Monday, 20 March 2017

मुलायम सिंह जी ने कान में क्या और क्यों कहा ? शपथग्रहण के सार्वजनिक और संवैधानिक मंच पर कानाफूसी क्यों ?जाँच तो इसकी भी होनी चाहिए !

   जिनके विरुद्ध अभी तक बड़े बड़े भाषण दिए गए उन्हीं से कानाफूसी !आखिर क्या संदेश देने के लिए उपयोग किया गया है ये मंच !
  शपथग्रहण के सार्वजनिक मंच पर नेता जी की कानाफूसी कहीं जनता को ये दिखाने की कोशिश तो नहीं कि हम सब एक हैं और एक जैसे हैं !चुनावों के समय हम एक दूसरे की बुराई केवल जनता को बेवकूप बनाने के लिए करते हैं इसलिए इसे सरकार की छवि बिगाड़ने का प्रयास क्यों न माना जाए !एकांतिक बातें तो बाद में भी एक दूसरे के साथ मिल बैठ कर भी की जा सकती थीं ।निजी बातें करने के लिए सार्वजिनक मंच का उपयोग क्यों ?
     "एक महिला के साथ चार लोग बलात्कार कैसे कर सकते हैं, ये व्यावहारिक नहीं है"ऐसा बोलने वालों से बचा जाना चाहिए "
 "कार सेवकों पर गोली चलवाने और गोली चलवाने को उचित ठहराने वालों से सार्वजनिक तौर पर बचा जाना चाहिए "
  नक़ल अध्यादेश को वापस लेने और नक़ल का समर्थन करने वालों से सार्वजनिक तौर पर बचा जाना चाहिए "
 अन्यथा इससे भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम की छवि बिगड़ती है !और ये उसी की हवा निकालने की कोशिश भरहै । 
      इसी काना फूसियों से जनता के मन में कुछ प्रश्न उठते हैं -कहीं इन्होंने ऐसा कुछ तो नहीं कहा है भ्रष्टाचार विरोधी जाँच में हम पर हमारी पार्टी पर और हमारे भूतपूर्व मंत्रियों पर कृपा बनाए रखना !नक़ल चलने देना !रेप ... !
         मंत्रियों को देना होगा संपत्ति का ब्योरा- UP सरकार  !किंतु केवल वर्तमान मंत्रियों को ही क्यों ?भूतपूर्व मंत्रियों की संपत्तियों की जाँच भी क्यों न की जाए !
    केवल वर्तमान मंत्रियों को ही क्यों देना होगा !वो तो अभी अभी बनें हैं शुद्धिकरण हो तो सबका हो !चाहें वर्तमान हों या भूत पूर्व ! आखिर जो मंत्री या मुख्यमंत्री अपने को दलित या पिछड़े कहते रहे हैं और आज करोड़ो अरबों की संपत्तियाँ उनके अपने और उनके परिवार के सदस्यों और नाते रिस्तेदारों के नाम पर हैं सारा कुनबा राजसी ठाट बाट भोगता रहा है ये पैसा आखिर कहाँ से आया उनके पास ?किस सन  में आया कितना आया और किस स्रोत से आया !अपराधियों भ्रष्टाचारियों से अपराध और भ्रष्टाचार करने की अनुमति दिलवाने के  बदले मिला हुआ कमीशन ही तो नहीं है !यदि ऐसा है तो ऐसे धन की जाँच तो हो ही साथ में उनके अपराधियों और भ्रष्टाचारियों से साँठ गाँठ की भी जाँच होनी चाहिए तथा अपराधियों और भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध की जाए शक्त कार्यवाही !
       घूस लेने वाला सरकार का  हर विभाग और हर अधिकारी कर्मचारी ये कहते सुना जाता है कि ये पैसा ऊपर तक जाता है किंतु ऊपर कहाँ तक जाता है यह पता लगाना जनता के बश में नहीं था इसीलिए जनता ने ऐसे प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को उस ऊपर वाली ऊँचाई की कुर्सी तक पहुँचाया  ताकि ऊपर बैठे उन पापियों का पता लगवाया जा सके और उनकी पहचान करके उन कपटी सेकुलरवादियों के बाल पकड़ कर उन्हें घसीटते हुए जनता के चरणों में डाला जा सके ताकि जनता को भी तो पता लगे कि देश की स्वतंत्रता प्राप्ति के इतने वर्षों बाद भी जनता तक आखिर पहुँची क्यों नहीं पहुँच सकीय है आजादी ये बीच में अटकी आखिर कहाँ रही है किन पापियों ने बंदी बना रखा है अपने महलों में आजादी को और उसे भोग रहे हैं खुद वे और उनके नाते रिस्तेदार !आखिर इन भ्रष्टाचारियों पर कार्यवाही क्यों न हो !
        बेनामी संपत्तियों पर प्रारम्भ की जाए अतिशीघ्र  कार्यवाही !सरकारी जमीनें कब्ज़ा करके नेताओं के द्वारा बेचीं जा चुकी हैं जिनके नियमितीकरण की प्रक्रिया भ्रष्ट नेताओं के द्वारा चलाई जा रही है उसे रद्द किया जाए अन्यथा इसे अवैध कब्जों का प्रोत्साहन माना जाना चाहिए !नई बस्तियों में सरकारी रोड पार्कों आदि के लिए छोड़ी गई सभी जमीनें प्लॉट बेचने के बाद बेच दी जाती हैं  इन भ्राष्टचारियों के प्राइवेट नक्से भी चेक किए जाएं !
  दलित देवी को अब आ रही है ब्राह्मणों की याद ! मुशीबत में ही याद आते हैं ब्राह्मण !!
    ब्राह्मण को पिठलग्गू बनाकर खुद मुख्यमंत्री बन जाने वाली दलित देवी को अब आई ब्राह्मणों की याद !अरे ब्राह्मणों ने तो हमेंशा से क्षत्रियों के शासन का समर्थन किया है !अपने विरुद्ध किसी भ्रष्टाचार से घबड़ाने के कारण हो कि ऐसे बयान दिए जाने लगे हों किंतु जाँच इनकी भी संपत्तियों की ईमानदारी से की जानी चाहिए !

No comments: