Friday, 31 August 2018

विनम्र निवेदन

                                                                  विनम्र निवेदन
      हमारे यहाँ किए जाने वाले प्राकृतिक एवं मानवजीवन से संबंधित अनेकों अनुसंधानों की श्रंखला में 'वर्णविज्ञान' का भी महत्वपूर्ण स्थान है इसके माध्यम से संबंधों की  दुविधा  में जीवन ढोने के लिए मजबूर अपनों से सताए हुए बहुत लोग लाभ लेते रहे हैं !व्यापार परिवार ब्यवहार साझेदारी या पति पत्नी या किसी अन्य संबंधी के साथ चल रहे तनावपूर्ण संबंधों के विषय में हैरान परेशान लोग वर्णविज्ञान से हमेंशा लाभान्वित  होते रहे हैं !
     किसी संबंध के प्रारंभ होने से पूर्व ही वर्णविज्ञान के द्वारा  इस बात का  पूर्वानुमान लगाया जा सकता है कि किस संबंध से कितना तनाव या कितनी प्रसन्नता मिल सकती है तथा कौन संबंध कितने समय चल सकता या नहीं भी चल सकता  है या इस प्रकार के संबंध को चलाने के लिए उन दोनों में से किसे क्या और कितनी सावधानियाँ बरतनी पड़ेंगी !
     इससे कई प्रकार के मानसिक तनावों से मुक्ति पाने वाले लोगों की संख्या भी काफी बड़ी है जिन्होंने व्यापार परिवार ब्यवहार साझेदारी या पति पत्नी से संबंधित तनावों को कम करने में सफलता प्राप्त की है !राजनैतिक दलों निजी संस्थानों सरकारी प्रतिष्ठानों में आपसी तनावों को कम करने के लिए कुछ लोग हमारे इस अनुसंधान का लाभ लेते  रहे हैं !
       किस नाम के नेता को किस नाम के विधानसभा लोकजानकारी सभा प्रदेश या देश में किस नाम  के दल में किन किन नामों के नेताओं के नेतृत्व में कितनी सफलता मिल सकती है !किन किन राजनैतिक दलों को मिलाकर बने गठबंधन मजबूती से चलाए जा सकते हैं आदि बातों का पूर्वानुमान लगाया  सकता है !
     राजनैतिक दलों के किन किन नामों के नेताओं का किस क्षेत्र  में कितना अच्छा उपयोग किया जा सकता है चुनाव लड़ने में या संगठन के कार्यों में किस नेता का कितना अच्छा उपयोग राजनीति के किस क्षेत्र में किया जा  सकता है !ऐसी बातों का पूर्वानुमान लगाया जा सकता है ! इस प्रकार से वर्णविज्ञान विश्वसनीय संबंधों को बनाने एवं मानव जीवन को सुचारु रूप से चलाने के लिए बहुत उपयोगी है !
         हमारी वेवसाइट पर भी वर्ण विज्ञान से संबंधित जानकारी उपलब्ध है जिसे वहाँ भी पढ़ा जाना समझा एवं लाभ लिया जा सकता है !

                                                                                                  - डॉ.शेष नारायण वाजपेयी 
                                                                                           संस्थापक :राजेश्वरी प्राच्यविद्या शोध संस्थान 
                                                                                           Gmail :varnvigyan@gmail.com
     

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