Monday, 30 October 2017

राजनीति संवाद की जगह विवाद बन चुकी है !अब भी ईमानदारी की उम्मींद !आश्चर्य !!

      टीवी चैनलों में चल रही डिवेट देखकर ऐसा तो कभी नहीं लगता कि इंसानों की किसी प्रजाति ने पहले कभी ऐसे डिवेट की होगी  जिसमें किसी को कुछ सुनाई ही न पड़े एक घटे की बहस में ये पता ही न चले ये बेचारे कह क्या रहे थे !ऐसी डिवेटों से और झुण्ड में खड़े होकर भौंक रहे  ..... से कितना सादृश्य दिखता है !या तो ये उनके पिछले जन्म में कुछ रहे होंगे या फिर वे इनके कुछ रहे होंगे !    राजनीति की वर्तमान पद्धति से कुछ अयोग्य अकर्मण्य बेरोजगार निर्लज्ज बेरोजगारों को  धन,सम्मानऔर प्रसिद्धि मिल सकती है सुख सुविधाएँ मिल सकती हैं बहुत बड़े उच्चकोटि के बेईमान होंगे तो बिना कुछ किए धरे ही कुछ चल अचल सम्पत्तियाँ बना लेंगे किंतु इससे देश और समाज का भला कैसे हो सकता है और कैसे दूर हो सकता है भ्रष्टाचार ! रोटियाँ भ्रष्टाचार की खाकर हम भ्रष्टाचार को समाप्त नहीं कर सकते !
      ईमानदारी का जीवन जीने की इच्छा रखने वाले वर्तमान राजनीति में जाएँगे ही क्यों ?
     वहाँ  ईमानदारी से तो एक पैसा भी नहीं मिलता जितने मिलते हैं उतने की तो पब्लिक चाय ही पी जाती है बाकी खर्चों का क्या होगा !नेता जहाज से न चले तो स्वागत में उमड़ी भीड़ क्या सोचेगी !वैसे भी अगली बार टिकट खरीदने के लिए भी तो पैसे जुटाने पड़ते हैं !गाड़ी घोडा मकान दूकान दो चार कोठियाँ तो बनानी ही पड़ेंगी अन्यथा लोग सोचेंगे कि जो लोग अपने लिए कुछ नहीं कर सके वे हमारे लिए क्या खाक करेंगे ! 

Sunday, 29 October 2017

प्रधानमंत्री जी ! GST और आनलाइन पेमेंट आखिर कैसे करें व्यापारी ?घूस लेने वाले तो कैस ही माँगते हैं उसे GST में कैसे दिखाया जाए ?

PM साहब ! अब पाई पाई और पल पल का हिसाब देंगे क्या ?
   व्यापारी न कह पा रहे हैं और न सह पा रहे हैं केवल घुट रहे हैं ! बड़े प्रेम से लाए थे मोदी जी को किंतु मोदी जीने सरकारी मशीनरी का शुद्धिकरण किए बिना ही तंग करना  शुरू कर दिया व्यापारियों को !
    सरकार जितने भी नियम बनाए जा रही है उनका पालन कोई न करता है और न ही किसी से करवाने की ही जरूरत समझता है किंतु जैसे किसान कभी भी घूमते फिरते अपने खेत में चला जाता है और धनियाँ की पत्ती शाक सब्जी आदि तोड़ लाता है उसी प्रकार से सरकारी अधिकारियों कर्मचारियों को जब पैसों की जरूरत होती है तो भिखारियों के कटोरे की तरह सरकारीनियमावली की फाइलें ले लेकर निकल पड़ते हैं और समाज को डरा धमका कर कुछ माँग लाते हैं !ऐसे लोग व्यापारियों के यहाँ जाकर किसी आपदा की तरह फट पड़ते हैं या जीवन की जरूरतों से जूझ रही जनता को ही अपना शिकार बना डालते हैं !
    ऐसे लोगों को घूस न दो तो वो व्यापार बंद करवाने की या कुछ और तरह की ऐसी जरूरी धमकी दे देते हैं जिससे लोगों को घबड़ाकर उनकी आर्थिक डिमांड पूरी करनी ही पड़ती है ! वो सब GST या आनलाइन पेमेंट पर भरोसा नहीं करते वो तो कैस माँगते हैं जनता को या व्यापारियों को देना ही पड़ता है यदि न दें तो व्यापारियों को वो तंग करना शुरू कर देते हैं इसकी शिकायत व्यापारी जिससे करेगा वो भी तो सरकारी कर्मचारी ही होगा वो व्यापारी पर कब उल्टा फट पड़े उस पर भरोसा कैसे किया जाए !काम तो करना ही होता है जो काम करेगा उससे ही गलतियाँ भी होंगी उन्हीं गलतियों के कारण पैसे माँगने चले आते हैं सरकारी निकम्मे लोग !काम करने वालों को काम नहीं करने देते और खुद काम काज करते नहीं हैं ! 
      शास्त्र में कहा गया है - "दुर्जनं प्रथमं बंदे सज्जनं  तदनन्तरं" इसका अर्थ होता है गंदे आदमी को पहले प्रणाम करो उसे खुश रखो सज्जन आदमी को बाद में करो या न भी करो तो भी वो नुक्सान नहीं करेगा !
     इसी भावना से हर व्यापारी अपना काम बिगाड़ने वाले हर गंदे अधिकारी कर्मचारी को होली दिवाली हलछठ करवाचौथ के बहाने वैसे गिफ्ट पहुँचाते रहता है जिससे वे खुश हो जाएँ !
   पोस्टमैन तक को दिवाली का आर्थिक गिफ्ट न दो तो वो चेकबुक दरवाजे पर फ़ेंक कर चला जाता है !पुलिस विभाग तो आल राउंडर होता ही है वो तो किसी के घर या दूकान में घुस गया तो कोई न कोई कमी खोज ही लाएगा और सभी विभागों से संबंधित सभी प्रकार की कमियों को कैस कर लेता है ये सजीव विभाग !
     त्योहारों में निगम  वाले अधिकारी कर्मचारियों को भी घर में समझाकर भेजा जाता है कि देख त्यौहार सैलरी के पैसों से ही मनाना होता तो प्राइवेट नौकरी क्या बुरी थी इसलिए ऊपरी कमाई लेकर आना उससे प्रसन्नता पूर्वक मनाया जाएगा त्यौहार !ऐसे लोग आफिस पहुँचते ही गाड़ियाँ ले लेकर निकल पड़ते हैं बाजारों में और इतना आतंक फैला देते हैं कि मानो सारी बाजार ही छिन्न भिन्न कर देंगे !त्योहारों में सजी बाजारें घबराए व्यापारी तुरंत पूरी करते हैं उनकी आर्थिक डिमांड और सब नकद में ही करनी होती है !
     निगम वाले तो वैसे भी घूस ले लेकर इतने नियम विरुद्ध गलत काम पहले से ही करवा चुके होते हैं कि वो जिस घर में जब भी चाहें घुस जाएँ कुछ न कुछ लेकर ही निकलेंगे !किसी का छज्जा पनारा नाली चबूतरा कहीं न कहीं कुछ न कुछ तो ऐसा मिल ही जाएगा जो नियमानुसार नहीं बना होगा !और जो चीज नियमानुसार नहीं है उसी के बदले पैसे चाहिए उन्हें वो भी कैस !
     मेरा व्यक्तिगत विचार है कि सरकार नियम बनाती ही शायद इसीलिए है कि जिससे उनके अपने अधिकारी कर्मचारियों को सातवें आठवें आदि वेतन आयोगों की प्रतीक्षा ही न करनी पड़े !जब जितनी सैलरी लेने के लिए निकल पड़ें जनता से उतनी वसूल कर ही लौटें !अन्यथा जो नियम बनाए जाते हैं  उनका पालन न करवाने वाले अधिकारी कर्मचारी दण्डित क्यों नहीं किए जाते हैं क्योंकि घूस का पैसा ऊपर तक जाता है !
    सरकारी स्कूलों में पढाई नहीं  होती है तो प्राइवेट में चले जाते हैं ,सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा नहीं होती है तो प्राइवेट में चले गए ,सरकारी टेलीफोन में सुनवाई नहीं होती तो प्राइवेट ले लिया,सरकारी डाक विभाग लापरवाह है तो कोरियर पकड़ लिया किन्तु सरकारी पुलिस की जगह किसे पकड़ कर करवावें अपने कामकाज ?सरकार के अन्य घूसखोर विभागों का विकल्प कैसे चुनें !अन्यथा उन्हें घूस का ऑनलाइन पेमेंट कैसे किया जाए और उसे GST में कैसे दिखाया जाए ?
       PM साहब ! पाई पाई और पल पल का हिसाब देंगे क्या ?अधिकारी कर्मचारी यदि बिना घूस लिए काम करते ही होते तो जनता को सिफारिस के लिए पार्षदों विधायकों सांसदों मंत्रियों मुख्यमंत्रियों के यहाँ जाना क्यों पड़ता !अधिकारी कर्मचारी यदि काम ही नहीं करते हैं तो उन्हें सैलरी क्यों देती है सरकार !सैलरी में दिया जाने वाला धन जनता के खून पसीने की कमाई है !सरकार को उनसे काम लेने की अकल नहीं है तो जनता के पैसों से उन्हें सैलरी क्यों दी जाए ?ऊपर से सातवाँ वेतन आयोग लागू करने की जरूरत क्या थी ?
      PM साहब !सरकारी स्कूल अब कैसे लग रहे हैं आपको ?  आप ही बता दीजिए कि सरकारी स्कूलों में यदि पढ़ाई ही होती तो सरकारी बाबू लोग अपने बच्चे सरकारी स्कूलों में क्यों न पढ़ाते !
   PM साहब !सरकारी शिक्षकों में यदि पढ़ाने की योग्यता ही होती तो वे स्कूलों से मुख क्यों चुराते !सोर्स सिफारिस के बल पर शिक्षकों की नौकरी पाए अयोग्य लोग अपने बच्चे सरकारी स्कूलों में इसीलिए नहीं पढ़ाते हैं उन्हें भरोसा ही नहीं होता कि यहाँ कोई पढ़ाने वाले शिक्षक भी होते होंगे ?

Saturday, 28 October 2017

vishesh


प्रधानमंत्री जी ! 
                      सादर नमस्कार !
  महोदय,
      मैंने तीन विषय से MA और Ph.D.बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी से की है करीब 50 किताबें लिखी हैं जिनमें कुछ काव्य भी हैं !विभिन्न विषयों पर कुछ हजार आर्टिकल इटंरनेट के विभिन्न माध्यमों पर पड़े भी हुए हैं जिनके पाठकों प्रशंसकों की संख्या लाखों में है!आज भी 10 घंटे प्रतिदिन लेखन पठन पाठन में समय देता हूँ जिसमें प्राचीन वेदविद्याओं के आधार पर कई महत्त्व पूर्ण रिसर्च किए हैं!अपने विषयों की सम्पूर्ण समझ है कई बड़े विद्वान लोग मुझे भी विद्वान मानने लगे हैं!लोग अपनी अपनी जरूरतों के अनुशार हमारी योग्यता का उपयोग किया करते हैं जिसे जो मन आता है वो दे देता है अन्यथा वो जो दे देता है उसमें ही अपने परिवार का भरण पोषण करना हमारी अपनी मजबूरी है !
      इस महत्त्वपूर्ण विद्या के अर्जन के लिए बड़ा संघर्ष पूर्ण बचपन बिताया है बचपन में ही पिता का स्वर्गवास हो गया था !जिस विद्या के लालच में ही मैंने माँ को खोया है अग्रज का ऋण उतारना चाहता था जिन्होंने शिक्षा के कठिन संघर्ष काल में हमारी आर्थिक मदद की थी किंतु ऐसा करने लायक नहीं हो सका जिससे 
       
     
   प्रायः राजनेता लोग सामान्य परिवारों से आते हैं धंधा व्यापार करने लायक उनके पास पूँजी नहीं होती है और न ही इसके लिए उनके पास समय होता है और न धंधा व्यापार करते वो कभी देखे ही जाते हैं ऐसे लोगों के यहाँ चल अचल  चुनाव जीतते ही अचानक बढ़ने लग जाती हैं उत्तम सुख सुविधाओं में अच्छा धन खर्च होते देखा जाता है राजनीति में इतना धन ईमानदारी से कमाया जा सकता है क्या ?यदि हाँ तो मैं भी 
      अतएव मुझे केवल इतना जानना है 

आदि काम काज करते देखे नहीं जाते हैं!फिर भी इनके पास पैसा आता कहाँ से है चुनाव जीतने के बाद इनकी संपत्तियाँ बढ़नी शुरू हो जाती हैं कैसे ?उसमें लगने वाला अकूत धन ईमानदारी से पैदा किया जा सकता है क्या यदि हाँ तो कैसे ?

अन्यथा पारदर्शिता इसमें भी लाइए और इतना बताने की हिम्मत कीजिए लोग आपका नाम लेंगे !बताइए 

Thursday, 26 October 2017

'बसपा' विवाह करेगी या लेगी 'संन्यास' !आखिर 'बौद्ध' बनेगी कैसे 'दलित' से ?

   'दलितदेवी' ने पाला 'बौद्धदेवी' बनने का सपना !किंतु शादी से या संन्यास से ?ये स्पष्ट नहीं किया ? वैसे भी अम्बेडकर साहब का अनुयायी होने का मतलब ही बौद्ध होता है !फिर भी ये क्लियर किया जाना चाहिए था क्योंकि शादी भी बुढ़ापे में ही लगती है और संन्यास भी बुढ़ापे में ही लगता है !
     रूचि अपनी अपनी जो बुढ़ापे के अकेलेपन को नहीं ढो पाते हैं और शरीरों में विवाह लायक ऊर्जा अवशेष होती है तब तो विवाह कर लेते हैं अन्यथा निराश हताश नेताओं के  बुढ़ापे में बौद्ध बनने के अलावा और विकल्प बचता भी क्या है !
      देश की सबसे पुरानी पार्टी में बहुत नेता ऐसे हैं जिन्होंने बुढ़ापे को पार करके ही शादी का आनंद लिया है !इसीलिए उन्होंने अपने 'भोंदू' को अभी तक कुँआरा रख छोड़ा है उसे लॉलीपाप पकड़ा रखा है कि जब तुम वो बनोगे तब तुम्हारा ये करेंगे किंतु वहाँ पर मोदी जी डटे हैं इसलिए वो 'वो' बन नहीं पा रहे हैं इसलिए उनकी पार्टी वाले उन्हें 'ये' बनने नहीं दे रहे हैं !ऐसे तो कुछ द्दिन बाद ये भी कह देंगे कि मुझे जब ये बनने ही नहीं दोगे तो मैं भी बौद्ध बन जाऊँगा !
      वैसे भी आशाराम और राम रहीम  प्रकरण के बाद न्याय पालिका की निष्पक्षन्याय प्रक्रिया से काँपने लगे हैं लुका छिपी का खेल खेलने वाले नेता और बाबा लोग !अब तो जो करना है खुल कर आना होगा सामने जिसे विवाह करना है सो विवाह करे जिसे बौद्ध बनना है सो बौद्ध बने !अन्यथा वहाँ जाना होगा जहाँ हनीप्रीत से मिलने का सपना चकनाचूर हो जाएगा ! इसलिए लुका छिपी के खेल खेलने वाले बाबाओं और नेताओं को अविलम्ब निर्णय ले लेना चाहिए !
       न्यायपालिका के कठोर निर्णयों से घबड़ाकर वैसे घपले घोटाले करके सम्पत्तिवान बने बहुत नेता लोग अब तो बौद्ध बनने को तैयार घूम रहे हैं ताकि उनके आर्थिक दुष्कर्मों की जब जाँच शुरू हो तो कह सकें कि बौद्धों पर  अत्याचार हो रहे हैं जैसे अभी तक दलितों का रोना रोया जाता रहा है ! जाँच के भय से भयभीत  बड़े बड़े नेताओं को लगने लगा है कि लुकाछिपी का खेल अब ख़त्म !इस लिए अब बौद्ध बनने में ही भलाई है !
     वैसे भी दलितदेवी जी का बुढ़ापा है न संन्यास लेने में बुराई है और न शादी करने में !नेताओं को वैसे भी बुढ़ापे में ही शादी लगती है वो भी सत्ता मिलने के बाद !सच्चाई तो ये है कि नेताओं को समाज शादी के लायक समझता ही तभी है !
     वस्तुतः राजनीति बेरोजगार अकर्मण्य निठल्ले लोगों का धंधा है इसीलिए जो कुँआरे लोग अपने नाम के साथ नेता शब्द लगा लेते हैं उनकी शादी होनी बड़ी मुश्किल हो जाती है उनके साथ अपने बच्चों का विवाह करने के लिए लोग सौ बार सोचते हैं कि आखिर ये राजनीति में गया क्यों इसमें कोई न कोई ऐब (गलतलत)जरूर होगा अन्यथा पढ़ता लिखता मेहनत मजदूरी करके  ईमानदारी से भी तो कमा खा सकता था इसे नेता बनने की जरूरत ही क्या थी !नेतागिरी का तो धंधा ही चोरी चकारी पर टिका होता है !
    नेता लोग प्रायः घर के गरीब होते हैं कभी कोई रोजी रोजगार करते देखे नहीं जाते किन्तु सुख सुविधाएँ अच्छी से अच्छी भोगते हैं अरबों की संपत्तियाँ इकट्ठी कर लेते हैं कैसे ?यदि ईमानदारी से ऐसा किया जा सकता होता तो सारा देश ही नेता बन जाता !किन्तु बेईमानी करने के लिए लोग तैयार नहीं हैं !बहुत भले लोग ऐसे भी हैं जो ईमानदारी की नमक रोटी पसंद करते हैं किन्तु बेईमानी की कमाई खाने वाला नेता नहीं बनना चाहते !
     बेईमानी करना हर किसी के बस की बात नहीं होती है !इसलिए नेता लोग कभी कहीं कोई चोरी चकारी घपले घोटाले आदि करते पकड़े जाएँगे इनका क्या  भरोसा कि किसने कहीं कोई हनीप्रीत पाल रखी हो !इसलिए राजनैतिक लोगों से शादी करना ही कौन चाहेगा अपने बच्चों की !
    कुछ नेताओं ने तो घर में भी एक नहीं दो रखी होती हैं पक्ष विपक्ष घर में ही बनाकर वहीँ चुनाव चुनाव खेला करते हैं उत्तर प्रदेश में तो 'नेताजी' से अच्छे उदाहरण और कहाँ मिल सकते हैं पिछले साल तो उन्होंने घर ही घर में महाभारत का खेल खेला था !नेतालोग न काम के न काज के झूठ बोलने के बल पर सम्पत्तियाँ इकट्ठी कर लिया करते हैं !इसीलिए तो ऐसे लोगों पर घर के लोग ही भरोसा नहीं करते जब वो बोझ समझते हैं तो बाहर वाले लोग  ऐसे लोगों से विवाह कैसे कर लें ! 
     इसलिए सत्ता मिलने के बाद सिक्योरिटी मिल जाने पर ही नेताओं को समाज विवाह करने लायक समझता है !उसे पता होता है कि पिटेंगे तो बचाने वाले साथ तो हैं कम से कम घर तो उठा लाएँगे हमारे नेता दामाद को !सिक्योरिटी के बिना नेताओं के जीवन का कोई भरोसा नहीं होता न जाने कब और कहाँ मिलने लगें उनके गंदे कामों के फल उन्हें !क्योंकि पराई कमाई खानी हो या घपले घोटाले की कमाई !दोष दुर्गुण बेईमानी छिछोरापन हराम की कमाई आदि के लोभ से भरी पुरी राजनीति में ईमानदार चरित्रवान लोगों की बड़ी शार्टेज है !इस समय कोई भी पढ़ालिखा चरित्रवान ईमानदार आदि आदमी राजनीति में जाना चाहे तो राजनैतिक पार्टियों के गिरोह चलाने वाले सरदार लोग अच्छे लोगों को घुसने ही नहीं देते हैं अपने अपने दलों में !मैंने भी कई बार भेजा see http://snvajpayee.blogspot.in/2012/10/drshesh-narayan-vajpayee-drsnvajpayee.htmlअपना सारा लेखा जोखा तो उन लोगों ने साफ कह दिया कि तुम चंडी पाठ वाले आदमी इस रंडी पाठ के काम में क्यों हाथ आजमाना चाहते हो यहाँ तुम्हारे लिए कोई जगह नहीं है तो मैंने कहा मैं भी थोड़ा पढ़ा लिखा हूँ सदनों की बहस में हम भी औरों की बात समझने की योग्यता रखते हैं अपनी बात कह भी सकते हैं !बोले हमें ऐसे लोग चाहिए ही नहीं हमें तो बुद्धि के कुंद लोग चाहिए जो न बोल पावें न समझ पावें !जितना हम सिखावें उतना ही सीखें जितना हम बोलवावें उतना ही बोलें !जब हम डाँट  दें तो चुप हो जाएँ और जब हुल्लड़ मचाने का इशारा करें तब बवंडर खड़ा कर दें मुझे राजनीति के लिए ऐसे उपद्रवी लोग चाहिए !दिमागवाले तो बिल्कुल चाहिए ही नहीं !ऐसा कह सुन कर मुझे रिजेक्ट कर दिया तबसे मैं समझ गया कि राजनीति अच्छे इंसानों की चीज नहीं है !जैसा कि मुझे बताया गया !
   भ्रष्ट नेताओं को एक डर तो हमेंशा ही लगा रहता है कि न जाने कब कौन ईमानदार शासक आ जाए वो भूतपूर्व नेताओं को भी एक लाइन में खड़ा करके लट्ठ उठा ले और नेताओं से भी पूछने लगे कि जब तुम नेता बने थे तब तुम्हारे पास धेला  नहीं था और अब ये संपत्तियाँ आईं कहाँ से !तब जो नेता अपने सम्पति स्रोतों को नहीं बता सके तो वो हाथ के हाथ कार्यवाही करेगा फिर किसी को 'बौद्ध' बनने का मौका तक नहीं देगा !इसलिए जिसे बौद्ध बनना है भलाई इसी में है कि वो अभी ही बौद्ध क्यों न बन जाए !
     वैसे भी दलित देवी को भी अकेला जीवन अब बोझ लगने लगा होगा क्योंकि उनकी राजनीति में अब कुछ बचा नहीं है अब तो ब्राह्मणों को गाली देने से भी वोट नहीं मिलते हैं सच्चाई समाज को समझा दी गई है इसलिए अब निराश हताश पराजित दलित देवी को घर गृहस्थी की याद सताने लगी होगी या फिर संन्यास की !
    दलित बनने से जो नहीं मिला बौद्ध बनने से वो मिल पाएगा क्या?केवल सवर्णों का अपमान करने की योग्यता  रखने वाले को मुख्यमंत्री के पद पर बैठा चुके लोग अब बौद्ध बनने से प्रधानमंत्री बना देंगे क्या ?उसके लिए कुछ और लोगों को गालियाँ देनी सीखनी पड़ेंगी देवी जी !ब्राह्मणों सवर्णों ने तो क्षमा कर दिया किन्तु सब नहीं क्षमा कर देंगे !
नेताओं की बौद्ध बनने की नौटंकी !घपले घोटाले जो भी करेगा जाँच तो उसकी होनी ही चाहिए किंतु जाँच के डर से बौद्ध बन जाना बिल्कुल ठीक नहीं है !वैसे भी ये सच तो जनता के सामने भी आना ही चाहिए कि दलितों के हिस्से का धन लेकर ही रफूचक्कर तो नहीं हो रहे हैं बौद्ध बनने की धमकी देने वाले नेता लोग !
     वैसे भी बौद्धत्व (संन्यास) लेते ही सर्वप्रथम आपको बकवास बंद करनी होगी और यदि शादी की जाए तो बच्चों की नाक पोंछते पोंछते बड़ों बड़ों की बकवास बंद हो ही जाती है !यद्यपि ब्राह्मण या सम्पूर्ण सवर्ण समाज उस दिन बहुत सुखी होगा जिस दिन......!बड़े दिन सवर्णों ने गालियाँ  खाई हैं अक्ल अभी भी आपको आ जावे तो बुरा क्या है !फिर भी इस मंगलमय बेला पर मेरी ओर से बहुत बहुत बधाई बधाई !! 



Wednesday, 25 October 2017

संघ समस्त भारतीयों को भारत माता की संतान होने के नाते अपना भाई बहन मानता है !

राष्ट्रीयस्वयंसेवकसंघ से भारत खुश और इंडिया खफा !आखिर क्यों ?
    देश की सबसे पुरानी पार्टी का भोंदू जब होता है मुख उठाकर संघ के विषय में मुख उठाकर कुछ भी बोल देता है ये उसकी मजबूरी है जिसके पुरखे संघ को नहीं समझ पाए तो वो बेचारा भोंदू संध की विराट साधना को कैसे समझ लेगा ! जिसे भारत के विषय में कुछ पता ही नहीं है वो तो केवल इण्डिया को जनता है !
    बंधुओ ! राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ की हमेशा अवधारणा रही है कि 'एक देश में दो प्रधान, दो विधान, दो निशान नहीं चलेंगे जब समूचे राष्ट्र और राष्ट्र के नागरिकों को एक सूत्र में बाधा गया है तो धर्म के नाम पर क़ानून की बात समझ से परे हो जाती है, संघ द्वारा समान नागरिक संहिता की बात आते ही संघ को सांप्रदायिक होने की संज्ञा दी जाती है! संघ को कोसने वाले लोगों से ही क्यों न पूछा जाए कि वो आखिर संघ को जानते कितना हैं और संघ के किन आचरणों के कारण वो संघ की आलोचना करते हैं !
     संघ ने सेवाकार्य के बलपर कई मोर्चो पर अपने आपको स्‍थापित किया है। राष्ट्रीय आपदा के समय संघ कभी यह नहीं देखता‍ कि आपदा मे फँसा हुआ व्‍यक्ति किस धर्म या जाति का है। आपदा के समय संघ केवल और केवल राष्ट्र धर्म का पालन करता है कि आपदा में फँसे हुए लोग भारत माता की संतान होने के कारण हमारे भाई बहन हैं !इसी भावना से संघ सेवाकार्यों के प्रति समर्पित संगठन है !गुजरात में आये भूकम्प और सुनामी जैसी घटनाओ के समय सबसे आगे अगर किसी ने राहत कार्य किया तो वह संघ ही तो है !  
      संघ के प्रकल्पों ने देश को नई गति दी है, जहाँ दीन दयाल शोध संस्थान ने गाँवों को स्वावलंबी बनाने की महत्वाकांक्षी योजना बनाई है। संघ के इस संस्‍थान ने अपनी योजना के अंतर्गत सैकड़ों गांवों में यह लक्ष्य हासिल कर लिया है दीन दयाल शोध संस्थान के इस प्रकल्प में संघ के हजारों स्‍वयंसेवक बिना कोई वेतन लिए मिशन मानकर अपने अभियान में लगे है। सम्‍पूर्ण राष्‍ट्र में संघ के विभिन्‍न अनुसांगिक संगठन जन सेवा के लाखों प्रकल्प चला रहे हैं।  
       इतना सब होने के बाद भी दो दो कौड़ी के अदने से लोग संघ की आलोचना करर्ते हैं जो स्वयं इस धरती के बोझ बने हुए हैं !सांप्रदायिक हिंदूवादी, फ़ासीवादी और इसी तरह के अन्य शब्दों से पुकारे जाने वाले संगठन के तौर पर आलोचना सहते और सुनते हुए भी संघ को लगभग सौ वर्ष होने वाले हैं !दुनिया में शायद ही किसी संगठन की इतनी आलोचना की गई होगी. वह भी बिना किसी आधार के. संघ के ख़िलाफ़ लगा हर आरोप आख़िर में पूरी तरह कपोल-कल्पित और झूठा  साबित हुआ है!
      1962 में देश पर चीन का आक्रमण हुआ था उस समय सरकार असहाय थी तब भी संघ राष्ट्र सेवा का काम कर रहा था !संघ के स्वयंसेवकों ने अक्टूबर 1947 से ही कश्मीर सीमा पर पाकिस्तानी सेना की गतिविधियों पर बगैर किसी प्रशिक्षण के लगातार नज़र रखनई शुरू कर दी थी  यह काम कोई सरकार नहीं कर रही थी! उसी समय जब पाकिस्तानी सेना की टुकड़ियों ने कश्मीर की सीमा लांघने की कोशिश की तो सैनिकों के साथ कई स्वयंसेवकों ने भी अपनी मातृभूमि की रक्षा करते हुए लड़ाई में प्राण दिए थे. विभाजन के दंगे भड़कने पर संघ ने पाकिस्तान से जान बचाकर आए शरणार्थियों के लिए 3000 से ज़्यादा राहत शिविर लगाए थे!
      1962 के युद्ध में सेना की मदद के लिए देश भर से संघ के स्वयंसेवक जिस उत्साह से सीमा पर पहुंचे, उसे पूरे देश ने देखा और सराहा. स्वयंसेवकों ने सरकारी कार्यों में और विशेष रूप से जवानों की मदद में पूरी ताकत लगा दी थी !सैनिक आवाजाही मार्गों की चौकसी, प्रशासन की मदद, रसद और आपूर्ति में मदद, और यहां तक कि शहीदों के परिवारों की भी चिंता.संघ ने की थी !संघ के इसी समर्पण और कुशलता के कारण भारत सरकार को 1963 में 26 जनवरी की परेड में संघ को शामिल होने का निमंत्रण देना पड़ा था ! परेड करने वालों को आज भी महीनों पहले से तैयारी करनी होती है, लेकिन मात्र दो दिन पहले मिले निमंत्रण पर 3500 स्वयंसेवक गणवेश में उपस्थित हो गए !
   पाकिस्तान से युद्ध के समय लालबहादुर शास्त्री को भी संघ याद आया था. शास्त्री जी ने क़ानून-व्यवस्था की स्थिति संभालने में मदद देने और दिल्ली का यातायात नियंत्रण अपने हाथ में लेने का आग्रह किया, ताकि इन कार्यों से मुक्त किए गए पुलिसकर्मियों को सेना की मदद में लगाया जा सके. घायल जवानों के लिए सबसे पहले रक्तदान करने वाले भी संघ के स्वयंसेवक थे. युद्ध के दौरान कश्मीर की हवाईपट्टियों से बर्फ़ हटाने का काम संघ के स्वयंसेवकों ने किया था.
     1955 में बना भारतीय मज़दूर संघ शायद विश्व का पहला ऐसा मज़दूर आंदोलन था, जो विध्वंस के बजाए निर्माण की धारणा पर चलता था. कारखानों में विश्वकर्मा जयंती का चलन भारतीय मज़दूर संघ ने ही शुरू किया था. आज यह विश्व का सबसे बड़ा, शांतिपूर्ण और रचनात्मक मज़दूर संगठन है अकेला सेवा भारती देश भर के दूरदराज़ के और दुर्गम इलाक़ों में सेवा के एक लाखों  काम कर रहा है ! एकल विद्यालयों में लाखों छात्र अपना जीवन सँवार रहे हैं !विद्या भारती आज हजारों स्कूल चलाता है,केन्द्र और राज्य सरकारों से मान्यता प्राप्त सरस्वती शिशु मंदिरों में लाखों  छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं और पढ़ाने वाले शिक्षकों की संख्या भी लाखों में होगी सबसे बड़ी बात है कि ये संस्थाएं भारतीय संस्कारों को शिक्षा के साथ जोड़े रखती हैं.1971 में ओडिशा में आए भयंकर चंक्रवात से लेकर भोपाल की गैस त्रासदी तक, 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों से लेकर गुजरात के भूकंप, सुनामी की प्रलय, उत्तराखंड की बाढ़ और कारगिल युद्ध के घायलों की सेवा तक - संघ ने राहत और बचाव का काम हमेशा सबसे आगे होकर किया है!इसलिए संघ की आलोचना करने वाले लोगों को चाहिए कि वे संघ को समझें संघ के सेवा कायों में भाग लें संघ के गुण दोषों पर विचार करें इसके बाद तर्क सहित अपने विचार रखें आनंद तो तब आएगा !

Tuesday, 24 October 2017

अश्लील फोटो वाले EDMC के अफसर !काम के न काज के नंगी फोटो डालने की भी लेते हैं सैलरी ! खाली बैठे बैठे क्या करें बेचारे !

   रंगदारी(घूस)लेकर अवैध कब्जे करवाने वाले या नियम विरुद्ध अवैध काम करवाने वाले अफसरों को ऐय्यासी नहीं सूझेगी तो क्या सूझेगा !ईमानदारी से परिश्रम पूर्वक कमाई करने वालों के मन में नहीं आते हैं ऐसे गंदे विचार !
   निगम नियम तो बनाता है कठोर किंतु पालन उनका होता नहीं है ऐसे घूसखोर लोग हर नियम तोड़ना खुद सिखाते हैं !जबकि उन नियमों का पालन करने के लिए जो अधिकारी कर्मचारी रखे गए हैं वो नियमों का पालन तो करवाते नहीं हैं और सैलरी भीलेते हैं घूस भी लेते हैं नियम तोड़वाने की !इसके लिए दोषी है सरकार कि ऐसे अधिकारियों को नियुक्त ही क्यों किया गया जो कर्तव्य पालन की जगह गंदे चित्रों को देखने देखाने में लगे रहते हों ये काम क्या करते होंगे !
    जिनकी  जनता के जीवन को सरल बनाने में कोई भूमिका ही न बची हो !जो केवल घूसखोरी के लिए ही दफ्तर आते हों किन्तु उन्हें कोई रोकने टोकने वाला ही न हो !ऐसे अधिकारी कर्मचारी किस काम के ?
    15 मीटर से ऊँची बिल्डिंग बनाना गैर कानूनी किंतु जो बिल्डिंगें 15 मीटर से ऊँची हैं उन पर कार्यवाही क्यों नहीं होती है क्योंकि इन घूसखोर नंगी फोटो देखने वालों ने उनसे घूस ले रखी है !
    अवैध मोबाईल टावर नहीं लगाने चाहिए किंतु ऐसे टॉवर सैकड़ों की संख्या में लगे हैं एक एक निगम में !सबसे इन घूस खोरों की आमदनी होती है अवैध मोबाईल टावर कैसे ?इन्हीं बेईमानों ने उनसे घूस ले लेकर लगवाए हैं !ऐसे घूस खोर अधिकारियों कर्मचारियों से ये प्रश्न पूछने की हिम्मत कोई पार्षद भी नहीं जुटा पाता है !गलत पैसा गलत कामों में ही लगेगा !ऐसे ही देखेंगे नंगपने वाले चित्र ! 
    रिहायशी इलाकों में व्यापारिक कामकाज यदि अवैध है तो चल क्यों रहे हैं  ?क्योंकि वहाँ से निगम के अधिकारी कर्मचारी रँगदारी वसूलते हैं !इसीलिए उन्हें बंद नहीं करवाते हैं तब किसी पार्षद को बुरा क्यों नहीं लगता है आखिर तब कोई क्यों नहीं करते हैं कम्प्लेन !
   वेश्यावृत्ति के शौकीन लोग खोजते ही रिहायसी बिल्डिंगें हैं ताकि उन पर कोई शक न करे !ये निगम वाले ऐसे गंदे कामों को रिहायसी इलाकों से हटवाते क्यों नहीं हैं क्योंकि इन्हें वहाँ से धन मिलता है !
    गरीबों ग्रामीणों मजदूरों ईमानदारों के पास इतना समय ही कहाँ होता है कि वो ऐसे कुकर्म करें ऐसी हरकतें तो हराम की कमाई खाने वाले लोग ही कर सकते हैं इन बेईमानों पर सरकार जब तक अंकुश नहीं लगा पाती है तब तक विकास के लिए किए जाने वाले सारे प्रयास बेकार हैं !
   सरकारी अफसर कोई भी हो वो अफसर तो अफसर  ही होता है वो कर्मचारी तो होता नहीं है कर्मचारी हो तो काम करे !सरकार ने जिसे बना ही अफसर दिया हो वो काम क्यों करे ?
    अफसर भी आखिर करें भी क्या ?काम की कोई जिम्मेदारी होती नहीं है होती तो समाज में दिखाई पड़ती !खाली बैठे बैठे भी तो बेचारों का मन ऊभ जाता है  !इसीतरह टाइम पास किया करते हैं बेचारे ! DC साहब ने ग्रुप पर फोटो डाल दी इनसे यही गलती  भले हो गई हो !त्योहारों के समय ऊपरी कमाई के बिना निगम कर्मचारियों को घरवाले घास नहीं डालते हैं किंतु इस वर्ष मोदी जी के डर से उतना नहीं हो पा रहा है जितने की घर वालों की आदत पड़ी है !ऐसे में अफसर ऐसे ही रातें काटते होंगे !त्योहारी सीजन है काली कमाई कुछ खास नहीं हुई होगी !            
     काम है क्या निगम का लोगों को तो आज तक पता ही नहीं चला है लोग तो बस लुटेरा समझते हैं निगम वालों को !निगम वाले जब जनता को लूटने पहुँचते हैं तो वो बेचारे चिल्ला पड़ते हैं कमेटी आ गई कमेटी आ गई !उन्हें तो केवल निगम का मायने इतना पता है कि जब उनके यहाँ हफ़्ता पहुँचना बंद हो जाता है तब ये उपद्रव करने निकलते हैं !नंगी फोटो देखने वाले अफसर लोग !
     जनता को ये भी पता है कि एक लिंटर डालने के लिए इन अश्लील फोटो देखने वालों को कितने रूपए देने होते हैं और छज्जे बाहर निकालने के लिए कितने पैसे लेते हैं ये लोग !किसी सरकारी जगह में अवैध कब्जा करने के लिए ऐसे सरकारी गुंडों को क्या देना होगा !
      अवैध कब्ज़ा करने वालों से या अवैध काम करने वालों से ये नंगी फोटो देखने वाले पहले एकमुस्त पैसे ले लेते हैं फिर हफ़्ता महीना आदि बाँध लेते हैं जब तक वो देता रहता है तब तक ठीक नहीं देता है तो उसे अवैध बताकर हटवाने पहुँच जाते हैं खुली गुंडागर्दी करते हैं ये लोग !जिस दिन इनकी औरतें धमकाती हैं कि क्या कारण है आज कल ऊपरी कमाई कम क्यों हो गई है उसी दिन ये सब पागल हो उठते हैं और गाड़ी ले लेकर उपद्रव करने के लिए निकल पड़ते हैं किसी का काउंटर उठा लाते हैं तो किसी किसी की सीढ़ी उठा लाते हैं इनकी जरूरत लायक जहाँ जिस दूकानदार के पास कुछ भी दिखता है ये सब कुछ बेरोकटोक उठा लाते हैं !भेड़िए आने पर लोग उतना भयभीत नहीं होते जितना नंगी फोटो देखने वाले अफसरों के दूतों को देखकर होते हैं ! ये मार्किट में सबका सबकुछ बिगाड़ आते हैं और अपनी अपनी औरतों को खुश करने के लिए अपने घर की जरूरत की सारी चीजें भर कर ले आते हैं !किसी के छज्जे का कोना तोड़ आते हैं किसी के चबूतरे का !अरे अगर वो आंलिगल है तो पूरा तोड़ दें न किंतु इन्हें तो याद दिलाना होता है कि नंगी फोटो देखने वालों को पैसे पहुँचाओ !अगले दिन वो सभी पीड़ित परेशान लोग थैली ले लेकर पहुँचने लगते हैं !
    निगम वालों को पता होता है कि आज सब घूस लिए आ रहे होंगे इसलिए वो लोग पहले से ही एक अलग से घूस काउंटर लगा लेते हैं !और ये नंगी फोटो देखने वाला गिरोह उस दिन अंधाधुंध कमाई करता  है !इसके बाद अगले ही दिन वे सब वहीँ वैसा ही सामान काउंटर आदि लगा लेते हैं तब ये लुटेरे जाने कहाँ मर जाते हैं जाकर !अरे यदि गलत है तो पूरी तरह हटा ही क्यों न दिया जाए किन्तु हटाना इनका उद्देश्य ही नहीं होता है ये तो त्योहारों पर मौजमस्ती के लिए खर्चा निकालने के लिए उपद्रव करते हैं ऐसा प्रायः ये लोग त्योहारों के पहले बीबियों की अतिरिक्त डिमांड पूरी करने के लिए  भी करते देखे जाते हैं !ये बात इसलिए भी कही जा सकती है कि कहीं कोई पार्किंग काउंटर या रैली ठेली पटरी वाला यदि गलत है तो वहाँ ऐसा कुछ होने ही न दिया जाए !
     नियम विरुद्ध काम करने वालों को रोकने के लिए उन्हें सैलरी सरकार से मिलती है और नियम विरुद्ध काम करवाने के लिए उन्हें घूस अवैध काम काज करने या  अवैध कब्जे करने वालों से मिलती है !वो बेचारे ड्यूटी न जाएँ तो सैलरी बंद होती है और अवैध काम न होने दें तो ऊपरी कमाई बंद होती है दोनों तरह लुगाई रूठी रहती है इसलिए बेचारों को अश्लील चित्रों का सहारा लेना पड़ता है !
      अवैध कब्ज़ा करने वालों से या अवैध काम करने वालों से ये नंगी फोटो देखने वाले पहले एकमुस्त पैसे ले लेते हैं  फिर उन लोगों के विरुद्ध जब कोई कम्पलेन कर देता है तो पहले तो इसकी सूचना अवैध काम करने वालों को देकर कम्प्लेन करने वाले की कुटाई करवाते हैं ये निगमी बदमाश लोग !वो यदि फिर भी न माना तो फिर अवैध वालों को अपना अवैध काम हटाने या बंद करने का एक नोटिश देकर अवैध वालों को स्टे दिलवा देते हैं उनसे पैसे लेकर ये पैसे के टट्टू खुद पैरवी करते नहीं हैं स्टे के नाम पर उनसे बोल कोई सकता नहीं है !धीरे धीरे समय पार होता जाता है बाद में इन्हीं नंगी फोटो देखने वालों के वैसे ही खूसट वकील लोग अच्छी सी डील करके मुक़दमे हार जाया करते हैं ! और अवैध कब्ज़ा करने वालों के अवैध कब्जे बैध मान लिए जाते हैं !बात ये समझ में नहीं आती हैं कि इन मूर्खों को जब मुकदमा लड़ना नहीं आता है तो इनकी नियुक्तियाँ रद्द क्यों नहीं की जाती है और यदि इनमें योग्यता है तो इनकी सम्पत्तियों की  तलाशी क्यों न ली जाए !
       पिछले वर्ष धन तेरस को इसी EDMC के मलेरिया विभाग का 'भोंदूरामशर्मा' अवैध वसूली के लिए एक बिल्डिंग में गया उसके बेसमेंट में सरकारी नाली से पानी जाता हुआ दिख रहा था तो भी वहाँ भरे पानी के लिए बिल्डिंग के लोगों से सेवा पानी माँग रहा था कह रहा था कि अन्यथा हम कोर्ट में घसीट लेंगे और हम खड़े होकर खुद गवाही देंगे तो घर भर जेल चले जाओगे !उसने कहा जब हमारा पानी जाता ही नहीं है तो हमें कैसे जेल भेज दोगे !फिर भी वो ऊटपटाँग बकता धमकाता रहा त्यौहार का दिन था परेशान  होना स्वाभाविक है बाद में जनप्रतिनिधियों ने उस खूसट को काबू किया उन्होंने परिवार का साथ दिया !अन्यथा वो पूरी तरह बदमाशी पर उतारू था !बदमाशी इन लोगों के स्वभाव में है !
      ये नंगी फोटो देखने वाले लोग ऐसे ऐसे गुल खिलाते हैं यहाँ एक बिल्डिंग में कुछ संख्या में फ्लैट हैं जहाँ पारिवारिक लोग रहते हैं उसी में से एक फ्लैट किसी  ऐसे व्यक्ति ने ले लिया जो नंगी फोटो वाले ऐय्यास अधिकारियों को 'रा' मैटेरियल उपलब्ध करवाता था और भी तमाम ऐसे कारोबार करता था जो प्रतिबंधित थे और आवासीय बिल्डिंग में तो बिल्कुल ही नहीं होना चाहिए किंतु जिस पर स्वयं साक्षात नंगी फोटो देखने वाले शौकीनों की कृपा हो तो वो सब कुछ कर सकता है !उसमें स्कूल तक से लड़के लड़कियाँ अपने शरीरों की भूख मिटने के लिए आने लगे लोग समझते थे कि बिल्डिंग में किसी के घर जा रहे हैं इसी बहाने फूलते  फलते हैं ऐसे कारोबार !कुछ लोगों ने आवासीय बिल्डिंग का हवाला देते हुए ऐसे ऐय्यासों के पास कम्प्लेन कर दी तो उन्होंने ऐसा काम करने वालों को बुलाया उनसे डील की और कह दिया कि तुम अपने साइन बोर्ड में अकेडमी लिख दो ताकि लगने लगे कि तुम कुछ सिखाने का काम करते हो फिर रिहायसी बिल्डिंग में ट्यूशन देना मना नहीं है !घूस लेकर ऐसी ऐसी तरकीबें बताकर सारे गंदे काम करवाते रहते हैं ये नंगी फोटो देखने वाले बदमाश लोग !
     बिल्डिंग की ऊँचाई 15 मीटर की बताई गई है किंतु 18-20 मीटर ऊंचाई वाली बिल्डिंगें भी बनी हैं कई जगह तो उनके ऊपर मोबाइल टावर भी लगे हैं ये नियम विरुद्ध काम क्या फ्री में होने दिए होंगे इन नंगी फोटो देखने वालों ने !एक एक सेंटीमीटर के पैसे लिए होंगे तब ऊँचाई बेचीं होगी इन ऐय्यासों ने !ऐसी बिल्डिंगों में बिल्डर ने अपने बैध ऊंचाई वाले फ्लैट बेचने के बाद नंगी फोटो देखने वाले अफसरों को पटाकर उसके ऊपर मंजिल चढ़ाता गया मोबाइल टावर भी लगवा दिया !उसका भी महीना मिलता होगा उन्हें !अब बिल्डिंग में रहने वाले शिकायत करते हैं कि इसकी अवैध ऊंचाई वाले फ्लोर हटाओ मोबाईलटावर हटाओ ये बिल्डिंग इतना बोझ सहने लायक नहीं है तो  कंप्लेन करने वालों को ही धमका देते हैं हैं ये नंगी फोटो देखने वाले अधिकारी !कहते हैं ऐसे तो पूरी बिल्डिंग गिरा दी जाएगी !ये हालत है इन खूसटों की !
       जन प्रतिनिधि अफसरों की अपेक्षा प्रायः कम पढ़े लिखे होते हैं इसलिए समाज के कामों  के लिए शुरू शुरू में तो शौक होती है तब तो वो कुछ मुद्दे समाज के उठाते भी हैं इसके बाद वे भी अफसर शाही में ही रस लेने लगते हैं !वस्तुतः वो जो मुद्दे उठाते हैं अफसर उन्हें धमका देते हैं ऐसा करोगे तो फँस जाओगे वैसा करोगे तो फँस जाओगे !घबड़ा जाते हैं बेचारे इसके बाद बस वही नालियाँ  साफ करवाना और झाड़ू लगवाना कूड़ा उठवाना बस !
   वहाँ भी कुछ लोगों ने खत्तों के हिसाब से कुछ आर्थिक सेटिंग कर रखी होती है उन क्षेत्रों में तो सफाई भी नहीं होती सफाई कर्मी कहते हैं जाओ जिससे कहना हो  कह दो नहीं करता सफाई वो आते हैं मोटर साइकिलों से थोड़ी देर में घूम टहल कर चले जाते हैं !उनका मानना होता है क्यों सफाई करें कल फिर गन्दा होना ही है !जनता को भी इसी सच्चाई को समझ लेना चाहिए !

    

Sunday, 22 October 2017

राजस्थान सरकार का भ्रष्टाचारियों को बचाने का नया सगूफा !

"राजस्थान में नया कानून: जजों-अधिकारियों पर आरोप लगने के 6 महीने बाद ही मीडिया पूछ सकेगी सवाल !"राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार सोमवार से शुरू होने जा रहे विधान सभा सत्र में जजों, मजिस्ट्रेटों और अन्य सरकारी अधिकारियों, सेवकों को सुरक्षा कवच प्रदान करने वाला बिल पेश करेगी।see more....
  http://www.jansatta.com/rajya/rajasthan/rajasthan-law-no-probe-judges-officers-without-sanction-vasundhara-raje-government-ready-bill-replace-ordinance/462935/

      इसीलिए तो कहते हैं कि भ्रष्टाचार का पैसा ऊपर तक जाता है उसके बदले में ऊपर वाले भी तो कुछ उनके लिए करेंगे !जो अधिकारी कर्मचारी भ्रष्टाचार की कमाई ऊपर वालों तक पहुँचाया करते हैं !

    ऐसे तो भ्रष्टाचार यदि बिल्कुल बंद हो गया तब तो सरकारों में सम्मिलित नेताओं की कमाई ही बिल्कुल बंद हो जाएगी !अन्यथा भ्रष्टाचार में पकड़े जाने वाले लोग सरकारों में सम्मिलित अपने आकाओं का नाम कबूलने लगेंगे इसलिए मामला यदि सरकार के हाथ में रहेगा तो सरकार जब जैसी रिपोर्ट चाहेगी वैसी जारी करेगी !रही बात मीडिया के 6 महीने बाद प्रश्न पूछने की तब तक लीपा पोती कर ली जाएगी !वैसे भी तब तक लोग सारा प्रकरण भूल जाया करते हैं !

    नेताओं की कमाई के प्रत्यक्ष कोई स्रोत दिखते नहीं हैं सम्पत्तियों के अंबर लगे होते हैं न उनसे कोई पूछता है कि कहाँ से लाए हो भाई साहब कैसे कमाए हैं ये सारे पैसे ?तुमने काम कब किया कमाए कैसे ? चुनाव लड़ने से पहले तो तुम भी गरीब थे चुनाव लड़ने के बाद सम्पत्तियों की अचानक बाढ़ कहाँ से आ गई ?



Saturday, 21 October 2017

न्यायालयों के आदेशों का सम्मान नहीं होगा तो कोई क्यों मानेगा न्यायालय को ?

दीपावली में पटाखों पर प्रतिबंध था किंतु पटाखे चले खूब!क्या हुआ न्यायालय के आदेश का ?
 न्यायालय का काम आदेश देना है न कि पालन करवाना !यदि न्यायालय और सरकार इस घटना को गंभीरता से नहीं लेते तो लोग न्यायालय की अवमानना करने के आदी हो जाएँगे !
        इस प्रकरण में न्यायालय के आदेश को न मानने पर जनता आमादा थी या जनता को रोकने वाला ही नहीं था कोई ?वस्तुतः कानून तोड़ने से ज्यादा कानून तोड़वाने वाले जिम्मेदार लोगों के विरुद्ध सरकार को कोई शक्त कार्यवाही क्यों नहीं करनी चाहिए !प्रदूषण इतना अधिक बढ़ रहा है कि साँस लेना दूभर हो गया है फिर भी  न्यायालय की अवमानना क्यों की गई ?कानून के प्रति असम्मान लोकतंत्र के लिए घातक है ! 
सरकारी अधिकारियों कर्मचारियों की क़ानून के प्रति उपेक्षात्मिका भावना ही सभी प्रकार के अपराधों को जन्म देती है संरक्षित करती है  !
ज़मीनो पर अवैध कब्ज़े हों या प्रतिबंधित काम काज सरकारी अधिकारियों कर्मचारियों की मिली भगत से ही चल पाते हैं  वो घूंस ले कर सभी प्रकार के अपराधों को होने देते हैं इसी कारण समाज में अपराधों की बढ़त बनी रहती है !
सरकार को यदि अधिकारियों कर्मचारियों पर कोई ज़िम्मेदारी ही नहीं डालनी है तो उनकी नियुक्ति ही क्यों करती है और क्यों देती है उन्हें सैलरी ?

Prabhat - 4

मोदी मसीहा हैं, उनके पास सभी समस्याओंं का हल है: उमा भारती - See more at: http://www.jansatta.com/national/uma-bharti-praise-pm-narendra-modi-says-he-is-messiah-has-answer-to-all-problems/28555/#sthash.hzr07Nef.QrqGIB5e.dpu   

दो. अगर नोट नहिं जेब में दे न सकत हौ चोट !
तौ नेता बनना कठिन जो रखो ठीक लँगोट !!
दो. पैसों से मिलती टिकट पैसों से मिलें  वोट !
राजनीति में नीति नहीं केवल लूट घसोट !!
दो. राजनीति में चल रहा सुरा सुंदरी खेल !
       जो इनमें पीछे रहा वही हो गया फेल !!
 दो. भ्रष्ट चोर मक्कार भी भोग रहे हैं भोग !
      किन्नर जैसे रह रहे सज्जन नेता लोग !!
दो. माँ दुर्गे जाओ अवध देखौ तौ एक बार !
प्रभु 'राम' तंबू पड़े करो असुर संहार !!

दो. दीवाली पावन परम चहुँ दिशि हर्ष अपार !
सबै बधाई मोरिहू करहु सुहृद स्वीकार !!

दो. धन तेरस पावन परम मंगलमय त्यौहार !
भाई बहनों को सभी हो आनंद अपार !!

दो.जन्मदिवस पर पढ़ रहा हूँ सनेह संदेश !
क्या भाषा क्या भाव हैं ऋणी हुआ 'कविशेष !!
दो. 'वाजपेयी' यह आपका दीन्ह्यों बहुत दुलार !
सदा याद आवत रही यह अपनपौ तुम्हार !!
दो. सब सुख उत्तम स्वास्थ्य के पाए बहुत अशीष !
दीर्घायु सबने दई सबै नवावहुँ शीश !!
दो. भाई बहनों प्राणप्रिय पावहु हर्ष अपार !
विश्वनाथ की कृपा से भरा रहे भंडार !!
दो.तात वायु नहिं लागइ काटहिं शंभु कलेश !
आनंदित लखि आपको सुखी होहि 'कविशेष' !!

त्यौहार कैसे मनाए जाएँ ?

सभी जीवों और प्रकृति के साथ मिलकर त्यौहार भावना से ही मनाए जा सकते हैं त्यौहार !त्यौहार हों तो हिंदुओं जैसे बाकी जहाँ पशुओं में है हाहाकार वहाँ कोई इंसान कैसे मना सकता है त्यौहार ! हिन्दुओं में गाय बछड़े का पूजन ,बंदरों का पूजन ,हाथियों का पूजन ,सर्पों का पूजन एवं सर्पों को दूध पिलाकर मनाया जाता है त्यौहार !बरगद ,पीपल,शमी,धात्री आदि वृक्षों की पूजा करके मनाया जाता है त्यौहार !
   

राम रहीम जैसे बाबाओं के साथ उनके चेला चेलियों को भी भेजा जाना चाहिए क्योंकि बाबाओं के साथ ब्याभिचारी जीवन जीने वालों को उनके बिना अच्छा कैसे लगेगा !

पहले नेताओं में भी उठने बैठने बोलने चालने की तमीज हुआ करती थी जिम्मेदारियाँ समझने और निभाने के प्रति सचेत रहा करते थे अब तो ऐसे शिक्षित चरित्रवान और सिद्धांतवादियों को राजनीति में पूछता कौन है जो जबरदस्ती घुस आवें वो बात और है !
दो. सब सुख सबको ही मिलैं मंगलमय  दिन होय |
      विष्णु कृपा सब पर रहै दुःख पावै नहिं कोय ||

आज श्री गणेश चतुर्थी के पावन पर्व पर हमारे सभी भाई बहनों को बहुत बहुत बधाई !!

दो. हे गजबदन गजानन सादर नावउँ माथ |
      पाइ कृपाबल आपका हमहूँ भए सनाथ ||
 दो. भाईबहन मेरे सभी बसत सकल संसार  |
       सब पर कीजै कृपा प्रभु सेवक सभी तुम्हार ||

आज श्री कृष्ण जन्माष्टमी के पावन पर्व की आप सभी भाई बहनों को बहुत बहुत बधाई !!

दो. गोरखपुर में मर गए छोटे छोटे लाल |
    उन पर कीजै कृपा प्रभु हे दयाल नंदलाल ||
दो. आज जन्म दिन आपका सादर नावउँ माथ |
     ख़ुशी मनाई जात नहिं क्षमा करो यदुनाथ ||


राजनीति इतना बेशर्म बना देती है !
     जिन विधायकों सांसदों मंत्रियों मुख्यमंत्रियों के यहाँ काम के लिए जनता सुबह से लाइन लगा देती है वो भी कहते हैं हमारी सरकार बहुत अच्छा काम कर रही है!कर्मचारी काम ही करते तो जनता वहाँ क्यों जाती ?और उनके दो कौड़ी के लेटरों से अधिकारी कर्मचारी काम करने लगेंगे क्या ?शिक्षा में अपने से जूनियर नेताओं को निठल्ला समझने वाली सरकारी मशीनरी सामने सर सर कह देती है तो इनके इतने भाव बढ़ गए कि ये अपने को उनसे बड़ा समझने लगे !इसी गलत फहमी में नेतालोग योजनाएँ बना बनाकर घोषणाएँ करके आश्वासन दे देकर जनता को आशा में मारे डाल रहे हैं!अरे इस सच्चाई को स्वीकार करके चुप क्यों नहीं बैठते कि सरकारी मशीनरी तुम्हारी औकात दो कौड़ी भी नहीं समझती उसे पता होता है चार दिन का मंत्री विधायक सांसद आदि फिर कौन पूछेगा इसे !और अभी कल तक धक्के खाता यहीं तो घूमता था आज आया हमें आदेश देने !
 स्वाभाविक भी है जिसने किसी को कभी भीख माँगते देखा हो उसके दिमाग में तो हमेंशा वही छवि बनी रहेगी वो कैसे और कितना  स्वभाव बदलेगा !
अधिकारी कर्मचारी काम ही करते तो जनता नेताओं के यहाँ चक्कर क्यों लगाती सिफारिस के लिए !

सरकारी आफिसों में भी पहले काम देखकर सैलरी दी जाती थी !
     जहाँ आराम के इंतजाम सरकार ने ही उपलब्ध करवाए हों वहाँ आराम का विरोध किस मुख से  करेगी सरकार !नौकरी दी है तो सैलरी देनी ही पड़ेगी !
शिक्षक जब चरित्रवान थे तब वैसे छात्र थे !
   शिक्षक ही झूठ कहानियाँ गढ़ के छुट्टी मारेंगे,कक्षाओं में नहीं जाएँगे पढ़ाएँगे नहीं कक्षाओं में बैठकर प्रेमी प्रेमिकाओं के साथ घंटों मोबाईल पर लगे रहेंगे तो छात्र भी वैसे ही.... !



माता पिता की सेवा -
    बच्चे जो देखते हैं वही करते हैं हमें माता पिता की सेवा करते देखा होगा तो सेवा करेंगे तिरस्कार करते देखेंगे तो तिरस्कार करेंगे !

 समय नहीं अपितु सोच बदली है !
    मूत्रताप्रधान जीवन शैली हाव भाव बात व्यवहार वेषभूषा और श्रंगार फिर बलात्कार न हों ऐसा कैसे संभव है !हमें अपनी समस्या का समाधान अपने अंदर खोजना होगा !
तलाक देने का फैशन !
   फिल्म वालों की नक़ल करने से वैसे कपड़े पहनने से वैसे छड़कने मटकने से हमारे भी संबंध उतने ही दिन चलेंगे जितने उनके चलते हैं फिल्मवालों के विवाह नहीं टिकते तो नकलचियों के क्या टिकेंगे !

फिल्मों से जुड़े कितने प्रतिशत लोगों के विवाह चल पाए ? प्यार नामक बलात्कार कितनों ने नहीं किए ?उतने प्रतिशत उन्हें चाहने वाले वैसे हो गए हैं ये है ये है समाज पर फिल्मों का असर !

स्त्री पुरुष जब सुंदर होते थे तब आचार व्यवहार सुंदर थे संयुक्त परिवार एवं आजीवन चलते थे विवाह!बूढ़े लोग एक एक स्वाँस शान से जी लिया करते थे !अब....!
     ब्यूटीपार्लरों से खरीदी गई सुंदरता किसी को सुंदर बना सकती है क्या?ये तो अल्पमत में आई सरकार के बहुमत सिद्ध करने का दावा करने जैसा होता  है ?

'रामराज्य' की बातें और  'कामराज्य' की जीवन शैली !संस्कार बादल बरसेंगे क्या?या हवाएँ चलेंगी संस्कारों की ?तब हम वैसे थे अब हम ऐसे हो गए !सुधरना हमें होगा ?
'कामराज्य' में जी रहे हैं हम लोग !धड़ाधड़  टूट रहे हैं विवाह बिखर रहे हैं परिवार !ये है मूत्रताप्रधान जीवन का सच !
 बहनें पहले सिर में माँग भरती थीं तो बदमाशों को वैकेंसी खाली नहीं दिखती थी अब वैकेंसी भी खाली ऊपर से शारीरिक विज्ञापन !भगवान् पुलिस को हिम्मत दे !शायद सुरक्षा कर पावें !
महिला सुरक्षा !पुलिस की नौकरी करनी है तो हाँ हाँ तो करनी ही पड़ेगी !किंतु अफसर क्या बता भी सकते हैं कि वे कैसे कैसे कर लेंगे महिला सुरक्षा !
 छोटी छोटी बच्चियों के साथ आज अत्याचार कर रहे हैं भेड़िए !बड़े बासना भड़काते हैं छोटे भुगतते हैं !राक्षस लोग खेलते जा रहे हैं बच्चों के सुकुमार जीवन से !
कैसे कर लोगे तो जवाब नहीं दे पाएँगें ! साहस है तो स्वीकार करे हमारी चुनौती और कर लें खुली बहस !


शिक्षक और साधू संत !
    जब चरित्रवान  थे तब भारत की पहचान चरित्र से थी मीडिया चरित्र की चर्चा करता था अब बलात्कारों  अपराधों हत्याओं की ख़बरें हैं इसके लिए दोषी कौन ?

 साधू संतों पर बहुत बड़ा विश्वास है किंतु बाबा लोग भी ब्यापार और ब्यभिचार करने लगे झूठ बोलने लगे तब से भरोसा टूटा है !
   जातियाँ सौ प्रतिशत सच हैं !इन्हें मिटाना संभव नहीं !
   योगी आदित्यनाथ जी क्षत्रिय हैं तो शासन कर रहे हैं रामदेव वैश्य(यादव)हैं तो व्यापार कर रहे हैं !संन्यासी बनने के बाद भी जब स्वभाव नहीं छूटा तो नेता जातिवाद समाप्त कर लेंगे क्या ?

 हमारे सभी प्रिय भाई बहनों के लिए गंगा दशहरा मंगलमय हो !
दो.  माँ गंगा के पद कमल प्रणवउँ बारंबार |
        भूलैं सकल भुलाइके करहु सदा उद्धार ||
        हम पापिन्ह के लिए माँ सहती हौ अपमान |
      गंदा गंगाजल करत तबहुँ न देतिउ ध्यान ||
  
मदर्सडे
तीनसौपैंसठ दिनों में माँ का केवल एक दिन !
मदरस्यदिनं नास्ति मातुस्त्वस्ति जीवनम् |
तीनसौपैंसठ 365 दिनेष्वत्र  मातुःएक वासरम् ||


दो. अक्षयतीज मनाइए सबको बहुत बधाइ |
      सुख सनेह संपति भगति अक्षय दें भृगुराइ ||  दो. रामचरित मानस मधुर तथा राम भगवान् । 
       दोऊ अयोध्या में भए नवमी मंगलखान ॥ 
        भाई बहन सुख लहहिं सब घर घर मंगलचार । 
        राम भगति सबको मिलिहि सुखद राम अवतार ॥
      दो.बुद्ध पूर्णिमा को सुखद दिन मंगलमय आज |
          सबको बहुत बधाइयाँ हर्षित सकल समाज || 

 

 किस विषय को पढ़ने में सफलता मिलेगी किसमें नहीं मिलेगी ?कब पदोन्नति होगी कब नहीं होगी ?कब स्वास्थ्य ठीक रहेगा कब ख़राब होगा ?कब विवाह होगा कब नहीं होगा ?किस समय किसके साथ विवाह करने से कितने समय तक सुख मिलेगा कब दुःख मिलने लगेगा कैसे चलेगा कितने समय तनाव रहेगा या नहीं रहेगा ?कब तलाक होगा या नहीं होगा ?किस समय बनाया गया प्रेम संबंध कितने दिन साथ देगा या नहीं देगा या धोखा देगा ?कब संतान होगी कब नहीं होगी ?कब व्यापार चलेगा कब बिगड़ेगा ?किस काम से लाभ होगा किससे नुक्सान होगा ?कब जमीन या मकान खरीदने से ठीक रहेगा कब नहीं रहेगा या धोखा होगा

 

ज्योतिषियों की ज्योतिष सब्जेक्ट की क्वालीफिकेशन जरूर चेक करें !


  शुभ प्रभात माँ दुर्गा के चरणों में कोटिशः नमन -
दुर्गा सप्तशती (Durga Saptshati) (सरल दोहा चौपाई में ) (Saral Doha Chaupai men)
  दुर्गा सप्तशती  ( सरल दोहा चौपाइयों में बिलकुल सुंदरकांड की तरह)
    जो भाई बहन संस्कृतभाषा नहीं जानते और दुर्गासप्तशती पढ़ना चाहते हैंया अपने see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html

                      माँ दुर्गा की असीम अनुकंपा से आपका दिन मंगलमय हो !
नव दुर्गास्तुति Nav Durga Stuti , (सरल दोहा चौपाई में ) (Saral Doha Chaupai men)
  नव दुर्गास्तुति ( सरल दोहा चौपाइयों में बिलकुल सुंदरकांड की तरह) जो भाई बहन संस्कृतभाषा नहीं जानते और दुर्गा पाठ पढ़ना चाहतेsee more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_67.html



-: राशिफल (दैनिक) सौ प्रतिशत झूठ होता है खुद को ज्योतिषी सिद्ध करने के लिए लोग इस झूठ का सहारा लेते हैं कितने लोगों को पता है कि चैनलों पर या अखवारों में बताए या लिखे जाने वाले राशिफल का सच से कोई सम्बन्ध नहीं होता है ऐसी हरकतें कुछ ज्योतिष बिना पढ़े लिखे लोग अपने को ज्योतिषी सिद्ध करने के लिए करते हैं रोज राशिफल और ज्योतिष का नाम लेंगे तो लोग समझ लेते हैं कि ज्योतिषी होंगे तभी तो ऐसा करते हैं !ज्योतिष शास्त्र का कोई भी विद्वान् इतने बेशर्मी से इतना बड़ा झूठ इतनी निर्भीकता पूर्वक बोल ही नहीं सकता है !BHU जैसे तमाम अन्य विश्व विद्यालयों के ज्योतिष विभाग के कितने रीडर प्रोफेसर टीवी चैनलों पर दिखाई पड़े !कितने डॉक्टर इंजीनियर अपने विषयों में बकवास करने टीवी चैनलों पर देखे जाते हैं !
      टीवी पर बताया जाने वाला राशिफल या भविष्य संबंधी बातें आप अपने परिचितों पर घटा कर देखिए सौ प्रतिशत झूठ निकलेंगी इस धोखा धड़ी की कमाई खाना मीडिया को अब बंद कर देना चाहिए !मेडिकल आदि विषयों की तरह ही ज्योतिष पाठ्यक्रम और डिग्रियों आदि की पढाई की व्यवस्था BHU जैसे बड़े विश्व विद्यालयों में सरकार ने कर रखी है किंतु वो मीडिया के मन मुताबिक झूठ नहीं बोल पाते हैं मीडिया को पैसे नहीं दे पाते हैं पैसों के लिए इतना गिर गया है मीडिया कि अनाधिकारियों को अधिकारियों की तरह प्रस्तुत करने लगा है ये समाज के साथ बहुत बड़ी धोखाधड़ी है मीडिया को चाहिए कि ऐसे लोगों से बकवास शुरू कराने से पहले विश्व के जाने माने ज्योतिषी या ज्योतिषाचार्य बताने से पहले उनका परिचय उनके ज्योतिष क्वालीफिकेशन से करवावे किंतु मीडिया को ये इसलिए पसंद नहीं है क्योंकि उसे सच्चाई पता होती है कि ऐसा शुरू करेंगे तो ये अभी भाग जाएँगे !

 भविष्य संबंधी झूठ बोलने आते हैं मनुष्य जीवन को ये किसी भी प्रकर से प्रभावित नहीं कर पाता है कोई इसे सच सिद्ध करना चाहे या ये बताना चाहे कि इसका ज्योतिष से कैसे संबंध बनता है तो उचित मंच पर शास्त्रीय बहस की खुली चुनौती !इस धोखा धड़ी की कमाई खाना मीडिया को अब बंद कर देने चाहिए जितने भी  बहुत लोगों को नहीं पता है कि मेडिकल आदि विषयों की तरह ही ज्योतिष पाठ्यक्रम और डिग्रियों आदि की पढाई की व्यवस्था BHU जैसे विश्व विद्यालयों में सरकार ने कर रखी है उनमें लगभग सारे लोगों ने किसी विश्व विद्यालय ज्योतिष विषय में न कोई डिग्री ली होती है और न ही ज्योतिष के विषय में कुछ पढ़ा ही होता है क्योंकि कोई seemore... http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_71.html
  
-: राशिफल (दैनिक) :- टीवी चैनलों एवं अखवारों में जो बताया जाता है वो सौ प्रतिशत झूठ होता है !
      मीडिया और झोलाछाप ज्योतिषियों की साँठ गाँठ से योजना पूर्वक तैयार किया जाता है ये मनगढंत राशिफल एवं उनके उपायों के आडंबर ! राशिफल बताने या लिखने के नाम पर जो मुख में आता है सो बका करते हैं ये लोग ! क्या यही ज्योतिष विज्ञान है ?यदि ऐसी राशिफली बातों को आप टेप करके अचानक उन राशिफलियों से मिलें और पूछें कि अमुक राशि का अमुक तारीख को राशिफल क्या था ?तो ऐसे लोग वो या उससे मिलता जुलता राशिफल दुबारा नहीं बता सकते और यदि बताएँगे तो उसका उस दिन वाले उनके राशिफल से कोई मेल नहीं खाएगा !जबकि यदि सही होता तो मेल तो खाना चाहिए क्योंकि किसी एक विंदु के लिए शास्त्रीय सच अलग अलग नहीं हो सकता!दूसरी बात ऐसे राशिफलों के ज्योतिष शास्त्र में कहीं प्रमाण नहीं मिलते !फिर भी यदि किसी को लगता है कि उसके पास इस राशिफल के समर्थन में शास्त्रीय प्रमाण हैं तो यहीं कमेंट में लिखें वो प्रमाण!बंधुओ !अब आप स्वयं समझिए कि ये राशिफल सही हो क्यों नहीं सकता seemore...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_71.html

          ज्योतिष जन जागरण का उद्घोष !सबसे जुड़ें और सबको जोड़ें सबका रुख शास्त्रों की ओर मोड़ें !
      ज्योतिष के नाम पर न झूठ बोलेंगे और न सहेंगे !अंध विश्वास के विरुद्ध समाज को जगाकर रहेंगे! जिन बातों  एवं उपायों के प्रमाण ज्योतिष शास्त्र में नहीं हैं ऐसे झूठ को बिकने नहीं देंगे ! इसमें हमें चाहिए सभी सनातन धर्मियों का सभी प्रकार से साथ !यदि आप ज्योतिष जानते भी नहीं हैं और मानते भी नहीं हैं तो भी आप हमारी मदद करर सकते हैं जानिए कैसे ! ज्योतिष  में क्या सच है और क्या झूठ ?समझिए आप भी !बंधुओ !यदि आप ज्योतिष को नहीं भी मानते हैं तो भी इस अंध विश्वास को मिटाने के लिए हमें चाहिए आपका सहयोग  !आज ज्योतिष एवं ग्रहों के उपायों के नाम पर  किए जा रहे हैं कैसे कैसे पाखंड !इसकी सच्चाई समझने के लिए पढ़िए हमारा यह ब्लॉग और जुड़िए हमारी पाखंड खंडिनी मुहिम से ! समाज को ज्योतिष की विश्वसनीय एवं शास्त्र प्रमाणित ईमानदार  सेवाएँ देने के लिए हम बचनबद्ध हैं ! ज्योतिष वास्तु आदि केवल हमारे ही नहीं आपके भी पूर्वजों की विद्या है इसपर पाखंड के बादल छाए हुए हैं ज्योतिष के नाम पर लोग मन गढ़ंत बातें एवं उपाय बता और समझा रहे हैं उपायों के नाम पर तरह तरह के तमाशे दिखा और बेच रहे हैं इसमें क्या सच है और कितना पाखंड है यह सही सही समझने के लिए एक बार जरूर देखिए  हमारे ब्लॉग के विविध विषयों पर लिखे लेख- see more... http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_14.html
जनसंख्या बल से कमजोर सवर्णो को दलितों के शोषण का झूठा आरोप लगाकर सताया जा रहा है और रची जा रही है सवर्णों के विरुद्ध आरक्षणी साजिश ! दलितों के शोषण का सवर्णों पर झूठा आरोप मढ़ना बंद किया जाए ! साथ ही सवर्णों की जनसंख्या इतनी घटी कैसे इसकी जाँच कराई जाए ! दलितों का शोषण कभी किसी ने किया ही नहीं है इसीलिए शोषण के नहीं मिलते हैं प्रमाण !फिर आरक्षण क्यों ?see more....http://samayvigyan.blogspot.in/2015/04/blog-post_14.html

आवश्यक सूचना - बंधुओ ! ज्योतिष का काम ही संसार के सभी लोगों के जीवन पर पड़ने वाले ग्रहों के अच्छे बुरे प्रभावों का अध्ययन करना है इसीलिए सरकारी संस्कृत विश्व विद्यालयों में सब्जेक्ट रूप में ज्योतिष पढ़ने पढ़ाने की न केवल सुविधा होती है अपितु ज्योतिष विषय में उच्च डिग्रियाँ भी दी जाती हैं ऐसे डिग्री होल्डर ज्योतिषवैज्ञानिक डॉ.एस.एन.वाजपेयी से जरूरी ज्योतिषीय सलाह लेने हेतु संपर्क करने के लिए इस लिंक को कॉपी करें ,खोलें और पढ़ें -http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/p/blog-page_10.html अब फर्जी       ज्योतिषियों के भविष्य बताने के शौक पर लगे प्रतिबंध !शुद्धीकरण हो तो सबका हो !
 फर्जीडिग्री  वाले यदि अपराधी हैं तो फर्जी ज्योतिषी और तांत्रिकों पर क्यों नहीं  की जाती है कार्यवाही !
      उनसे भी  माँगे जाएँ उनके भी ज्योतिष डिग्री प्रमाण पत्र !
  आखिर उनसे क्यों नहीं पूछा जा रहा है कि ज्योतिष सब्जेक्ट में किस क्लास तक उन्होंने किस सरकारी संस्कृत विश्व विद्यालय से पढ़ाई की है देखे जाएँ उनके भी ज्योतिष सब्जेक्ट के डिग्री प्रमाण पत्र ! ऐसा होते ही टीवी चैनलों पर बंद हो जाएगी तथाकथित ज्योतिषीबकवास  धार्मिक अंध विश्वास का धंधा  रुकेगा !इनके कृत्यों से टूटते संबंधों विखरते परिवारों को बचाया जा सकेगा । पढ़े लिखे ज्योतिषियों के ज्योतिष वैज्ञानिक शास्त्रीय ज्ञान विज्ञान का समाज को लाभ होने लगेगा  see more... http://bharatjagrana.blogspot.in/2015/06/blog-post_35.html

दो.शुभ प्रभात हो सखागण मंगलमय रविवार ।
    सूर्य  कृपा  सब  पे  रहै  परिहरि रोग विकार ॥

दो.शुभ प्रभात हो बंधुओं  सोमवार शिववार ।
     भोले बाबा कृपाकरि कटिहैं कष्ट हजार ॥
दो.मंगलमय सबको सखा होवै मंगलवार । 
रोग दोष दुःख नाशिहैं प्रभु अंजनी कुमार ॥
दो. बुद्ध सुखद सबके लिए शुभ फलप्रद हो आज ।
     सकल कामना पूर्ण दिन पावहु मित्र समाज 

दो.आज बृहस्पतिवार का होवे शुभद प्रभात।
  शुभ दिन बीते आपका  सुख पावहु दिन रात ॥

दो.शुक्रवार की सुबह शुभ बंधु बहन सानंद ।
          स्वीकारो शुभ कामना कृपा करहिं ब्रजनंद ॥

दो. शुभ प्रभात शनिवार का सुखी सखा सानंद ।
     शनि पीड़ा को भय तजहु भजहु अंजनी नन्द ॥ 
   हे मित्रो !आज शनिवार का सबेरा आपके लिए शुभ हो, आप सुखी हों, आनंदित रहें । बंधुओ !शनि देव के द्वारा दी जाने वाली परेशानियों  से आप बिलकुल भयभीत न हों और प्रभु हनुमान जी का भजन करते  रहें ।
 श्री हनुमान जयंती पर आप सबको बहुत बहुत बधाई !
 दो. हनुमत प्रभु की कृपा से रहहु सखा खुशहाल । 
       साईं छाँड़ि सेवहु इन्हहिं महाकाल के काल ॥ 


  श्री हनुमान जयंती पर  आप सबको बधाई -
 दो. साईं तौ लौ पुजि रहे मंदिर मंदिर जाइ । 
          मारुति नंदन की गदा उठत न जौ लौ  भाइ॥

  श्री हनुमान जयंती पर  आप सबको बधाई - 
       दो. हनुमत हाथ गदा गहि नशिहैं साईं ढोंग । 
           कान पकरि कर ठसकिहैं खूब लगइहैं  भोग ॥

  श्री हनुमान जयंती पर  आप सबको बधाई - 
दो. साईं झुट्ठे ठगी करि भए खूब धनवान ।
     पापी   खुद पुजिबो चहैं कुछ कीजै हनुमान ॥

  श्री हनुमान जयंती पर  आप सबको बधाई - 
दो. साईं करि घुसपैठ खुद बनि बैठे भगवान । 
     मंदिर सूने हो रहे हनुमत कृपा निधान ॥ 

श्री हनुमान जयंती पर  आप सबको बधाई -
दो. आरति पूजा भोग धन  साईं माला माल ।
      सुर मंदिर सूने हुए हे अंजनी के लाल ॥ 

श्री हनुमान जयंती पर  आप सबको बधाई - 
दो. मंदिर अपने धर्म के पुजिहैं साईं बैठि । 
हनुमत इन्हैं खदेड़िए कान पकरि कै ऐंठि ॥ 




 साईंसंप्रदाय का खंडन करने से हमें रोक रहे हैं कुछ लोग !

      कुछ लोगों को लगता है कि धर्म कर्म की चीजें तो बिना पढ़े लिखे ही आ जाती हैं इसलिए इन्हें क्यों पढ़ना इस विषय में तो जो मुख में आवे सो बक दो ! अगर वो धोखे से कुछ श्लोक या चौपाइयाँ पढ़ पाए तो फिर वो उन्हें पचते नहीं हैं वो खुजली किया ही करते हैं जब तक कोई कायदे से न खुजलावे !
      इसी प्रकार से हमें साईं साईंसंप्रदाय के खंडन से बचने की सलाह दी जा रही है और बताया जा रहा है कि प्रभु राम ने खंडन करने को रोका  है ! बंधुओ ! यदि समाज को इतना कमजोर ही बनाना होता तो श्री राम ने लंका पर आक्रमण क्यों किया क्यों खंडित किए उनके शरीर !
      मित्रो ! किसी के ऊपर हमला करने के लिए उस के ब्लैड मारना  अपराध है किंतु किसी के फोड़ा हुआ उसका आपरेशन करने में ब्लैड चलने वाला सर्जन पुण्य का काम कर रहा होता है इस बात का रहस्य समझे बिना उपदेश करना अपनी चंचलता सिद्ध करता है ।
 

दो. चैत्र शुक्ल की प्रतिपदा पहला दिन नवरात्र । 
स्वजन सखा सानंद हों निरुज होंहि शुचि गात्र ॥दुर्गा पूजा -
दो. आश्विन शुक्ला प्रतिपदा शारदीय नवरात्र । 
स्वजन सखा सानंद हों निरुज होंहि शुचि गात्र ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html

दो. दूसर दिन नवरात्र का ब्रह्मचारिणी मात। 
       जननी बंदउँ पदकमल हृदय बसहु हरसात ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
दो.      तीसर दिन नवरात्रि का चंद्रघंटिके अंब ।     चरण शरण जगदम्बिके तुम्हहिं एक अवलंब ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
 -
दो.  चौथा दिन नवरात्र का चहुँ दिशि हरष हिलोर ।
      कूष्मांडा माँ की कृपा सरस रही सब ओर ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html   

दो. स्कन्धमातु को ध्यावत पंचम दिन मन लाइ ।
     सुत सुख संपत्ति अमित यश देहिं कृपाकरि माइ ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
 दो.  कात्यायनी माँ की कृपा सरस रही सब ओर ।
     छठवाँ दिन नवरात्र का जननि  आसरा तोर ॥
-see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html

दो.कालरात्रि जगदम्बिके सादर नावउँ माथ ।
कृपा करहु जननी जगत तुम सों सदा सनाथ ॥
see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html

दो. महागौरिजा आठवाँ जगत जननि तव रूप ।
     सादर बंदउँ पद कमल माते परम अनूप ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html

दो. नवरात्रों के नवम दिन  सिद्धिदात्री अंब ।
    कृपा करहु सब पर जननि सबकी तुम अवलंब ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html



दो. साईं वालों पर कृपा होवै जननी तोर ।
भूतन्ह महुँ भटकैं जनि ताकहिं तुम्हरी ओर ॥
see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html

दो. साईंहिं सेवहिं मूढ़ जे जननी तुम्हहिं बिसारि ।
    तिन्ह कहँ देहु दरिद्रता सबक सिखावहु झारि ॥
see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html

 दो.निर्मल बाबा टाइप के पापिन्ह कहँ लतियाव ।
       जहाँ तमाशाराम तहँ इन हूँ  को पहुँचाव ॥
see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html

दो.निर्मल बाबा कर रहा शास्त्र विमुख बकवास ।
    ऐसे पापिन्ह को जननि  सबक सिखाओ ख़ास ॥
see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html

दो. जगतजननि की कृपा से सुधरे सब संसार ।
     कन्याओं पर बंद हो भीषण अत्याचार ॥
see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html

दो. सरकारी अधिकारियों की होवे सद्बुद्धि ।
     कामचोर सुधरें जननि घूँस ने लें हो शुद्धि ॥
see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html

 दो भ्रष्ट अफसरों को जननि दीजै दारुण दंड ।
       भूल जाएँ बदमाशियाँ भुगतें पाप प्रचंड ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html

दो.  बलात्कारियों को जननि दीजै  ऐसा रोग ।
      किसी काम के न रहें तरसें लखि लखि भोग॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html 

दो.साईं वाले दे रहे तुम्हें चुनौती मात । बुड्ढे के बलपर कहैं हम सब हैं कुशलात ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html  

दो. साईं पत्थर पुज रहे देवी देव घमात ।
इन पापी पाखंडियों को सबक सिखाओ मात ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html

दो. किसी जन्म के पाप हैं भुगत रहे जो भोग ।     दुर्गा माँ को छाँड़ि के साईंहिं पूजत लोग ॥ see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
दो. जगत जननि जगदंब में कहा कमी अस लाग ।
     जे साइँहिं पूजत फिरहिं तिन्हके परम अभाग ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html  

दो.माँ दुर्गा की दया बिनु हिलत न एकौ पात । 
    राम कृष्ण में खोंट का जो साईं पूजन जात ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html


दो. दैत्य दलन्ह को दलिमल्यो जगदम्बे बहुबार।
         धरम सुरक्षा के लिए अब करहु साईं संहार ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html


  दो. प्रेमी जोड़े नाम को व्यभिचारी समुदाय ।
       दूषित करत समाज सब तिन्हहिं सुधारहु माय ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html

 
दो.राम,कृष्ण शिव की जननि  पूजा क्या पाखंड ।
    साईं वाले बक रहे क्यों जननी अँडबंड ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
दो.   देवी देवता सुनत नहिं साईं दें सब भोग ।
      पुण्यहीन भाषत अस मरन चाहत जे लोग ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
दो. हमैं सोच नहिं आपनो कहउँ न अपने हेत ।
' साईं ' कसकै रात दिन माँ तुम्हें चुनौती देत ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
- see  more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_67.html

दो. मधुकैटभ को बल दल्यो शुंभ निशुंभ को अंब ।
    साइँन्ह की बारी अब कृपा करहु जगदंब ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
दो. मंदिर में साईं पुजत देवी देव घमात ।
     पापिन्ह को पाखंड अब जननि सहो नहिं जात ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html

दो. मंदिर में साईं घुसे देवी देव उदास ।
साईं वालों को जननि सबक  सिखावहु ख़ास
see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
दो. साईं वालों को जननि दीजे दंड कठोर ।
    जगदंबे तुम्हरे  रहत ये साइँहिं पूजत चोर ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
 दो. साईं पूजा देश में सब पापों की मूल ।
     जग जननी कीजै कृपा तुम्हारे हाथ त्रिशूल ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
दो . अकर्मण्य सुर  हो गए कहैं साईं के  शेर ।
       बुढ़ऊ पुरिहैं कामना अंबे  ये अंधेर ॥ see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html


दो. देवी देव दिखावटी बने  सजावट माल ।
साईं अब करिहैं कृपा  जगदंबे ये हाल ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html

दो. पाखंडी फैला रहे भ्रम अंबे दो ध्यान ।
     मंदिर मंदिर बिक रहे साईं धरे दुकान ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html

दो. देवी देवन्ह के लिए मंदिर बने हमार |
    बुढ़ऊ को रखि के तहाँ पूजत फिरत गँवार ||

दो. देव न बुड्ढे होत कहुँ रहे न कबहुँ उदास |
    साईं भए जवान कब किन देखो मुस्कात ||
 दो. टेंसन में जे खुद रहहिं बूढ़ भए लरकाइ |
     तिन्ह कहुँ पूजत का मिली लोग रहे गरिआइ ||



दो.  जे खुद को योगी कहैं करैं सकल व्यापार ।
अस कलियुगी पतंजली बाबन्ह को धिक्कार ॥

दो.शुभ प्रभात हो सखागण मंगलमय रविवार ।
    सूर्य  कृपा  सब  पे  रहै  परिहरि रोग विकार ॥

दो.शुभ प्रभात हो बंधुओं  सोमवार शिववार ।
     भोले बाबा कृपाकरि कटिहैं कष्ट हजार ॥
दो.मंगलमय सबको सखा होवै मंगलवार । 
रोग दोष दुःख नाशिहैं प्रभु अंजनी कुमार ॥
दो. बुद्ध सुखद सबके लिए शुभ फलप्रद हो आज ।
     सकल कामना पूर्ण दिन पावहु मित्र समाज 

दो.आज बृहस्पतिवार का होवे शुभद प्रभात।
  शुभ दिन बीते आपका  सुख पावहु दिन रात ॥

दो.शुक्रवार की सुबह शुभ बंधु बहन सानंद ।
          स्वीकारो शुभ कामना कृपा करहिं ब्रजनंद ॥

दो. शुभ प्रभात शनिवार का सुखी सखा सानंद ।
     शनि पीड़ा को भय तजहु भजहु अंजनी नन्द ॥ 
   हे मित्रो !आज शनिवार का सबेरा आपके लिए शुभ हो, आप सुखी हों, आनंदित रहें । बंधुओ !शनि देव के द्वारा दी जाने वाली परेशानियों  से आप बिलकुल भयभीत न हों और प्रभु हनुमान जी का भजन करते  रहें ।  
दो.जगज्जननि  जगदम्बिके सरस्वती सुखदानि ।
         कृपाकरहु   हे कृपामयि सादर वीणापानि ॥



          दो.मंगलमय होली रहे घर घर मंगलचार ।  
             बहनों के सँग बंद हो अब तो अत्याचार ॥
         दो.    बूढ़ों की सेवाबढ़े श्रेष्ठों का सम्मान ।
         स्नेह भाव सबके प्रति करहु छाँड़ि अभिमान ॥
दो. भाई बहनों प्राणप्रिय पावहु हर्ष अपार ।
     प्रभु प्रसाद से सुखद हो होली को त्यौहार ॥

भ्रातृ द्वितीया की बहुत बहुत बधाई !
दो. भाई बहन के स्नेह का है पावन त्यौहार ।
       नित नूतन बढ़ता रहे भाई बहन में प्यार ॥
    दो.    बूढ़ों की सेवाकरो  श्रेष्ठों का सम्मान ।
         स्नेह भाव सबके प्रति रखहु छाँड़ि अभिमान ॥


      दो . जे पापी पाखंड प्रिय भ्रष्टाचारी लोग ।
             गीता तिन्हैं सोहात नहिं जिन्हैं भोगनो भोग ॥

दो. गीता जैसे ग्रन्थ का जो कर रहे  विरोध ।
     उनके भ्रष्टाचार पर होना चाहिए शोध ॥
दो. जे पापी मानत  नहीं करत पाप पर पाप ।
     तिन्हैं गीता से डर लगे राजनीति के साँप ॥
दो. तिन्हैं मरन को भय कहा जे जग जोगी लोग ।
      खुद लै फिरहिं सिक्योरिटी औरन्ह सिखवत योग ॥
   दो.अजर अमर है आत्मा  नश्वर मिला शरीर ।
       गीता का सन्देश यह हरहु जगत की पीर ॥

  दो. धन तेरस सबके लिए दे  आनंद  अपार ।                           
                                   माँ लक्ष्मी की कृपा से सुख पावै संसार ॥

 सभी भाई बहनों को होली का त्यौहार मंगलमय हो !
दो. मंगलमय बीते दिवस सुदिन सुमंगल आज।
     कृष्णकृपा भाजन बनो कृपा करहिं  ब्रजराज ॥ 

दो.गई जरावन भक्त को जरी होलिका आप ।
     पुण्य विजय का पर्व यह हुआ पराजित पाप ॥
दो. राख ढेर सों प्रकट भै पुनः भक्त प्रह्लाद ।
    देखि सखा हर्षित भए सबकर मिटा विषाद ॥
  दो.  खेलन लागे राख सों लगे उलीचन  धूल  ।
      भक्त विजय सुनि सुर गगन बरसन लागे फूल ॥
दो. भाई बहन के स्नेह का है पावन त्यौहार ।
       नित नूतन बढ़ता रहे भाई बहन में प्यार ॥



दो. चैत्र शुक्ल की दूज शुभ बासंती नवरात्र । 
रहहु सखा सानंद नित निरुज होहि तव गात्र ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html



दो. आश्विन शुक्ला प्रतिपदा शारदीय नवरात्र । 
रहहु सखा सानंद नित निरुज होहि तव गात्र ॥ see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html

दो.  कात्यायनी माँ की कृपा सरस रही सब ओर ।
     छठवाँ दिन नवरात्र का जननि  आसरा तोर ॥
-see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
दो.कालरात्रि जगदम्बिके सादर नावउँ माथ ।
कृपा करहु जननी जगत तुम सों सदा सनाथ ॥
see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html

दो. महागौरिजा आठवाँ जगत जननि तव रूप ।
     सादर बंदउँ पद कमल माते परम अनूप ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
-
  

दो.शुभ कामना प्रसाद मैं सादर धारउँ शीश । 
जुग जुग चलै सनेह यह कृपा करहिं जगदीश ॥



दो. नवरात्रों के नवम दिन  सिद्धिदात्री अंब ।
    कृपा करहु सब पर जननि सबकी तुम अवलंब ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html

दो. साईं वालों पर कृपा होवै जननी तोर ।
भूतन्ह महुँ भटकैं जनि ताकहिं तुम्हरी ओर ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
   दो.विजय दशहरा की मेरी  सबको सखा बधाइ ।
        मुक्ति मिली दसशीश को विजय पाइ रघुराइ ॥
    दो.द्वारपाल प्रिय प्रभु का शंभु भगत दसगात ।
        थोड़ी करनी बिगड़ गई अजहूँ कोसो जात ॥
        





दो. आश्विन शुक्ला प्रतिपदा शारदीय नवरात्र । 
स्वजन सखा सानंद हों निरुज होंहि शुचि गात्र ॥ 

दो. दूसर दिन नवरात्र का ब्रह्मचारिणी मात। 
       जननी बंदउँ पदकमल हृदय बसहु हरसात ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
दो. साईंहिं सेवहिं मूढ़ जे जननी तुम्हहिं बिसारि । 
    तिन्ह कहँ देहु दरिद्रता सबक सिखावहु झारि ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
 दो.निर्मल बाबा टाइप के पापिन्ह कहँ लतियाव । 
       जहाँ तमाशाराम तहँ इन हूँ  को पहुँचाव ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
दो.निर्मल बाबा कर रहा शास्त्र विमुख बकवास ।
    ऐसे पापिन्ह को जननि  सबक सिखाओ ख़ास ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html  

दो.जे ज्योतिष जानत नहीं वास्तु पढ़ी नहिं रंच । 
     ते भविष्य भाषत फिरहिं झुट्ठौ करत प्रपंच ॥
दो. टीवी वाले ज्योतिषी झुट्ठी सँग अठिलाँय।
 झूठ बतावहिं राशिफल झूठे बकहिं उपाय ॥

दो. व्यास कहाँ शुकदेव कहँ कहाँ भागवत 'शेष' । 
कथा कहत किन्नर फिरहिं धरि बहुरुपिया वेष ॥ 
  दो. नाम  भागवत  को रटैं करैं  "भोगवत " 'शेष '।
        हँसि हँसि हेरहिं औरतैं धरि भड़ुअन को वेष ॥ 
दो.लीन्हें घूमैं  भागवत जे भागवतिहा लोग ।
     करि सोलह श्रृंगार ये मँजनू माँगें भोग ॥ 

 दो. साधू चहैं सिक्योरिटी निर्भय फिरहिं गृहस्थ । 
       पापी मरिबे को डरत पुण्यवान सब मस्त !!
      पाप पाई जे  छुवत नहिं ते बिना योग के स्वस्थ ॥ 
दो हाथ पैर भाँजत फिरहिं नई योग की रीति । 
        सबै दिखावैं साधुता मरिबे ते भयभीत ॥ 
दो.योग योग सब कोइ कहै किन्तु न जानत योग । 
        चित्तवृत्ति फैली फिरहिं हँसैं हहाहा लोग ॥ 
   दो.  जो खुद को योगी कहै करै सकल व्यापार ।
         भाषण में हो वीरता कर्मन्ह में सलवार ॥ 
दो.   धर्म कर्म में रूचि रहै चित  ध्यावै ब्रजराज
     बुरा न बोलो काहु को तौ का करिहैं यमराज ।

 दो.  निर्भय फिरत  किसान सब करत खेत खलिहान ।  
       बोझ बने बाबा फिरहिं लहे सिक्योरिटी शान ॥ 

     दो.बाबा बोलत  वीर रस रहे लगावत आग ।
         भयवश नारीवेष में प्रकटे अस वैराग ॥
        दो.  झूठ साँच भ्रम बोलत रहे कालेधन का जोक ।
          मिलत  सिक्योरिटी शांत भे बाबा अस डरपोक ॥

दो.राजनीति ने देश में किया बहुत उत्पात । 
करना धरनाकुछ नहीं ब्यर्थ बनावत बात ॥ 

दो.आज बृहस्पतिवार का होवे शुभद प्रभात।
  शुभ दिन बीते आपका  सुख पावहु दिन रात ॥ 

दो. जगतजननि की कृपा से सुधरे सब संसार ।
     कन्याओं पर बंद हो भीषण अत्याचार ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
दो. सरकारी अधिकारियों की होवे सद्बुद्धि । 
     कामचोर सुधरें जननि घूँस ने लें हो शुद्धि ॥ 
 दो भ्रष्ट अफसरों को जननि दीजै दारुण दंड । 
       भूल जाएँ बदमाशियाँ भुगतें पाप प्रचंड ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html

दो.  बलात्कारियों को जननि दीजै  ऐसा रोग ।
      किसी काम के न रहें तरसें लखि लखि भोग॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
दो.नेताओं की नियत पर है भारी संदेह । 
जनसेवा की बात कर भरते अपने गेह ॥ 

दो.साईं ठग्गू लाल का दिन कैसे गुरूवार ।  
      विष्णु दिवस महिमा अमित जानत सब संसार ॥
दो.साईं वाले दे रहे तुम्हें चुनौती मात । 
बुड्ढे के बलपर कहैं हम सब हैं कुशलात ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html  

दो. साईं पत्थर पुज रहे देवी देव घमात ।
इन पापी पाखंडियों को सबक सिखाओ मात ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html

दो. पत्थर साईं नाम के पूजत अनपढ़ लोग । 
     प्राण गए यमराज घर तबहुँ लगावत भोग ॥ 

दो. किसी जन्म के पाप हैं भुगत रहे जो भोग ।
     दुर्गा माँ को छाँड़ि के साईंहिं पूजत लोग ॥ see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
दो. जगत जननि जगदंब में कहा कमी अस लाग ।
     जे साइँहिं पूजत फिरहिं तिन्हके परम अभाग ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html

तीन बार साईं कहने से दो बार ईसा निकलता है   सा'ईंसा'ईंसा'ईं - 
    ईसाई धर्म के प्रचारक थे 'साईं' जिन्होंने खिचड़ी बाँट बाँट कर इसे धर्म फैला लिया !लोग फ्री की खिचड़ी खाकर साईं के गुण  गाने लगे जिसका खर्च विदेशी संस्थाएँ उठाती थीं !लोग इसे चमत्कार मानते थे कि इस फकीर के पास इतना धन कहाँ से आता है जो यहाँ हर समय खिचड़ी बँटा करती है !
दो. साईं प्राणन्ह  खैंच कै  भागि गए यमदूत ।
      यहाँ शरीरहिं गाड़ि कै पुजत  साईं को भूत ॥ 

दो.प्राण गए यमराज घर देही दई सड़ाय । 
    अब साईं को का बचो जो शिरडी देखन जाय ॥ 


    तहाँ न साईं को कछू तहाँ न पूजा पाठ । 

दो.शिव दुर्गा की दया बिनु हिलत न एकौ पात । 
    राम कृष्ण में खोंट का जो साईं पूजन जात ॥
दो.माँ दुर्गा की दया बिनु हिलत न एकौ पात । 
    राम कृष्ण में खोंट का जो साईं पूजन जात ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html   


दो. दैत्य दलन्ह को दलिमल्यो जगदम्बे बहुबार।
         धरम सुरक्षा के लिए अब करहु साईं संहार ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html

दो. शिक्षक जे न पढ़ावहिं बेतन लें हर बार ।
पढ़ें न तिनहूँ के शिशु जौं पढ़ें तो हों बेकार ॥ 

  दो. प्रेमी जोड़े नाम को व्यभिचारी समुदाय ।
       दूषित करत समाज सब तिन्हहिं सुधारहु माय ॥

 दो.      तीसर दिन नवरात्रि का चंद्रघंटिके अंब ।
     चरण शरण जगदम्बिके तुम्हहिं एक अवलंब ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
 -
दो.  चौथा दिन नवरात्र का चहुँ दिशि हरष हिलोर ।
      कूष्मांडा माँ की कृपा सरस रही सब ओर ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
     - see  more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_67.html

दो. स्कन्धमातु को ध्यावत पंचम दिन मन लाइ ।
     सुत सुख संपत्ति अमित यश देहिं कृपाकरि माइ ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html

दो.राम,कृष्ण शिव की जननि  पूजा क्या पाखंड ।
    साईं वाले बक रहे क्यों जननी अँडबंड ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
दो.   देवी देवता सुनत नहिं साईं दें सब भोग ।
      पुण्यहीन भाषत अस मरन चाहत जे लोग ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
दो. हमैं सोच नहिं आपनो कहउँ न अपने हेत ।
' साईं ' कसकै रात दिन माँ तुम्हें चुनौती देत ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
- see  more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_67.html

दो. मधुकैटभ को बल दल्यो शुंभ निशुंभ को अंब ।
    साइँन्ह की बारी अब कृपा करहु जगदंब ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
दो. मंदिर में साईं पुजत देवी देव घमात ।
     पापिन्ह को पाखंड अब जननि सहो नहिं जात ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html


दो.राम कृष्ण शिव के विमुख रचें साजिशें ढेर ।
      अपने को हिंदू कहैं देखौ तौ अंधेर ॥
- see  more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_67.html

दो. खरदूषण रावण बध्यो हे रघुनंदन राम ।
     अबकी दशहरा साईं पर बीतै 'जय श्री राम' ॥
- see  more...http://bharatjagrana.blogspot.in/2014/09/blog-post.html


दो. मंदिर में साईं घुसे देवी देव उदास ।
साईं वालों को जननि सबक  सिखावहु ख़ास
see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.htmlदो. साईं वालों को जननि दीजे दंड कठोर ।
    जगदंबे तुम्हरे  रहत ये साइँहिं पूजत चोर ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
 दो. साईं पूजा देश में सब पापों की मूल ।
     जग जननी कीजै कृपा तुम्हारे हाथ त्रिशूल ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
दो . अकर्मण्य सुर  हो गए कहैं साईं के  शेर ।
       बुढ़ऊ पुरिहैं कामना अंबे  ये अंधेर ॥ see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html


दो. देवी देव दिखावटी बने  सजावट माल ।
साईं अब करिहैं कृपा  जगदंबे ये हाल ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html

दो. पाखंडी फैला रहे भ्रम अंबे दो ध्यान ।
     मंदिर मंदिर बिक रहे साईं धरे दुकान ॥see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_23.html
 -
दो. पाप पुण्य कुछ भी करे साईं  मंदिर जाय  ।
कृपा  वहाँ पर बिक रही पैसे  दे लै जाय ॥
see  more...http://bharatjagrana.blogspot.in/2014/09/blog-post.html
दो. पापकर्म खुब बढ़ गए रोज हो रहे  रेप ।
हत्या  भ्रष्टाचार सब साईं कृपा की खेप ॥
 -  see  more...http://bharatjagrana.blogspot.in/2014/09/blog-post.html

ज्योतिषियों के पाखंड -

दो. रामायण के सीरियल में बन का गए राम । 
       अरुण गोबिल हो गए हैं तब से   बेकाम ॥
    दो.   खुद न रहे कछु काम के तौ पकरो 'कुमार ' ।
      'मंतर' 'मंतर' करि रहे संस्कृत ते लाचार ॥
    दो.    मंत्र कहे पावत नहीं सप्तशती लै हाथ । 
      पढ़ना निज बश को नहीं ठोंकि रहे हैं माथ ॥
     दो.  जेल तमाशाराम गए तब बाबा घबड़ान ।
         पढ़नो तौ बश को नहीं पकड़े फिरैं पुरान ॥

 दो.पैंट लसेटे फिर रहे ज्योतिष के लप्फाज ।
      बेटा बेटा कह रहे बापन्ह को तजि लाज ॥ 
     ज्योतिष के बकवासियों को मेरा  challenge । 
      बेहूदे बोलत फिरैं yes I can change ॥ 


दो. टीवी वाले ज्योतिषी झुट्ठी लीन्हें साथ ।
    कहैं मोर गुण गावहु पैसे पकड़ो   हाथ ॥
 - see  more … http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2014/07/blog-post_17.html
   दो.   गुरू गुरू  झूट्ठी करै करै गढ़ि गढ़ि तानै तीर ।
     भाग्य भ्रष्ट जगदम्ब वे रचत फिरत तकदीर ॥
 - see  more … http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2014/07/blog-post_17.html

 दो. झुट्ठी बोलै गुरू जी नाक नक्स की नीक ।
     भोंदू बक्सन्ह सों कहै तुम्हीं ज्योतिषी ठीक ॥
    दो. संस्कृत पढ़ी न ज्योतिष नहिं मन्त्रन्ह को ज्ञान ।
        तिन्ह कहँ व झुट्ठी कहै तुम सम को विद्वान !

   दो.   झूठ राशिफल नाम का कपट करहिं  भाँति ।
व्यस्त  कहहिं खुद को बहुत 'पर' खून पिअहिं दिनराति ॥
दो. ज्योतिष को ऐसो नशा तरह तरह  ढोंग ।
    बेटा बोलैं  बड़ेन्ह को ये पाखंडी   लोग  ॥
 - see  more … http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2014/07/blog-post_17.html
 - see  more...http://bharatjagrana.blogspot.in/2014/09/blog-post.html



      दो. जिद न जीत की ठीक है हार न हेरि हिराहिं ।
           मौत याद हर क्षण रहै तौ मन फिसलत नाहिं ॥


दो. हाथ पैर टोरत फिरै ब्यर्थ स्वास या हास ।
काम न अपनो करि सकें हर छिन रहत हताश ॥
दो.परिवारों में प्रेम हो तजो स्वार्थ की गंध ।
      कच्चे धागों  से बँधे परिवारी सम्बन्ध ॥


 दो . आज कृष्ण  जन्माष्टमी का पावन त्यौहार । 
       कृष्ण कृपा भाजन बनो ध्यावत नंदकुमार ॥ 
दो. शंख चक्र कर गदा लै पद्म सुशोभित हाथ । 
     देवकि माँ सों प्रकट ह्वै राजहिंगे यदुनाथ ॥
 दो. हुई प्रतीक्षा वर्ष भर तब आया शुभ वार ।
         मंगलमय सबके लिए दीवाली त्यौहार ॥ 

दो. सुखी होय सारा जगत सब दुःख दर्द बिसार ।
      नित नूतन बढ़ता रहे सब लोगों में प्यार ॥

आज रक्षाबंधन के पुनीत पर्व पर आप सभी भाई बहनों को बहुत बहुत बधाई !    
  आप सभी स्नेहिल भाई बहनों के  स्नेहभाजन  होने से आनंदित हूँ !

 दो. सदा सुखी हो बंधुओ युग युग का त्यौहार ।
      नित नूतन बढ़ता रहे भाई बहन का प्यार ॥

दो.  क्षण भंगुर यह जिंदगी अस्थिर जग व्यवहार।
       घटने कभी न दीजिए परिवारों में प्यार ॥

दो.सबकी भूलें भूलिये गलती सबसे होय । 
कहा पता अगले वरष मिलनो होय न होय ॥   

दो.सबकी भूलें भूलिये गलती सबसे होय । 
पता नहीं अगली सुबह मिलनो होय न होय ॥  

 दो. बच्चे तरसैं बात को घरै दिखावैं तैस । 
  औरन्ह संग हा हा हँसैं बाहर हो खुब  ऐस ॥ 

दो. आज जवानी आप  यदि रखि नहिं सके सँवारि ।
      कल वृद्धापन आइहै हँसिहैं सब दै तारि ॥


दो. सबसे मिलिए प्रेम से करो मधुर व्यवहार ।
     पता नहीं किससे कब मिलन आखिरी बार ॥


दो.अपनेपन के प्रेम में हो न स्वार्थ की गंध ।
      कच्चे धागों  से बँधे अपनो के सम्बन्ध ॥ 

       
दो.  परिवारों का प्रेम सब नशा हास परिहास। 
     स्वार्थ घमंडी भाव से घर भर फिरैं उदास ॥ 


दो. मीठी बोली के बिना बिखर रहे परिवार ।
       मीठा के डिब्बे लहे बाँटत फिरैं लबार ॥ 


दो.भाई बहन के प्रेम में हो न स्वार्थ की गंध ।
      कच्चे धागों  से बँधा भाई बहन सम्बन्ध ॥ 


दो.  परिवारों का प्रेम सब नशा हास परिहास। 
      पत्नीभक्ति प्रभाव से घर भर फिरैं उदास ॥ 
 दो.  महिलाओं का दोष नहिं दोषी पुरुष समाज । 
        मन पर संयम ही नहीं मथत फिरैं रतिराज ॥
दो. कामदेव को खुश करै रामदेव को योग ।
      औषधि बेचें काम की योग बहाने भोग ॥   
दो. कालगर्ल का दोष क्या कालर ब्यॉय उतान।
        सेक्सरैकटी छीनते महिलाओं का मान ॥
दो. पार्क पार्किंगों में मिलैं लिपटे चिपटे दोउ ।
      कुत्ते बिल्ली की तरह किन्तु न रोके कोउ ॥
दो. अपने मन के सेक्स को पापी बोलैं प्यार ।
      रावण को फूँकत फिरैं ऐसेन्ह को धिक्कार॥  


दो. पति पत्नी के बीच में बढ़ती रहती खाइ । 
    प्यार भरे छलकत फिरैं ताकत फिरैं लोगाइ ॥ 
दो. बच्चे दर दर भटकते जे जन करहिं तलाक । 
      ढूँढत  प्रेमी प्रेमिका ये प्यार करेंगे खाक ॥ 

दो. पति पत्नी के बीच में दिन दिन बढ़त दरार । 
      पर पत्नी के प्रेम में मारे फिरैं लबार ॥

ऐ दिल्लीनरेश ! जागो ये समय आत्मचिंतन का नहीं अपितु आत्ममंथन का है निजी स्वार्थों से ऊपर उठो !
हमारा आम आदमी पार्टी के वर्तमान एवं भूत पूर्व सभी सात्विक लोगों से निवेदन है इस विरक्त विचारधारा को बटने से बचा लीजिए !see more...http://bharatjagrana.blogspot.in/2015/04/blog-post_45.html
आमआदमीपार्टी से 'अ' अक्षर वाले अंजली ,अरविंद ,आशीष, आशुतोष आदि लोगों को लेनी होगी विदाई !-ज्योतिषseemore...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/p/blog-page_10.html

                हमारी माँ बहन को भी कोई गाली दे !ऐसा कोई भला आदमी क्यों चाहेगा !
     दूसरे को गाली हमेंशा वो लोग देते हैं  या फेस बुक पर लिखते हैं जिनका मन होता है कि काश ! हमारी माँ बहन को भी कोई गाली देता ! गाली देगा वही जिसके पास गालियाँ होंगी और होंगी नहीं तो देगा कहाँ से ! ऐसे लोगों की माताएँ  भी ऐसी ही होती होंगी !यह भी संभव है कि ऐसी माताओं ने इनको जन्म देने में ही संस्कारों की किस्तें पूरी न की हों या फिर गलत तरीके से की हों ! यह भी संभव है कि ऐसी माताओं के उनके अपने ही संस्कार न ठीक हों उन्हीं का परिचय दे रहे हों ये गाली देने वाले लोग !खैर !बाकी सभी अच्छे संस्कारों वाले माता पिता की संतानों से निवेदन है कि वो ऐसी माताओं को भी गाली न दें जिन्होंने गाली देने वाले इतने गंदे बच्चे पैदा किए हों !जो अपने माता पिता के कुसंस्कारों की भड़ास औरों पर निकालते फिरते हों !