Wednesday, 11 February 2015

उन तीन सीटों की जनता की ऐसी

   बाकी उसे पता है कि तो उसकी थीबाकी    वो
इसलिए वो चुनाव लड़ी ही नहीं !वैसे भी काँग्रेस और भाजपा ने सोचा 
यदि इस चुनाव में इतनी बड़ी बिजय का श्रेय आप अपनी पत्नी को देने हैं  तो क्या आपको याद नहीं रहा कि मोदी जी ने अपनी कामयाबी का श्रेय भाग्य को दिया था तो जनता को बहुत बुरा लगा था क्योंकि जिताया तो जनता ने था  

या यूँ कह लिया जाए कि देश के सबसे बड़े लोक सभा चुनावों में इतनी बड़ी विजय हासिल  करके दुनियाँ में अपना नाम रोशन करने के बाद भाजपा दिल्ली जैसे छोटे से  राज्य के चुनावों में उसकी कोई रूचि ही नहीं थी सचपूछो तो भाजपा दिल्ली का चुनाव ऐसे लड़ रही थी जैसे ये चुनाव उसके स्तर का है ही नहीं ! इसीलिए यहाँ से चुनाव लड़ने में उसे शर्म सी लग रही थी तभी तो उसने पार्टी के बड़े बड़े नेताओं की ड्यूटी लगा रखी थी कि सबलोग एक एक बार दिल्ली में पाँव फेर आना बस इतने से दिल्ली वाले खुश हो जाएँगे और हो जाएँगे चुनाव !इसीलिए उसने किरण जी को खड़ा कर दिया कि ये छोटे से चुनाव आप ही देख लो !

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