Thursday, 20 July 2017

भ्रष्टाचार सरकार करवाती है या अधिकारी कर्मचारी स्वयं करते हैं ?

  भारत की न्यायपालिका भी भ्रष्टाचारियों से मिली हुई है क्या ?भ्रष्टाचार आखिर रुकते क्यों नहीं हैं !
       घूस लेने वाले अधिकारीकर्मचारियों  को ऐसे पदों पर सरकार ने बैठाया है यही घूसखोरी  करने के लिए ही तो सरकार उन्हें सैलरी देती है यदि ऐसा न होता तो सरकार उन्हें उनके पदों से तुरंत हटा देती किंतु सरकार ने ऐसा किया नहीं इसका मतलब घूस खोरी में सरकार मिली हुई है घूस खोरों पर कार्यवाही करने की दिखावटी धमकी दिया करती है सरकार !
   पूर्वी दिल्ली नगर निगम की एक घटना है K-71,छाछी बिल्डिंग कृष्णानगर दिल्ली -51 नामक   एक सामूहिक बिल्डिंग की छत पर अवैध मोबाईल टावर लगा है !जिसकी परमीशन  न तो बिल्डिंग में बने सोलह फ्लैट मालिकों से ली गई है और न ही EDMC से ली गई है 12 वर्ष हो गए मोबाईल टावर चलता जा रहा है उसका किराया बाहरी लोग लेते जा रहे हैं !EDMC से लेकर दिल्ली सरकार केंद्र सरकार को काई कम्प्लेन किए जा चुके किंतु कोई कार्यवाही नहीं  की गई !12 वर्ष हो गए !अभी भी चलता जा रहा है तब तक चलेगा जब तक अधिकारियों कर्मचारियों को घूस मिलती रहेगी !अवैध होकर जो इतने लंबे समय तक चल सकता है तो वैध कोई क्यों लेगा ! 
       EDMC अधिकारियों की मानी जाए  तो न्याय पालिका घूस खोर है इसलिए चलते हैं ऐसे अवैध काम !क्योंकि प्रायः हर अवैध काम को जब हटाने के लिए कहा जाता है तब निगम के घूस खोर लोग अवैध काम करने वालों को एक नोटिश देकर उन्हें स्टे दिलवा देते हैं इसके बाद खुद कोई पैरवी करते नहीं हैं वर्षों तक मामला खिंचता चला जाता है !जब उनसे पूछा जाता है कि ये अवैध टॉवर इतने वर्षों बाद भी हटाया क्यों नहीं गया !तब वो कहते हैं मैंने तो नोटिश दे दिया किंतु उसने कोर्ट से स्टे ले लिया है !फिर पूछा स्टे कब तक चलेगा तो कहते हैं जब तक जज साहब को घूस मिलती रहेगी तब तक जज साहब स्टे बढ़ाते चले जाएँगे !पूछा गया यदि हटवाना पड़े तो क्या करना होगा !हटेगा नहीं क्योंकि कई मोबाईल टावर वालों ने मिलकर कुछ करोड़ रूपए दिए हैं इसलिए !उतने तुम दे सकते हो तो भले हट जाए !
       मुझे नहीं पता कि EDMC के अधिकारियों के द्वारा मुझे बताई गई बात में कितनी सच्चाई है क्योंकि  कोई प्रमाण नहीं हैं और न ही उनकी बातों की ही कोई रिकार्डिंग ही है किंतु इतना अवश्य है कि ऐसे अवैध कामों के विरुद्ध कोर्ट शक्त क्यों नहीं होता !ऐसे लोगों के विरुद्ध की गई शिकायतें सरकारें सुनती क्यों नहीं है अधिकारी कर्मचारी अवैध कामों के विरुद्ध कोई कठोर कार्यवाही क्यों नहीं करते ?क्या उन्हें दिखते नहीं हैं अवैध मोबाईल टावर अवैध बिल्डिंग निर्माण या अवैध सभी प्रकार के काम काज !और यदि नहीं दिखते हैं तो वो करते क्या हैं सैलरी किसी बात की लेते हैं यदि वो काम उन्हें करने ही नहीं हैं तो बिना काम किए केवल घूस खोरी करने के लिए ही सरकार ने उन्हें पद सौंप रखे हैं क्या ?आखिर उन्हें सैलरी क्यों  देती है सरकार यदि सरकार उनके द्वारा किए जाने वाले भ्रष्टाचार में सम्मिलित नहीं है तो ?यदि नहीं तो ऐसे घूस खोर लोगों को तुरंत सस्पेंड करके  ऐसे अधिकारियों कर्मचारियों को आज तक दी गई सैलरी वापस ली जाए जिनके क्षेत्रों में किसी भी प्रकार के अवैध काम काज चल रहे हैं या अवैध निर्माण हुए हैं या अवैध बिल्डिंगें बनाई गई हैं | 
      अवैध काम काज चलाए जा रहे हों या अवैध निर्माण हुए हों या अवैध मोबाईल टावर लगाए गए हों !ऐसे सभी कार्यों को रोकने के लिए जिन जिन अधिकारियों कर्मचारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई हो यदि वो इतने अयोग्य थे कि रोकना उनके बैश का नहीं था तो उनसे घूस लेकर सरकार ने उन्हें नौकरी पर रखा क्यों ?और यदि वे योग्य हैं तो अपना काम नहीं करते ऊपर से घूस खोरी करते हैं फिर भी सरकार उन्हें सैलरी देती है !इसलिए ऐसे अपराधों को सरकार की मिली भगत के बिना कैसे किया जा सकता है | 
     
                    

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