ऐसे भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध शिकायत सरकारें भी नहीं सुनती हैं ! तभी तो लोग कहते हैं घूस का पैसा ऊपर तक जाता है !अवैध काम बंद करवाने के लिए शिकायत करने वालों से ही घूस माँगने लगते हैं निगम के अधिकारी कर्मचारी !तभी तो कहते हैं कानून बिकता है पैसे हों तो खरीद लो अन्यथा कानून से मदद की आशा मत रखो !see more .... http://zeenews.india.com/hindi/india/delhi-haryana/three-storey-building-collapses-in-laxmi-nagar-area-of-delhi-4-injured/331684
अवैध कामों की क्या कर्मचारियों को इस गैरजिम्मेदारी के लिए दी जाती है सैलरी ! शिकायत सुनने वाला कोई नहीं घूस लेकर अवैध काम करने वालों की करते रहते हैं मदद !जनहानि की आशंका से जब कोई शिकायत करने जाता है तो उस पर पहले हमला करवा देते हैं अवैध काम करने वालों से !और उसे नोटिश देकर कोर्ट से स्टे दिलवा देते हैं इसके बाद अवैध काम करने वालों से घूस खाते रहते हैं केस की पैरवी ही नहीं करते गुजार देते हैं दसों बीसों साल ! जब कोई पूछता है कि केस का क्या हुआ तो कह देते हैं जज बहुत बदमाश घूसखोर भ्रष्टाचारी है अवैध काम करने वाले उसे लाखों रूपए घूस खिला रहे हैं इसलिए वो स्टे आगे बढ़ाता जा रहा है तुम लाखों रुपए खर्च नहीं कर सकते करो तो मैं भी जज से बात करूँ पीड़ित पक्ष को उससे कोई आर्थिक लोभ नहीं होता तो वो क्यों लाखों रूपए घूस दे !इसलिए ऐसे अवैध निर्माण कितने भी वर्षों तक चलाए जाते हैं अंत में बिल्डिंग गिर जाती है लोग मर जाते हैं सरकार मुआबजे का एलान कर देती है !ऐसे चलती है सरकार लागू किए जा रहे हैं कानून !फोकट में दी जा रही है सैलरी !जिन्हें काम ही नहीं करना है उन्हें सैलरी किस बात की ?किंतु सरकार ये बात कहने में डरती है न जाने क्यों ? तब याद आती है ये बात कि घूस का पैसा ऊपर तक जाता है !
K-71 दुग्गल बिल्डिंग ,छाछीबिल्डिंग चौक ,कृष्णानगर दिल्ली की छत पर एक मोबाईल टावर लगाया गया था 12 वर्ष पहले बिल्डिंग में रहने वाले 16 फ्लैट मालिकों से पूछा नहीं गया EDMC से अनुमति नहीं ली गई किंतु निगम की घूस खोरी के बल पर वो चला जा रहा है उसका किराया एक पैसा भी बिल्डिंग की रिपेयरिंग में नहीं लगा बिल्डिंग में रहने वाले किसी को किराया मिलता नहीं है EDMC और दबंगों की आपसी साँठ गाँठ से चलाए जाते हैं अवैध काम काज !
रिहायसी बिल्डिंगों ,वस्तियों में लुक छिप कर चलाए जाने वाले ब्यूटीपार्लर में यदि ब्यूटी पारलरी ही करनी होती तो खुले में खोलते !बहन बेटियों की इज्जत के साथ खिलवाड़ करने वाले ऐसे अघोषित वेश्यावृत्ति के अड्डे देते हैं सभी प्रकार के अपराधों को जन्म !इनके आस पास रहने वाले भले परिवारों के बच्चे बिगड़ रहे हैं मजबूर माता पिता आदि अभिभावक लोग यदि ऐसे वेश्यालयों की शिकायत करें तो मार दिए जाएँ क्योंकि यहाँ की सेवाओं से लाभान्वित हो रहे कितने लोग भले होंगे ये ईश्वर ही जानता है !
घूस खोर सरकारी कर्मचारी शिकायत करने वालों की खुद मुखबिरी करते हैं वो पुलिस हो या निगम के लोग वो घूस ही इसी बात की लेते हैं !ऐसे लोगों के अत्याचारों से निपटने के लिए सरकार कुछ करती नहीं आम आदमी क्या करे !पाखंड इतना कि अपराध रोकने के लिए सिमितियाँ बनाए जा रही है जबकि अपराधियों का प्रोडक्शन सरकारी विभागों की मदद से ही होता है सरकार घूस का लोभ छोड़े और ऐसे लोगों पर करे शक्त कार्यवाही !
No comments:
Post a Comment