मुख्यमंत्री जी !अधिकारियों की आफिसों में रोज सोने की आदत छूटे कैसे !
आफिस आते ही समय से सो जाने वाले अधिकारियों के साथ मीटिंग रखते हैं मंत्री किंतु नींद बेचारी को क्या पता कि मंत्री जी सामने बैठे हैं !मंत्रियों को सोने का समय पूछकर अफसरों के साथ रखनी चाहिए थी मीटिंग ! वस्तुतः सरकारी आफिसें काम करने लायक रह ही नहीं गई हैं स्प्रे से लेकर AC तक !इतनी आराम ! न कोई काम न कोई जिम्मेदारी जो अच्छा हो जाए सो मैंने किया और न हो तो साधनों का रोना ! सरकारी मशीनरी की लापरवाही सभी प्रकार के अपराध और भ्रष्टाचार के लिए जिम्मेदार !इनका ट्रांसफर ही करेगी सरकार उससे उनका कुछ बिगड़ता नहीं है यहाँ नहीं वहाँ सही !क्यों डरें मंत्रियों को ?
काम के स्थान पर आराम की सुविधाएँ सरकार देती क्यों है ? ऐसे तो खेतों में AC लगवा कर देख लिया जाए तो वहाँ किसान लोग भी सो जाएँगे ऐसे काम हो पाएगा क्या ?कुल मिलाकर कामचोरी की जड़ में स्वयं सरकार ही जिम्मेदार है !फिर भी इतनी भारी भरकम सैलरी इतनी रद्दी कार्यशैली वालों के लिए !!सरकारों में सम्मिलित नेताओं को यदि अपनी जेब से ये सैलरी देनी पड़ती हो तो भी इतनी सैलरी ऐसी तुच्छ कार्य शैली वाले लोगों को दे पाते क्या ?और यदि हिम्मत बाँध कर देते भी तो कितने दिन !बहुत जल्दी चौपट हो जाता सारा काम काज !बिलकुल सरकारी काम काज की तरह ही !स्कूलों में पढ़ाई नहीं अस्पतालों में दवाई नहीं !मुख्यमंत्री जी सोचते हैं कि हम अधिकारियों कर्मचारियों को ठीक कर लेंगे और अधिकारी कर्मचारियों ने न जाने कितने मंत्रियों मुख्यमंत्रियों को अब तक ठीक किया है उन्हें अपने हुनर पर गर्व है वे सोचते हैं कि इन्हें भी ठीक कर लेंगे !नए नए हैं थोड़े दिन तो उछल कूद करेंगे ही !ऐसे एक दूसरे को सुधारने में लगे रहते हैं लोग !बीत जाते हैं ऐसे ही पाँच साल ! वर्तमान सरकार भी लगभग इसी ढर्रे पर चलती जा रही है इसीलिए समाज में वैसी ही आपराधिक दुर्घटनाएँ घटती दिख रही हैं |
काम बड़ी बड़ी बिल्डिंगें, रोड, पुल बनाने वाले खुली धूप में काम करते हैं तभी तो कर पाते हैं काम !और AC में रहने वाले अधिकारी यदि कलम पकड़ कर केवल साइन ही करते रहते तो भी साइन करने के लिए पेंडिंग पड़ी फाइलें तो आगे बढ़तीं !AC में बैठे बैठे जनता के दुःख दर्द ही सुनते होते तो योगी जी के यहाँ लोग क्यों लगाते भीड़ !
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