Monday, 18 May 2015

केजरीवाल सरकार को नाचना नहीं आता इसलिए वो आँगन को ही टेढ़ा बताए जा रही है !

   जब से राजनीति की और रुख किया है तब से शिकायतें ही शिकायतें और बस केवल शिकायतें!अपनी प्रशंसा करना औरों को गरियाना ये कैसा न्याय और कैसी राजनीति !
  "भ्रष्टाचार में बहुत कमी आई है -केजरीवाल"
   किंतु केजरीवालजी ! भ्रष्टाचारमें जिस दिन वास्तव में कमी आएगी उस दिन ये बात आप नहीं जनता स्वयं कहने लगेगी और जिस दिन ऐसा होगा उसी दिन मानी जाएगी भ्रष्टाचार में वास्तविक कमी !बाकी चिल्लाने को कोई कुछ भी चिल्लाता रहे जनता को पता है कि नेता अपनी और अपनी सरकार की प्रशंसा करते समय बहुत झूठ बोलते हैं सच्चाई तो तब पता लगती है जब फोन रिकॉर्डिंग सुनो कि ये लोग किसी को गाली देने के समय कितने बेशर्म हो जाते हैं !और जो अपने साथियों को नहीं बक्सते वो एकांत में जनता को क्या बक्सते होंगे !

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