राबर्ट वाड्रा ने सरकार से कहा कि उनका नाम उन विशिष्ट लोगों की सूची से हटा दिया जाए-एक खबर
किंतु वाड्रा साहब !यदि आप ईमानदारी से ऐसा करना ही चाहते थे तो दस वर्ष तक चली काँग्रेस सरकार के समय आपने क्यों नहीं ऐसा किया तब तो हो भी जाता और कानों कान किसी को पता भी नहीं चलता !किन्तु अब बेकार का आडम्बर करने का क्या लाभ !अब तो भाजपा की सरकार है उसे जो करना होगा वो तो करेगी ही वो आपसे परामर्श करके तो करेगी नहीं इसलिए अब आप चुप ही रहें उसी में भलाई है !आप कितने आम आदमी हैं ये सबको पता है !
लालू जी ! इसका मतलब 'असभ्य' तो आप पहले ही थे किंतु माना आज है !
"जो मांस खाते हैं वे ‘सभ्य’ नहीं - लालू प्रसाद"
किंतु
लालू जी ! मांस तो आप भी खाते थे अब शायद छोड़ दिया है तो भी क्या लालू जी
आपको 'भूतपूर्व असभ्य' कहा जा सकता है !और जो अपने को भूतपूर्व असभ्य मानता
है उसे वर्तमान में सभ्य कैसे मान लें हो न हो कुछ वर्षों बाद अपने
वर्तमान जीवन को असभ्य मानने लगे ऐसे व्यक्ति का क्या भरोस !जो अपने ही
अतीत पर अँगुली उठा रहा हो !
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