Friday, 13 February 2015

"मुलायम सिंह जी का मंदिर तो बने किंतु " आजम खान की मस्जिद भी बने !

"उत्तर प्रदेश में "मुलायम मंदिर" बनाएँगे सपा नेता आजम खान!"-पत्रिका 

  बंधुओ ! बल्कि होना तो कुछ इस प्रकार से चाहिए कि मुलायममंदिर में आरती पूजा का काम आजम करें और आजम मस्जिद में इबादत का काम सँभालें मुलायम सिंह जी !ताकि एक दूसरे की पूजा इबादत में लापरवाही न हो और यदि किसी कारण से हो जाए तो बदला  लिया जा सके क्योंकि दोनों राज नेता हैं और नेता लोग बदला  लिए बिना रह कहाँ पाते हैं ।

       इस प्रकार से मंदिर मस्जिद बन जाने से इन्हें मिलने वाला फंड चढ़ावा माना जाएगा और इनकम टैक्स बचेगा !

      इससे सबसे बड़ा लाभ सांप्रदायिक सौहार्द्र का होगा लोग बड़ी श्रद्धा से नाम लेंगे और दोनों समुदायों के वोट मिलेंगे !

      इनके नाम का संकीर्तन करने वाले मुलायम - मुलायम तो कहेंगे ही साथ साथ  आ'जम' -आ'जम' अर्थात 'यमराज आ ' 'यमराज आ ' भी बोलेंगे जिससे लोगों के मन से यमराज का भय भी निकल जाएगा !

   बहुत सुन्दर !!बने भाई मंदिर क्यों न बने लेकिन मस्जिद भी बने । अन्यथा मुशलमानों की उपेक्षा करने का मामला बनता है वैसे भी धर्म निरपेक्ष भारत में अल्पसंख्यकों के सम्मान के साथ किसी  को खिलवाड़ नहीं करना चाहिए !

     "उत्तर प्रदेश में "मुलायम मंदिर" बने तो किंतु मंदिर तो कोई हिंदू ही बना सकता है इसलिए आजम खान साहब के पास इस विषय तीन ही विकल्प बचते हैं-

  • पहला आजम खान साहब मंदिर बनाने के लिए पहले हिन्दू बनें !

  • दूसरा  आजम खान साहब मंदिर की जगह "मुलायम मस्जिद " बनाकर करें उनकी इबादत !

  • तीसरा किसी मस्जिद में रख लें नेता जी की मूर्ति !आजम खान साहब!!!

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