Friday, 13 February 2015

मोदीमंदिर तो बना किंतु उसका देवता रूठ गया !और बनकर मंदिर टूट गया !!

    मोदीजी  का मंदिर !घोर आश्चर्य !! ये चाटुकारिता नहीं तो और है क्या !!!

     मोदी जी आपको  बहुत बहुत धन्यवाद !!आपने अपना मंदिर बनाए जाने पर नाराजगी व्यक्त की है  यह सुनकर  बहुत अच्छा लगा आपसे अपेक्षा भी ऐसी ही थी यही अपनी पवित्र शास्त्रीय परंपरा है ।  वैसे भी आपने पैर छुवाने  के लिए पहले ही मना कर दिया था फिर आखिर ये कौन लोग हैं जो आपकी इच्छाओं का सम्मान नहीं करना चाह रहे हैं यह जानते हुए भी कि आप दुर्गा जी के उपासक हैं इसलिए दुर्गा जी का मन्दिर बनाकर भी तो आपको प्रसन्न  किया  जा  सकता था !

     आपने सही समय पर सही प्रतिक्रिया दी अन्यथा देर हो जाती और वातावरण में तैरने लगता एक और अनुत्तरित प्रश्न !

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