मोदी जी में भी हैं गधों के ये 3 सद्गुण तभी तो सफलता उनके चरण चूमती जा रही है !
सुश्रान्तोऽपि वहेद्भारं शीतोष्णं न च पश्यति ।
सन्तुष्टश्चरते नित्यं त्रीणि शिक्षेच्च गर्दभात॥२१॥
- "सुश्रान्तोऽपि वहेद्भारं" - गधे कितनी भी थके हों फिर भी बोझ ढोया करते हैं !मोदी जी भी कितना भी थके हों फिर भी काम किया करते हैं !
- "शीतोष्णं न च पश्यति "- काम करते समय गधे शर्दी गर्मी आदि शरीर की सुख सुविधाएँ नहीं देखते हैं उनका ध्यान केवल अपने काम पर होता है !इसी प्रकार से मोदी जी भी राष्ट्र निर्माण जैसे अपने लक्ष्य पूर्ति में दिन रात लगे हुए हैं !
- "सन्तुष्टश्चरते नित्यं"- गधे स्वाद के पीछे नहीं भागते और न ही अपने पेट को ही भरने में लगे रहते हैं वो जहाँ छोड़ दिए जाएँ वहीँ चरने लग जाते हैं और जितना चर पाते हैं उतने में ही संतोष कर लेते हैं !
मोदी जी भी स्वाद के पीछे नहीं भागते हैं मैंने सुना है कि खिचड़ी जैसी
चीजों से भी वो अक्सर अपना काम चला लिया करते हैं नौ रात्रों में नौ नौ दिन
भूख ही रह जाते हैं !और पार्टी के द्वारा जहाँ लगा दिए जाते हैं वहीँ लग
जाते हैं ।
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