Wednesday, 15 March 2017

भाजपा की यूपी विजय से पगलाए विपक्षी नेताओं का बेचारी EVM मशीनों पर चौतरफा हमला !बैलट पेपर पर करवाना चाहते हैं वोट !

    राजनीति में अपने कर्मों पर ध्यान देने की अपेक्षा दूसरों के कुकर्मों से तुलना करके अपने को अच्छा सिद्ध कर  लेना चाहते हैं लोग !जनता की अदालत से खदेड़ कर भगाए गए दण्डित पराजित विपक्षी नेता लोग EVM मशीनों को कटघरे में खड़ा करके उनकी आड़ में छिपा लेना चाहते हैं अपना अपना मुख! बारी चतुराई !!
     भाजपा चुनाव हार जाती तब तो मशीनें ठीक और भाजपा के जीतते ही मशीनों की विश्वसनीयता समाप्त हो गई ! बारी समझदारी !! जनता को इतना बुद्धू समझते हैं नेता नेतियाँ !
     आखिर मायावती जी हारीं क्यों ? 
    पत्थरों के हाथी बनवाने और अपनी मूर्तियाँ बनवाने की अलावा उन्हें और करना क्या आता है भाषण तक तो दे नहीं पाती हैं किसी का लिखा हुआ पर्चा वो भी अटक अटक कर पढ़ पाती हैं !आखिर जनता उन्हें क्यों दे देती वोट और उनका जीतना जरूरी क्यों था !
    अखिलेश हारे क्यों ?
       सैफई के अलावा उन्होंने विकास किया किसका है ?अपने खानदान वालों और अपने नाते रिस्तेदारों और यादवों के अलावा आगे बढ़ाया किसको है ?सैफई में नाच लखनऊ में लड़ाई इसके अलावा और करते क्या रहे सपाई ?जनता क्यों दे देती आपको वोट !इतनी मूर्ख है क्या ?
  काँग्रेस की पराजय क्यों ?
   जो इतने वर्षों तक शासन करके देश की लिए कुछ नहीं कर सकी फूट डालो राजनीति करो की पद्धति अपनाती रही  उससे आगे क्या सहारा किया जाए ?वैसे भी जो मनमोहन सरकार के पास किए हुए बिलों को फाड़ कर फ़ेंक देते रहे और खुद कुछ करने  लायक नहीं थे होते तो करते न !उन्हें रोका आखिर किसने था क्यों नहीं बन गए थी PM!अब जनता उन पर क्या भरोसा करे !
अरविन्द केजरीवाल जी हारे क्यों ?
   दिल्ली में उनकी इतने दिनों से सरकार चल रही है अपनी खाँसी ठीक क़रवाने एवं गोपाली जी के छर्रे निकलवाने के अलावा दिल्ली सरकार ने और किया ही क्या है जनता आखिर उन्हें क्यों दे देती वोट ?अब केजरीवाल जी को आगामी निगम चुनावों का भय सताता जा रहा है कि जनता ने यदि इसी प्रकार से उनकी कर्मकुंडली के अनुसार ही आपरेशन करना शुरू कर दिया तब तो ढक्कन हो जाएँगे सारे मंसूबे !मुख्यमंत्री बनने के बाद बनी सेहत कहीं फिर न सूख जाए इसीलिए कर रहे हैं EVM मशीनों पर ताबड़तोड़  हमले !
         अरविंद केजरीवाल जी ही बतावें -
     दिल्ली से घूस खोरी बंद हुई क्या ?दिल्ली की सड़कें ठीक हो गईं क्या ?अतिक्रमणों की कारण दिल्ली के आधे आधे रोड गालियाँ पार्क आदि दबंगों ने कब्ज़ा कर रखे हैं वे मुक्त हुए क्या ?भ्रष्टाचार के आरोप में शीला दीक्षित जी को जेल भेजने की बात कर रहे थे वो हुआ क्या ?सरकारी स्कूलों में शिक्षा सुधार की बात कर रहे थे वो हुआ क्या ?सादगी पूर्ण ईमानदारी का जीवन जीने की बातें किया करते थे वो हुआ क्या ?
     शिक्षासुधार के नाम पर अक्सर अपनी पीठ थपथपाने वाली केजरीवाल सरकार ने शिक्षा के साथ क्या किया है वो भी देखिए -
     आप स्वयं सोचिए कि अधिकाँश लोग मानते हैं कि भ्रष्टाचार के कारण योग्यता को नजरंदाज करके घूस और सोर्स के बल पर अक्सर अघोषित रूप से नीलाम की जाती रही हैं शिक्षकों की नौकरियाँ ! जिसके फल स्वरूप सरकारी स्कूलों के प्रति लोगों का भरोसा इस स्तर तक टूट गया है कि सरकारी स्कूलों में पढ़ाने के नाम पर सैलरी उठाने  वाले शिक्षक तक अपने स्कूलों की पढ़ाई पर भरोसा नहीं करने लगे हैं और अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाने लगे !क्योंकि भ्रष्टाचार से नियुक्तियाँ पाने वाले सरकारी शिक्षकों में शिक्षकों जैसी योग्यता तो छोड़िए उनके जैसे संस्कार ही नहीं हैं उन पर शिक्षा की बिलकुल जिम्मेदारी नहीं है !उनकी योग्यता के परीक्षण की लिए कोई परीक्षा किए बिना तथा अयोग्य लोगों की छटनी किए बिना उनसे कैसे पढ़वा लेगी कोई सरकार किंतु दिल्ली सरकार फोकट में दावे ठोंकती जा रही है । अँग्रेजी और संस्कृत जैसी भाषाओँ के कितने शिक्षक ऐसे हैं जो जो अपनी भाषा बोल भी लेते हैं और यदि नहीं बोल पाते हैं तो उन्हें उस भाषा को पढ़ाने योग्य कैसे मान लिया जाए !हिंदी के कितने शिक्षक ऐसे हैं जो हिंदी भाषा को बोलने और समझने लायक भी हैं! सरकार के लगभग हर सब्जेक्ट के शिक्षकों के हालात ऐसे ही हैं !इसीलिए तो कितने शिक्षक ऐसे  हैं जो अपने भी बच्चों को सरकारी विद्यालयों में पढ़ाते हों !यदि नहीं हैं तो क्यों ?यदि पढ़ाई न होने के कारण ऐसा है तो क्या गरीबों के बच्चों का भविष्य बर्बाद करने के लिए उन लोगों को दी जा रही है सैलरी ?केजरीवाल जी दूसरों से प्रश्न करने की अपेक्षा सच्चाई का सामना करें आप और दें जवाब !जिस दुर्व्यवस्था से तंग होकर दिल्ली वालों न आपको मुख्यमंत्री बनाया था व्यवस्था तो अभी भी वही है केवल आप झूठ बूल ले रहें हैं कि सब कुछ ठीक हो गया है और वे नहीं बोलते थे क्योंकि उनमें कुछ शर्म थी !
            अरविन्दकेजरीवाल जी ! भ्रष्टाचारकाल में नियुक्त हुए शिक्षकों की योग्यता परीक्षण के लिए आपने कौन से कदम उठाए !सरकारी शिक्षक अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में क्यों नहीं पढ़ाते हैं इसका पता लगाने के लिए कौन सी जाँच करवाई और क्या कार्यवाही की ?स्कूलों में केवल कागजी कमरे बनाकर कमीशन खोरों को लाभ पहुँचाने के अलावा शिक्षा के लिए कर क्या रहे हैं आप !शिक्षक योग्य हों तो कहीं भी कैसे भी बैठ कर पढ़ा लेते हैं रही बात संसाधनों की वो तो जनता अपने पैसों से खुद भी बनवा  लेगी प्राइवेट स्कूलों में फीस भी तो देती है!
      दिल्ली सरकार का हर विभाग आज भी अन्य प्रदेशों की तरह ही घूस खोर और काम चोर और मक्कारी का शिकार है पंजाब इस सच्चाई को जानता है इसलिए वो कैसे दे देता आपको वोट ! भ्रष्टाचार हो भी क्यों न आखिर भ्रष्टाचार रोकने के लिए केजरीवाल जी आपने किया ही क्या है लोगों के द्वारा की जाने वाली शिकायतों पर कार्यवाही की जानी तो दूर उन शिकायत पत्रों के उत्तर तक नहीं दिए जाते हैं मिलने तक का समय नहीं दिया जाता है !जिस सरकार का मुख्यमंत्री इतना गैर जिम्मेदार और दूसरों पर कोरे झूठे आरोप लगाने वाला हो उस सरकार के विभागों से ईमानदारी की अपेक्षा कैसे की जाए !
आपसे निवेदन है कि -
 हमारा प्रार्थना यह पत्र पढ़ें एवं उसके नीचे दिया गया लिंक अवश्य पढ़ें - see more.....http://sahjchintan.blogspot.in/2017/03/blog-post_15.html

No comments: