मित्रता या मूत्रता का पर्व है वेलेंटाइन डे ?फोर्थजेंडरी (प्रेमीजोड़े)बड़ी धूम धाम से मनाते हैं इसे !
फोर्थजेंडरी (प्रेमीजोड़े) वेलेंटाइन डे को मित्रतापर्व कहें भले ही किंतु इसकी प्रसिद्ध पहचान मूत्रतापर्व के रूप में ही बनी हुई है !इससे आगे इसे बढ़ने ही नहीं दिया गया इसी लिए बहन बेटियों की गौरव रक्षा के लिए लोगों को इसका विरोध भी करना पड़ता है अन्यथा प्रेम पर्व का विरोध कोई क्यों करेगा !
ये कई जगह से प्रमाणित भी हो जाता है आज के दिन शारीरिक संसर्गों की सुविधा प्रोवाइड करने वाले होटल रेस्टोरेंट या और भी छोटे बड़े लोग बड़ा बिजी रहते हैं ऐसी सुविधाओं के लिए इनके रेट काफी बढ़े होते हैं जो ये सब बहन करने की स्थिति में नहीं होते हैं वो झाड़ी जंगलों की ओट में समा जाते हैं कुछ तो पार्कों जैसी सार्वजनिक जगहों पर भी बड़ी बेशर्मी पूर्वक बहुत कुछ निपटा रहे होते हैं। प्रेमी जोड़े नाम के फोर्थजेंडर वाले लड़के लड़कियों में इस दिन अद्भुत उत्साह होता है इन सबों में एक दूसरे से आगे निकलजाने की होड़ होती है । इसे देखने वालों का नजरिया भी अलग होता है ऐसे ही कुछ भूतपूर्व फोर्थजेंडरी लोग जो विभिन्न क्षेत्रों में जाकर पैसा वैसा कमाकर बड़े आदमी बन गए हैं वो टी.वी.पर आकर इन फोर्थजेंडरियों का समर्थन करते देखे जाते हैं कई कई लड़के लड़कियों की होनहार जिंदगियाँ अपनी अपनी बासना की भेंट चढ़ा चुके भूतपूर्व फोर्थजेंडरी लोग इस नोचा घसोटी को पवित्र प्रेम सिद्ध करने के लिए हमेंशा आमादा रहते हैं किन्तु इस बात का जवाब इनके पास भी नहीं होता है कि यह प्रेम यदि वास्तव में पवित्र है तो साल में एक ही दिन क्यों दूसरी बात लड़के और लड़कियों के ही आपसी संबंधों में क्यों माता पिता भाई बहनों आदि के साथ क्यों नहीं !और यदि उनके साथ भी हो तो चौदह फरवरी ही क्यों ये तो प्रतिदिन करना चाहिए !ऐसी शिक्षा अनंतकाल से दी जा रही है फिर आदर्श वेलेंटाइन डे ही क्यों ?
बंधुओ !आप सबको याद होगा कि पहले अपने यहाँ ' वेलेंटाइन डे ' नहीं मनाया जाता था साथ ही यह भी सुना होगा कि तब अपने यहाँ इतने बलात्कार भी नहीं होते थे और जैसे जैसे 'वेलेंटाइन डे 'को मानने वाले लोग बढ़ते जा रहे हैं वैसे वैसे बलात्कार बढ़ते जा रहे हैं । इस अवसर पर एक बात और ध्यान रखनी होगी और कोई वेलेंटाइन डे को मनाता हो या न मनाता हो किन्तु बलात्कार में संलिप्त लगभग हर सदस्य 'वेलेंटाइन डे'का उपासक जरूर होगा अर्थात वह इस दिन को किसी न किसी रूप में मनाता जरूर होगा ! प्रेमी नाम के जोड़े इस इस तथाकथित पर्व को बड़े धूम धाम से मनाते हैं आज के दिन पागल हो उठते हैं ये लोग !अपनी अपनी शक्ति सामर्थ्य के अनुशार प्रेमी लोग आपस में कुछ न कुछ लेते देते जरूर हैं खैर लेना देना तो बहाना होता है बाकी शारीरिक अंगों के आनंद का आदान प्रदान अवश्य होता है । मुझे नहीं पता है कि इस धंधे को कितना गन्दा कहूँ किंतु कई प्रेमी प्रेमिकाओं को एक दूसरे के शरीरों की दुर्दशा या हत्या करते देखो उस दिन वेलेंटाइन डे जैसी कुसंस्कृतियों से घृणा जरूर होती है ! समाज के ऐसे ही प्रकटी करण को वेलेंटाइन डे का विरोधी कहकर उसकी निंदा की जाती है ।
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