Wednesday, 2 September 2015

केंद्र में धन्नासेठों की सरकार चलती है Rss के इशारे पर - UP की पूर्वमुख्यमंत्री

  किंतु हे UP की  रिटायर्ड मुख्यमंत्री जी ! Rss तो राष्ट्रवादी संस्कारों का संगठन है वो तो हर सरकार को भ्रष्टाचार से दूर रहने का इशारा किया करता है किंतु जो संस्कार प्रिय हैं वो तो मान लेने हैं उनकी बात किंतु कुछ लोग Rssके नैतिक विचारों को मानना तो दूर उन्हें भी गालियाँ देने लगते हैं ये उनका अपने मन का पाप है !  

     हे नेता जी ! धन्नासेठों की सरकार कभी कहीं भी हो ही नहीं सकती क्योंकि जो धन्नासेठ होगा वो राजनीति में धक्के खाएगा क्यों और क्यों सुनेगा किसी की गाली गलौच ! तथा बिना राजनीति में जाए सरकार में घुसने का कोई सॉर्टकट फार्मूला होता नहीं है !हाँ एक बात तो है कि राजनीति में जाते समय एक से एक दीन हीन अकिंचन लोग धन्नासेठ बनकर ही बाहर निकलते हैं जबकि धन्नासेठ बनने का स्रोत बरमूडा ट्रायंगल की तरह आजतक खोजा  नहीं जा सका है ये रहस्य ही बना हुआ है !

   एक बार जो सरकार में पहुँच जाता है उसके भाग्य में पीढ़ियों तक धन्नासेठ बन कर ऐश की जिंदगी जीना लिख ही जाता है वो भी बिना कोई व्यापार कामकाज आदि किए भी !एक बार सरकार में चले जाने वाले लोग आम आदमी कहाँ रह जाते हैं । 

   सरकारों में रहकर लोग अपना एवं अपनी संतानों की ऐशो आराम के लिए संपत्ति जुटाने के लिए उन्होंने कम से कम इतने पाप तो कर ही लिए होते हैं कि उनकी आत्मा उन्हें मरने से हमेंशा डराया करती है कि बिना सिक्योरिटी मत रहना अन्यथा तुम्हारे पाप तुम्हें अकेला पाकर अपनी चपेट में ले लेंगे !इसीलिए कई नेता सरकारों में पहुँचने से पहले अपनी सिक्योरिटी की परवाह नहीं करते थे और घूमते थे अकेले बिलकुल आम लोगों की तरह किंतु सरकार में पहुँचने के बाद ये बात उन्हें भी समझ में आ गई कि सिक्योरिटी की जरूरत पड़ती क्यों है !बंधुओ !पाप का पैसा हमेंशा भय पैदा करता है !

   देखो किसानों मजदूरों को खेतों में काम करने जाते हैं बरसते पानी की अँधेरी रातों में बड़ी बड़ी घासों पर साँप बिच्छुओं का भय किए बिना अपने पुण्यों के भरोसे चले जाते हैं अन्यथा कभी कोई बिषैला जीव जंतु काट भी सकता है कोई हिंसक जानवर हमला कर सकता है कोई शत्रु हमला कर सकता है किंतु वो अपने पुण्य बल के भरोसे घर छोड़कर निकल पड़ता है  अँधेरी रातों में और करने लगता है खेतों में काम किंतु पापी लोग बड़ी बड़ी साफ सुथरी जगहों पर बड़ी बड़ी कोठियों में रहने के बाद भी दिन रात सिक्योरिटी सिक्योरिटी चिल्लाते रहते हैं !अंधेर तो देखो - जो बाबा जी लोग हिंसक और बिषैले जीव जंतुओं से भरे बियाबान जंगलों में रहने के लिए ही जाने जाते थे किंतु पाप से आज वे भी अछूते नहीं रहे वो भी आश्रम नाम की बड़ी बड़ी बिल्डिंगों में रहते हुए भी माँगते हैं सिक्योरिटी !आश्चर्य !!




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