माननीय प्रधानमंत्री जी !
सादर प्रणाम !
विषय : भ्रष्टाचार में मददगार सरकारी मशीनरी पर लगाम लगाने हेतु !
सादर प्रणाम !
विषय : भ्रष्टाचार में मददगार सरकारी मशीनरी पर लगाम लगाने हेतु !
महोदय !चिंता की बात ये है कि सरकारी कामकाज करने और कानूनों का पालन जनता से करवाने के लिए जो अधिकारी कर्मचारी नियुक्त किए जाते हैं और उन्हें जनता की खून पसीने की कमाई से सरकार सैलरी देती है वो सरकार उनसे काम भी करवावे ये क्या सरकार की जिम्मेदारी नहीं होनी चाहिए !उचित तो है कि सरकार उनसे कानून के अनुसार काम ले किंतु यदि सरकारी लापरवाही के कारण ऐसा नहीं किया जा सकता है तो कम से कम इतनी जिम्मेदारी तो सरकार को भी सुनिश्चित करनी ही चाहिए कि सरकार के अधिकारी कर्मचारी गैरकानूनी या कानून के विरुद्ध किए जाने वाले कार्यों में अपराधियों या गुंडों या दबंग लोगों का साथ न दें !फिर भी यदि वे ऐसा करते हैं तो ऐसे अपराधों को खोजने और सम्बंधित सरकारी कर्मचारियों और गुंडों माफियाओं को दण्डित करने की कठोर प्रक्रिया सरकार विकसित करे !अन्यथा जनता कम्प्लेन करती है और सरकारी मशीनरी के कुछ भ्रष्ट लोग गैर कानूनी कार्यों के विरुद्ध कार्यवाही तो करते ही नहीं हैं अपितु कम्प्लेन करने वाले की सूचना गुंडों को देकर उसी को पिटवा देते हैं इसप्रकार से अपराधों का संबर्धन कर रही है सरकारी मशीनरी !दोबारा से कम्प्लेन करने की कोई हिम्मत नहीं जुटा पाता है और गैर कानूनी कार्य हों या अपराध दिनोंदिन बढ़ते चले जाते हैं ।
सरकार करना चाहे तो अपराधों की संख्या बहुत जल्दी घटा सकती है सबसे पहले भ्रष्टाचारियों और अपराधियों की आमदनी के स्रोत खोजने एवं कुचलने के लिए खुपिया तंत्र विकसित किए जाएँ भ्रष्टाचारी अधिकारी कर्मचारियों को न केवल सस्पेंड किया जाए अपितु उनसे आज तक की सारी सैलरी वसूली जाए इसी प्रकार से दबंगों गुंडों माफियाओं की सारी संपत्ति जप्त की जाए तब लोग अपराध एवं भ्रष्टाचार करने से डरेंगे !
जगह जमीनों के कब्जे या अवैध निर्माण हों उन्हें देखने पकड़ने के लिए गूगलमैप का उपयोग किया जाना चाहिए जिस सन में जिन जमीनों पर अवैध कब्ज़ा या अवैध निर्माण किया गया है उस समय में उस क्षेत्र में ऐसे अवैध निर्माण रोकने की जिम्मेदारी जिस भी अधिकारी कर्मचारी की रही हो किंतु वो ऐसा करने में नाकाम रहा हो तो घटित हुए ऐसे अपराधों में उसे रोकने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों कर्मचारियों को बराबर का जिम्मेदार मानकर कार्यवाही उनपर भी अपराधियों की तरह ही की जानी चाहिए अन्यथा अधिकारियों कर्मचारियों को ऐसे अपराधों में सम्मिलित मान कर उन पर भी कठोर कार्यवाही किए बिना सरकारों और नेताओं के अपराध और भ्रष्टाचार को रोकने के संकल्प दोहराते रहने को कोर प्रदर्शन मानते हुए ऐसे अपराधों में सरकारों की संलिप्तता बराबर की मानी जानी चाहिए !भ्रष्ट नेताओं की गैर कानूनी कमाई के प्रमुख स्रोत हैं भ्रष्ट अधिकारियों कर्मचारियों पर कठोर कार्यवाही न किया जाना !
सरकारी लोग ही यदि सरकार के द्वारा निर्मित कानूनों के विरुद्ध घूस लेकर दबंगों और अपराधियों को प्रोत्साहित करेंगे तो कानूनों का पालन कौन करेगा और क्यों करेगा और उसे क्यों करना चाहिए !कालेधन के विरुद्ध सरकार के द्वारा चलाए गए नोटबंदी अभियान में बैंक वालों के द्वारा कालेधन वालों का साथ दिए गंभीर अपराध मानकर कठोर दंड से दण्डित किया जाना चाहिए !
यदि दिल्ली जैसी राष्ट्रीय राजधानी की किसी बिल्डिंग की छत पर बिल्डिंग में रहने वाले 16 फ्लैट मालिकों की सहमति लिए बिना,MCD की अनुमति लिए बिना,बिल्डिंग की मजबूती का परीक्षण किए बिना,इस रिहायशी बिल्डिंग में रहने वाले परिवार जनों के स्वास्थ्य पर रेडिएशन के असर का परीक्षण किए बिना ,57 फिट ऊँची बिल्डिंग में बिल्डिंग संबंधी नियमों का ध्यान दिए बिना इस बिल्डिंग की छत पर एक मोबाईल टॉवर बाहरी लोगों के द्वारा यह कह कर लगा दिया जाता है कि इससे मिलने वाला किराया बिल्डिंग के मेंटीनेंस पर खर्च किया जाएगा किंतु पिछले बारह वर्षों में आज तक एक पैसा भी बिल्डिंग मेंटिनेंस में न लगाया गया हो और न ही बिल्डिंग में रहने वाले लोगों को ही घोषित रूप से दिया गया हो बिल्डिंग दिनोंदिन जर्जर होती जा रही हो मेंटिनेंस न होने के कारण बेसमेंट में अक्सर पानी भरा रहने लगा हो !बिल्डिंग में रहने वाले लोग इस बात पर अड़े हों कि जब तक ये अवैध मोबाईल टावर नहीं हटेगा तबतक हम अपने पैसों से बिल्डिंग की मेंटिनेंस नहीं करवाएँगे !और मोबाइल टावर इसलिए न हट पा रहा हो क्योंकि इस अवैध मोबाईल टावर बनाए रखने में सरकारी अधिकारी कर्मचारी ही अवैधटावर का किराया खाने वाले गैरकानूनी लोगों की मदद कर रहे हों और सरकार मूकदर्शक बनी हो कल कोई दुर्घटना घटती या बिल्डिंग गिर जाती है तो उस हादसे के लिए घूस खोर सरकारी मशीनरी के अलावा दूसरा कौन जिम्मेदार होगा !
इस रिहायसी बिल्डिंग की छत पर लगे मोबाईल टॉवर की रिपेयरिंग के नाम पर बिल्डिंग के बीचोंबीच से गई सीढ़ियों से अक्सर छत पर आते जाते रहने वाले अपरिचित एवं अविश्वसनीय मैकेनिकों या उनके बहाने अन्य आपराधिक तत्वों के द्वारा यदि कोई विस्फोटक आदि बिल्डिंग में रख दिया जाता है और कोई बड़ा विस्फोट आदि हो जाता है तो इस घूस खोर सरकारी मशीनरी के अलावा दूसरा कौन जिम्मेदार माना जाएगा !
इस बिल्डिंग में सोलह फ्लैट हैं जिनमें पानी की सप्लाई के लिए बिल्डिंग की छत पर पानी की सामूहिक 12 टंकियाँ किंतु इसी उपद्रवी गिरोह के दबंगों ने टंकियाँ फाड़ दीं और उनके पाइप काट दिए गए हैं 9 परिवारों का पानी पिछले तीन वर्षों से बिलकुल बंद कर दिया है !
बिल्डिंग दिनोंदिन जर्जर होती जा रही है बिल्डिंग के बेसमेंट में पिछले दो तीन वर्षों से अक्सर पानी भरा रहता है । टॉवर रेडिएशन से लोग बीमार हो रहे हैं किंतु सरकारी मशीनरी घूस के लोभ के कारण अवैध टॉवर हटाने में लाचार है ऐसे लोगों के विरुद्ध सरकार के लगभग सभी जिम्मेदार विभागों में कम्प्लेन किए गए किंतु उन लोगों के विरुद्ध तो कारवाही हुई नहीं अपितु कम्प्लेन करने वालों पर कई बार हमले हो चुके !जो एक बार पिट जाता है वो या तो अपना फ्लैट बेचकर चला जाता है या फिर किराए पर उठा देता है या फिर खाली करके ताला बंद करके चला जाता है ।
सरकार करना चाहे तो अपराधों की संख्या बहुत जल्दी घटा सकती है सबसे पहले भ्रष्टाचारियों और अपराधियों की आमदनी के स्रोत खोजने एवं कुचलने के लिए खुपिया तंत्र विकसित किए जाएँ भ्रष्टाचारी अधिकारी कर्मचारियों को न केवल सस्पेंड किया जाए अपितु उनसे आज तक की सारी सैलरी वसूली जाए इसी प्रकार से दबंगों गुंडों माफियाओं की सारी संपत्ति जप्त की जाए तब लोग अपराध एवं भ्रष्टाचार करने से डरेंगे !
जगह जमीनों के कब्जे या अवैध निर्माण हों उन्हें देखने पकड़ने के लिए गूगलमैप का उपयोग किया जाना चाहिए जिस सन में जिन जमीनों पर अवैध कब्ज़ा या अवैध निर्माण किया गया है उस समय में उस क्षेत्र में ऐसे अवैध निर्माण रोकने की जिम्मेदारी जिस भी अधिकारी कर्मचारी की रही हो किंतु वो ऐसा करने में नाकाम रहा हो तो घटित हुए ऐसे अपराधों में उसे रोकने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों कर्मचारियों को बराबर का जिम्मेदार मानकर कार्यवाही उनपर भी अपराधियों की तरह ही की जानी चाहिए अन्यथा अधिकारियों कर्मचारियों को ऐसे अपराधों में सम्मिलित मान कर उन पर भी कठोर कार्यवाही किए बिना सरकारों और नेताओं के अपराध और भ्रष्टाचार को रोकने के संकल्प दोहराते रहने को कोर प्रदर्शन मानते हुए ऐसे अपराधों में सरकारों की संलिप्तता बराबर की मानी जानी चाहिए !भ्रष्ट नेताओं की गैर कानूनी कमाई के प्रमुख स्रोत हैं भ्रष्ट अधिकारियों कर्मचारियों पर कठोर कार्यवाही न किया जाना !
सरकारी लोग ही यदि सरकार के द्वारा निर्मित कानूनों के विरुद्ध घूस लेकर दबंगों और अपराधियों को प्रोत्साहित करेंगे तो कानूनों का पालन कौन करेगा और क्यों करेगा और उसे क्यों करना चाहिए !कालेधन के विरुद्ध सरकार के द्वारा चलाए गए नोटबंदी अभियान में बैंक वालों के द्वारा कालेधन वालों का साथ दिए गंभीर अपराध मानकर कठोर दंड से दण्डित किया जाना चाहिए !
यदि दिल्ली जैसी राष्ट्रीय राजधानी की किसी बिल्डिंग की छत पर बिल्डिंग में रहने वाले 16 फ्लैट मालिकों की सहमति लिए बिना,MCD की अनुमति लिए बिना,बिल्डिंग की मजबूती का परीक्षण किए बिना,इस रिहायशी बिल्डिंग में रहने वाले परिवार जनों के स्वास्थ्य पर रेडिएशन के असर का परीक्षण किए बिना ,57 फिट ऊँची बिल्डिंग में बिल्डिंग संबंधी नियमों का ध्यान दिए बिना इस बिल्डिंग की छत पर एक मोबाईल टॉवर बाहरी लोगों के द्वारा यह कह कर लगा दिया जाता है कि इससे मिलने वाला किराया बिल्डिंग के मेंटीनेंस पर खर्च किया जाएगा किंतु पिछले बारह वर्षों में आज तक एक पैसा भी बिल्डिंग मेंटिनेंस में न लगाया गया हो और न ही बिल्डिंग में रहने वाले लोगों को ही घोषित रूप से दिया गया हो बिल्डिंग दिनोंदिन जर्जर होती जा रही हो मेंटिनेंस न होने के कारण बेसमेंट में अक्सर पानी भरा रहने लगा हो !बिल्डिंग में रहने वाले लोग इस बात पर अड़े हों कि जब तक ये अवैध मोबाईल टावर नहीं हटेगा तबतक हम अपने पैसों से बिल्डिंग की मेंटिनेंस नहीं करवाएँगे !और मोबाइल टावर इसलिए न हट पा रहा हो क्योंकि इस अवैध मोबाईल टावर बनाए रखने में सरकारी अधिकारी कर्मचारी ही अवैधटावर का किराया खाने वाले गैरकानूनी लोगों की मदद कर रहे हों और सरकार मूकदर्शक बनी हो कल कोई दुर्घटना घटती या बिल्डिंग गिर जाती है तो उस हादसे के लिए घूस खोर सरकारी मशीनरी के अलावा दूसरा कौन जिम्मेदार होगा !
इस रिहायसी बिल्डिंग की छत पर लगे मोबाईल टॉवर की रिपेयरिंग के नाम पर बिल्डिंग के बीचोंबीच से गई सीढ़ियों से अक्सर छत पर आते जाते रहने वाले अपरिचित एवं अविश्वसनीय मैकेनिकों या उनके बहाने अन्य आपराधिक तत्वों के द्वारा यदि कोई विस्फोटक आदि बिल्डिंग में रख दिया जाता है और कोई बड़ा विस्फोट आदि हो जाता है तो इस घूस खोर सरकारी मशीनरी के अलावा दूसरा कौन जिम्मेदार माना जाएगा !
इस बिल्डिंग में सोलह फ्लैट हैं जिनमें पानी की सप्लाई के लिए बिल्डिंग की छत पर पानी की सामूहिक 12 टंकियाँ किंतु इसी उपद्रवी गिरोह के दबंगों ने टंकियाँ फाड़ दीं और उनके पाइप काट दिए गए हैं 9 परिवारों का पानी पिछले तीन वर्षों से बिलकुल बंद कर दिया है !
बिल्डिंग दिनोंदिन जर्जर होती जा रही है बिल्डिंग के बेसमेंट में पिछले दो तीन वर्षों से अक्सर पानी भरा रहता है । टॉवर रेडिएशन से लोग बीमार हो रहे हैं किंतु सरकारी मशीनरी घूस के लोभ के कारण अवैध टॉवर हटाने में लाचार है ऐसे लोगों के विरुद्ध सरकार के लगभग सभी जिम्मेदार विभागों में कम्प्लेन किए गए किंतु उन लोगों के विरुद्ध तो कारवाही हुई नहीं अपितु कम्प्लेन करने वालों पर कई बार हमले हो चुके !जो एक बार पिट जाता है वो या तो अपना फ्लैट बेचकर चला जाता है या फिर किराए पर उठा देता है या फिर खाली करके ताला बंद करके चला जाता है ।
महोदय ! MCD के अधिकारियों की मिली भगत से ये पूरा गिरोह फल फूल रहा है अवैध होने के बाब्जूद पिछले 12 वर्षों से ये टॉवर लगा होना आश्चर्य की बात नहीं है क्या ! इसके लिए जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी जब कुछ कर ही नहीं पा रहे हैं ऊपर से गैर कानूनी कार्यों के समर्थन में दबंग लोगों की मदद करते जा रहे हैं ऐसे लोगों को सैलरी आखिर दी किस काम के लिए जा रही है !इस अवैध मोबाईल टावर को कानूनी संरक्षण दिलवाने के लिए इसी गिरोह के कुछ लोगों ने मोबाइलटावर हटाने के विरुद्ध स्टे ले लिया जिनसे पैसे लेकर MCD वाले ठीक से पैरवी नहीं करते इसी प्रकार से इसे पिछले 12 वर्षों से खींचे जा रहे हैं वो किराया खाते जा रहे हैं उन्हें घूस देते जा रहे हैं । ऐसे तो ये अवैध होने के बाद भी कभी तक चलाया जा सकता है ये सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देना नहीं तो और क्या है !
आश्चर्य ये है कि जिस कर्तव्य के लिए जो सरकारी कर्मचारी सरकार से एक ओर तो सैलरी लेता है वहीँ दूसरी ओर अपने संवैधानिक कर्तव्य के विरुद्ध जाकर अवैध और गैर कानूनी कामों को प्रोत्साहित करता है किंतु उनके विरुद्ध कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है !स्टे के कारण कोई अन्य विभाग सुनता नहीं है और से तब तक रहेगा जब तक MCD वालों को घूस मिलती रहेगी !हमलों के डर से बिल्डिंग में रहने वाले लोग केस कर नहीं सकते !किंतु MCD यदि इस टावर को अवैध घोषित कर ही चुकी है इसके बाद भी 12 वर्षों से चलाए जा रही है तो ये अवैध किस बात का !और इसमें हो रहे भ्रष्टाचार की जाँच क्यों नहीं होनी चाहिए !
आश्चर्य ये है कि जिस कर्तव्य के लिए जो सरकारी कर्मचारी सरकार से एक ओर तो सैलरी लेता है वहीँ दूसरी ओर अपने संवैधानिक कर्तव्य के विरुद्ध जाकर अवैध और गैर कानूनी कामों को प्रोत्साहित करता है किंतु उनके विरुद्ध कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है !स्टे के कारण कोई अन्य विभाग सुनता नहीं है और से तब तक रहेगा जब तक MCD वालों को घूस मिलती रहेगी !हमलों के डर से बिल्डिंग में रहने वाले लोग केस कर नहीं सकते !किंतु MCD यदि इस टावर को अवैध घोषित कर ही चुकी है इसके बाद भी 12 वर्षों से चलाए जा रही है तो ये अवैध किस बात का !और इसमें हो रहे भ्रष्टाचार की जाँच क्यों नहीं होनी चाहिए !
इस बिल्डिंग संबंधी भ्रष्टाचार से स्थानीय पार्षद से लेकर सांसद जी का कामकाजी कार्यालय न केवल सुपरिचित है अपितु 6 महीनों से वे भी बड़ी मेहनत कर रहे हैं किंतु बेचारे दबगों के विरुद्ध कुछ कर पाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं SDM साहब भी बेचारे आकर देख सुन कर लौट गए पुलिस विभाग तो से सुनते ही मौन है !और EDMC के इस स्टे वाले दाँव से सब चकित हैं!
महोदय !अब तो आपसे ही आशा है कि इस भ्रष्टाचार के विरुद्ध न केवल कठोर कार्यवाही की जाए अपितु आजतक का प्राप्त किराया भी या तो बिल्डिंग मेंटिनेंस में लगाने के लिए दिया जाए या फिर राजस्व विभाग में जमा कराया जाए किंतु इन दबंगों को सबक सिखाने के लिए इनसे जरूर वसूला जाना चाहिए !
निवेदक -डॉ.शेष नारायण वाजपेयी
के-71,छाछी बिल्डिंग कृष्णा नगर दिल्ली -51
महोदय !अब तो आपसे ही आशा है कि इस भ्रष्टाचार के विरुद्ध न केवल कठोर कार्यवाही की जाए अपितु आजतक का प्राप्त किराया भी या तो बिल्डिंग मेंटिनेंस में लगाने के लिए दिया जाए या फिर राजस्व विभाग में जमा कराया जाए किंतु इन दबंगों को सबक सिखाने के लिए इनसे जरूर वसूला जाना चाहिए !
निवेदक -डॉ.शेष नारायण वाजपेयी
के-71,छाछी बिल्डिंग कृष्णा नगर दिल्ली -51
9811226973
No comments:
Post a Comment