के सुकुमार जीवन से !
कैसे कर लोगे तो जवाब नहीं दे पाएँगें ! साहस है तो स्वीकार करे हमारी चुनौती और कर लें खुली बहस !


शिक्षक और साधू संत !
    जब चरित्रवान  थे तब भारत की पहचान चरित्र से थी मीडिया चरित्र की चर्चा करता था अब बलात्कारों  अपराधों हत्याओं की ख़बरें हैं इसके लिए दोषी कौन ?

 साधू संतों पर बहुत बड़ा विश्वास है किंतु बाबा लोग भी ब्यापार और ब्यभिचार करने लगे झूठ बोलने लगे तब से भरोसा टूटा है !
   जातियाँ सौ प्रतिशत सच हैं !इन्हें मिटाना संभव नहीं !
   योगी आदित्यनाथ जी क्षत्रिय हैं तो शासन कर रहे हैं रामदेव वैश्य(यादव)हैं तो व्यापार कर रहे हैं !संन्यासी बनने के बाद भी जब स्वभाव नहीं छूटा तो नेता जातिवाद समाप्त कर लेंगे क्या ?

 हमारे सभी प्रिय भाई बहनों के लिए गंगा दशहरा मंगलमय हो !
दो.  माँ गंगा के पद कमल प्रणवउँ बारंबार |
        भूलैं सकल भुलाइके करहु सदा उद्धार ||
        हम पापिन्ह के लिए माँ सहती हौ अपमान |
      गंदा गंगाजल करत तबहुँ न देतिउ ध्यान ||
  
मदर्सडे
तीनसौपैंसठ दिनों में माँ का केवल एक दिन !
मदरस्यदिनं नास्ति मातुस्त्वस्ति जीवनम् |
तीनसौपैंसठ 365 दिनेष्वत्र  मातुःएक वासरम् ||


दो. अक्षयतीज मनाइए सबको बहुत बधाइ |
      सुख सनेह संपति भगति अक्षय दें भृगुराइ ||  दो. रामचरित मानस मधुर तथा राम भगवान् । 
       दोऊ अयोध्या में भए नवमी मंगलखान ॥ 
        भाई बहन सुख लहहिं सब घर घर मंगलचार । 
        राम भगति सबको मिलिहि सुखद राम अवतार ॥
      दो.बुद्ध पूर्णिमा को सुखद दिन मंगलमय आज |
          सबको बहुत बधाइयाँ हर्षित सकल समाज || 

 

 किस विषय को पढ़ने में सफलता मिलेगी किसमें नहीं मिलेगी ?कब पदोन्नति होगी कब नहीं होगी ?कब स्वास्थ्य ठीक रहेगा कब ख़राब होगा ?कब विवाह होगा कब नहीं होगा ?किस समय किसके साथ विवाह करने से कितने समय तक सुख मिलेगा कब दुःख मिलने लगेगा कैसे चलेगा कितने समय तनाव रहेगा या नहीं रहेगा ?कब तलाक होगा या नहीं होगा ?किस समय बनाया गया प्रेम संबंध कितने दिन साथ देगा या नहीं देगा या धोखा देगा ?कब संतान होगी कब नहीं होगी ?कब व्यापार चलेगा कब बिगड़ेगा ?किस काम से लाभ होगा किससे नुक्सान होगा ?कब जमीन या मकान खरीदने से ठीक रहेगा कब नहीं रहेगा या धोखा होगा

 

ज्योतिषियों की ज्योतिष सब्जेक्ट की क्वालीफिकेशन जरूर चेक करें !


  शुभ प्रभात माँ दुर्गा के चरणों में कोटिशः नमन -
दुर्गा सप्तशती (Durga Saptshati) (सरल दोहा चौपाई में ) (Saral Doha Chaupai men)
  दुर्गा सप्तशती  ( सरल दोहा चौपाइयों में बिलकुल सुंदरकांड की तरह)
    जो भाई बहन संस्कृतभाषा नहीं जानते और दुर्गासप्तशती पढ़ना चाहते हैंया अपने see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html

                      माँ दुर्गा की असीम अनुकंपा से आपका दिन मंगलमय हो !
नव दुर्गास्तुति Nav Durga Stuti , (सरल दोहा चौपाई में ) (Saral Doha Chaupai men)
  नव दुर्गास्तुति ( सरल दोहा चौपाइयों में बिलकुल सुंदरकांड की तरह) जो भाई बहन संस्कृतभाषा नहीं जानते और दुर्गा पाठ पढ़ना चाहतेsee more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_67.html



-: राशिफल (दैनिक) सौ प्रतिशत झूठ होता है खुद को ज्योतिषी सिद्ध करने के लिए लोग इस झूठ का सहारा लेते हैं कितने लोगों को पता है कि चैनलों पर या अखवारों में बताए या लिखे जाने वाले राशिफल का सच से कोई सम्बन्ध नहीं होता है ऐसी हरकतें कुछ ज्योतिष बिना पढ़े लिखे लोग अपने को ज्योतिषी सिद्ध करने के लिए करते हैं रोज राशिफल और ज्योतिष का नाम लेंगे तो लोग समझ लेते हैं कि ज्योतिषी होंगे तभी तो ऐसा करते हैं !ज्योतिष शास्त्र का कोई भी विद्वान् इतने बेशर्मी से इतना बड़ा झूठ इतनी निर्भीकता पूर्वक बोल ही नहीं सकता है !BHU जैसे तमाम अन्य विश्व विद्यालयों के ज्योतिष विभाग के कितने रीडर प्रोफेसर टीवी चैनलों पर दिखाई पड़े !कितने डॉक्टर इंजीनियर अपने विषयों में बकवास करने टीवी चैनलों पर देखे जाते हैं !
      टीवी पर बताया जाने वाला राशिफल या भविष्य संबंधी बातें आप अपने परिचितों पर घटा कर देखिए सौ प्रतिशत झूठ निकलेंगी इस धोखा धड़ी की कमाई खाना मीडिया को अब बंद कर देना चाहिए !मेडिकल आदि विषयों की तरह ही ज्योतिष पाठ्यक्रम और डिग्रियों आदि की पढाई की व्यवस्था BHU जैसे बड़े विश्व विद्यालयों में सरकार ने कर रखी है किंतु वो मीडिया के मन मुताबिक झूठ नहीं बोल पाते हैं मीडिया को पैसे नहीं दे पाते हैं पैसों के लिए इतना गिर गया है मीडिया कि अनाधिकारियों को अधिकारियों की तरह प्रस्तुत करने लगा है ये समाज के साथ बहुत बड़ी धोखाधड़ी है मीडिया को चाहिए कि ऐसे लोगों से बकवास शुरू कराने से पहले विश्व के जाने माने ज्योतिषी या ज्योतिषाचार्य बताने से पहले उनका परिचय उनके ज्योतिष क्वालीफिकेशन से करवावे किंतु मीडिया को ये इसलिए पसंद नहीं है क्योंकि उसे सच्चाई पता होती है कि ऐसा शुरू करेंगे तो ये अभी भाग जाएँगे !

 भविष्य संबंधी झूठ बोलने आते हैं मनुष्य जीवन को ये किसी भी प्रकर से प्रभावित नहीं कर पाता है कोई इसे सच सिद्ध करना चाहे या ये बताना चाहे कि इसका ज्योतिष से कैसे संबंध बनता है तो उचित मंच पर शास्त्रीय बहस की खुली चुनौती !इस धोखा धड़ी की कमाई खाना मीडिया को अब बंद कर देने चाहिए जितने भी  बहुत लोगों को नहीं पता है कि मेडिकल आदि विषयों की तरह ही ज्योतिष पाठ्यक्रम और डिग्रियों आदि की पढाई की व्यवस्था BHU जैसे विश्व विद्यालयों में सरकार ने कर रखी है उनमें लगभग सारे लोगों ने किसी विश्व विद्यालय ज्योतिष विषय में न कोई डिग्री ली होती है और न ही ज्योतिष के विषय में कुछ पढ़ा ही होता है क्योंकि कोई seemore... http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_71.html
  
-: राशिफल (दैनिक) :- टीवी चैनलों एवं अखवारों में जो बताया जाता है वो सौ प्रतिशत झूठ होता है !
      मीडिया और झोलाछाप ज्योतिषियों की साँठ गाँठ से योजना पूर्वक तैयार किया जाता है ये मनगढंत राशिफल एवं उनके उपायों के आडंबर ! राशिफल बताने या लिखने के नाम पर जो मुख में आता है सो बका करते हैं ये लोग ! क्या यही ज्योतिष विज्ञान है ?यदि ऐसी राशिफली बातों को आप टेप करके अचानक उन राशिफलियों से मिलें और पूछें कि अमुक राशि का अमुक तारीख को राशिफल क्या था ?तो ऐसे लोग वो या उससे मिलता जुलता राशिफल दुबारा नहीं बता सकते और यदि बताएँगे तो उसका उस दिन वाले उनके राशिफल से कोई मेल नहीं खाएगा !जबकि यदि सही होता तो मेल तो खाना चाहिए क्योंकि किसी एक विंदु के लिए शास्त्रीय सच अलग अलग नहीं हो सकता!दूसरी बात ऐसे राशिफलों के ज्योतिष शास्त्र में कहीं प्रमाण नहीं मिलते !फिर भी यदि किसी को लगता है कि उसके पास इस राशिफल के समर्थन में शास्त्रीय प्रमाण हैं तो यहीं कमेंट में लिखें वो प्रमाण!बंधुओ !अब आप स्वयं समझिए कि ये राशिफल सही हो क्यों नहीं सकता seemore...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_71.html

          ज्योतिष जन जागरण का उद्घोष !सबसे जुड़ें और सबको जोड़ें सबका रुख शास्त्रों की ओर मोड़ें !
      ज्योतिष के नाम पर न झूठ बोलेंगे और न सहेंगे !अंध विश्वास के विरुद्ध समाज को जगाकर रहेंगे! जिन बातों  एवं उपायों के प्रमाण ज्योतिष शास्त्र में नहीं हैं ऐसे झूठ को बिकने नहीं देंगे ! इसमें हमें चाहिए सभी सनातन धर्मियों का सभी प्रकार से साथ !यदि आप ज्योतिष जानते भी नहीं हैं और मानते भी नहीं हैं तो भी आप हमारी मदद करर सकते हैं जानिए कैसे ! ज्योतिष  में क्या सच है और क्या झूठ ?समझिए आप भी !बंधुओ !यदि आप ज्योतिष को नहीं भी मानते हैं तो भी इस अंध विश्वास को मिटाने के लिए हमें चाहिए आपका सहयोग  !आज ज्योतिष एवं ग्रहों के उपायों के नाम पर  किए जा रहे हैं कैसे कैसे पाखंड !इसकी सच्चाई समझने के लिए पढ़िए हमारा यह ब्लॉग और जुड़िए हमारी पाखंड खंडिनी मुहिम से ! समाज को ज्योतिष की विश्वसनीय एवं शास्त्र प्रमाणित ईमानदार  सेवाएँ देने के लिए हम बचनबद्ध हैं ! ज्योतिष वास्तु आदि केवल हमारे ही नहीं आपके भी पूर्वजों की विद्या है इसपर पाखंड के बादल छाए हुए हैं ज्योतिष के नाम पर लोग मन गढ़ंत बातें एवं उपाय बता और समझा रहे हैं उपायों के नाम पर तरह तरह के तमाशे दिखा और बेच रहे हैं इसमें क्या सच है और कितना पाखंड है यह सही सही समझने के लिए एक बार जरूर देखिए  हमारे ब्लॉग के विविध विषयों पर लिखे लेख- see more... http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_14.html
जनसंख्या बल से कमजोर सवर्णो को दलितों के शोषण का झूठा आरोप लगाकर सताया जा रहा है और रची जा रही है सवर्णों के विरुद्ध आरक्षणी साजिश ! दलितों के शोषण का सवर्णों पर झूठा आरोप मढ़ना बंद किया जाए ! साथ ही सवर्णों की जनसंख्या इतनी घटी कैसे इसकी जाँच कराई जाए ! दलितों का शोषण कभी किसी ने किया ही नहीं है इसीलिए शोषण के नहीं मिलते हैं प्रमाण !फिर आरक्षण क्यों ?see more....http://samayvigyan.blogspot.in/2015/04/blog-post_14.html

आवश्यक सूचना - बंधुओ ! ज्योतिष का काम ही संसार के सभी लोगों के जीवन पर पड़ने वाले ग्रहों के अच्छे बुरे प्रभावों का अध्ययन करना है इसीलिए सरकारी संस्कृत विश्व विद्यालयों में सब्जेक्ट रूप में ज्योतिष पढ़ने पढ़ाने की न केवल सुविधा होती है अपितु ज्योतिष विषय में उच्च डिग्रियाँ भी दी जाती हैं ऐसे डिग्री होल्डर ज्योतिषवैज्ञानिक डॉ.एस.एन.वाजपेयी से जरूरी ज्योतिषीय सलाह लेने हेतु संपर्क करने के लिए इस लिंक को कॉपी करें ,खोलें और पढ़ें -http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/p/blog-page_10.html अब फर्जी       ज्योतिषियों के भविष्य बताने के शौक पर लगे प्रतिबंध !शुद्धीकरण हो तो सबका हो !
 फर्जीडिग्री  वाले यदि अपराधी हैं तो फर्जी ज्योतिषी और तांत्रिकों पर क्यों नहीं  की जाती है कार्यवाही !
      उनसे भी  माँगे जाएँ उनके भी ज्योतिष डिग्री प्रमाण पत्र !
  आखिर उनसे क्यों नहीं पूछा जा रहा है कि ज्योतिष सब्जेक्ट में किस क्लास तक उन्होंने किस सरकारी संस्कृत विश्व विद्यालय से पढ़ाई की है देखे जाएँ उनके भी ज्योतिष सब्जेक्ट के डिग्री प्रमाण पत्र ! ऐसा होते ही टीवी चैनलों पर बंद हो जाएगी तथाकथित ज्योतिषीबकवास  धार्मिक अंध विश्वास का धंधा  रुकेगा !इनके कृत्यों से टूटते संबंधों विखरते परिवारों को बचाया जा सकेगा । पढ़े लिखे ज्योतिषियों के ज्योतिष वैज्ञानिक शास्त्रीय ज्ञान विज्ञान का समाज को लाभ होने लगेगा  see more... http://bharatjagrana.blogspot.in/2015/06/blog-post_35.html

दो.शुभ प्रभात हो सखागण मंगलमय रविवार ।
    सूर्य  कृपा  सब  पे  रहै  परिहरि रोग विकार ॥

दो.शुभ प्रभात हो बंधुओं  सोमवार शिववार ।
     भोले बाबा कृपाकरि कटिहैं कष्ट हजार ॥
दो.मंगलमय सबको सखा होवै मंगलवार । 
रोग दोष दुःख नाशिहैं प्रभु अंजनी कुमार ॥
दो. बुद्ध सुखद सबके लिए शुभ फलप्रद हो आज ।
     सकल कामना पूर्ण दिन पावहु मित्र समाज 

दो.आज बृहस्पतिवार का होवे शुभद प्रभात।
  शुभ दिन बीते आपका  सुख पावहु दिन रात ॥

दो.शुक्रवार की सुबह शुभ बंधु बहन सानंद ।
          स्वीकारो शुभ कामना कृपा करहिं ब्रजनंद ॥

दो. शुभ प्रभात शनिवार का सुखी सखा सानंद ।
     शनि पीड़ा को भय तजहु भजहु अंजनी नन्द ॥ 
   हे मित्रो !आज शनिवार का सबेरा आपके लिए शुभ हो, आप सुखी हों, आनंदित रहें । बंधुओ !शनि देव के द्वारा दी जाने वाली परेशानियों  से आप बिलकुल भयभीत न हों और प्रभु हनुमान जी का भजन करते  रहें ।
 श्री हनुमान जयंती पर आप सबको बहुत बहुत बधाई !
 दो. हनुमत प्रभु की कृपा से रहहु सखा खुशहाल । 
       साईं छाँड़ि सेवहु इन्हहिं महाकाल के काल ॥ 


  श्री हनुमान जयंती पर  आप सबको बधाई -
 दो. साईं तौ लौ पुजि रहे मंदिर मंदिर जाइ । 
          मारुति नंदन की गदा उठत न जौ लौ  भाइ॥

  श्री हनुमान जयंती पर  आप सबको बधाई - 
       दो. हनुमत हाथ गदा गहि नशिहैं साईं ढोंग । 
           कान पकरि कर ठसकिहैं खूब लगइहैं  भोग ॥

  श्री हनुमान जयंती पर  आप सबको बधाई - 
दो. साईं झुट्ठे ठगी करि भए खूब धनवान ।
     पापी   खुद पुजिबो चहैं कुछ कीजै हनुमान ॥

  श्री हनुमान जयंती पर  आप सबको बधाई - 
दो. साईं करि घुसपैठ खुद बनि बैठे भगवान । 
     मंदिर सूने हो रहे हनुमत कृपा निधान ॥ 

श्री हनुमान जयंती पर  आप सबको बधाई -
दो. आरति पूजा भोग धन  साईं माला माल ।
      सुर मंदिर सूने हुए हे अंजनी के लाल ॥ 

श्री हनुमान जयंती पर  आप सबको बधाई - 
दो. मंदिर अपने धर्म के पुजिहैं साईं बैठि । 
हनुमत इन्हैं खदेड़िए कान पकरि कै ऐंठि ॥ 




 साईंसंप्रदाय का खंडन करने से हमें रोक रहे हैं कुछ लोग !

      कुछ लोगों को लगता है कि धर्म कर्म की चीजें तो बिना पढ़े लिखे ही आ जाती हैं इसलिए इन्हें क्यों पढ़ना इस विषय में तो जो मुख में आवे सो बक दो ! अगर वो धोखे से कुछ श्लोक या चौपाइयाँ पढ़ पाए तो फिर वो उन्हें पचते नहीं हैं वो खुजली किया ही करते हैं जब तक कोई कायदे से न खुजलावे !
      इसी प्रकार से हमें साईं साईंसंप्रदाय के खंडन से बचने की सलाह दी जा रही है और बताया जा रहा है कि प्रभु राम ने खंडन करने को रोका  है ! बंधुओ ! यदि समाज को इतना कमजोर ही बनाना होता तो श्री राम ने लंका पर आक्रमण क्यों किया क्यों खंडित किए उनके शरीर !
      मित्रो ! किसी के ऊपर हमला करने के लिए उस के ब्लैड मारना  अपराध है किंतु किसी के फोड़ा हुआ उसका आपरेशन करने में ब्लैड चलने वाला सर्जन पुण्य का काम कर रहा होता है इस बात का रहस्य समझे बिना उपदेश करना अपनी चंचलता सिद्ध करता है ।
 

दो. चैत्र शुक्ल की प्रतिपदा पहला दिन नवरात्र । 
स्वजन सखा सानंद हों निरुज होंहि शुचि गात्र ॥दुर्गा पूजा -
दो. आश्विन शुक्ला प्रतिपदा शारदीय नवरात्र । 
स्वजन सखा सानंद हों निरुज होंहि शुचि गात्र ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html

दो. दूसर दिन नवरात्र का ब्रह्मचारिणी मात। 
       जननी बंदउँ पदकमल हृदय बसहु हरसात ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
दो.      तीसर दिन नवरात्रि का चंद्रघंटिके अंब ।     चरण शरण जगदम्बिके तुम्हहिं एक अवलंब ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
 -
दो.  चौथा दिन नवरात्र का चहुँ दिशि हरष हिलोर ।
      कूष्मांडा माँ की कृपा सरस रही सब ओर ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html   

दो. स्कन्धमातु को ध्यावत पंचम दिन मन लाइ ।
     सुत सुख संपत्ति अमित यश देहिं कृपाकरि माइ ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
 दो.  कात्यायनी माँ की कृपा सरस रही सब ओर ।
     छठवाँ दिन नवरात्र का जननि  आसरा तोर ॥
-see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html

दो.कालरात्रि जगदम्बिके सादर नावउँ माथ ।
कृपा करहु जननी जगत तुम सों सदा सनाथ ॥
see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html

दो. महागौरिजा आठवाँ जगत जननि तव रूप ।
     सादर बंदउँ पद कमल माते परम अनूप ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html

दो. नवरात्रों के नवम दिन  सिद्धिदात्री अंब ।
    कृपा करहु सब पर जननि सबकी तुम अवलंब ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html



दो. साईं वालों पर कृपा होवै जननी तोर ।
भूतन्ह महुँ भटकैं जनि ताकहिं तुम्हरी ओर ॥
see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html

दो. साईंहिं सेवहिं मूढ़ जे जननी तुम्हहिं बिसारि ।
    तिन्ह कहँ देहु दरिद्रता सबक सिखावहु झारि ॥
see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html

 दो.निर्मल बाबा टाइप के पापिन्ह कहँ लतियाव ।
       जहाँ तमाशाराम तहँ इन हूँ  को पहुँचाव ॥
see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html

दो.निर्मल बाबा कर रहा शास्त्र विमुख बकवास ।
    ऐसे पापिन्ह को जननि  सबक सिखाओ ख़ास ॥
see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html

दो. जगतजननि की कृपा से सुधरे सब संसार ।
     कन्याओं पर बंद हो भीषण अत्याचार ॥
see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html

दो. सरकारी अधिकारियों की होवे सद्बुद्धि ।
     कामचोर सुधरें जननि घूँस ने लें हो शुद्धि ॥
see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html

 दो भ्रष्ट अफसरों को जननि दीजै दारुण दंड ।
       भूल जाएँ बदमाशियाँ भुगतें पाप प्रचंड ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html

दो.  बलात्कारियों को जननि दीजै  ऐसा रोग ।
      किसी काम के न रहें तरसें लखि लखि भोग॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html 

दो.साईं वाले दे रहे तुम्हें चुनौती मात । बुड्ढे के बलपर कहैं हम सब हैं कुशलात ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html  

दो. साईं पत्थर पुज रहे देवी देव घमात ।
इन पापी पाखंडियों को सबक सिखाओ मात ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html

दो. किसी जन्म के पाप हैं भुगत रहे जो भोग ।     दुर्गा माँ को छाँड़ि के साईंहिं पूजत लोग ॥ see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
दो. जगत जननि जगदंब में कहा कमी अस लाग ।
     जे साइँहिं पूजत फिरहिं तिन्हके परम अभाग ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html  

दो.माँ दुर्गा की दया बिनु हिलत न एकौ पात । 
    राम कृष्ण में खोंट का जो साईं पूजन जात ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html


दो. दैत्य दलन्ह को दलिमल्यो जगदम्बे बहुबार।
         धरम सुरक्षा के लिए अब करहु साईं संहार ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html


  दो. प्रेमी जोड़े नाम को व्यभिचारी समुदाय ।
       दूषित करत समाज सब तिन्हहिं सुधारहु माय ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html

 
दो.राम,कृष्ण शिव की जननि  पूजा क्या पाखंड ।
    साईं वाले बक रहे क्यों जननी अँडबंड ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
दो.   देवी देवता सुनत नहिं साईं दें सब भोग ।
      पुण्यहीन भाषत अस मरन चाहत जे लोग ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
दो. हमैं सोच नहिं आपनो कहउँ न अपने हेत ।
' साईं ' कसकै रात दिन माँ तुम्हें चुनौती देत ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
- see  more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_67.html

दो. मधुकैटभ को बल दल्यो शुंभ निशुंभ को अंब ।
    साइँन्ह की बारी अब कृपा करहु जगदंब ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
दो. मंदिर में साईं पुजत देवी देव घमात ।
     पापिन्ह को पाखंड अब जननि सहो नहिं जात ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html

दो. मंदिर में साईं घुसे देवी देव उदास ।
साईं वालों को जननि सबक  सिखावहु ख़ास
see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
दो. साईं वालों को जननि दीजे दंड कठोर ।
    जगदंबे तुम्हरे  रहत ये साइँहिं पूजत चोर ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
 दो. साईं पूजा देश में सब पापों की मूल ।
     जग जननी कीजै कृपा तुम्हारे हाथ त्रिशूल ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
दो . अकर्मण्य सुर  हो गए कहैं साईं के  शेर ।
       बुढ़ऊ पुरिहैं कामना अंबे  ये अंधेर ॥ see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html


दो. देवी देव दिखावटी बने  सजावट माल ।
साईं अब करिहैं कृपा  जगदंबे ये हाल ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html

दो. पाखंडी फैला रहे भ्रम अंबे दो ध्यान ।
     मंदिर मंदिर बिक रहे साईं धरे दुकान ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html

दो. देवी देवन्ह के लिए मंदिर बने हमार |
    बुढ़ऊ को रखि के तहाँ पूजत फिरत गँवार ||

दो. देव न बुड्ढे होत कहुँ रहे न कबहुँ उदास |
    साईं भए जवान कब किन देखो मुस्कात ||
 दो. टेंसन में जे खुद रहहिं बूढ़ भए लरकाइ |
     तिन्ह कहुँ पूजत का मिली लोग रहे गरिआइ ||



दो.  जे खुद को योगी कहैं करैं सकल व्यापार ।
अस कलियुगी पतंजली बाबन्ह को धिक्कार ॥

दो.शुभ प्रभात हो सखागण मंगलमय रविवार ।
    सूर्य  कृपा  सब  पे  रहै  परिहरि रोग विकार ॥

दो.शुभ प्रभात हो बंधुओं  सोमवार शिववार ।
     भोले बाबा कृपाकरि कटिहैं कष्ट हजार ॥
दो.मंगलमय सबको सखा होवै मंगलवार । 
रोग दोष दुःख नाशिहैं प्रभु अंजनी कुमार ॥
दो. बुद्ध सुखद सबके लिए शुभ फलप्रद हो आज ।
     सकल कामना पूर्ण दिन पावहु मित्र समाज 

दो.आज बृहस्पतिवार का होवे शुभद प्रभात।
  शुभ दिन बीते आपका  सुख पावहु दिन रात ॥

दो.शुक्रवार की सुबह शुभ बंधु बहन सानंद ।
          स्वीकारो शुभ कामना कृपा करहिं ब्रजनंद ॥

दो. शुभ प्रभात शनिवार का सुखी सखा सानंद ।
     शनि पीड़ा को भय तजहु भजहु अंजनी नन्द ॥ 
   हे मित्रो !आज शनिवार का सबेरा आपके लिए शुभ हो, आप सुखी हों, आनंदित रहें । बंधुओ !शनि देव के द्वारा दी जाने वाली परेशानियों  से आप बिलकुल भयभीत न हों और प्रभु हनुमान जी का भजन करते  रहें ।  
दो.जगज्जननि  जगदम्बिके सरस्वती सुखदानि ।
         कृपाकरहु   हे कृपामयि सादर वीणापानि ॥



          दो.मंगलमय होली रहे घर घर मंगलचार ।  
             बहनों के सँग बंद हो अब तो अत्याचार ॥
         दो.    बूढ़ों की सेवाबढ़े श्रेष्ठों का सम्मान ।
         स्नेह भाव सबके प्रति करहु छाँड़ि अभिमान ॥
दो. भाई बहनों प्राणप्रिय पावहु हर्ष अपार ।
     प्रभु प्रसाद से सुखद हो होली को त्यौहार ॥

भ्रातृ द्वितीया की बहुत बहुत बधाई !
दो. भाई बहन के स्नेह का है पावन त्यौहार ।
       नित नूतन बढ़ता रहे भाई बहन में प्यार ॥
    दो.    बूढ़ों की सेवाकरो  श्रेष्ठों का सम्मान ।
         स्नेह भाव सबके प्रति रखहु छाँड़ि अभिमान ॥


      दो . जे पापी पाखंड प्रिय भ्रष्टाचारी लोग ।
             गीता तिन्हैं सोहात नहिं जिन्हैं भोगनो भोग ॥

दो. गीता जैसे ग्रन्थ का जो कर रहे  विरोध ।
     उनके भ्रष्टाचार पर होना चाहिए शोध ॥
दो. जे पापी मानत  नहीं करत पाप पर पाप ।
     तिन्हैं गीता से डर लगे राजनीति के साँप ॥
दो. तिन्हैं मरन को भय कहा जे जग जोगी लोग ।
      खुद लै फिरहिं सिक्योरिटी औरन्ह सिखवत योग ॥
   दो.अजर अमर है आत्मा  नश्वर मिला शरीर ।
       गीता का सन्देश यह हरहु जगत की पीर ॥

  दो. धन तेरस सबके लिए दे  आनंद  अपार ।                           
                                   माँ लक्ष्मी की कृपा से सुख पावै संसार ॥

 सभी भाई बहनों को होली का त्यौहार मंगलमय हो !
दो. मंगलमय बीते दिवस सुदिन सुमंगल आज।
     कृष्णकृपा भाजन बनो कृपा करहिं  ब्रजराज ॥ 

दो.गई जरावन भक्त को जरी होलिका आप ।
     पुण्य विजय का पर्व यह हुआ पराजित पाप ॥
दो. राख ढेर सों प्रकट भै पुनः भक्त प्रह्लाद ।
    देखि सखा हर्षित भए सबकर मिटा विषाद ॥
  दो.  खेलन लागे राख सों लगे उलीचन  धूल  ।
      भक्त विजय सुनि सुर गगन बरसन लागे फूल ॥
दो. भाई बहन के स्नेह का है पावन त्यौहार ।
       नित नूतन बढ़ता रहे भाई बहन में प्यार ॥



दो. चैत्र शुक्ल की दूज शुभ बासंती नवरात्र । 
रहहु सखा सानंद नित निरुज होहि तव गात्र ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html



दो. आश्विन शुक्ला प्रतिपदा शारदीय नवरात्र । 
रहहु सखा सानंद नित निरुज होहि तव गात्र ॥ see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html

दो.  कात्यायनी माँ की कृपा सरस रही सब ओर ।
     छठवाँ दिन नवरात्र का जननि  आसरा तोर ॥
-see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
दो.कालरात्रि जगदम्बिके सादर नावउँ माथ ।
कृपा करहु जननी जगत तुम सों सदा सनाथ ॥
see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html

दो. महागौरिजा आठवाँ जगत जननि तव रूप ।
     सादर बंदउँ पद कमल माते परम अनूप ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
-
  

दो.शुभ कामना प्रसाद मैं सादर धारउँ शीश । 
जुग जुग चलै सनेह यह कृपा करहिं जगदीश ॥



दो. नवरात्रों के नवम दिन  सिद्धिदात्री अंब ।
    कृपा करहु सब पर जननि सबकी तुम अवलंब ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html

दो. साईं वालों पर कृपा होवै जननी तोर ।
भूतन्ह महुँ भटकैं जनि ताकहिं तुम्हरी ओर ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
   दो.विजय दशहरा की मेरी  सबको सखा बधाइ ।
        मुक्ति मिली दसशीश को विजय पाइ रघुराइ ॥
    दो.द्वारपाल प्रिय प्रभु का शंभु भगत दसगात ।
        थोड़ी करनी बिगड़ गई अजहूँ कोसो जात ॥
        





दो. आश्विन शुक्ला प्रतिपदा शारदीय नवरात्र । 
स्वजन सखा सानंद हों निरुज होंहि शुचि गात्र ॥ 

दो. दूसर दिन नवरात्र का ब्रह्मचारिणी मात। 
       जननी बंदउँ पदकमल हृदय बसहु हरसात ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
दो. साईंहिं सेवहिं मूढ़ जे जननी तुम्हहिं बिसारि । 
    तिन्ह कहँ देहु दरिद्रता सबक सिखावहु झारि ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
 दो.निर्मल बाबा टाइप के पापिन्ह कहँ लतियाव । 
       जहाँ तमाशाराम तहँ इन हूँ  को पहुँचाव ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
दो.निर्मल बाबा कर रहा शास्त्र विमुख बकवास ।
    ऐसे पापिन्ह को जननि  सबक सिखाओ ख़ास ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html  

दो.जे ज्योतिष जानत नहीं वास्तु पढ़ी नहिं रंच । 
     ते भविष्य भाषत फिरहिं झुट्ठौ करत प्रपंच ॥
दो. टीवी वाले ज्योतिषी झुट्ठी सँग अठिलाँय।
 झूठ बतावहिं राशिफल झूठे बकहिं उपाय ॥

दो. व्यास कहाँ शुकदेव कहँ कहाँ भागवत 'शेष' । 
कथा कहत किन्नर फिरहिं धरि बहुरुपिया वेष ॥ 
  दो. नाम  भागवत  को रटैं करैं  "भोगवत " 'शेष '।
        हँसि हँसि हेरहिं औरतैं धरि भड़ुअन को वेष ॥ 
दो.लीन्हें घूमैं  भागवत जे भागवतिहा लोग ।
     करि सोलह श्रृंगार ये मँजनू माँगें भोग ॥ 

 दो. साधू चहैं सिक्योरिटी निर्भय फिरहिं गृहस्थ । 
       पापी मरिबे को डरत पुण्यवान सब मस्त !!
      पाप पाई जे  छुवत नहिं ते बिना योग के स्वस्थ ॥ 
दो हाथ पैर भाँजत फिरहिं नई योग की रीति । 
        सबै दिखावैं साधुता मरिबे ते भयभीत ॥ 
दो.योग योग सब कोइ कहै किन्तु न जानत योग । 
        चित्तवृत्ति फैली फिरहिं हँसैं हहाहा लोग ॥ 
   दो.  जो खुद को योगी कहै करै सकल व्यापार ।
         भाषण में हो वीरता कर्मन्ह में सलवार ॥ 
दो.   धर्म कर्म में रूचि रहै चित  ध्यावै ब्रजराज
     बुरा न बोलो काहु को तौ का करिहैं यमराज ।

 दो.  निर्भय फिरत  किसान सब करत खेत खलिहान ।  
       बोझ बने बाबा फिरहिं लहे सिक्योरिटी शान ॥ 

     दो.बाबा बोलत  वीर रस रहे लगावत आग ।
         भयवश नारीवेष में प्रकटे अस वैराग ॥
        दो.  झूठ साँच भ्रम बोलत रहे कालेधन का जोक ।
          मिलत  सिक्योरिटी शांत भे बाबा अस डरपोक ॥

दो.राजनीति ने देश में किया बहुत उत्पात । 
करना धरनाकुछ नहीं ब्यर्थ बनावत बात ॥ 

दो.आज बृहस्पतिवार का होवे शुभद प्रभात।
  शुभ दिन बीते आपका  सुख पावहु दिन रात ॥ 

दो. जगतजननि की कृपा से सुधरे सब संसार ।
     कन्याओं पर बंद हो भीषण अत्याचार ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
दो. सरकारी अधिकारियों की होवे सद्बुद्धि । 
     कामचोर सुधरें जननि घूँस ने लें हो शुद्धि ॥ 
 दो भ्रष्ट अफसरों को जननि दीजै दारुण दंड । 
       भूल जाएँ बदमाशियाँ भुगतें पाप प्रचंड ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html

दो.  बलात्कारियों को जननि दीजै  ऐसा रोग ।
      किसी काम के न रहें तरसें लखि लखि भोग॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
दो.नेताओं की नियत पर है भारी संदेह । 
जनसेवा की बात कर भरते अपने गेह ॥ 

दो.साईं ठग्गू लाल का दिन कैसे गुरूवार ।  
      विष्णु दिवस महिमा अमित जानत सब संसार ॥
दो.साईं वाले दे रहे तुम्हें चुनौती मात । 
बुड्ढे के बलपर कहैं हम सब हैं कुशलात ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html  

दो. साईं पत्थर पुज रहे देवी देव घमात ।
इन पापी पाखंडियों को सबक सिखाओ मात ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html

दो. पत्थर साईं नाम के पूजत अनपढ़ लोग । 
     प्राण गए यमराज घर तबहुँ लगावत भोग ॥ 

दो. किसी जन्म के पाप हैं भुगत रहे जो भोग ।
     दुर्गा माँ को छाँड़ि के साईंहिं पूजत लोग ॥ see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
दो. जगत जननि जगदंब में कहा कमी अस लाग ।
     जे साइँहिं पूजत फिरहिं तिन्हके परम अभाग ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html

तीन बार साईं कहने से दो बार ईसा निकलता है   सा'ईंसा'ईंसा'ईं - 
    ईसाई धर्म के प्रचारक थे 'साईं' जिन्होंने खिचड़ी बाँट बाँट कर इसे धर्म फैला लिया !लोग फ्री की खिचड़ी खाकर साईं के गुण  गाने लगे जिसका खर्च विदेशी संस्थाएँ उठाती थीं !लोग इसे चमत्कार मानते थे कि इस फकीर के पास इतना धन कहाँ से आता है जो यहाँ हर समय खिचड़ी बँटा करती है !
दो. साईं प्राणन्ह  खैंच कै  भागि गए यमदूत ।
      यहाँ शरीरहिं गाड़ि कै पुजत  साईं को भूत ॥ 

दो.प्राण गए यमराज घर देही दई सड़ाय । 
    अब साईं को का बचो जो शिरडी देखन जाय ॥ 


    तहाँ न साईं को कछू तहाँ न पूजा पाठ । 

दो.शिव दुर्गा की दया बिनु हिलत न एकौ पात । 
    राम कृष्ण में खोंट का जो साईं पूजन जात ॥
दो.माँ दुर्गा की दया बिनु हिलत न एकौ पात । 
    राम कृष्ण में खोंट का जो साईं पूजन जात ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html   


दो. दैत्य दलन्ह को दलिमल्यो जगदम्बे बहुबार।
         धरम सुरक्षा के लिए अब करहु साईं संहार ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html

दो. शिक्षक जे न पढ़ावहिं बेतन लें हर बार ।
पढ़ें न तिनहूँ के शिशु जौं पढ़ें तो हों बेकार ॥ 

  दो. प्रेमी जोड़े नाम को व्यभिचारी समुदाय ।
       दूषित करत समाज सब तिन्हहिं सुधारहु माय ॥

 दो.      तीसर दिन नवरात्रि का चंद्रघंटिके अंब ।
     चरण शरण जगदम्बिके तुम्हहिं एक अवलंब ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
 -
दो.  चौथा दिन नवरात्र का चहुँ दिशि हरष हिलोर ।
      कूष्मांडा माँ की कृपा सरस रही सब ओर ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
     - see  more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_67.html

दो. स्कन्धमातु को ध्यावत पंचम दिन मन लाइ ।
     सुत सुख संपत्ति अमित यश देहिं कृपाकरि माइ ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html

दो.राम,कृष्ण शिव की जननि  पूजा क्या पाखंड ।
    साईं वाले बक रहे क्यों जननी अँडबंड ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
दो.   देवी देवता सुनत नहिं साईं दें सब भोग ।
      पुण्यहीन भाषत अस मरन चाहत जे लोग ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
दो. हमैं सोच नहिं आपनो कहउँ न अपने हेत ।
' साईं ' कसकै रात दिन माँ तुम्हें चुनौती देत ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
- see  more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_67.html

दो. मधुकैटभ को बल दल्यो शुंभ निशुंभ को अंब ।
    साइँन्ह की बारी अब कृपा करहु जगदंब ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
दो. मंदिर में साईं पुजत देवी देव घमात ।
     पापिन्ह को पाखंड अब जननि सहो नहिं जात ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html


दो.राम कृष्ण शिव के विमुख रचें साजिशें ढेर ।
      अपने को हिंदू कहैं देखौ तौ अंधेर ॥
- see  more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_67.html

दो. खरदूषण रावण बध्यो हे रघुनंदन राम ।
     अबकी दशहरा साईं पर बीतै 'जय श्री राम' ॥
- see  more...http://bharatjagrana.blogspot.in/2014/09/blog-post.html


दो. मंदिर में साईं घुसे देवी देव उदास ।
साईं वालों को जननि सबक  सिखावहु ख़ास
see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.htmlदो. साईं वालों को जननि दीजे दंड कठोर ।
    जगदंबे तुम्हरे  रहत ये साइँहिं पूजत चोर ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
 दो. साईं पूजा देश में सब पापों की मूल ।
     जग जननी कीजै कृपा तुम्हारे हाथ त्रिशूल ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
दो . अकर्मण्य सुर  हो गए कहैं साईं के  शेर ।
       बुढ़ऊ पुरिहैं कामना अंबे  ये अंधेर ॥ see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html


दो. देवी देव दिखावटी बने  सजावट माल ।
साईं अब करिहैं कृपा  जगदंबे ये हाल ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html

दो. पाखंडी फैला रहे भ्रम अंबे दो ध्यान ।
     मंदिर मंदिर बिक रहे साईं धरे दुकान ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
 -
दो. पाप पुण्य कुछ भी करे साईं  मंदिर जाय  ।
कृपा  वहाँ पर बिक रही पैसे  दे लै जाय ॥
see  more...http://bharatjagrana.blogspot.in/2014/09/blog-post.html
दो. पापकर्म खुब बढ़ गए रोज हो रहे  रेप ।
हत्या  भ्रष्टाचार सब साईं कृपा की खेप ॥
 -  see  more...http://bharatjagrana.blogspot.in/2014/09/blog-post.html

ज्योतिषियों के पाखंड -

दो. रामायण के सीरियल में बन का गए राम । 
       अरुण गोबिल हो गए हैं तब से   बेकाम ॥
    दो.   खुद न रहे कछु काम के तौ पकरो 'कुमार ' ।
      'मंतर' 'मंतर' करि रहे संस्कृत ते लाचार ॥
    दो.    मंत्र कहे पावत नहीं सप्तशती लै हाथ । 
      पढ़ना निज बश को नहीं ठोंकि रहे हैं माथ ॥
     दो.  जेल तमाशाराम गए तब बाबा घबड़ान ।
         पढ़नो तौ बश को नहीं पकड़े फिरैं पुरान ॥

 दो.पैंट लसेटे फिर रहे ज्योतिष के लप्फाज ।
      बेटा बेटा कह रहे बापन्ह को तजि लाज ॥ 
     ज्योतिष के बकवासियों को मेरा  challenge । 
      बेहूदे बोलत फिरैं yes I can change ॥ 


दो. टीवी वाले ज्योतिषी झुट्ठी लीन्हें साथ ।
    कहैं मोर गुण गावहु पैसे पकड़ो   हाथ ॥
 - see  more … http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2014/07/blog-post_17.html
   दो.   गुरू गुरू  झूट्ठी करै करै गढ़ि गढ़ि तानै तीर ।
     भाग्य भ्रष्ट जगदम्ब वे रचत फिरत तकदीर ॥
 - see  more … http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2014/07/blog-post_17.html

 दो. झुट्ठी बोलै गुरू जी नाक नक्स की नीक ।
     भोंदू बक्सन्ह सों कहै तुम्हीं ज्योतिषी ठीक ॥
    दो. संस्कृत पढ़ी न ज्योतिष नहिं मन्त्रन्ह को ज्ञान ।
        तिन्ह कहँ व झुट्ठी कहै तुम सम को विद्वान !

   दो.   झूठ राशिफल नाम का कपट करहिं  भाँति ।
व्यस्त  कहहिं खुद को बहुत 'पर' खून पिअहिं दिनराति ॥
दो. ज्योतिष को ऐसो नशा तरह तरह  ढोंग ।
    बेटा बोलैं  बड़ेन्ह को ये पाखंडी   लोग  ॥
 - see  more … http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2014/07/blog-post_17.html
 - see  more...http://bharatjagrana.blogspot.in/2014/09/blog-post.html



      दो. जिद न जीत की ठीक है हार न हेरि हिराहिं ।
           मौत याद हर क्षण रहै तौ मन फिसलत नाहिं ॥


दो. हाथ पैर टोरत फिरै ब्यर्थ स्वास या हास ।
काम न अपनो करि सकें हर छिन रहत हताश ॥
दो.परिवारों में प्रेम हो तजो स्वार्थ की गंध ।
      कच्चे धागों  से बँधे परिवारी सम्बन्ध ॥


 दो . आज कृष्ण  जन्माष्टमी का पावन त्यौहार । 
       कृष्ण कृपा भाजन बनो ध्यावत नंदकुमार ॥ 
दो. शंख चक्र कर गदा लै पद्म सुशोभित हाथ । 
     देवकि माँ सों प्रकट ह्वै राजहिंगे यदुनाथ ॥
 दो. हुई प्रतीक्षा वर्ष भर तब आया शुभ वार ।
         मंगलमय सबके लिए दीवाली त्यौहार ॥ 

दो. सुखी होय सारा जगत सब दुःख दर्द बिसार ।
      नित नूतन बढ़ता रहे सब लोगों में प्यार ॥

आज रक्षाबंधन के पुनीत पर्व पर आप सभी भाई बहनों को बहुत बहुत बधाई !    
  आप सभी स्नेहिल भाई बहनों के  स्नेहभाजन  होने से आनंदित हूँ !

 दो. सदा सुखी हो बंधुओ युग युग का त्यौहार ।
      नित नूतन बढ़ता रहे भाई बहन का प्यार ॥

दो.  क्षण भंगुर यह जिंदगी अस्थिर जग व्यवहार।
       घटने कभी न दीजिए परिवारों में प्यार ॥

दो.सबकी भूलें भूलिये गलती सबसे होय । 
कहा पता अगले वरष मिलनो होय न होय ॥   

दो.सबकी भूलें भूलिये गलती सबसे होय । 
पता नहीं अगली सुबह मिलनो होय न होय ॥  

 दो. बच्चे तरसैं बात को घरै दिखावैं तैस । 
  औरन्ह संग हा हा हँसैं बाहर हो खुब  ऐस ॥ 

दो. आज जवानी आप  यदि रखि नहिं सके सँवारि ।
      कल वृद्धापन आइहै हँसिहैं सब दै तारि ॥


दो. सबसे मिलिए प्रेम से करो मधुर व्यवहार ।
     पता नहीं किससे कब मिलन आखिरी बार ॥


दो.अपनेपन के प्रेम में हो न स्वार्थ की गंध ।
      कच्चे धागों  से बँधे अपनो के सम्बन्ध ॥ 

       
दो.  परिवारों का प्रेम सब नशा हास परिहास। 
     स्वार्थ घमंडी भाव से घर भर फिरैं उदास ॥ 


दो. मीठी बोली के बिना बिखर रहे परिवार ।
       मीठा के डिब्बे लहे बाँटत फिरैं लबार ॥ 


दो.भाई बहन के प्रेम में हो न स्वार्थ की गंध ।
      कच्चे धागों  से बँधा भाई बहन सम्बन्ध ॥ 


दो.  परिवारों का प्रेम सब नशा हास परिहास। 
      पत्नीभक्ति प्रभाव से घर भर फिरैं उदास ॥ 
 दो.  महिलाओं का दोष नहिं दोषी पुरुष समाज । 
        मन पर संयम ही नहीं मथत फिरैं रतिराज ॥
दो. कामदेव को खुश करै रामदेव को योग ।
      औषधि बेचें काम की योग बहाने भोग ॥   
दो. कालगर्ल का दोष क्या कालर ब्यॉय उतान।
        सेक्सरैकटी छीनते महिलाओं का मान ॥
दो. पार्क पार्किंगों में मिलैं लिपटे चिपटे दोउ ।
      कुत्ते बिल्ली की तरह किन्तु न रोके कोउ ॥
दो. अपने मन के सेक्स को पापी बोलैं प्यार ।
      रावण को फूँकत फिरैं ऐसेन्ह को धिक्कार॥  


दो. पति पत्नी के बीच में बढ़ती रहती खाइ । 
    प्यार भरे छलकत फिरैं ताकत फिरैं लोगाइ ॥ 
दो. बच्चे दर दर भटकते जे जन करहिं तलाक । 
      ढूँढत  प्रेमी प्रेमिका ये प्यार करेंगे खाक ॥ 

दो. पति पत्नी के बीच में दिन दिन बढ़त दरार । 
      पर पत्नी के प्रेम में मारे फिरैं लबार ॥

ऐ दिल्लीनरेश ! जागो ये समय आत्मचिंतन का नहीं अपितु आत्ममंथन का है निजी स्वार्थों से ऊपर उठो !
हमारा आम आदमी पार्टी के वर्तमान एवं भूत पूर्व सभी सात्विक लोगों से निवेदन है इस विरक्त विचारधारा को बटने से बचा लीजिए !see more...http://bharatjagrana.blogspot.in/2015/04/blog-post_45.html
आमआदमीपार्टी से 'अ' अक्षर वाले अंजली ,अरविंद ,आशीष, आशुतोष आदि लोगों को लेनी होगी विदाई !-ज्योतिषseemore...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/p/blog-page_10.html

                हमारी माँ बहन को भी कोई गाली दे !ऐसा कोई भला आदमी क्यों चाहेगा !
     दूसरे को गाली हमेंशा वो लोग देते हैं  या फेस बुक पर लिखते हैं जिनका मन होता है कि काश ! हमारी माँ बहन को भी कोई गाली देता ! गाली देगा वही जिसके पास गालियाँ होंगी और होंगी नहीं तो देगा कहाँ से ! ऐसे लोगों की माताएँ  भी ऐसी ही होती होंगी !यह भी संभव है कि ऐसी माताओं ने इनको जन्म देने में ही संस्कारों की किस्तें पूरी न की हों या फिर गलत तरीके से की हों ! यह भी संभव है कि ऐसी माताओं के उनके अपने ही संस्कार न ठीक हों उन्हीं का परिचय दे रहे हों ये गाली देने वाले लोग !खैर !बाकी सभी अच्छे संस्कारों वाले माता पिता की संतानों से निवेदन है कि वो ऐसी माताओं को भी गाली न दें जिन्होंने गाली देने वाले इतने गंदे बच्चे पैदा किए हों !जो अपने माता पिता के कुसंस्कारों की भड़ास औरों पर निकालते फिरते हों !



                           

No comments: