मोदी जी ने सूट पहना और हटा दिया किंतु काँग्रेस उसे आज तक ढोए जा रही है आखिर कितने खाली हैं ये लोग !
"राहुल का पीएम पर हमला, 'चायवाले' मोदी अब 15 लाख का सूट पहनते हैं -IBN-7"
किंतु राहुल जी ! यही तो मोदी जी की खासियत भी है और पहचान भी !और इसी को जनता पसंद कर रही है जनता को भी लग रहा है कि एक चाय बेचने वाला मेहनत मशक्कत करके यदि पंद्रह लाख रुपए का सूट पहन सकता है ये व्यक्ति अपनी यदि इतनी तरक्की कर सकता है वो मेरा भी भाग्य बदल सकता है !दूसरी ओर राहुल जी आप हैं जो सूट बूट से कुर्ते पजामें में आ गए ! कहाँ नेहरू जी इंद्रा जी राजीव जी की पूर्ण बहुमत की सरकारें चला करती थीं कहाँ आप चालीस सीटों में ही समिट गए !जनता तरक्की करने वाले के साथ जुड़ती है जबकि आपकी गाड़ी तो गड्ढे की ओर जा रही है !
मोदी जी ने पंद्रह पंद्रह लाख रुपए सबके अकाउंट में आने की बात कही थी -राहुल गांधी
किंतु राहुल जी !काँग्रेस ने भी तो गरीबी हटाने का नारा दिया था गरीबी हट गई क्या ? कुल मिलाकर कहने का मतलब ये है कि देश की सबसे पुरानी पार्टी होने के नाते देश की राजनीति में सबकी आदर्श काँग्रेस ही बनी रही !नेता लोग घपले घोटाले भ्रष्टाचार झूठ बोलना झूठे नारे देना झूठे सब्जबाग दिखाना आदि सारे दुर्गुण काँग्रेस से ही सीखते रहे हैं । राहुल जी !दूसरी किसी पार्टी में कोई ऐसा दुर्गुण नहीं मिलेगा जो पहले काँग्रेस में देखा गया हो !देश की राजनीति को झूठे वायदों आश्वासनों भयों से काँग्रेस ने इतना प्रदूषित कर दिया था कि उसमें सम्पूर्ण सच के सहारे खड़ा हो पाना अत्यंत कठिन ही नहीं अपितु असंभव भी था, अटल जी की सरकार एक वोट से गिरी नहीं अपितु गिराई गई थी जैसे अभिमन्यु को कौरवों नें घेर के मारा था वैसे ही उस सरकार के साथ हुआ था !जो काँग्रेस ही करवा रही थी इसलिए उस प्रदूषण को शांत करने के लिए जहर जहर को मारता है इसी भावना से कुछ वायदे ऐसे हुए हैं जो पूरे कर पाना कठिन है किन्तु यदि ऐसा न किया जाता तो सम्पूर्ण सत्य के सहारे कांग्रेस को पराजित कर पाना कठिन था क्योंकि वो गरीबी हटाओ जैसे पुराने जुमले दोहराती रहती और जनता इनके बहकावे में फिर भटक जाती इसलिए करना कहना पड़ा कुछ ऐसा !
किंतु डूबते जहाज में बैठना कौन चाहता है हर कोई दूर भागना चाहता है !
बिहार में मुलायम ने मोदी, नीतीश व लालू के खिलाफ बनाया तीसरा मोर्चा -एक खबर
किंतु मोदी जी इसमें कहाँ से आ गए वस्तुतः ये मोर्चा नीतीश व लालू को सबक सिखाने के लिए बनाया गया है और ये वोट भी उन्हीं के काटेगा !वैसे भी लालू जी की बातों के जाल में फँसने से बच निकले मुलायम सिंह जी अन्यथा इन्हें सम्मानित नेता और अपना समधी बताते बताते उन्हें पाँच सीटों में समेट दिया गया था जिसमें सारी
सीटें जीतकर भी खुशी नहीं होती क्योंकि पांच सीट वाले की परवाह ही कौन
करता कह देता जाओ जो करना है कर लो !रही बात अब तो जीतें या न जीतें किंतु
चुनाव लड़ने में धमक तो रहेगी साथ ही यह भी दिखा दिया कि लालू जी ! समधी का
सम्मान करना सीखो अन्यथा हम लड़के वाले हैं हमें सम्मान करवाना भी आता है
!चलो हमारी ओर से अग्रिम बधाई मुलायम सिंह जी को !
डेंगू जैसी जानलेवा बीमारी को भी कैस करने पर उतारू हैं केजरीवाल !
" सियासत छोड़ डेंगू के खिलाफ लड़ने में मदद करें विरोधी पार्टियां-CM केजरीवाल की अपील "
किन्तु केजरीवाल जी आप तो ये वक्तव्य भी सियासत के लिए ही दे रहे हो ताकि जनता का ध्यान आपकी नाकामियों की ओर न जाकर अपितु विरोधी नेताओं और पार्टियों की ओर बना रहे बारी चालाकी भरी आपकी सोच !दूसरी बात जिन विरोधी नेताओं को भ्रष्ट बेईमान लुटेरे आदि सब तरह की गालियाँ देते रहे हैं आप !उनसे मदद की अपील करने का नाटक क्यों और वैसे भी हो सकता है कि वो आपसे अधिक मदद स्वेच्छा से ही कर रहे हों !क्योंकि आपको तो होश अब आया है वो तो पहले से ही लगे हुए होंगे !
मोदीराज में गरीबों के पेट पिचके और BJP नेताओं के पेट फूले' - लालू प्रसाद जी
किंतु लालू प्रसाद जी !आपका पेट क्यों फूल रहा है क्या आपने भी BJP ज्वाइन कर ली है या ऐसा करने का मन बना लिया है अन्यथा ये बात बोलने से पहले एक बार अपना भारी भरकम शरीर तराजू पर रख कर तो देख लेते या फिर चार लोगों से पूछ ही लेते कि आप फूल रहे हो या पिचक रहे हो !
चुनावविजयी आँधी में कहाँ फेंका गए केजरीवाल और कहाँ गए अत्याधुनिक गाँधी !
बिहार में दिल्ली का हश्र दोहराएगी BJP -नितीश
किंतु नितीश जी कौन वाला हश्र ! फिलहाल तो सीजन भाजपा की दिग्विजय का ही
दीख रहा है देखो DUSU चुनावों में आम आदमी पार्टी के तने तंबू उड़ा ले गई
ABVP की आँधी ! इस चुनावविजयी आँधी में तो पता ही न चला कि कहाँ फेंका गए
केजरीवाल और कहाँ गए अत्याधुनिक गाँधी ! ABVP ने जीत ली हैं सभी सीटें, अब
सँभलो नितीश जी ! BJP का दिग्विजय रथ कूच कर रहा है बिहार की ओर ! आप
चाहें तो दिल्ली सरकार के शीर्ष सरदार श्री
केजरीवालजी महाराज को बुला सकते हैं अपनी मदद के लिए जिन्होंने अभी गरमागरम
पराजय का स्वाद चखा है उनसे लीजिए आप भी कुछ प्रेरणा और पराजय का असह्य
अहसास ! इस चुनावविजयी आँधीसे इतना तो साफ ही गया है कि दिल्ली की शिक्षित
तरुणाई (युवाओं) के भरोसे को बचाकर रखने में असफल रहे हैं केजरीवाल ! नीतीश
जी !आप आप से भी पूछेगी बिहार की प्रबुद्ध जनता कि जिसे तब जंगलराज कहते
थे उसी के सरदार को आज मंगल राज की भूमिका में कैसे खड़ा किया है आपने !हे नीतीश जी ! आप सच बता दो कि लालू जी के विषय में आप तब झूठ बोल रहे थे या आज !आखिर बिहार की जनता आप पर भरोसा करे या न करे और करे तो कैसे !जो केजरीवाल जी
सभी नेताओं को बेईमान भ्रष्ट लुटेरा कहते थे उन्हीं से ईमानदारी का
सर्टिफिकेट लेने पहुंचे आप !इसका मतलब क्या कि आप ने उनके आरोप स्वीकार कर
लिए !
हवा में "हवालाबाज" !घबराने लगे हैं न जाने कब गिर जाए गाज !
" कालेधन पर कानून से हवालाबाज परेशान - प्रधानमंत्री "
मोदी जी ठीक कह रहे हैं वास्तव में पराजय पचा पाना काँग्रेस के लिए कठिन हो रहा है !वो मोदी जी पर मनमाने आरोप लगाए जा रही है
मोदी को गद्दी सौंपी है जनता ने और हिसाब माँगती है काँग्रेस !जो न देश में प्रदेश में न रेस में फिर भी इतनी तैस ! बारी काँग्रेस !!
जनता ने काँग्रेस को बनबास और भाजपा का राजतिलक किया है इसलिए जनता को ही दिया जाएगा हिसाब !काँग्रेस का बायकाट !काँग्रेस अखवार पढ़े समाचार देखे और करे विदेश भ्रमण !नहीं तो सत्संग श्रवण !
काँग्रेस को भूलना नहीं चाहिए कि काँग्रेस केवल पराजित ही नहीं हुई है अपितु see more.....http://samayvigyan.blogspot.in/2015/06/blog-post_29.html
मोदी को गद्दी सौंपी है जनता ने और हिसाब माँगती है काँग्रेस !जो न देश में प्रदेश में न रेस में फिर भी इतनी तैस ! बारी काँग्रेस !!
जनता ने काँग्रेस को बनबास और भाजपा का राजतिलक किया है इसलिए जनता को ही दिया जाएगा हिसाब !काँग्रेस का बायकाट !काँग्रेस अखवार पढ़े समाचार देखे और करे विदेश भ्रमण !नहीं तो सत्संग श्रवण !
काँग्रेस को भूलना नहीं चाहिए कि काँग्रेस केवल पराजित ही नहीं हुई है अपितु see more.....http://samayvigyan.blogspot.in/2015/06/blog-post_29.html
कहाँ हैं अच्छे दिन ?- राहुलगाँधी जी खोज रहे हैं उड़ीसा में -
किंतु राहुल जी !अब क्यों खोजते फिर रहे हैं अच्छे दिन !वैसे भी अच्छे दिनों की खोज
" हे खग हे मृग मधुकर श्रेनी । तुम देखी सीता मृगनैनी ॥ की तर्ज पर
नहीं की जा सकती जैसे पूछते घूम रहे हैं !अरे अच्छे दिनों का तो एहसास करना
होता है जैसे पहले गैस सिलेंडर खूब मिलते थे फिर आपने नौ करवा दिए फिर
चुनावों से कुछ पहले आपने प्रधानमंत्री जी से कहा कि अब हमें बारह सिलेंडर
चाहिए (क्योंकि चुनाव हैं )किंतु अब तो सबको मिल रहे हैं जरूरत भर के लिए
सिलेंडर !ऐसे कीजिए अच्छे दिनों का एहसास ,राहुल जी !
पहले सोनियाँ जी को बार बार विदेश जाना होता था इलाज के लिए किंतु जब से
मोदी सरकार आई तब से कहाँ और कितने बार जाना पड़ा उन्हें इलाज के लिए विदेश
!ये है अच्छे दिनों का एहसास !
राहुल गांधी जी ! आप जो भाषण पहले देते थे और जो भाषण मोदी जी के प्रधान
मंत्री बनने के बाद देते हैं दोनों की सीढियाँ सुन लीजिए कितना अंतर आया है
आपके भाषणों में आपको खुद हो जाएगा 'अच्छे दिनों का एहसास !' राहुल जी !
'कहाँ हैं अच्छे दिन ?' यह जानने के लिए दुनियां में भटकते क्यों घूम रहे
हैं आप !
या फिर दिग्विजय सिंह जी से पूछ लीजिए कि मोदी सरकार आने पर उन्हें अच्छे दिनों का एहसास हुआ या नहीं ! इस प्रकार से अच्छे दिनों का एहसास तो अंदर अंदर ही होगा अनुभव करने पर !
दो. कस्तूरी कुण्डल बसे मृग ढूँढे बन माहिं ।
चुनावविजयी आँधी में कहाँ फेंका गए केजरीवाल और कहाँ गए अत्याधुनिक गाँधी !
बिहार में दिल्ली का हश्र दोहराएगी BJP -नितीश
किंतु नितीश जी कौन वाला हश्र ! फिलहाल तो सीजन भाजपा की दिग्विजय का ही
दीख रहा है देखो DUSU चुनावों में आम आदमी पार्टी के तने तंबू उड़ा ले गई
ABVP की आँधी ! इस चुनावविजयी आँधी में तो पता ही न चला कि कहाँ फेंका गए
केजरीवाल और कहाँ गए अत्याधुनिक गाँधी ! ABVP ने जीत ली हैं सभी सीटें, अब
सँभलो नितीश जी ! BJP का दिग्विजय रथ कूच कर रहा है बिहार की ओर ! आप
चाहें तो दिल्ली सरकार के शीर्ष सरदार श्री
केजरीवालजी महाराज को बुला सकते हैं अपनी मदद के लिए जिन्होंने अभी गरमागरम
पराजय का स्वाद चखा है उनसे लीजिए आप भी कुछ प्रेरणा और पराजय का असह्य
अहसास ! इस चुनावविजयी आँधीसे इतना तो साफ ही गया है कि दिल्ली की शिक्षित
तरुणाई (युवाओं) के भरोसे को बचाकर रखने में असफल रहे हैं केजरीवाल ! नीतीश
जी !आप आप से भी पूछेगी बिहार की प्रबुद्ध जनता कि जिसे तब जंगलराज कहते
थे उसी के सरदार को आज मंगल राज की भूमिका में कैसे खड़ा किया है आपने !हे नीतीश जी ! आप सच बता दो कि लालू जी के विषय में आप तब झूठ बोल रहे थे या आज !आखिर बिहार की जनता आप पर भरोसा करे या न करे और करे तो कैसे !जो केजरीवाल जी
सभी नेताओं को बेईमान भ्रष्ट लुटेरा कहते थे उन्हीं से ईमानदारी का
सर्टिफिकेट लेने पहुंचे आप !इसका मतलब क्या कि आप ने उनके आरोप स्वीकार कर
लिए !
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