Tuesday, 29 September 2015

जातियों के नाम पर दंगा भड़काने वालों की नोच ली जाएगी चोंच ! चुनाव जीतने के लिए ऐसी हरकतें ठीक नहीं हैं !

 अब युवाओं को आत्मदाह के लिए मजबूर नहीं होने दिया जाएगा ! 
 जातियों के नाम पर दंगा कराने की फिराक में हैं कुछ कामचोर मक्कार नेता लोग !
    हे राजद अध्यक्ष लालू जी !दलितों , पिछड़ों ,गरीबों को नोचा तुम जैसों ने है अब समय आ गया है जब इस सच्चाई को स्वीकार कर लीजिए और माफी माँगिए देश के ग़रीबों दलितों और पिछड़ों से  !
     लालू जी ! सवर्णों ने  कभी किसी का शोषण नहीं किया है उन्हें अपनी ईमानदारी पूर्वक होने वाली कमाई पर गर्व है सवर्ण गरीबत सहित सारी दुर्दशा झेल रहे हैं तुम जैसे झूठे नेताओं के आधारहीन आरोप सह रहे हैं !किंतु न कभी आरक्षण माँगते हैं और न ही तुम जैसे झूठों के आरोपों का जवाब देना ही उचित मानते हैं !
 अब हम बताते हैं कि कौन खा रहा है दलितों पिछड़ों और ग़रीबों के हक़ ! 
    हे लालू जी !अब आपसे ही शुरू करते हैं आप ही बताइए कि आप जब राजनीति में आए थे तब कितने पैसे थे तुम्हारे पास ! आज कितनी अकूत संपत्ति है तुम्हारे पास !कहाँ से आई यह ?क्या धंधा व्यापार है तुम्हारा ?कब करते हो काम ?कहाँ से आता है तुम्हारे पास धन ? क्या हैं तुम्हारी आय के स्रोत !रोज जहाजों पर घर भर चढ़े घूम रहे हो ये तुम्हारे खून पसीने की कमाई है क्या ? श्रीमान लालू साहब जी ! ये उन्हीं दलितों पिछड़ों और ग़रीबों के हक़ का धन है जो भ्रष्टाचार के माध्यम से तुम जैसों ने अपने एवं अपने घर वालों की ओर डाइवर्ट कर लिया लिया है !फिर भी दलितों पिछड़ों और ग़रीबों के हक़ लूटकर ऐश करने वाले तुम जैसे लोग कितनी बेशर्मी से सवर्णों को दोषी ठहरा देते हैं !तुम्हें धिक्कार है !!
   आज जिनका पूरा घर ऐसे ही दूसरों के हकों को लूटकर  मौज मार रहा हो ऐसे पापी लोग किस मुख से कटघरे में खड़ा कर सकते हैं सवर्णों को ! आज सभी देश वासियों की तरह ही  सवर्ण भी भुखमरी के शिकार हैं प्राकृतिक आपदाएँ या बाजारों की महँगाई सवर्णों पर दया कर देती है क्या ?रोजी रोटी की तलाश में सारी  दुनियाँ में आज मारे मारे फिर रहे हैं सवर्ण भी !फिर भी पेट पालना मुश्किल हो रहा है ,सवर्णों से पूछो क्या गुजर रही है उनपर !फिर भी तुम जैसे घटिया लोग आदत से मजबूर हैं समाज में जातिवादी आग लगाने के लिए तैयार घूम रहे हैं । 
     आज सवर्णों  पर आरोप लगाने वालों को शर्म नहीं लगती है कि इन नादानों को पता नहीं है कि ये  रहे हैं ! ये कहते हैं कि सवर्णों  ने पहले कभी कुछ जातियों का शोषण किया था ऐसी झूठी कहानियाँ  गढ़ गढ़ कर जातीय दंगा कराना  चाह रहे हैं ये लोग !ऐसी ही घटिया सोच के चलते वीपी सरकार के समय खेला गया था खूनी खेल ! आत्मदाह कर रही थी देश की तरुणाई !इतने पर भी ये खून के प्यासे लोग ऐसे  जहरीले बयान देने से बाज नहीं आ रहे थे !
 बिहार बासियों सावधान ! 
     सत्ता के लुटेरे कुछ भूतपूर्व कैदी नेता लोग जातियों के नाम पर दंगा कराने की फिराक में हैं इनसे बचाकर रखना है सामाजिक भाईचारा! अन्यथा ये कभी भी लगा सकते हैं सामाजिक वैमनस्य की आग !
" रविवार को लालू ने ट्वीट किया - 'मंडल कमीशन बम है, आरजेडी का हर कार्यकर्ता माचिस है, बस तीली जलाने की देर है' !".-आजतक " पिछड़ों, दलितों और गरीबों का हक दिला कर ही दम लेंगे - लालू यादव"
    किंतु  हे बिहार के भूतपूर्व राजनैतिक नरेश लालू यादव जी ! इस लोकतंत्र में किसकी दम लेना चाह रहे हैं आप ! यहाँ किसी का हक़ उधार है ही नहीं जो आप दिलवाएँगे और यदि ऐसा होगा भी तो वो लोग खुद ले लेंगे जिन्हें लेना होगा !देश का संविधान और कानून प्रत्येक नागरिक की मदद करने के लिए कृत संकल्प है !  वहाँ आपका क्या काम है !
हे भूतपूर्व बिहार की मुख्यमंत्री के पति श्रीमान लालू प्रसाद जी !
    देश के दलित और पिछड़े अब तुम जैसे झूठों की कृपा के मोहताज नहीं रहे अब उनके भी बच्चे पढ़ लिख गए हैं अब तुम उन्हें वेवकूफ नहीं बना सकते !अब तो वो भी तुम जैसे वोट लोलुपों का ड्रामा समझने लगे हैं कि मुख्यमंत्री और मंत्री तो बनोगे तुम और तुम्हारे बीबी बच्चे किन्तु वोट चाहिए दलितों पिछड़ों और ग़रीबों से !इसीलिए जातीय दंगा करना चाह रहे हो तुम !अन्यथा अपनी पार्टी का अध्यक्ष बनाइए किसी दलित को और मुख्यमंत्री पद का प्रत्याशी घोषित कीजिए किसी दलित को ! तुम्हें यदि दलितों और पिछड़ों के सम्मान की थोड़ी भी चिंता रही होती तो रावड़ी जी जैसी राजनैतिक अनुभव विहीन अपनी पत्नी को मुख्यमंत्री न बना कर किसी समझदार दलित को बना सकते थे किंतु तुमने पत्नी पर तो भरोसा किया किंतु दलितों पर नहीं आखिर क्यों ?अब किस मुख से दलितों के हित  की बातें  करते हो तुम !
    हे भूतपूर्व बिहार नरेश लालू प्रसाद जी ! झुट्ठौ पिछड़ों दलितों की हमदर्दी का नाटक कर रहे हो !
    आज भारत वर्ष आजाद है देश का  संविधान सबको बराबर के अधिकार देता है और  सबको कानून पर भरोसा है तो फिर दलितों और पिछड़ों को तुम्हारी मदद की जरूरत ही क्यों पड़ेगी ?
 हे लालू जी !दलितों पिछड़ों के प्रति कितनी गन्दी सोच है तुम्हारी !
     हे स्वयंभू बिहार सम्राट लालू जी ! तुम अपने को हक दिलाने लायक इतना बड़ा पहलवान समझते हो जबकि पिछड़ों, दलितों और गरीबों को बीमार ,पागल,बेवकूफ समझते हो क्या ? आखिर उन्हें इतनी गिरी निगाह से क्यों देखते हैं आप ! 
    लालू जी ! तुम दलितों पिछड़ों को उनका हक़ दिला सकते हो किंतु वे तुम्हारी निगाह में इतने कमजोर हैं क्या कि वे स्वयं नहीं ले सकते ! आप कहना क्या चाहते हैं कि देश का संविधान भी तुम्हारी मदद के बिना दलितों ,पिछड़ों और ग़रीबों के साथ खड़ा नहीं हो सकता !जबकि  देश के गरीबों को शक्तिशाली बनाने के लिए संविधान कृत संकल्प है कानून प्रत्येक नागरिक की मदद कर रहा है फिर तुम किसी को हक़ दिलाने के नाम पर बरगला क्यों रहे हो !
    राष्ट्रवादी बंधुओ ! दलितों पिछड़ों से अभी भी झूठ बोला जा रहा है कि उनका सवर्णों ने शोषण किया था !आप स्वयं सोचिए सवर्णों की संख्या हमेंशा से इतनी कम थी कि वो बहुसंख्यक असवर्णों का शोषण कैसे कर सकते थे !और यदि करते भी तो वो सहते क्यों ?दूसरी बात सवर्णों ने यदि किसी का हक़ ही हड़पा होता तो सवर्ण भी आज लालू जी जैसे बनावटी दलित हितैषियों की तरह ही रईस होते !वो भी जहाजों पर चढ़े घूमते !
  • जातीय आरक्षण देने के पीछे सोच आखिर क्या है ?


     निर्दयी सरकारों में बैठे लोग  इस प्रकार के आधार और तर्क हीन जातीय आरक्षण का खेल आखिर कब तक खेलते रहेंगे?दुर्भाग्य की बात है कि जिस राजनीति ने सन 1989-90 में इसी तरह के जातीय आरक्षण के विरुद्ध सवर्णों को आत्म दाह करने के लिए मजबूर कर दिया हो छात्रों पर seemore....http://bharatjagrana.blogspot.in/2014/03/blog-post.html


  • जब जाति देखकर यदि गरीबत नहीं आती तो जातियों के आधार पर आरक्षण क्यों दिया जाए?
जातिगत आरक्षण  भ्रष्टाचार का दूसरा स्वरूप और सामाजिक बुराई है !जातिगत आरक्षण सामाजिक अन्याय है इसे समाप्त करने का संकल्प करो !  
      आरक्षण सामाजिक न्याय कभी नहीं हो सकता ,आरक्षण की व्यवस्था केवल उनके लिए होनी चाहिए जो काम करने लायकsee more ....http://bharatjagrana.blogspot.in/2014/02/blog-post_6.html
  • जातिगत आरक्षण को प्रतिबंधित कर दिया जानाचाहिए ।  जाति  क्षेत्र  सम्प्रदाय देखकर गरीबत नहीं आती है तो इनके आधार पर आरक्षण या अन्य सुविधाएँ क्यों दी जाती हैं ?      योग्य लोगों को अयोग्य एवं अयोग्य लोगों को योग्य स्थान देना ही आरक्षण है। इससे काम की गुणवत्ता में कमी आना स्वाभाविक है।गधों को घोड़े बताने से तो उन्हें घोड़ा सिद्ध नहीं किया जा सकता हैsee more...http://bharatjagrana.blogspot.in/2014/01/blog-post_19.html

  • आरक्षण ! जिन्हें इलाज की जरूरत है उन्हें आरक्षण क्यों ? उनका इलाज ही क्यों न कराया जाए !  जातिगत आरक्षण कितना अप्रासंगिक है !आप भी देखिए !जो लोग दशकों से चिल्ला चिल्ला कर कह रहे हैं कि हम देखने में स्वस्थ जरूर लग रहे हैं किंतु अपनी शिक्षा के बल पर नौकरी नहीं पा सकते !और यदि पा भी गए तो प्रमोशन नहीं पा सकते !सम्मान नहीं हासिल कर सकते !see more.....http://samayvigyan.blogspot.in/2015/08/blog-post_27.html

  • दलितों को किस्तों में आरक्षण देने से अच्छा है कि उन्हें सौंपी जाए देश और सभी प्रदेशों की वागडोर !      दलितों का दुःख दूर करने की पवित्र पहल !  सभी पार्टियों के नेता और सभी सरकारों के मंत्री अपने पद पदवी दलितों को सौंपे सभी अधिकारी अपने अपने विभाग के किसी महादलित को दें अपना पद !जातिवाद को मिटाने की इच्छा रखने वाले नेता लोग ईमानदारी see  more....http://samayvigyan.blogspot.in/2015/06/blog-post.html
  • दलितों के शोषण का सवर्णों पर झूठा आरोप मढ़ना बंद किया जाए ! साथ ही सवर्णों की जनसंख्या इतनी घटी कैसे इसकी जाँच कराई जाए !

   दलितों का शोषण कभी किसी ने किया ही नहीं है इसीलिए शोषण के नहीं मिलते हैं प्रमाण !फिर आरक्षण क्यों ?जनसंख्या बल से कमजोर सवर्णो को दलितों के शोषण का झूठा आरोप लगाकर सताया जा रहा है और रची जा रही है सवर्णों के विरुद्ध आरक्षणी साजिश !   वोटबल से कमजोर सवर्णों काsee more...http://samayvigyan.blogspot.in/2015/04/blog-post_14.html

  • माँझी मुख्यमंत्री होने के बाद भी अपने को गरीब और महादलित कहते रहे इस दिमागी दरिद्रता को जातिगत आरक्षण से कैसे दूर किया जा सकता है ? 
जीतनराम माँझी अपने कार्यकाल में अपने को महादलित सिद्ध करने में सफल हुए या मुख्यमंत्री ?"माँझी एक ओर मुख्यमंत्री तो दूसरी ओर अपने को गरीब कहते रहे । उन्हें महादलितsee more....http://samayvigyan.blogspot.in/2015/02/see-more.html
  • जातियों का आधार ही है मनुस्मृति ! फिर मनुवाद का विरोध और जातिगत आरक्षण साथ साथ नहीं चल सकते ?
    महान जातिवैज्ञानिक महर्षि मनु ने हजारों लाखों वर्ष पहले जो बात कही थी उसे आज भी झुठलाया नहीं जा सका !उन्होंने तब जो कहा था वो आज भी सच हो रहा है जातियों के विषय में कितने बड़े भविष्य दृष्टा थे महर्षि मनु ! विश्वास संरक्षण कीsee more....http://samayvigyan.blogspot.in/2014/12/blog-post_27.html
  • आरक्षण समर्थक नेताओं के पास कहाँ से आई इतनी संपत्ति ! पहले नेताओं की संपत्तियों की जाँच हो बाद में दूसरी बात !    क्या सवर्णों में गरीब नहीं होते हैं और दलितों में रईस नहीं  होते यदि हाँ तो गरीब सवर्णों पर क्यों किया जा रहा है जातीय अत्याचार और रईस दलितों का दुलार पियार बारे लोकतंत्रsee more....http://snvajpayee.blogspot.in/2014/03/blog-post_15.html

  • दलितों को आश्वासन, सवर्णों को गाली, अपने घर वालों को लाभ! -दलित मुख्यमंत्री



  दलित हितों के नाम पर सवर्णों को गाली, दलितों को आश्वासन,अपनेघरवालों को लाभ! -दलित मुख्यमंत्री 
आखिर         तिलक  तराजू  औ तलवार। इनके    मारो     जूते चार।।  
     जैसे नारे भी इसी समाज में  सवर्णों के विरुद्ध लगाए जाते रहे सारी मीडिया साक्ष्य है न तब कोईsee more....http://snvajpayee.blogspot.in/2013/01/blog-post_4696.html
  • भारतवर्ष को प्रतिभाविहीन बनाने का प्रयास !



 दलित शब्द का अर्थ क्या होता है ये जानने के लिए मैंने शब्दकोश देखा जिसमें टुकड़ा,भाग,खंड,आदि अर्थ दलित शब्द के  किए गए हैं।मूल शब्द दल से दलित शब्द बना है।मैं कह सकता हूँ कि टुकड़ा,भाग,खंड,आदि शब्दों का प्रयोग कोई किसी मनुष्य के लिएsee more...http://snvajpayee.blogspot.in/2013/01/blog-post_9467.html

  • अथ श्री आरक्षण कथा !   गरीब सवर्णों को भी आरक्षण की भीख  मिलेगी ?     चूँकि किसी भी प्रकार का आरक्षण कुछ गरीबों, असहायों को दाल रोटी की व्यवस्था करने के लिए दिया जाने वाला सहयोग है इससे जिन लोगों का हक मारा जाता है वे इस आरक्षण को भीख एवं जिन्हेंsee more....http://snvajpayee.blogspot.in/2012/12/blog-post_3184.html

  • Aarakshan par Andolan


           जातीय आरक्षण मनुवाद की ही देन है
      मनु तो एक पदवी का नाम है जो चौदह होते हैं जो अपने धर्म कर्म एवं सच्चाई के नाम से जाने जाते हैं।वे तपस्वी थे।   दूसरी ओर  माया see more....http://snvajpayee.blogspot.in/2012/12/blog-post_2012.html

  • आखिर क्या है माया और मनुवाद का विवाद ?
        महर्षि मनु महान तपस्वी और चरित्र वान थे

       मनु तो एक पदवी का नाम है जो चौदह होते हैं जो अपने धर्म कर्म एवं सच्चाई के नाम से जाने जातेहैं।वे तपस्वी चरित्र वान थे। 

   दूसरी ओर  माया शब्द का अर्थ शब्द कोशों में झूठ,छल,प्रपंच,धोखा,शठता,चालबाज,आदि लिखा गया हैsee more....http://snvajpayee.blogspot.in/2012/12/akhir-kaun-maya-ke-manu.html
  • मनुवाद या मायावाद ! मनु सत्य के प्रतीक हैं जबकि माया झूठ की ! झूठ को सत्य पर हावी कैसे हो जाने दें !!!



  महान जातिवैज्ञानिक महर्षि मनु ने ही सर्व प्रथम जातिविज्ञान का आविष्कार किया था ! भारत का संविधान महर्षि  मनु के जातिविज्ञान पर ही टिका हुआ है !आजादी से आज तकsee more.....http://snvajpayee.blogspot.in/2012/12/manuvaad-se-maaya-vaad.html

  • पहले नेताओं के आय स्रोतों की जाँच हो तब आरक्षण की बात हो ! 
          प्रतिभाओं के दमन का षड़यंत्र
     जब गरीब सवर्णों को आरक्षण देने की बात उठी तो उस समय एक see more....http://snvajpayee.blogspot.in/2012/12/blog-post_1050.html
  • प्रमोशन में आरक्षण या आरक्षण में प्रमोशन ?



          कोई इंसान गरीब हो सकता है दलित नहीं 
       जब गरीब सवर्णों को आरक्षण देने की बात उठी तोsee more...http://snvajpayee.blogspot.in/2012/12/blog-post_4299.html
  • आरक्षण के नाम पर आखिर सवर्णों से दुश्मनी क्यों? 

एक  ब्राह्मण की पीड़ा! ईश्वर ने जो कुछ भी किया है।उसे ईश्वर का उपहार समझकरsee more....http://snvajpayee.blogspot.in/2012/12/blog-post_3190.html

  • Daliton Par Rajniti Kyon ?राजनैतिक साजिश के शिकार हुए हैं



       राजनैतिक साजिश के शिकार हुए हैं see more....http://snvajpayee.blogspot.in/2012/11/daliton-par-rajniti-kyon.html 

  • जातिगत आरक्षण सामाजिक अन्याय है इससे अशिक्षा , कामचोरी और मक्कारी को प्रोत्साहन मिलता है ! 

जातिगत आरक्षण का आधार भी तर्क संगत नहीं है इसे तुरंत रोका  जाएsee more....http://snvajpayee.blogspot.in/2012/11/blog-post_9161.html


  •  दलितों की दलाली में नेता अरबपति हो गए !कोई पूछे कि इनके आयस्रोत क्या हैं ये धंधा करते कब हैं ?   आरक्षण माँगने वालों का स्वास्थ्य परीक्षण हो कि इनमें ऐसी कमी क्या है कि ये सवर्णों की तरह कमा खा क्यों नहीं सकते ?   सवर्णों के स्वाभिमान को विश्व जनता है कि इन्होंने कभी आरक्षण नहींsee more...http://samayvigyan.blogspot.in/2015/05/blog-post_26.html

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