Thursday, 26 May 2016

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Under Secretary for Policy





Under Secretary for Policy

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      Under Secretary For Policy And Plan





Under Secretary for Policy

सादर प्रणाम !

विषय - प्राकृतिक आपदाओं के विषय में प्राचीन विज्ञान के आधार पर रिसर्च कार्य के लिए सहायता प्राप्ति हेतु !
महोदय, 
       आपदा प्रबंधन में अनुसंधान से संबंधित विषय पर भारत के प्राचीन वैदिक विज्ञान के आधार पर प्राकृतिक घटनाओं पर शोध कार्य पिछले कई वर्षों से कर रहा हूँ इसके द्वारा भावी "आपदाओं के पूर्वानुमान " के विषय कुछ महत्वपूर्ण विंदु सामने आए हैं जिसके आधार पर भूकंप आने के बाद घटित होने वाली प्राकृतिक आपदाओं के संबंध में काफी सटीक पूर्वानुमान लगाया जा सकता है । इसके आधार पर जिस भी तारीख को जिस समय भूकंप आता है उस तारीख ,समय और स्थान पर गहन रिसर्च करके उसी के आधार पर भविष्य संबंधी ये अनुमान लगाया जा सकता है कि इस भूकंप के आने के कारण प्रकृति में आगे किस किस प्रकार से दुष्प्रभाव दिखाई पड़ेंगे !जैसे -
  1. नेपाल में 22 -4-2015 को आए तूफान के कारण 25-4-2015 को भूकंप आया था और 25-4-2015को भूकंप आने के कारण 10 -6 -2015 तक आफ्टर शॉक्स आने चाहिए थे ।
  2.  इसी प्रकार से 26 -10-2015 को हिंदूकुश से भारत तक आए भूकंप के कारण मद्रास जैसे समुद्र के किनारे के शहरों में भीषण बाढ़ का पूर्वानुमान लगाया जा सकता था ।
  3. 10 -4-2016 को आए भूकंप के  प्रभाव से ही भूकंप से प्रभावित क्षेत्रों में नदियाँ कुएँ तालाब आदि बहुत तेजी से सूखने लगे ,गर्मी बहुत अधिक बढ़ गई एवं आग लगने संबंधी  घटनाएँ बहुत तेजी से बढ़ने लगीं ऐसी सभी घटनाओं का पूर्वानुमान 10 -4-2016 को ही लगाया जा सकता था ।
  4. 13 -4-2016 को आए भूकंप से चीन ,भारत ,बँगलादेश आदि जो जो देश या इन देशों के जो जो प्रदेश शहर आदि प्रभावित हुए अर्थात भूकंप का कम्पन महसूस किया गया उन उन देशों प्रदेशों शहरों में भूकंप आने के  बाद हुई भीषण वर्षा और भयंकर बाढ़ का पूर्वानुमान 13 -4-2016 को ही लगाया जा सकता था !
   ऐसे सभी प्रकार के भूकंपों के कारण हुए उत्पातों का असर अगले 45 दिनों तक अधिक दिखता है फिर 6 महीने तक समय के साथ साथ धीरे धीरे सामान्य होता चला जाता है किंतु इसी की समय सीमा के बीच यदि भूकंप आदि कोई कोई दूसरा उत्पात हो जाता है तो उसका असर भी दिखाई पड़ता है जैसे 13 -4-2016 के भूकंप के कारण चल रही भीषण  वर्षात 7 मई  2016 को असम और मेघालय में आए भूकंप के कारण अचानक रुक गई !
     जो भूकंप जिस क्षेत्र में जितनी तेज या धीमा होता है वहाँ उत्पात का स्तर भी वैसा ही होता है ।विशेष बात यह भी है कि सभी भूकंपों की श्रेणियाँ भिन्न भिन्न होती हैं और इनका फल भी एक जैसा नहीं होता है इसका पूर्वानुमान भूकंप आने की तारीख ,समय और स्थान आदि के आधार पर लगाया जाता है !
    विशेषबात यह है कि उपर्युक्त भूकंपों से संबंधित पूर्वानुमान गूगल स्थित अपने ब्लॉग पर भूकंप आने वाले दिन ही डाल दिए गए थे जो पूर्वानुमान बाद में सच साबित हुए इसकी प्रामाणिकता की जाँच की जा सकती है क्योंकि गूगल पर प्रकाशित इन लेखों में संशोधन नहीं किया गया है अभी भी वैसे ही पढ़े जा सकते हैं ।
     अतएव आपसे सानुरोध निवेदन है कि मेरे शोध कार्यों पर विचार किया जाए और यदि आपको उचित लगें तो हमारी मदद की जाए जिससे अपने शोध कार्य को मैं निरंतर आगे बढ़ा सकूँ ! मुझे विश्वास है कि आपके द्वारा मदद पाकर मैं प्रकृति में अचानक होने वाले परिवर्तनों से भविष्य में घटने वाली प्राकृतिक घटनाओं ,बीमारियों आदि अनेक विषयों से संबंधित पूर्वानुमान लगाने में सफल हो सकता हूँ ।
                                                                -निवेदक  भवदीय - 
                                           राजेश्वरीप्राच्यविद्याशोधसंस्थान(रजि.)
                                           --------------------------आचार्यडॉ.शेषनारायण वाजपेयी -------------------------------
एम. ए.(व्याकरणाचार्य) ,एम. ए.(ज्योतिषाचार्य)-संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी
एम. ए.हिंदी -कानपुर विश्वविद्यालय \ PGD पत्रकारिता -उदय प्रताप कालेज वाराणसी
पीएच.डी हिंदी (ज्योतिष)-बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU )वाराणसी
K -71 ,छाछी बिल्डिंग, कृष्णा नगर, दिल्ली -110051
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