Sunday, 19 August 2018

प्राकृतिक आपदाओं के पूर्वानुमान !  
      मैं भारत के प्राचीन 'समयविज्ञान' के द्वारा  प्रकृति और जीवन संबंधी अनेकों  घटनाओं पर अनुसंधान कर रहा हूँ !मेरा मानना है कि प्रकृति और जीवन दोनों ही एक साथ चलते हैं !जीवन को समझ लिया जाए तो प्रकृति को समझना आसान हो जाता है और प्रकृति समझ में आ जाए तो जीवन समझ में आ जाता है !वस्तुतः जीवन और प्रकृति दोनों समय पर ही आश्रित हैं इसीलिए तो जब जैसा समय आता जाता है तब तैसी घटनाएँ घटती चली जाती हैं !जीवन और प्रकृति में अच्छी बुरी समस्त घटनाओं का कारण समय ही है इसलिए समय की गति का अनुसंधान करके भावी प्राकृतिक शारीरिक और मानसिक घटनाओं का पूर्वानुमान लगा लिया जाता है !
     इसी विधा से प्रकृति एवं जीवन से संबंधित कई विषयों पर पिछले दो दशकों से मैं अनुसंधान कार्य करता चला आ रहा हूँ !इससे मिले पूर्वानुमान प्रकृति और जीवन दोनों ही क्षेत्रों में अत्यंत सटीक बैठते हैं !मौसमसंबंधी पूर्वानुमान के क्षेत्र में भी इससे प्राप्त पूर्वानुमान काफी उत्साहबर्द्धक होते हैं !इन्हें प्रधानमंत्री जी तक पहुँचाने के लिए पिछले कुछ वर्षों से मैं प्रधानमंत्री जी को कई पत्र भेज चुका हूँ किंतु कोई उत्तर नहीं आया !
    इस वर्ष मई के महीने में किसी ने मुझे मौसमविभाग के निदेशक श्रीमान के.जे.रमेश जी से मिलवाया उन्होंने मेरी बातें सुनीं और अपनी मेल ID दी जिन पर मैं प्रत्येक मास की 28 -29 तारीख को अगले महीने के वर्षा एवं आँधी संबंधी पूर्वानुमान भेज देता हूँ !इस विषय में मैं उनके संपर्क में हूँ !
     बीती 29 जुलाई को मैंने जो पूर्वानुमान भेजे थे उसमें दक्षिण भारत में बहुत अधिक वर्षा होने के बिषय में लिखा गया है जिसमें सरकारों को बार बार सावधान किया गया है एवं अधिक वर्षा के कारण कुछ दशकों का रिकार्ड टूटने की बात भी कही गई है !वही मेल मैं आपको फॉरवर्ड कर रहा हूँ कृपया इसे एक बार अवश्य देखें !

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