Wednesday, 11 February 2015

arvind

आतिशी मारलेना, 33 साल
आतिशी के पिता मार्क्सवादी विचार में यकीन रखते थे. इसलिए घर में नए सरनेम की परंपरा शुरू हुई. मार्क्स का 'मार' और लेनिन का 'लेना'. लोकसभा चुनावों से पहले पार्टी का मेनिफेस्टो तैयार करने में अहम भूमिका निभाई. सेंट-स्टीफेंस और ऑक्सफोर्ड का बैकग्राउंड और भारत के गांवों में काम करने का अनुभव उनकी ताकत है. पार्टी की प्रवक्ता हैं और मजबूती से पार्टी का पक्ष रखती हैं.


दीपक वाजपेयी, 42 साल
AAP के आधिकारिक मीडिया संयोजक. पत्रकारिता का अच्छा-खासा अनुभव. पार्टी और केजरीवाल पर लगे तल्ख आरोपों से निपटने के लिए मीडिया-रणनीति बनाई. अंतत: दिल्ली की जनता ने 'भगौड़ा' और 'नक्सलवादी' जैसे लांछनों के खिलाफ वोट दिया और AAP को बंपर जीत मिली.


नागेंद्र शर्मा, 42 साल
पूर्व पत्रकार और पार्टी की मीडिया रणनीति बनाने में दीपक के अहम सहयोगी. 2013 में जब केजरीवाल मुख्यमंत्री बने थे तो नागेंद्र शर्मा को उनका मीडिया सलाहकार नियुक्त किया गया था. ट्विटर पर वह खुद को एक पूर्व पत्रकार और तकनीकी रूप से वकील बताते हैं.


ऋचा पांडे मिश्रा
सोशल आंत्रेप्रेन्योर. पिछले साल पार्टी से जुड़ीं. दिल्ली कैंपेन कमेटी की एकमात्र महिला सदस्य. बूथ मैनेजमेंट और AAP की महिला विंग का कामकाज में अहम भूमिका रही. दिल्ली चुनावों से पहले महिलाओं को पार्टी से जोड़ने का काम भी किया. ट्विटर पर अपने परिचय में लिखती हैं, 'जब अपनी निंदा सुन कर भी हृदय प्रसन्न होगा उस स्थिति के लिए प्रयासरत.'
 
पंकज गुप्ता, 48 साल
AAP की फंडिंग के इंचार्ज. पार्टी की फंडिंग ईमानदार और पारदर्शी तरीके से हो, यह सुनिश्चित करते हैं. 2013 विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 20 करोड़ का फंड जुटाया. इस चुनाव में भी पार्टी करीब 18 करोड़ रुपये जुटाने में कामयाब रही. पंकज को सॉफ्टवेयर के क्षेत्र में 25 साल का अनुभव है. नौकरी छोड़कर सामाजिक कार्य करने लगे. गरीब परिवार के बच्चों को पढ़ाने से शुरू किया, फिर जनलोकपाल आंदोलन से होते हुए AAP में आए. पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य हैं.
 
आशीष तलवार, 45 साल
पार्टी के अहम रणनीतिकारों में से एक. राजनीति के अच्छे जानकार माने जाते हैं. कांग्रेस के स्टूडेंट विंग से जुड़े रहे हैं. दिल्ली की कालोनियों की समस्याओं पर अच्छी पकड़. 2013 विधानसभा चुनाव से पहले AAP में आए. वाराणसी के लोकसभा चुनावों में सांगठनिक कार्यकुशलता का परिचय दिया
 दुर्गेश पाठक, 25 साल
दिल्ली में सिविल सर्विसेस की परीक्षाओं की तैयारी कर रहा इलाहाबाद का एक लड़का 2011 में अन्ना आंदोलन से जुड़ा. अक्टूबर में पार्टी ने जो दिल्ली इलेक्शन कैंपेन ग्रुप बनाया, उसमें तमाम बड़े नामों के साथ यह लड़का भी शामिल था. नाम था दुर्गेश, पार्टी ने दुर्गेश को डोर-टु-डोर प्रचार करने वाले कार्यकर्ताओं का मुखिया बनाया. अब उनके IAS में जाने की योजना नहीं है, हालांकि AAP को लेकर उनके मन में अभी कई योजनाएं हैं.

.दिलीप पांडे, 38 साल
पार्टी का संगठन मजबूत बनाने में बड़ा रोल निभाया. हॉन्ग कॉन्ग में आईटी की नौकरी करते थे, छोड़कर पार्टी से जुड़े. कार्यकर्ताओं के साथ डोर-टु-डोर जाकर प्रचार किया और वोटरों को पार्टी पर दोबारा भरोसा जताने के लिए राजी किया. गुरिल्ला स्टाइल कैंपेनिंग के मास्टर. पार्टी कार्यकर्ताओं में बेहद लोकप्रिय. प्रदर्शनों के दौरान कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर पुलिस को खूब छकाया. पार्टी के आधिकारिक प्रवक्ताओं में से एक और दिल्ली प्रदेश के सचिव. एक रोमांटिक नॉवेल 'दहलीज़ पर दिल' भी लिख चुके हैं.

राघव चड्ढा, 30 साल
आम आदमी पार्टी के युवा और तेज-तर्रार प्रवक्ताओं में से एक. पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट, फंड जुटाने में एक्सपर्ट माने जाते हैं. फंड जुटाने के लिए कला प्रदर्शनी और डिनर जैसे नए तरीके पार्टी को सुझाए और फिर लाइमलाइट में आए. हाल में AAP के फेसबुक पेज पर किसी ने इन्हें 'अगला केजरीवाल' बता डाला. AAP समर्थकों में 'हमारा अपना हैरी पॉटर' के नाम से लोकप्रिय
.अंकित लाल, 30 साल
AAP की सोशल मीडिया टीम के चीफ. चुनाव से पहले ट्विटर पर AAP ने BJP को लगातार पटखनी दी तो इसका श्रेय अंकित और उनकी छोटी सी टीम को जाता है. चुनाव से पहले 'मफलरमैन' 19 दिनों तक ट्रेंड में बनाए रखना हो या 'दिल्ली डायलॉग' को सोशल मीडिया पर क्रिएटिव तरीकों से प्रमोट करना, अंकित ने हर बार पार्टी को रिजल्ट दिए हैं. पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं, 2012 में नौकरी छोड़ अन्ना आंदोलन से जुड़े थे. 

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