गाय इस दुनियाँ में पुजाने नहीं वो भी जिंदगी का आनंद लेने आई है उसकी हत्या क्यों की जाए ?
"मैं गाय को पूजता हूं लेकिन उसे बचाने के लिए मुसलमान को नहीं मारूंगा: महात्मा गांधी"see more .... see more...http://thewirehindi.com/4696/mahatma-gandhi-on-cow-killing/
किंतु हे गाँधी जी !आप तो कागज़ की बानी भी गाय पूज सकते थे किंतु जिन्हें गाय का दूध पीना है वे कहाँ मर जाएँ !उनके लिए कागज़ की गाय दूध देगी क्या ?
गाँधी जी !
हे गाँधी जी !जिसको पूजा जाता है उसके प्रति अपनापन भी होना चाहिए !ये कैसी पूजा !!माँ को खूब पूजो किंतु कोई आकर उन्हें मारने लगे तो कह दो मैं तो अहिंसावादी हूँ !हे महापुरुष !इसे अहिंसा नहीं अपितु कायरता कहते हैं !माँ के साथ हो रही गद्दारी कहते हैं क्या इसी दिन के लिए जन्म देती है माँ !
गायों की पूजा पर लगाया जाए प्रतिबंध या फिर गोहत्या पर प्रतिबंध का पूर्ण पालन हो !अन्यथा जिसे हम पूजेंगे उसी को तुम मारोगे और चाहोगे हमें गुस्सा न आए !जिस बाबरी मस्जिद को तुम पूजते भी नहीं थे उसके टूटने पर हजारो लोगों को मार डाला आपने गाय को हम तो पूजते हैं
हे गाँधी बापू !आप गाय को पूजते न पूजते उसकी प्राण रक्षा का बचन तो देते !
हे गाँधी जी !आपने भारत माता को खूब पूजा किंतु बँट जाने दिया गाय को खूब पूजा किन्तु कट जाने दिया !रघुपति राघव राजाराम रटते रहे किंतु श्री राम मंदिर का निर्माण अयोध्या में नहीं करवा सके ! ब्राह्मणों को खूब पूजा गया किंतु उन्हें बर्बाद करने की सारी नीतियाँ बना दी गईं उनके ऊपर दलितों के शोषण के झूठे आरोप लगा दिए गए क्यों ?दलितों का विकास नहीं हुआ इसके लिए ब्राह्मण या सवर्ण क्यों जिम्मेदार हैं किसी के यहाँ लड़का न हो तो उसका दोष पड़ोसी पर मढ़ दिया जाएगा क्या ?
मैं सभी मनुष्यों से स्नेह करता हूँ सभी जीवों से करता हूँ गायों से भी स्नेह करता हूँ क्योंकि वो अपने सभी अंगों से सभी प्राणियों के पालन पोषण में सहायक है !इसलिए गाँधी जी सभी प्राणियों की रक्षा के लिए गे की रक्षा करनी जरूरी है कि नहीं की जानी चाहिए कि नहीं ये बात सबको समझनी चाहिए कि नहीं ?यदि कोई समझे भी न और समझाने पर भी न माने और गायों की हत्या करते रहें फिर क्या करे हिन्दू समाज !
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