Sunday, 17 May 2015

शिक्षा में भेदभाव से छोटे छोटे बच्चे हो रहे हैं हीन भावना के शिकार !अपने बच्चों का बचपन अपमानित करवाने वाली ऐसी सरकारों को धिक्कार !

    अरे नेताओ ! बड़े लोगों के प्रश्नों का जवाब तो तुम दे ही नहीं सकते बच्चों के प्रश्नों का सामना करने का साहस करो !कब तक देश की दुर्व्यवस्थाओं के लिए विरोधी पार्टियों की सरकारों की अकर्मण्यता की कहानियाँ सुनाते रहोगे ?तुम जाओगे दूसरे आएँगे आखिर वो भी तो यही करेंगे !तो क्या आप लोग केवल इतना ही करने के लिए ढो रहे हैं लोकतंत्र ?
     देश के छोटे छोटे बच्चे जब अपने बाप के बराबर या उससे बड़े मंत्रियों मुख्यमंत्रियों प्रधानमंत्रियों की शिक्षा  व्यवस्था संबंधी कार्य शैली पर सवाल उठाने लगें तो शर्म से डूब मरने का मन करता है । बंधुओं हम ऐसे लोकतंत्र में रह रहे हैं जहाँ के सात सात वर्ष के बच्चों के मन में ये वेदना है ! सात वर्ष के कुमार ने नितीश कुमार के सामने एक समारोह में भाषण देते हुए कहा जिससे केवल नीतीश कुमार जी ही नहीं अपितु हमारी सरकारों को कुछ सीखने की जरूरत है जानिए और क्या कहा कुमार ने -    " कुमार ने अपने भाषण में सरकारी और निजी स्कूलों की व्यवस्था में फर्क बताते हुए कहा, 'दो तरह की शिक्षा की व्यवस्था है, अमीरों के लिए अलग जिनके बच्चे नामी प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने जाते हैं और गरीबों के लिए अलग जिनके बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ने जाते हैं। इससे साफ मालूम चलता है कि प्राइवेट स्कूलों की अपेक्षा सरकारी स्कूलों में शिक्षा का घोर अभाव है। आखिर क्या कारण है कि कोई भी डॉक्टर, इंजीनियर, वकील यहां तक कि उस स्कूल के शिक्षक भी अपने बच्चे को सरकारी स्कूल में पढ़ाना नहीं चाहते। यही वजह है कि हम बच्चे हीन भावना का शिकार हो जाते हैं।'अपने भाषण में कुमार ने बड़े होकर प्रधानमंत्री बनने के संयोग पर कहा, 'बड़ा होकर संयोग से इस देश का प्रधानमंत्री बन गया तो सबसे पहले पूरे देश के प्राइवेट स्कूलों को बंद करवा दूंगा ताकि सभी बच्चे सरकारी स्कूलों में एक साथ पढ़े सकें। चाहे वह डॉक्टर का बच्चा हो या किसान का। चाहे वह इंजिनियर का बच्चा हो या मजदूर का। तभी इस देश में समान शिक्षा लागू होगी।" 
    जब 7 साल का बच्चा बोला तो CM भी हो गए खामोश!see more... http://hindi.news24online.com/this-7-years-boy-makes-bihar-cm-nitish-kumar-mute-79/

No comments: