"एस्ट्रोगुरु" "ज्योतिषगुरु" गोल्ड मेडलिस्ट या वर्ल्डफेमस ज्योतिषी जैसी भ्रामक बातें और उपाधियाँ 99 प्रतिशत झूठी हैं ये केवल समाज को अपने षड्यंत्रों में फँसाने के लिए ओढ़ ली जाती हैं जबकि ऐसे लोगों का ज्योतिष संबंधी क्वालिफिकेशन चेक किया जाए तो सच्चाई सामने आ जाएगी कि आप जो समझ रहे थे वास्तव में वो आपके साथ धोखा हो रहा था कई बार ऐसे लोगों के षड्यंत्रों में फँसकर लुटपिट चुके लोग ज्योतिष शास्त्र और ज्योतिष विद्वानों की निंदा करने लगते हैं जो गलत है !चिकित्सा की तरह ही ज्योतिष में भी आप यदि सतर्कता और उदारता बरतेंगे तो आपका ज्योतिष सेवाओं पर भरोसा बढ़ेगा !
ज्योतिष बहुत बड़ा विज्ञान है किंतु ज्योतिष से जुड़े ऐसे 99 प्रतिशत लोगों के पाखंड के कारण समाज का बहुत बड़ा वर्ग ज्योतिष को पाखंड कहने लगा है जबकि गलती उसकी अपनी खुद है वो अपने ज्योतिष संबंधी कामों के लिए विद्वानों को खोजना जरूरी नहीं समझता और पाखंडियों से जुड़ जाता है जब वे डंक मारते हैं तो ज्योतिष की निंदा करता है !अब कोई मोचियों से हार्ट सर्जरी कराकर बिगड़ जाने पर हार्ट सर्जरी की पद्धति की ही निंदा करने लगे इसमें हार्ट सर्जन और हार्ट सर्जरी का क्या दोष ?
ज्योतिष बहुत बड़ा विज्ञान है किंतु ज्योतिष से जुड़े ऐसे 99 प्रतिशत लोगों के पाखंड के कारण समाज का बहुत बड़ा वर्ग ज्योतिष को पाखंड कहने लगा है जबकि गलती उसकी अपनी खुद है वो अपने ज्योतिष संबंधी कामों के लिए विद्वानों को खोजना जरूरी नहीं समझता और पाखंडियों से जुड़ जाता है जब वे डंक मारते हैं तो ज्योतिष की निंदा करता है !अब कोई मोचियों से हार्ट सर्जरी कराकर बिगड़ जाने पर हार्ट सर्जरी की पद्धति की ही निंदा करने लगे इसमें हार्ट सर्जन और हार्ट सर्जरी का क्या दोष ?
ज्योतिष के विद्वान लोग अपने मुख से अपने को 'गुरु' कहने जैसी हरकतें कर ही नहीं सकते !पहली बात और दूसरी बात ऐसे लोग यदि थोड़ा बहुत भी ज्योतिषशास्त्र को पढ़े लिखे होते तो कम से कम उतना तो बता सकते थे मान लिया कोई व्यक्ति किसी सरकारी संस्कृत विश्व विद्यालय से ज्योतिष विषय में आचार्य (MA) नहीं कर पाया तो शास्त्री(BA )किया हो तो वही बतावे वो भी न किया हो तो मध्यमा (इंटर) किया हो तो वो बतावे जनता को पता तो लगे कि ज्योतिष शास्त्र में आपका ज्ञान कितना है जनता आपसे उतनी ही उमींद रखे !अपनी ज्योतिष विषय संबंधी डिग्री और विश्व विद्यालय आदि बताने में शर्म क्यों ?जिसे जाँच करनी हो कर ले खुली चुनौती दे !किंतु ये कहना कि पुराने समय में लोगों के पास डिग्री नहीं थी तो क्या वे ज्योतिषी नहीं थे ?यह कहते समय ध्यान दिया जाना चाहिए कि तब डिग्रियों की व्यवस्था थी ही नहीं यदि होती और फिर वे न करते तो अयोग्य समझे ही जाते !जैसे आज कल हो रहा है । वैसे ही आज जो ज्योतिष विद्वान होगा वो परीक्षा देकर डिग्री लेने में डरेगा क्यों ?ज्योतिष से भ्रष्टाचार भगाने में सरकार का साथ क्यों नहीं दिया जाना चाहिए !
मुम्बई में डाँस बार बंद हुए तो वहाँ काम करने वाले लोग जब खाली हुए तो कुछ ज्योतिष का धंधा करने लगे कुछ जो देखने में सुंदर और गाने बजाने वाले जवान जोड़े थे वे कथा भागवत फैलाकर बैठ गए !ऐसे नचैया गवैया लोग भागवत न पढ़ते न समझते न कहते केवल फिल्मी गानों की तर्ज पर गाने गा गा कर मनोरंजन किया करते हैं !और बता देते हैं कि जाओ तुम्हारी भागवत हो गई !जिगोलो बनने के लिए भागवत का उपयोग कितना न्याय संगत है !
अपने को ज्योतिषी सिद्ध करने के लिए ऐसी झूठी उपाधियाँ धारण करने वाले ज्योतिषशास्त्र शत्रुओं से हर किसी को बचकर चलना चाहिए क्योंकि ये वो अनपढ़ वर्ग है जिसने ज्योतिष न कभी पढ़ी होती है न पढने लिखने पर भरोसा रखता है न इनके पास ज्योतिष संबंधी किसी विश्व विद्यालय से प्राप्त कोई डिग्री ही होती है ! ऐसी बिना सिर पैर की उपाधियाँ धारण किए फिरने वाले ऐसे किसी भी व्यक्ति की ज्योतिषीय क्वालिफिकेशन आप चेक कर सकते हैं !इनकी ज्योतिषीय योग्यता जीरो होगी किन्तु आडम्बर पूरे होंगे !ऐसे लोगों का मनना होता है कि मुकुट पहन लेने मात्र से कोई भी व्यक्ति राजा बन सकता है !ऐसे स्वयम्भू लोगों ने ज्योतिष शास्त्र के प्रति विश्वास रखने वालों को अक्सर छला है और बड़ी बड़ी चोटें दी हैं !इसलिए ऐसे भ्रामक लोगों से बचें और अपनी ज्योतिष की जरूरतों को पूरा करने के लिए क्वालीफाइड ज्योतिसही ही खोजें अन्यथा नीम हकीम खतरे जान !see more... http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/p/blog-page_5.html
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