दिल्ली सरकार में एक कानून मंत्री औसतन दो महीने चलता है फिर क्यों जाना पड़ता है जेल !
इस हिसाब से पांच वर्ष में चाहिए 30 ! अब देखो किसका नंबर ? वैसे भी दिल्ली सरकार में कानून मंत्री सहता नहीं है !
वैसे भी केजरीवाल जी को या सिसोदिया जी को किसी कानून या कानून मंत्री से क्या लेना देना ऐसा कानून मंत्रालय तो वो जेब में डालकर चलते हैं जैसे अभी किया है बात और है इस सरकार में कानून मंत्रालय जिसे मिलता है वो ठहरता नहीं है क्या अबकी बार भी ऐसा ही होगा !सुना है कि अबकी बार चार्ज सिसोदिया जी के पास है !छह महीने के अंदर तीसरी बार कानून मंत्री बदल दिया
गया है। कुल मिलाकर दिल्ली सरकार में औसतन एक कानून मंत्री दो महीने चलता है इस हिसाब से पांच वर्ष में कानून मंत्री बनने के लिए 30 बिधायक चाहिए अब देखो सिसोदिया के बाद किसका नंबर आता है जून में कानून मंत्री के पद पर नियुक्त किए गए कपिल मिश्रा को हटाकर
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को मंत्रालय का
कार्यभार सौंप दिया है।
वैसे भी कानूनों एवं कानून मंत्रियों को केजरीवाल जी कहाँ कुछ मानते हैं वो तो खुद में कानून भी हैं,कानून मंत्री भी हैं और कानून मंत्रालय भी हैं उन्हें किसी के बनाए कानून पसंद ही नहीं हैं सारे कानून वो खुद बनाएंगे उनके सहयोगी पालन करेंगे जो नहीं करेंगे सो बाहर ! और जिन्हें बाहर नहीं कर सकेंगे उनकी बुराई करेंगे !जैसे उपराज्यपाल साहब हों या मोदी जी !
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