Friday, 13 February 2015

अनशन करते रहे अन्ना जी और मुख्यमंत्री बने केजरीवाल !

    केजरीवाल को मुख्यमंत्री बनाने के लिए चलाया गया था आंदोलन या आंदोलन को सफल बनाने के लिए केजरीवाल को बनाया जा रहा है मुख्यमंत्री !

     अपनी राजनीति चमकाने के लिए अन्ना हजारे के जिन चेलों ने रामलीला मैदान में पवित्र आंदोलन के नाम पर भारी मजमा जुटाया था उनके द्वारा सारे देश वासियों को समझाया गया था कि राजनीति गंदी है  नेता भ्रष्ट हैं बेईमान हैं ,लुटेरे हैं , भ्रष्टाचारी हैं  ,घोटालेबाज हैं आदि आदि  सभी प्रकार से  निंदा कर रहे थे  और भी बहुत कुछ बता रहे थे सारे देश को आंदोलित किया गया था भीड़ जुटाई गई थी।

      'भाजपा ने किरण को बनाया बलि का बकरा': अन्ना हजारे "-अमरउजाला 

    अनशन के नाम पर भूखे रहे अन्ना हजारे अब मुख्यमंत्री बने केजरीवाल ! 'बलि का बकरा' बता रहे हैं किरणवेदी जी को ये सच नहीं है ! जहाँ तक बलि का बकरा  की बात है तो उसके लिए किरन जी का नाम लेना उचित नहीं है दूसरी तरफ अनशन के नाम पर भूखे रहकर जनजागरण करते रहे अन्ना हजारे अब मुख्यमंत्री बने केजरीवाल !यदि ये आपसी सहमति से हुआ तो सच स्वीकार करना चाहिए अन्यथा किसी और पर भी इस प्रकार की टिप्पणी करना ठीक नहीं है ! 

    अन्ना जी !अपनी बात किसी और पर लागू  कैसे कर सकते हैं !किरण जी प्रबुद्ध महिला हैं कर्मठ हैं इतनी  बड़ी अधिकारी रही हैं कई विषयों में उनकी योग्यता प्रमाणित है उन्हें  कोई बलि का बकरा कैसे बना सकता है !दूसरी बात भाजपा की लोकप्रियता इतनी गिरी भी नहीं थी वहाँ तो दूसरी पार्टियों के लोग अंत तक सम्मिलित होते रहे  भाजपा में पूर्व केंद्रीय मंत्री तक सम्मिलित हुई हैं मीडिया तक को ऐसे परिणामों का अनुमान नहीं था और भाजपा ने यदि थोड़ी लापरवाहियां न की होतीं और आम आदमी पार्टी ने सच का साथ लिया होता तो ऐसी स्थिति पैदा ही नहीं होती !खैर ,किरण जी को मुख्य मंत्री पद पर सीधे अपना प्रत्याशी बना लेना ये भाजपा छोटा त्याग नहीं था इसे आप मजबूरी भी कह सकते हैं किंतु कार्यकर्ता को किरण जी से तकलीफ नहीं थी अपितु उनके प्रति दिल्ली भाजपा को समर्पित करते समय उन्हें विश्वास में नहीं लिया गया  जिसका लाभ 'आप' को मिला !इसलिए किरण जी को बलि का बकरा बनाया गया ऐसा  कहना उचित नहीं है ये कोई नेता  तो कह भी सकता है अन्ना  जी को सच बोलना चाहिए !लग रहा है  कि उनकी पार्टी के सत्ता में आ जाने से वो कुछ अधिक ही खुश हैं वैसे भी चुनावों के ऐन समय पर उनके द्वारा केंद्र सरकार के विरुद्ध दिए गए वक्तव्यों अप्रत्यक्ष रूप से लाभ आम आदमी पार्टी को मिला है । 

    


    

  

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